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28 फ़रवरी 2014

बेटी के लिए स्कूल में 3 घंटे बैठती हैं ऐश्वर्या, एडमिशन से बच्चन परिवार खुश




मुंबईः बच्चन परिवार की सबसे प्यारी और छोटी सदस्य आराध्या ने स्कूल जाना शुरू कर दिया है। आराध्या प्ले स्कूल में जा रही है, जिससे पूरे बच्चन परिवार में खुशी का माहौल है। आराध्या की मां और बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय को भी इस बात पर काफी गर्व हो रहा है। हालांकि, ऐश अपनी प्यारी बेटी के साथ रोजाना स्कूल जाती हैं। वो उसे प्ले के दौरान कंपनी देती हैं और हमेशा उसके करीब रहती हैं।
 
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के करीबी सूत्र ने बताया, “आराध्या काफी फ्रेंडली बच्ची है और वो स्कूल के वातावरण में काफी आसानी से ढल रही है। वो स्कूल के दूसरे बच्चों को जल्दी-जल्दी अपना दोस्त बना रही है, लेकिन ऐश्वर्या स्कूल में आराध्या को लंबे समय तक खुद से दूर नहीं रहने देतीं।”
 
आराध्या की कहानी
 
1994 में मिस वर्ल्ड बनने वाली बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय की शादी फिल्म अभिनेता अभिषेक बच्चन से 20 अप्रैल 2007 को हुई थी। शादी के साढ़े चार साल बाद ऐश ने 16 नवंबर 2011 को आराध्या को जन्म दिया। इस बात की जानकारी बिग बी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर खुशी जताते हुए दी थी। अभिषेक ने भी ट्वीट करते हुए लिखा था ‘यह बेटी है! मैं सोना चाहता हूं...लेकिन लगता है नहीं नींद आएगी। बहुत एक्साइटेड हूं।’ इसके बाद मार्च 2012 को बच्चन परिवार ने काफी सोच-विचार के बाद बेटी का नाम आराध्या रखा।

1857 में जिंदा दफन कर दिए गए थे कुएं में, 157 साल बाद निकालीं अस्थियां

अजनाला/अमृतसर. 31 जुलाई, 1857 और आज 28 फरवरी 2014 का दिन। यानी सात महीने और 157 साल का लंबा वक्त। इस दौरान देश आजाद हुआ, कई सरकारें आई और गई, हमने तरक्की के कई नए आयाम स्थापित किए, मगर उन 282 शहीदों के शव अजनाला के कुएं में दफ्न पड़े रहे, जिन्होंने मेरठ छावनी में मंगल पांडे की बगावत के बाद लाहौर में आजादी की जंग का परचम बुलंद किया था।
 
आज उन्हीं की अस्थियों को निकालने के लिए कुएं की खुदाई का काम शुरू किया गया। न कोई सरकारी अमला और न ही शहीदों के नाम पर दंभ भरने वाले लोग, बस कुछ भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. लक्ष्मीकांता चावला, धार्मिक लोग और स्कूली बच्चों ने इस काम को तवज्जो दी।
 
सुबह 11 बजे शुरू किया गया खुदाई का काम
 
गुरुद्वारा शहीद गंज शहीदां वाला खूह कमेटी के प्रधान अमरजीत सिंह सरकारिया और उनकी टीम की मदद से खुदाई का काम सुबह 11 बजे शुरू किया गया और शाम पांच बजे तक चला। इस दौरान एक दर्जन के करीब शहीदों की अस्थियां निकाली गईं। गौर है कि जिस कुएं में इन शहीदों को दफ्न किया गया था उसे कालेयांवाला खूह (काले लोगों का कुआं) के नाम से जाना जाता रहा है और इस जगह पर गुरुद्वारा बना हुआ था।
 
पिछले सालों में इतिहासकार सुरेंद्र कोछड़ ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया फिर इस जगह का नाम बदला गया और गुरुद्वारा साहिब को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया। इतिहासकारों के मुताबिक लाहौर में बगावत करने के बाद 500 सैनिक भाग निकले और यहां अजनाला में सूचना के आधार पर ब्रिटिश फौज ने उनको घेर लिया। रावी दरिया के पास इसमें से 218 क्रांतिकारियों को गोलियों से भून दिया गया।
 
अवध क्षेत्र के थे क्रांतिकारी
 
282 को अमृतसर के डीसी फ्रेडरिक हेनरी कूपर कैद करके अजनाला लाया और उनको जिंदा कुएं में दफ्न करवा दिया। कोछड़ का कहना है कि यह क्रांतिकारी पंजाब के नहीं थे और इनके परिजन के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है, इस कारण यह उपेक्षित रहे।
 
भुपिंदर सिंह संधू का कहना है कि यह लोग अवध क्षेत्र (लखनऊ के आसपास का इलाका) के थे। आज 11.50 फिट नीचे तक कुएं की खुदाई की गई। सुबह खुदाई फिर होगी। सरकारिया ने बताया कि इन अस्थियों का संस्कार करके राख गोइंदवाल साहिब और हरिद्वार में प्रवाहित की जाएगी।

अरविंद केजरीवाल को कोर्ट ने जारी किया समन, पार्टी के अंदर भी हो रहा विरोध


अरविंद केजरीवाल को कोर्ट ने जारी किया समन, पार्टी के अंदर भी हो रहा विरोध
नई दिल्‍ली. दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को मानहानि के एक मामले में सम्मन जारी किया है। मानहानि का ये  मुकदमा भाजपा के पूर्व अध्‍यक्ष नितिन गडकरी ने किया है। गडकरी का आरोप है कि आप के मुखिया केजरीवाल ने उनका नाम देश के भ्रष्टतम लोगों की सूची में शामिल किया है। ऐसे में उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है।
 
पिछली सुनवाई में गडकरी के वकील ने कोर्ट में ये दलील दी कि केजरीवाल ने उनके क्लाइंट की छवि खराब करने व उनके मान सम्मान को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से अनर्गल बयान दिया है। इसके साथ ही कहा कि 57 वर्षीय गडकरी पर केजरीवाल ने जो आरोप लगाए गए हैं, वह सरासर गलत, निराधार और बेबुनियाद हैं।
 
पूर्व भाजपा अध्यक्ष गडकरी ने कहा, "इसी साल 31 जनवरी को केजरीवाल ने भारत के सबसे भ्रष्ट नेताओं की एक सूची जारी की थी, जिसमें उन्होंने मेरा भी नाम शामिल किया था।"
 
गौरतलब है कि केजरीवाल ने कई राजनीतिज्ञों के नाम भ्रष्टतम की सूची में लिए थे। इसके अलावा ये भी कहा था कि आम आदमी पार्टी इन सभी भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े करेगी।
 
भाजपा ने गडकरी को नागपुर से लोकसभा चुनाव का उम्‍मीदवार बनाया है (पढें- पार्टी के 54 उम्‍मीदवारों की पहली सूची)। 'आप' ने अंजलि दमानिया को गडकरी के खिलाफ उतारा है। हालांकि, इससे केजरीवाल की मुश्किल बढ़ ही गई है। दमानिया की उम्‍मीदवारी का पार्टी के अंदर विरोध भी हो रहा है। पार्टी ने गुरुवार को 30 उम्मीदवारों की दूसरी सूची भी जारी की है। इसे लेकर भी केजरीवाल विरोधियों के निशाने पर हैं।

1,000 रुपए मासिक पेंशन और सौ फीसदी डीए पर कैबिनेट की मुहर


नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव से पहले कैबिनेट ने शुक्रवार को कई बड़े फैसले किए। कैबिनेट ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के न्यूनतम 1,000 रुपए मासिक पेंशन उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी। इसके अलावा महंगाई भत्ता या डीए बढ़ाकर भी सौ फीसदी कर दिया गया। इन दोनों फैसलों से करीब एक करोड़ लोगों को फायदा होगा।
 
पेंशनभोगियों को मिलेगाा एक अप्रैल से लाभ
 
पेंशनभोगी कर्मचारियों को आगामी 1 अप्रैल से इस फैसले का फायदा होगा। ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ने ईपीएफ स्कीम 1952 में संशोधन कर मासिक वेतन सीमा मौजूदा 6,500 रुपए से बढ़ाकर 15, 000 रुपए करने का भी निर्णय किया है ताकि ज्यादा संख्या में कर्मचारियों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के दायरे में लाया जा सके। 
 
अब इतने योगदान की जरूरत
 
इस प्रस्ताव को केन्द्रीय मंत्रिमंडल के सामने रखा गया था क्योंकि इसके लिए धन की व्यवस्था सरकार को करनी है।ईपीएफओ के मुताबिक  वर्ष 2014-15 से ईपीएस-95 के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों को न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपए करने के लिए कर्मचारी के मूल वेतन के 0.63 फीसदी यानी 1, 217 करोड़ रुपए के अतिरिक्त योगदान की जरूरत होगी। मौजूदा समय में केंद्र सरकार पेंशन फंड में 1.16 फीसदी का योगदान करती है। वित्त वर्ष 2012-13 में केंद्र सरकार ने पेंशन फंड में 1,900 करोड़ रुपए का योगदान किया था।
 
कैबिनेट में इसके अलावा और भी कई फैसले लिए गए हैं।
 
चुनावी खर्च की सीमा बढ़ाई
 
लोकसभा चुनावों के एलान के करीब मनमोहन कैबिनेट की 'अंतिम' बैठक में चुनाव लड़ने की खर्च की सीमा 40 लाख से बढ़ाकर 70 लाख की सिफारिश को मंजूरी दे दी गई।
 
10 फीसदी डीए को मंजूरी
 
कैबिनेट ने इसके साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों का डीए भी 10 फीसदी बढ़ा दिया। कैबिनेट ने महंगाई भत्ते को मौजूदा 90 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी किया है। इस मंजूरी से 50 लाख कर्मचारियों और 30 पेंशनधारकों को फायदा होगा।
 
मजदूरों को चुनावी मिठाई 
 
चुनावी समर के मद्देनजर कैबिनेट ने मनरेगा के अंतर्गत मजदूरों के काम करने के दिन की सीमा को 100 से बढ़ाकर 150 दिन की सिफारिश को भी मंज़ूरी दे दी है। कैबिनेट का ये फैसला अनुसूचित जनजाति और जंगल में बसने वालों लोगों पर लागू होगा।

फिलहाल जेल जाने से बचे सुब्रत रॉय, चार मार्च तक यूपी पुलिस की कस्टडी में


फिलहाल जेल जाने से बचे सुब्रत रॉय, चार मार्च तक यूपी पुलिस की कस्टडी में
लखनऊ. लंबे हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद आखिरकार सहारा श्री सुब्रत रॉय फिलहाल जेल जाने से बच गए। लखनऊ कोर्ट ने शुक्रवार को सहारा प्रमुख को चार मार्च तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलि‍स को नि‍र्देश दि‍या गया है कि‍ वह चार मार्च को दोपहर दो बजे तक सुप्रीम कोर्ट के सामने रॉय की पेशी सुनि‍श्‍चि‍त करे। सूत्रों के मुताबिक, यूपी पुलिस ने उन्हें वन विभाग के एक गेस्ट हाउस में रखा है। 
 
पेशी के समय जज के पूछने पर सुब्रत रॉय ने कहा कि वह न्यायपालिका में विश्वास करते हैं। वह कोर्ट के हर आदेश का सम्मान करते हैं। लेकिन व्यक्तिगत रूप से चाहते हैं कि वह अपनी बीमार मां के साथ रहें।
 
जज ने लगाई फटकार
 
सीजेएम आनंद कुमार ने सामने पुलिस सुरक्षा के बीच सहारा श्री कोर्ट में पेश हुए। लखनऊ पुलिस ने अदालत से सुब्रत रॉय की पुलिस कस्टडी मांगी। इसके बाद कोर्ट ने उनको चार मार्च तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया।
 
इससे पहले सुब्रत रॉय की पेशी में देरी होने पर सीजेएम भड़क उठे। उन्‍होंने पुलिस से पूछा कि दस मिनट की दूरी तय करने में इतना वक्‍त क्‍यों लग रहा है? जज ने कहा, 'कोर्ट दो घंटे से बैठी है और न तो पुलिस सुब्रत रॉय को लेकर आई है और न ही उनका कोई वकील आया है।'
 
जज के तल्‍ख रुख के बाद एसपी (ट्रांस गोमती) हबीबुल हसन दल-बल के साथ सहारा शहर पहुंचे। फिर, सुब्रत रॉय के वकील भी कोर्ट पहुंचे। इसी बीच कोर्ट परिसर में अचानक मुख्य अभियोजन अधिकारी लल्लन यादव की तबियत खराब। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
 
हाउस अरेस्ट रहना चाहते थे सहारा श्री
 
सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय शुक्रवार को आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ ही गए। लेकिन, अब वह किसी भी तरह 'हाउस अरेस्‍ट' होकर घर में ही रहना चाहते थे। इसके लिए उन्‍होंने बीमारी का दांव चला। सहारा अस्‍पताल के प्रमुख डॉ. एसपी कुमार के नेतृत्‍व में डॉक्‍टरों का एक दल उन्‍होंने अपने घर पर ही बुलवा लिया। डॉक्‍टरों ने उनका मेडिकल परीक्षण किया। 
कैसे हुआ यह?
 
पुलिस का कहना था कि उन्‍हें गिरफ्तार किया गया है, जबकि रॉय की ओर से सरेंडर किए जाने की बात कही जा रही थी।सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश नहीं होने पर सुब्रत रॉय के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। इसे रद्द करने के लिए रॉय ने याचिका भी दी। लेकिन, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने गैर जमानती वारंट रद्द करने की रॉय की याचिका पर सुनवाई नहीं की। गुरुवार को यूपी पुलिस भी उनकी गिरफ्तारी के लिए लखनऊ स्थित उनके घर पहुंची थी। ऐसे में उन पर काफी दबाव था।
 
लखनऊ में गिरफ्तारी, दिल्‍ली में प्रेस कॉन्‍फ्रेंस 
 
रहस्यमय कारोबारी समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय के बेटे सीमांतो रॉय ने दिल्‍ली के एक फाइव स्‍टार होटल में प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर तारीखवार पूरा घटनाक्रम बताया। उन्‍होंने कहा कि उनके पिता सु्प्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक यूपी पुलिस को सहयोग कर रहे हैं। सहारा परिवार के बारे में कुछ लोगों द्वारा गलतफहमियां फैलाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि सुब्रत रॉय ने स्वेच्छा से लखनऊ पुलिस के सामने सरेंडर किया है। सहारा परिवार ने हमेशा ही देश की प्रतिष्ठा को कंपनी से ऊपर रखा है।
 
उन्‍होंने कहा, सुब्रत रॉय सहारा परिवार के 12 लाख कर्मचारियों के पिता समान हैं। इस पूरे प्रकरण से सहारा परिवार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सुब्रत रॉय कानून का पालन करने वाले व्यक्ति हैं और हमें देश के कानून व्यवस्था पर पूरा भरोसा है।
 
 
सीमांतो ने बताया कि उनके पिता दिल्‍ली आए थे और वकीलों से मिले थे। लेकिन, उसी शाम उन्‍हें उनकी मां की तबीयत काफी खराब होने की जानकारी मिली। इसके बाद उन्‍हें लखनऊ लौटना पड़ा। उन्‍होंने इस बात की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को भी दी थी। इसके बावजूद कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया। गुरुवार की रात जब वह घर पहुंचे तो उन्‍हें घर पर पुलिस के पहुंचने की जानकारी मिली। तब शुक्रवार सुबह उन्‍होंने सरेंडर कर दिया। लेकिन, एसएसपी प्रवीण कुमार के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में वारंट रद्द करने की अर्जी मंजूर नहीं होने के बाद लखनऊ पुलिस ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को गिरफ्तार कर लिया।
 
करोड़ों के साम्राज्‍य के मालिक रॉय ने दी यह सफाई
 
गुरुवार को यूपी पुलिस की टीम के सर्च ऑपरेशन के बाद सुब्रत रॉय ने प्रेस विज्ञप्ति के जरिए सफाई दी। इसमें उन्‍होंने कहा कि गुरुवार की शाम को वह सहारा शहर में नहीं थे। मां की बीमारी के संबंध में डॉक्टरों के एक पैनल से सलाह लेने के बाद अपने वकील से मिलने गए थे।

क़ुरान का सन्देश

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