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02 मार्च 2014

सुंदरकांड से सीखें, कैसे पाएं जीवन में एक साथ सफलता, सुख और शांति



यह दिख रही सफलता को केवल अर्जित करने का ही नहीं, बल्कि नई-नई सफलता गढऩे का भी युग है। असफल कोई नहीं रहना चाहता। इसी कारण सतत् सफलता का तनाव असफलता से भी ज्यादा हो गया है। सुख अर्जित करना एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। पढ़ा-लिखा हो या बिना पढ़ा-लिखा आजकल इतना सक्षम और जुगाड़ु तो आदमी होता ही जा रहा है कि इधर-उधर से सुख उठा ही लेता है।
सुख की सामान्य परिभाषा यही बना दी गई है कि जो हमारे अनुकूल हो वह सुख तथा विपरीत हो वह दु:ख। तो सुख अर्जित करना इस समय बहुत कठिन काम नहीं है। परन्तु सवाल यह है कि शांति कहां से लाएंगे? यह किसी तिजोरी से नहीं निकलती, किसी सैलेरी से नहीं मिलती, केवल बही-खाते में नहीं बसी है, किसी इंस्टीट्यूट में नहीं पढ़ाई जाती। यह तो आदमी को खुद अर्जित करना पड़ेगी। सुख के साथ जब शांति होगी तभी सफलता सही और स्थाई होगी तथा जीवन सुंदर होगा।
तुलसीदासजी ने रामचरितमानस के पाँचवें सौपान का नाम सुंदरकाण्ड रखा है। इसमें हनुमानजी की सफलताओं के प्रसंग हैं। इसके आरंभ के श्लोक का पहला शब्द ही शांति को समर्पित है- शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं... शान्त, सनातन, अप्रमेय (प्रमाणों से परे), निष्पाप, मोक्षरूप परमशांति देने वाले श्रीराम की वंदना इन पंक्तियों में की गई है। जीवन सुंदर ही तब है, जब सफलता के साथ शांति हो। सुंदरकाण्ड में हनुमानजी ने तीन बड़ी सफलताएं एक साथ अर्जित की थीं। सीताजी को संदेश दिया था, विभीषण के हृदय में श्रीराम का स्वभाव स्थापित किया और रावण के मन में प्रभाव।
सफलता पाने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी हैं ये बातें...
दृढ़ निश्चय कार्य की सफलता के लिए जरूरी है। इस निश्चय में निश्चलता और जोड़ देना चाहिए। यानी हम कार्य को पूरा करने के लिए जितने अनुशासित रहेंगे उतने ही विनम्र भी होंगे। निश्चय मतलब अपने ही प्रति अनुशासन हेतु कठोर होना और निश्चल यानी दूसरों के मामले में कुटिल भावना न रखना। अपने ही द्वारा बनाए गए नियमों का अपने ही द्वारा पालन करना कोई आसान काम नहीं है।
बड़े-बड़े इसमें चूक जाते हैं। अपने अनुशासन का पालन करने के लिए हमें सतत् स्वयं के गुण-दोषों की पहचान और आंकलन करना होगी। इसके लिए एक सरल तरीका है सत्संग करते रहना। सत्संग में या तो हम किसी महापुरुष को सुन रहे होते हैं, देख रहे होते हैं और उन्हीं के द्वारा पहले बीत गए कुछ अवतारों, फकीरों की जीवनी सुन रहे होते हैं। जीवन का जो भी श्रेष्ठ होता है वह सत्संग में उस समय उतर रहा होता है। लिहाजा कोई चूक न हो जाए इसलिए आत्म अनुशासन काम आता है।
अपने व्यक्तित्व में दृढ़ता लाने के लिए सत्संग के माध्यम से महान हस्तियों की जीवन शैली को ऐसे सुना जाए जैसे पहले उन लोगों ने जीवन जिया है। चाहे राम हों या कृष्ण, जीसस हों या महावीर, बुद्ध हों। इन सबका जीवन बिल्कुल ऐसा था जैसे बांसुरी। बंसी अपनी आकृति और कृति से एक बड़ा सुंदर संदेश देती है। उसके अपने पेट में कुछ नहीं होता। जैसी फूंक मारी गई और उंगलियां चलाई गई वह मधुर संगीत संसार में फेंक देती है। इसी प्रकार हम सब परमात्मा की अंधरों की बंसी बन जाएं। स्वर हमारा होगा, क्रिया उसकी होगी। यही आत्म अनुशासन का एक स्वरूप है। इस अनुभूति में हम दृढ़ भी होंगे और निश्चल भी।
कैसे हो असली और नकली की सही पहचान...
भौतिक चीजों के असली-नकली होने के मापदण्ड स्थूल होते हैं। थोड़ी अक्ल हो तो हम पहचान सकते हैं कौन सी चीज सही है और कौन सी गलत। लेकिन जब जीवन के गुणों और दुर्गुणों की बात आती है और उसमें असली नकली की पहचान करना हो तो झंझट शुरू हो जाती है। मन गुणों और दुर्गुणों पर लेपन करने में बड़ा माहिर होता है। संसार के काम करते हुए त्याग और वैराग्य लाना कठिन हो जाता है, जबकि शांति के लिए दोनों जरूरी हैं। वैराग्य का सामान्यतया अर्थ गलत लगा लिया जाता है।
त्याग आदमी तभी कर सकता है जब उसके भीतर वैराग्य जागा हो। वरना त्याग भी एक तरह का शोषण बन जाएगा, सौदा बन जाएगा। वैराग्य का यह अर्थ नहीं होता कि चीजों को छोड़ दें। बल्कि इसका सही अर्थ यह होगा कि उन्हीं चीजों का सद्पयोग दूसरों के हित में होता रहे। जितना हम दूसरों को सही लाभ पहुंचा सकेंगे उतना ही हमारे वैराग्य और त्याग का मतलब सही होगा। इसलिए कहते हैं अपने भीतर थोड़ी वैराग्य की वृत्ति होना जरूरी है। जब-जब आप भीतर से अशांत हों थोड़ा अपने वैरागी लेवल को चैक करिए।
बिना वैराग्य जागे हम अपने भीतर का जो भी रूपांतरण करना चाहेंगे वह नकली होगा। इसलिए नकली सद्गुण हमें सरल मालूम पड़ते हैं। असली सद्गुण अपनाने के लिए साहस की जरूरत होती है। जब तक भीतर वैराग्य नहीं होता, साहस नहीं जागेगा। वैराग्य का अर्थ ही यह है छोडऩे की शक्ति। पकडऩे की चाह भय पैदा करती है और छोडऩे की इच्छा ताकत देती है। यदि वैराग्य भीतर है तो अहंकार छोडऩे का साहस आसान होगा। यह आध्यात्मिक समीकरण हम अपने हर सद्गुण और दुर्गुण के साथ लगा सकते हैं।

हादसे में खोया पैर, बुंलद हौसले से 'इंडिया गॉट टैलेंट' के फाइनल में पहुंची शुभप्रीत



संगरूर. कहते हैं मन में कुछ कर गुतरने का हौसला हो और निगाहों में लक्ष्य हो तो कोई भी बाधा आड़े नहीं आती। वो जब डांस करती हैं, तो लोग उन्हें अपलक निहारते हैं। वो जब जिंदादिली से लोगों से जिंदगी को जी लेने की बात करती हैं, तो सब दंग रह जाते हैं। उसने एक सड़क हादसे में डॉक्टरों की लापरवाही से अपना बांया पांव खो दिया, लेकिन वह फिर भी अपने लक्ष्य से नहीं भटकी। उसकी हौसले की उड़ान को देख बॉलीवुड के दिग्गज भी दांतो तले ऊंगली दबा लेते हैं। जी हां कुछ ऐसा ही संगरूर की शुभप्रीत कौर घुम्मन ने 'इंडिया गॉट टैलेंट के सीजन 5' में पहुंचकर दिखा दिया है।
शारीरिक अक्षमता के बावजूद शुभप्रीत सिंह ने अपने डांस से इंडिया को दांतो तले ऊंगलिया दबाने को कई मौकों पर विवश किया है, तो उनके दिलकश और खुशनुमा व्यवहार से प्रभावित होकर बॉलीवुड सितारों तक ने उनके हौसले को सलाम किया है। एक टांग न होने के बावजूद अपने डांसिंग टैलेंट के दम पर 'इंडियाज गॉट टैलेंट' के फाइनल में पहुंचने वाली शुभप्रीत कौर के जिले संगरूर में खुशी की लहर हैं। लोग उसके फाइनल में जीत के लिए भी दुआ कर रहे हैं। शुभप्रीत के गांव झूंदा के प्रेम चंद कपूर, बलभद्र सिंगला, जगजीत सिंगला, मनजिन्द्र बावा, परमजीत सिह पम्मी और गुरविन्द्र सिंह ने कहा, वह दुआ करते हैं कि शुभरीत फाइनल में भी जीत हासिल करे।
5 नवंबर को हादसे में खो दिया था पैर
शुभरीत ने कहा, उसे उसे अपने टेलेंट पर पूरा विश्वास है। वह फाइनल में पिछले सभी एपिसोड से बेहतर प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा, उन्हें अपने फैंस की वोटिंग से जीत मिली है। विश्वास है, आगे भी ऐसा प्यार मिलेगा। 5 नवंबर 2009 में चंडीगढ़ में शुभप्रीत एक हादसे में घायल हो गई थी। इलाज के दौरान इंफेक्शन फैलने के चलते उसकी एक टांग काटनी पड़ी थी। इसके बावजूद शुभ ने हौसला नहीं हारा और मंजिल की तरफ बढ़ती गई। शुभ फाइनल में जीतती हैं या नहीं इसका फैसला तो जल्द हो जाएगा लेकिन फिल्हाल तो शुभ अपने हौसले से अपने फैंस की संख्या में इजाफा कर ही रही हैं।
बुंलद हौसले की जीती जागती मिसाल है शुभप्रीत
फेसबुक पर शुभप्रीत कौर घुम्मन वन लैग डांसर के नाम से संचालित पेज पर पहुंचते ही आपको सहज ही अन्दाजा लग जाएगा कि कैसे ये वन लैग डांसर आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा से भरी हुई है। शुभप्रीत के फेसबुक पेज पर आप इस चुलबुली वन लैग डांसर के विभिन्न रूप देखेंगे। शुभप्रीत के पेज को गौर से देखने पर आप पायेंगे कि कैसे ये बेमिसाल वन लैग डांसर अपने ही जैसे लोगों को जीने ओर अपने सपनों को उड़ान भरवाने का हौसला दे रही है। शुभप्रीत की वॉल पर ऐसे कई लोगों की तस्वीरों हैं, जिन्होंने शारीरिक अक्षमता को कभी अपने हौसले की उड़ान के आड़े नहीं आने दिया। वह हर फोटो को अपनी वॉल पर पोस्ट करने के बाद यह लिखना नहीं भूलती कि- स्टे पॉजिटिव आलवेज...
'इंडिया गॉट टैलेंट 5' के फाइनल में पहुंचने के बाद शुभप्रीत ने अपनी फेसबुक वॉल पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए लिखा है कि- ''मैं सबसे ज्यादा वोटों के साथ फाइनल में पहुंच गई हूं...थैंक्यू स्वीट फ्रैंड मैंनू वोट करन लाई...तुसी सारेया ने बहुत सपोर्ट कित्ता मैंनू...लव यू ऑल...।''
सलमान खान भी हैं मुरीद
अपने फिल्म के प्रमोशन के सिलसिले में 'इंडिया गॉट टैलेंट 5' के सेट पर पहुंचे सलमान खान ने शुभप्रीत की डांस के प्रति लगन और हुनर को देखते हुए 13 जनवरी 2014 को अपने ट्वीटर अकाउंट पर लिखा था- वाह यार (वैल डन)... हैट्स ऑफ...कमाल है (ग्रेट)
जब देखती रह गई थी आलिया
अपनी फिल्म हाइवे के प्रमोशन के सिलसिले में इंडिया गॉट टैलेंट के सेट पर पहुंची आलिया भट्ट शुभ की परफॉरमेंस को देखकर दंग रह गई। आलिया शुभप्रीत से मिलने स्टेज पर गई और उनकी प्रतिभा को सैल्यूट करते हुए बोली कि यह गर्व की बात है कि वह शुभ के साथ स्टेज शेयर कर रही हैं।
करण जौहर, मल्लिका अरोड़ा खान और किरण खेर
शो के जज फिल्म निर्देशक करण जौहर, अभिनेत्री मल्लिका अरोड़ा खान और किरण खेर कई दफा शो के दोरान शुभ की परफॉरमेंस को देखकर इतने भावुक हो गए कि उनकी आंखे छलछला उठी। शो में जितने भी बॉलीवुड कलाकारों ने शिरकत की वह शुभप्रीत की प्रतिभा के कायल होकर रह गए।
इसे कहते हैं जज्बा
शुभप्रीत डांस सिखाती हैं। उनका मैसेज है कि- ''मेरी तरह जो भी लोग डांस करना चाहते हैं, वह मुझ से संपर्क कर सकते हैं। मैं जरूर हेल्प करूंगी। कुछ लोग सोचते हैं कि अपंग होने से बेहत्तर जिंदगी को खत्म करना ज्यादा ठीक है, लेकिन दोस्तों जिंदगी बेहद शानदार है, यह एक बार मिलती है इसलिए इंजॉय कीजिए''।
हादसे में खोया पैर, बुंलद हौसले से 'इंडिया गॉट टैलेंट' के फाइनल में पहुंची शुभप्रीत

युक्रेन में घुसी रूस की सेना, अमेरिका ने आर्थिक पांबदी लगाने की दी चेतावनी

युक्रेन में घुसी रूस की सेना, अमेरिका ने आर्थिक पांबदी लगाने की दी चेतावनी
कीएव. युके्रन पर रूस और पश्चिमी देशों के संबंध शीत युद्ध के बाद के सबसे बुरे दौर में पहुंच गए हैं। युक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र में रूस की सेनाओं द्वारा सभी अहम ठिकानों पर नियंत्रण कायम कर लेने की खबरें हैं। युक्रेन ने सेना को सीमा पर कूच कराने के साथ 40 की उम्र तक के सभी नागरिकों (रिजर्व) को भी अलर्ट पर कर दिया है। 
 
रूस की हमले की धमकी के बीच युके्रन ने विश्व समुदाय से देश को बचाने की अपील की है। अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने रूस के कदम को यूरोप में शांति के लिए खतरा करार दिया है। रूस को जी-8 से बाहर हो सकता है। युक्रेन के कार्यवाहक राष्ट्रपति ओलेक्सेंडर तुरचिनोव ने विश्व समुदाय से मदद की अपील की है। उन्होंने रविवार को कहा कि रूस ने युक्रेन में युद्ध की स्थिति पैदा कर दी है। युक्रेन विनाश की कगार पर है। युक्रेन की संसद ने रविवार को कहा है कि उसकी सेना रूस का जवाब देने के लिए कूच कर गई है। संसद ने अमेरिका, ब्रिटेन सहित कई देशों से परमाणु केंद्रों की निगरानी को कहा है।
 
क्रीमिया ने दो तटों से कोस्ट गार्ड के जहाज हटाए
 
युक्रेन ने क्रीमिया के अपने दो तटों से कोस्ट गार्ड के जहाज हटा लिए। इसे इस क्षेत्र पर रूस के पूरा कब्जा कर लेने का संकेत माना जा रहा है। बॉर्डर गार्ड के एक बयान में कहा गया है कि कोस्ट गार्ड के जहाज कर्च और सेवास्टोपोल के पोर्ट से दूसरे ओर जा रहे हैं। इसके मुताबिक क्रीमिया को छोड़कर बाकी सीमाओं पर स्थिति शांत है।
 
डेढ़ घंटे बात की ओबामा-पुतिन ने
 
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रूस राष्ट्रपति पुतिन से डेढ़ घंटे तक बात की। उन्होंने युक्रेन पर हमला न करने और क्रीमिया से रूसी सेना को वापस भेजने को कहा। उन्होंने कहा कि रूस ने अगर युक्रेन पर हमला किया तो सोची में होने वाले जी-8 सम्मेलन में अमेरिका भाग नहीं लेगा। ब्रिटेन और फ्रांस ने भी ऐसी ही धमकी दी है। वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने धमकी दी कि रूस को विकसित देशों के जी-8 देशों के समूह से बाहर किया जा सकता है। कनाडा रूस से अपने राजदूत को वापस बुला रहा है।
 
रूसी नागरिकों की रक्षा के लिए हमला
 
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने कहा है कि उनको युक्रेन पर हमला करने का हक है। ताकि रूसी नागरिकों की रक्षा की जा सके।
 
अंजाम के लिए तैयार रहे रूस : जॉन कैरी
 
अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने रूस को चेतावनी दी है कि युक्रेन पर हमले के बाद वह आर्थिक और राजनयिक स्तर पर कार्रवाई के अंजाम के लिए तैयार रहे। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में आप 19वीं सदी की तरह बर्ताव करते हुए किसी देश पर हमला नहीं कर सकते। कैरी के मुताबिक पश्चिमी देश रूस को अलग-थलग करने की कार्रवाई के लिए तैयार हैं।

अप्रैल के दूसरे हफ्ते से छह या सात चरणों में हो सकते हैं आम चुनाव

अप्रैल के दूसरे हफ्ते से छह या सात चरणों में हो सकते हैं आम चुनाव
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव अप्रैल के दूसरे हफ्ते से छह या सात चरणों में हो सकते हैं। पहले चरण की वोटिंग सात या 10 अप्रैल को हो सकती है। चुनाव आयोग इस हफ्ते के मध्य में बुधवार या गुरुवार को चुनाव कार्यक्रम का ऐलान कर सकता है। मौजूदा 15वीं लोकसभा का कार्यकाल एक जून को पूरा हो रहा है। नए सदन का गठन 31 मई तक किया जाना है। 
आयोग के सूत्रों के मुताबिक अभी कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा रहा है। कोशिश की जा रही है कि छह चरण में मतदान पूरा करा लिया जाए। साल 2009 में पांच चरणों में 16 अप्रैल से 13 मई के बीच मतदान कराया गया था।  इस बार अगर छह-सात चरण में मतदान हुआ तो यह देश में सबसे लंबी अवधि का चुनाव होगा। 
पहले चरण में नक्सल प्रभावित और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में मतदान संभव है। लोकसभा चुनाव के साथ तेलंगाना सहित आंध्रप्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। घोषणा के साथ ही सरकार और राजनीतिक दलों के लिए आचार संहिता लागू हो जाएगी।
बढ़ी खर्च सीमा
इस बार लोकसभा चुनाव में कई नई बातें होंगी। उम्मीदवार के लिए खर्च सीमा 40 से बढ़ाकर 70 लाख कर दी गई है। वहीं मतदाताओं को उम्मीदवारों के साथ ही 'उपरोक्त में से कोई नहींÓ या नोटा का विकल्प भी रहेगा। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के साथ उसका कागजी रिकॉर्ड भी रखा जाएगा।

मुलायम ने 'गुजरात', मोदी ने 'मुजफ्फरनगर' को बनाया हथियार, केजरीवाल ने उठाया भ्रष्‍टाचार का मुद्दा

लखनऊ. उत्‍तर प्रदेश की राजनीति में रविवार को सियासी हलचल देखने को मिली। एक तरफ लखनऊ में जहां बीजेपी के पीएम उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी ने केंद्र और यूपी सरकार को घेरा, वहीं इलाहाबाद में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने मोदी को मानवता का हत्‍यारा बताया। आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी उत्‍तर प्रदेश की अखिलेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्‍होंने मोदी को भी जमकर घेरा और कहा कि मोदी हवा अब देश में दिखाई नहीं दे रही है। 
 
आखिर क्‍यों है सभी दलों की यूपी पर नजर 
 
उत्‍तर प्रदेश देश में सबसे ज्‍यादा लोकसभा सीट (80) वाला राज्‍य है। माना जाता है कि यहां से सबसे अधिक सीट हासिल करने वाली पार्टी का केंद्र की सत्‍ता में जाने का रास्‍ता आसान हो जाता है। यही नहीं यूपी ने अभी तक देश को 8 प्रधानमंत्री दिए हैं, जिनमें जवाहरलाल नेहरू, लालबहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, चरण सिंह, राजीव गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चंद्रशेखर और अटल बिहारी वाजपेयी शामिल रहे। 
 
किसकी रैली में क्‍या बातें रहीं अलग
 
मोदी और मुलायम एक-दूसरे पर दंगों की बात करते नजर आए। मुलायम ने जहां मोदी को गुजरात दंगों के लिए दोषी ठहराया, वहीं मोदी ने मुलायम और सपा सरकार को मुजफ्फरनगर दंगों पर घेरा। साथ ही दोनों नेताओं ने मुस्लिमों को रिझाने के लिए भी एक-दूसरे पर मुस्लिम विरोधी आरोप लगाए। केजरीवाल ने अपनी रैली में भ्रष्‍टाचार का मुद्दा उठाया। केजरीवाल ने कानपुर में रैली के दौरान दिल्‍ली में अपने कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाया। उन्‍होंने अपनी 48 दिन की सरकार के कार्यकाल की तुलना अखिलेश सरकार के दो साल के कार्यकाल से की।  
 
किस पार्टी का क्‍या है लक्ष्‍य 
 
 
भाजपा का मिशन 272+ 
 
प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी घोषित होने के बाद नरेंद्र मोदी की लखनऊ में यह पहली और यूपी में आठवीं रैली थी। भाजपा की नजर इस लोकसभा चुनाव में सरकार बनाने के लिए 272 से ज्‍यादा सीट हासिल करना है। भाजपा का मानना है कि यदि वह यूपी में बेहतर प्रदर्शन कर पाती है, तो उसका केंद्र में सरकार बनाना आसान हो जाएगा। फिलहाल यूपी में भाजपा के नेतृत्‍व वाले एनडीए गठबंधन के पास 15 लोकसभा सीटे हैं।
 
इस मुद्दे पर जोर: भाजपा यूपी में विकास के मुद्दे पर अपना वोट बैंक भुनाने में लगी है। आज की रैली में मोदी ने भी यूपी के विकास को मुद्दा बनाया और सपा सरकार पर निशाना साधा। उन्‍होंने गुजरात के विकास के बहाने यूपी के विकास को घेरा और इसके लिए सपा सरकार को जिम्‍मेदार ठहराया। 
 
सपा का साख बचाना जरूरी
 
मौजूदा समय में यूपी में सपा की सरकार है और ऐसे में सपा पर यूपी में बेहतर प्रदर्शन करने का ज्‍यादा दवाब है। लेकिन हाल ही में मुजफ्फरनगर में हुए दंगों को लेकर यूपी सरकार की छवि को धक्‍का लगा है। ऐसे में सपा प्रदेश में अपनी साख बचाने में लगी है और वह विरोधियों पर दंगों के आरोप लगा रही है। यही नहीं सपा कार्यकर्ताओं की गुडांगर्दी को लेकर की सपा पर प्रदेश की जनता उंगली उठा रही है। फिलहाल सपा की यूपी में 23 सीटे हैं। 
 
इस मुद्दे पर जोर: सपा की नजर प्रदेश में मुस्लिम वोटों को भुनाने पर है। मुजफ्फनगर दंगों के लिए मुस्लिमों ने सपा सरकार को जिम्‍मेदार ठहराया है। साथ ही इस दंगे के बाद मुस्लिमों ने सपा से दूरी बनानी शुरू कर दी। आज की रैली में मुलायम ने मुस्लिमों को लुभाने के लिए मोदी को गुजरात दंगों का हत्‍यारा करार दिया।  
 
'आप' का बेहतरीन प्रदर्शन पर जोर
 
पिछले साल विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) का उत्‍तर प्रदेश में बेहतरीन प्रदर्शन पर जोर है। अरविंद केजरीवाल की जनसभा को यूपी में आम आदमी पार्टी के चुनावी अभियान की शुरुआत माना जा रहा है। दिल्‍ली से सटे इस राज्‍य में केजरीवाल फिलहाल रोड शो कर रहे हैं, जिसका समापन सोमवार को होगा। हालांकि धरने को लेकर लोगों के निशाने पर आए केजरीवाल अब उस धरने को आम जनता के हित में बताते नजर आ रहे हैं। केजरीवाल अपने संबोधन में हर बार कांग्रेस और भाजपा की मिलीभगत बताते हैं। 
 
इस मुद्दे पर जोर: केजरीवाल का कहना है कि वह जनता को भ्रष्‍टाचार मुक्‍त देश देना चाहते हैं। दिल्‍ली में भी उनका बेहतरीन प्रदर्शन उस बात पर केंद्रीत था। केजरीवाल का मानना है कि भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ने पर केंद्र में उनकी सरकार बन सकती है। आज के भाषण में केजरीवाल ने कहा भी था कि 'आप' के बिना केंद्र सरकार नहीं बन सकती। 

क़ुरान का सन्देश

 
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