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03 मार्च 2014

हैरतअंगेज: अजगर ने मगरमच्छ का किया शिकार और निगल गया पूरा...


शायद ही आपने अजगर को किसी मगरमच्छ का शिकार करते हुए देखा होगा, लेकिन ऐसी ही हैरतअंगेज घटना की तस्वीरें और वीडियो सामने आया है। ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड प्रांत में स्थित लेक मूनडारा के किनारे गत रविवार को दोपहर बाद एक अजगर ने मगरमच्छ का शिकार किया। लेक मूनडारा क्वींसलैंड के ईस्ट ऑफ माउंट एल्सा से 12 मील की दूरी पर स्थित है।

वहां मौजूद मार्विन मुलर ने इस वाकये की हैरतअंगेज तस्वीरें खींची हैं। उन्होंने दोनों के बीच हुई जिदंगी और मौत की जंग बेहद करीब से देखी। उन्होंने पाया कि मगरमच्छ का शिकार करने के बाद अजगर बड़े आराम से लेट गया।
स्थानीय महिला टिफैनी कोर्लिस ने कहा कि एक बड़ा अजगर पानी की ओर आया और तेजी से मगरमच्छ पर झपटा। मगरमच्छ कुछ कर पाता इससे पहले ही अजगर ने उसे बुरी तरह से जकड़ लिया। वह उसे तब तक जकड़ता रहा, जब तक कि मर नहीं गया। इसके बाद अजगर मगरमच्छ को पूरा निगल गया। कोर्लिस ने भी अजगर को शिकार करते हुए अपने कैमरे में कैद किया।

स्थानीय नागर लेस रेयन भी इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी हैं। उन्होंने बताया कि अजगर मगरमच्छ को बुरी तरह जकड़े हुए था। इस मगरमच्छ की लंबाई करीब 45 सेंटी मीटर थी। वह इस अजगर को एक घंटे से अधिक देर तक देखते रहे। ऐसा लग रहा था कि जैसे वह मगरमच्छ को पचा गया हो। वह काफी फैटी दिखाई दे रहा था। इसे देखने के लिए काफी लोगों की भीड़ जुट गई थी और वे अपने-अपने स्मार्टफोन से तस्वीरें खींच रहे थे। कई मीडिया न्यूज साइट्स के अलावा, यू-ट्यूब पर भी इसका वीडियो अपलोड किया गया है।

बच्चे का एग्जाम देने पहुंचे परिवार वालें, लाठी के जोर पर कराई गई नकल


भिंड(मध्यप्रदेश). एक्‍जाम टाइम शुरू हो गया है, सीबीएससी से लेकर स्टेट बोर्ड की परीक्षाओं का दौर चल रहा है। कुछ बच्चे कड़ी मेहनत करके परीक्षा में सफल होते हैं तो कई स्‍टूडेंट पढ़ाई पर कम और नकल के तरीकों पर भी दि‍माग दौडा़ते हैं। पढ़ाई से बचने के लिए बच्चे नकल करने में ज्यादा जोर देते हैं। मध्यप्रदेश के भिंड शहर में जमकर नकल कराई गई। हाईस्कूल के पहले पेपर में नकल माफिया ने परीक्षा केंद्रों पर कब्जा कर लिया। माफिया ने केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष और पर्यवेक्षकों को पहले तो धमकी दी, फिर भी उन्होंने नकल से रोका तो पीटा गया। कुछ जगह केंद्राध्यक्षों ने एसडीएम से शिकायत की है कि एक कॉपी को चार-चार लोगों ने लिखा है। इसके अलावा भिंड तहसीलदार आरएन सिकरवार ने भी एसडीएम से कहा कि बच्चों की कॉपी को उनके परिजन ने लिखा है। एक कॉपी में चार-चार हेंड राइटिंग हैं। जब पुलिस ने नकल माफिया को बाहर निकालने की कोशिश की तो जवाब में पथराव किया गया। पुलिस ने एक लट्ठधारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। कलेक्टर ने लापरवाही बरतने वाले दो सहायक केंद्राध्यक्षों को निलंबित कर दिया है। साथ ही सामूहिक नकल वाले कनेरा परीक्षा केंद्र का 10 वीं का संस्कृत का पर्चा निरस्त कर दिया गया है। परीक्षा में कुल 73 नकलची पकड़े गए। 
 
नकल के लिए बना 'मैजिक पेन'
 
बच्चे नकल करने के लिए ऐसे-ऐसे एक्‍सपेरिमेंट्स करते हैं जो बड़े-बड़े न समझ पाएं। परीक्षा में काम आने वाली जरूरी चीजों को बच्चे नकल करने का यंत्र बना लेते हैं। बच्चों के खेलने वाले 'मैजिक पेन' भी नकल में बहुत कारगर हो रहे हैं। इनकी खासियत यह होती है कि इनसे लिखने के बाद कुछ भी नहीं दिखता। यह तभी दिखता है जब 'अल्ट्रा वॉयलेट' लाइट की रोशनी उस पर पड़ती है और इसके लिए पेन के ऊपर एक छोटे-सा बल्ब भी मौजूद होता है। विद्यार्थी अपनी डेट शीट, रोल नंबर या क्लिप बोर्ड पर इससे लिखकर निडर होकर नकल करते हैं और किसी को कोई शक भी नहीं होता क्योंकि मामला बिल्कुल 'साफ' होता है।
 
चिटों की 'मिनीमाइज फोटो-कॉपी'
 
नकल के पुराने तरीके में फर्रे, पर्ची या 'चिट' बनाकर उन पर बारीक अक्षरों में लिखा जाता था ताकि कम जगह में नकल की ज्यादा सामग्री आ सके लेकिन अब यहां भी नकल की हाई टेक तकनीकें काम आ रहे हैं। इसके लिए विद्यार्थी अपने काम की सामग्री को गाइड और किताबों से काट-काट कर उनके टुकड़ों को एक खाली कागज पर चिपका लेते हैं और उसकी कई 'मिनीमाइज फोटो-कॉपी' करा कर आपस में बांट लेते हैं। फिर अपनी जरूरत के हिसाब से काट कर छिपा लिया जाता है। नकल के इस तरीके में नकलची विद्यार्थियों को छोटी-छोटी चिटों पर छोटे-छोटे लेख में नहीं लिखना पड़ता। इससे उनका वक्त और मेहनत बच जाती है।
 
यहां भी काम आती है तकनीक
 
अपने स्थान पर किसी और को या किसी और के स्थान पर खुद बैठकर परीक्षा देने के मामले में भी नवीन तकनीकों का सहारा लिया जाने लगा है। इसके लिए जहां पहले नकली पहचान-पत्र और प्रवेश-पत्र आदि तैयार करवाने के लिए स्कूल-कॉलेज के लोगों पर ही निर्भर रहना पड़ता था, वहीं अब कलर लेजर प्रिंटर जैसे उपकरणों ने यह काम भी आसान कर दिया है। इसके अलावा काम करने-कराने वाले परीक्षार्थी आमतौर पर अपने नकली पहचान-पत्र का 'लैमिनेशन' भी करवा लेते हैं। जिससे अगर कागज कहीं कोई छोटी-मोटी कमी रह भी गई होती है, तो वह भी छिप जाती है।

जिया खान की मां ने किया स्टिंग ऑपरेशन, पुलिस पर लगाए आरोप

मुंबई. बॉलीवुड अभिनेत्री जिया खान की मौत का रहस्‍य जानने के लिए उनकी मां राबिया खान और परिवार के कुछ सदस्‍यों ने एक स्टिंग ऑपरेशन का दावा किया है। राबिया खान ने कहा है कि स्टिंग में साफ हो गया है कि पुलिस ने गवाहों के बयान तोड़-मरोड़कर पेश किए हैं। जिया खान की मौत पिछले साल 3 जून को हुई थी। पुलिस का कहना है कि आदित्य पंचोली के बेटे सूरज पंचोली के साथ रिश्ते बिगड़ने के कारण वो डिप्रेशन में चली गई थी और खुदकुशी कर ली थी, लेकिन जिया खान की मां राबिया खान का आरोप है कि जिया की हत्या हुई और पुलिस सच छिपा रही है। 
 
राबिया खान ने कुछ ऐसे चश्मदीदों का स्टिंग करने का दावा किया है जिन्होंने जिया को आखिरी बार देखा था। स्टिंग सबसे पहले जिया के घर पहुंचने वाले डॉक्टर, एक फूल वाले और सोसाइटी के वॉचमैन का किया गया है। 
 
फॉरेंसिक जांच कराने की मांग 
 
जिया खान की मां ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर किया है जिसमें इस मामले की फॉरेंसिक जांच की जाए। उन्‍होंने दावा किया कि यह मामला आत्महत्या का नहीं हत्या का है। 
राबिया खान ने डॉ. अग्रवाल ने बात करके यह जानने कि कोशिश की है कि आखिर उस रात क्या हुआ था। जिया किस हालत में पाई गई थी और उनकी राय से जिया कि मौत खुदकुशी है या हत्या। डॉ. अग्रवाल वह शख्स हैं जिन्होंने सबसे पहले जिया के घर पहुंचकर उसे मृत घोषित कर पुलिस को बुलाने के लिए कहा था।
 
राबिया के मुताबिक पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि डॉ. अग्रवाल ने बयान दिया है कि जब उन्होंने सबसे पहले जिया के शरीर को देखा तब उसकी आंखें खुली थीं, लेकिन राबिया द्वारा किए गए इस स्टिंग में डॉ. अग्रवाल साफ-साफ कहते हुए नजर आ रहे हैं कि जिया की आंखें खुली नहीं थीं।
राबिया: डॉ. आप मेरे पति से नहीं मिले हैं ना, उस दिन जब जिया की मौत हुई तब आप इनसे नहीं मिले थे।
डॉ. अग्रवाल: नहीं, तब मैं नहीं मिला था, लेकिन बाद में इनसे मुलाकात हुई थी।
 
राबिया: लेकिन आप तो पुलिस से पहले वहां पहुंचे थे ना डॉ.?
डॉ. अग्रवाल: कौन मैं? हां, मैं तो पुलिस के पहले वहां पहुंचा था। 
 
राबिया: आपने तो उसे पुलिस के आने से पहले ही मृत घोषित कर दिया था ना?
डॉ. अग्रवाल: जी, जब मैंने जिया को देखा, जब मैं वहां आया था तो आप लोगों ने उसे ऊपर से नीचे उतर दिया था। जब मैंने उसके पल्स चेक किए तो मुझे कुछ नहीं मिला, मेडिकली उसमें कोई जान नहीं थी। 
 
राबिया: लेकिन जिया तो सोई हुई थी ना?
डॉ. अग्रवाल: हां वह सोई हुई लग रही थी, लेकिन आमतौर पर ऐसा ही होता है।
 
राबिया: लेकिन अगर कोई खुदखुशी करता है तो उस शख्स कि आंखें बंद होती हैं?
डॉ. अग्रवाल: लेकिन मुझे पता नहीं कि किसी ने उसकी आंखें बंद की थी या नहीं, लेकिन जब मैं आया तो जिया की आंखें बंद थीं।
 
राबिया: क्यूंकि हमने 5 मिनट के अंदर उस नीचे उतारा था। जब हमने उसे देखा तो तब भी उसकी आंखें बंद थीं। होठ बंद थे। कुछ नहीं था।
डॉ. अग्रवाल: हां, ये बात तो है। कोई ऐसे संकेत नहीं थे।
 
राबिया: जब आपने देखा तो उसके शरीर से कुछ बाहर नहीं आ रहा था?
डॉ. अग्रवाल: नहीं लेकिन में इतने डिटेल में नहीं गया। सिर्फ पल्स, ब्लड प्रेशर नहीं था। आंखें बंद थीं। पुतलियां चिपकी हुई थीं। ये संकेत थे कि शरीर में जान नहीं है।
 
राबिया: मुझे याद है कि आपने कहा कि जिया इस दुनिया में नहीं रही?
डॉ. अग्रवाल: चेक करने के बाद मैंने ये कहा था। यह मेडिको लीगल केस था इसलिए मैंने कुछ किया नहीं।
 
राबिया: मुझे याद है कि शुरुआत में आप जिया को चेक करने के लिए कतरा रहे थे?
डॉ. अग्रवाल: नहीं, मैंने स्‍टेथोस्‍कोप से चेक किया था। तभी पता चला कि हार्ट बीट नहीं थी, पल्स नहीं थी।
 
राबिया: फिर आपने आंख खोल कर चेक किया?
डॉ. अग्रवाल: हां, मैंने देखा था और आंख तब बंद थी और एक बार पुतलियां बंद हो गईं तो दुबारा नहीं खुलतीं।
 
राबिया: मैं अब भी उस सदमे से उभर नहीं पाई हूं।
डॉ. अग्रवाल: मैं समझ सकता हूं।
जिया की मां ने इसके बाद उस फूलवाले से संपर्क किया जिसकी दुकान से जिया को फूल सूरज कि तरफ से भेजे थे। राबिया का आरोप है कि पुलिस ने एक थ्योरी बनाई कि जिया सूरज के साथ ब्रेकअप के बाद जिया डिप्रेशन में चली गई थी, जिसकी वजह से उसने आत्महत्या कर ली। सबूत के तौर पर पुलिस उस बुके का हवाला दे रही है जिसे सूरज ने जिया के लिए अपने नौकर के हाथ भिजवाया था।
 
राबिया का दावा है कि जिया डिप्रेशन में बिल्कुल नहीं थी और जिस रात उसकी मौत हुई उस दिन वह बेहद खुश थी। इसीलिए राबिया ने उस फूलवाले से संपर्क किया जहां से सूरज पंचोली के नौकर देवा ने बुके खरीद कर जिया के घर पहुंचाया था। फूलवाले ने राबिया को बताया कि भेजा गया बुके ब्रेकअप बुके नहीं था बल्कि उसपर 'ऑल द बेस्ट' लिखा था। 
 
राबिया इसके जरिए बताना चाहती हैं कि वॉचमैन का कहना है कि पुलिस ने न तो गुलदस्ते की छानबीन की और ना ही कचरे के डिब्बे की। इसके बाद भी पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में यह कैसे लिख दिया कि यह ब्रेकअप बुके था? यह सवाल पुलिस से हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में राबिया ने पूछा है। 

कहीं तेजाब से न जला दिए जाएं, इस डर से मोदी को वोट देते हैं मुसलमान: आजम


लखनऊ. सपा नेता और यूपी के नगर विकास मंत्री आजम खान ने सोमवार को गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि गुजरात में मुसलमान मोदी के डर से उन्‍हें वोट देते हैं। उन्‍होंने कहा, 'वे (मुसलमान) मोदी को कैसे वोट नहीं देंगे? नहीं दिया तो तेजाब से जला दिए जाएंगे। फिर वे कहां जाएंगे? अगर उन्‍हें गुजरात में रहना है तो मोदी को वोट देना ही होगा।' आजम खान ने कहा कि गुजरात में मोदी ने दंगे करवाए। उन्होंने जो गुजरात में किया अब वही वह पूरे देश में करना चाहते हैं। आजम के इस बयान की बीजेपी ने कड़ी निंदा की है। 
 
हिटलर से की तुलना 
 
आजन खान ने मोदी की तुलना हिटलर से की। उन्‍होंने कहा कि हिटलर ने लोकतंत्र के रास्ते सत्ता में आकर यहूदियों के साथ जो कुछ किया था, यह भी सत्ता में आकर ऐसा ही करेंगे।

उज्‍जवला और पूरी दुनिया के सामने एनडी तिवारी ने रोहित शेखर को माना अपना बेटा



नई दिल्‍ली. पितृत्व विवाद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्‍तराखंड व यूपी के मुख्‍यमंत्री रहे एनडी तिवारी ने यूटर्न लिया है। एनडी तिवारी ने रोहित शेखर को अपना बेटा मान लिया है। एनडी तिवारी, उज्ज्वला शर्मा और रोहित शेखर ने सोमवार शाम एक साझा प्रेस कॉन्‍फ्रेंस की। प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में एनडी तिवारी ने कहा कि मैं उज्ज्वला का सम्मान करता हूं। तिवारी ने कहा कि रोहित मेरे साथ रहें।
 
प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोहित लगातार मांग कर रहे थे कि आप मुझे और मेरी मां को सम्मान दें। तिवारी ने कहा कि मेरे पास कोई संपत्ति नहीं है। उन्‍होंने कहा कि रोहित से मेरा चेहरा मिलता है। रोहित ने कहा कि मैं तिवारी का बुरा नहीं चाहता हूं। रोहित शेखर ने सबके सामने एनडी तिवारी के पैर छुए। प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में रोहित के कहने पर एनडी तिवारी ने रोहित की मां को आशीर्वाद दिया और रोहित को गले लगाया। 
 
उत्‍तराधिकारी मानने पर साधी चुप्‍पी
 
जब मीडिया लगातार यह पूछ रही थी कि क्या रोहित शेखर आपके उत्तराधिकारी हैं, तो तिवारी ने इस पर कुछ साफ नहीं कहा। उन्होंने शायरी कहते हुए कहा कि जमाना बहुत शौक से हमें सुन रहा था, हम भी सो गए कहते कहते।
एनडी तिवारी ने स्‍वीकार कर लिया है कि रोहित शेखर उनका बेटा है। इस बात की पुष्टि रोहित ने भी की है। एनडीटीवी से बातचीत में उन्‍होंने रोहित शेखर को अपना बेटा मान लिया है। गौरतलब है कि इससे पहले रोहित शेखर खुद को तिवारी का बेटा बताते रहे हैं। अपना हक लेने के लिए रोहित कोर्ट में 6 साल से लड़ाई लड़ रहे हैं। 89 साल के तिवारी के इनकार के कारण उन्हें डीएनए टेस्ट तक कराना पड़ा था। इस टेस्‍ट में भी इस बात की पुष्टि हुई थी कि 34 वर्षीय रोहित उनका बेटा है। 
 
एनडीटीवी के मुताबिक रविवार की रात एनडी तिवारी ने रोहित को अपने घर बुलाया था और कहा कि वह इस लड़ाई से थक गए हैं। पितृत्व का विवाद अभी भी दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहा है। 
 
रोहित ने कहा- पिता के साथ बिताना चाहता हूं समय
 
रोहित ने भी कहा है कि वह पिछली बातों को भूलकर अपने पिता के साथ वक्त बिताना चाहते हैं। उन्‍होंने कहा कि इस लड़ाई में उन्‍हें और उनकी मां को काफी पीड़ा हुई है। रोहित ने कहा कि पुराने जख्‍म भर तो नहीं सकते, लेकिन इस फैसले से उन लोगों को भी मदद मिलेगी, जो उनकी तरह लड़ाई लड़ रहे हैं। जब तिवारी से पूछा गया कि क्‍या वह भी अपने बेटे के साथ समय बिताना चाहते हैं, तो उन्‍होंने भी कहा, 'हां, क्‍यों नहीं।'एनडी तिवारी कांग्रेस के वरिष्‍ठ और दिग्गज नेता रह चुके हैं। उज्जवला शर्मा के साथ एनडी तिवारी का संपर्क 1967 में उस समय हुआ था, जब वे युवक कांग्रेस के अध्यक्ष थे। उस समय उज्जवला युवक कांग्रेस के महिला धड़े की संयुक्त सचिव थीं। उज्जवला, पूर्व केंद्रीय मंत्री शेर सिंह की बेटी हैं। उनकी शादी बीपी शर्मा से हुई थी। शादी के बाद ही रोहित शेखर पैदा हुए थे। बाद में रोहित ने दावा किया कि उनकी पैदाइश एनडी तिवारी और उज्जवला शर्मा के रिश्तों का अंजाम है।
रोहित शेखर इस मामले को लेकर 2008 में कोर्ट में गए थे और कहा था कि उनकी मां उज्‍जवला शर्मा के एनडी तिवारी से संबंध रहे थे और वे उन्‍हीं की संतान हैं। साथ ही रोहित ने यह भी कहा था कि वे जानना चाहते थे कि जब वे छोटे थे, तब तिवारी उनके बर्थडे पार्टियों में क्‍यों जाते थे और उनके साथ क्‍यों खेलते थे। 
 
कोर्ट ने दिया था पितृत्‍व टेस्‍ट का आदेश 
 
2012 में दिल्‍ली हाई कोर्ट ने तिवारी के पितृत्‍व टेस्‍ट (डीएनए) के आदेश दिए थे। इससे नाराज होकर तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन उन्‍हें वहां भी निराशा ही हाथ लगी और अंत में उन्‍हें वह टेस्‍ट कराना पड़ा।

एक मंच पर आए नरेंद्र मोदी और पासवान, नाराज हुए भाजपा के कई दिग्‍गज


पटना. लोजपा से गठबंधन के बाद से भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसकी झलक सोमवार को हुई नरेंद्र मोदी की मुजफ्फरपुर रैली में भी दिखने को मिली। प्रदेश भाजपा के कई दिग्‍गज नेता इस रैली में शामिल नहीं हुए। ये वे लोग हैं जो पहले से ही लोजपा-भाजपा गठबंधन का विरोध कर रहे थे। 
 
ये दिग्‍गज नहीं पहुंचे रैली में
 
मुजफ्फरपुर में मोदी की हुई रैली में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सीपी ठाकुर, पूर्व मंत्री अश्विनी चौबे, गिरिराज सिंह, अच्युतानंद सिंह, चंद्रमोहन राय समेत कई शीर्ष नेता शामिल नहीं हुए। कहा जा रहा है कि ये सभी नेता रामविलास पासवान और उनकी पार्टी लोजपा का भाजपा से हुए गठबंधन के खिलाफ थे। 
 
यह है गठबंधन से नाराजगी का कारण 
 
इन नेताओं का तर्क है कि एक ओर जहां पूरे देश में मोदी की लहर है वहीं, बिहार में पूरी तरह से अपना जनाधार खो चुके रामविलास और उनकी पार्टी लोजपा से तालमेल करने का क्या मतलब है। इसके साथ ही गठबंधन के बाद भाजपा ने लोजपा को सात सीट दे दी हैं। इनका मानना है कि इससे भाजपा को ही नुकसान होगा। 
 
इसके अतिरिक्‍त अश्विनी चौबे, गिरिराज सिंह और चंद्रमोहन राय अपने लिए और सीपी ठाकुर अपने बेटे के लिए लोकसभा टिकट चाहते हैं, इसलिए रामविलास पासवान के खिलाफ नाराजगी दिखा रहे हैं। 
 
भाजपा छोड़ने की भी दी धमकी 
 
भाजपा नेताओं का कहना है कि लोजपा से गठबंधन के बाद नीतीश से नाराज चल रहे स्वर्ण वोट जो पहले भाजपा की ओर देख रहे थे वे भी अब भाजपा से नाराज हो गए हैं। भाजपा के इस गठबंधन का विरोध करते हुए कई नेताओं ने तो साफ कर दिया है कि हम चुनाव लड़ेंगे। चाहे इसके लिए हमें भाजपा को ही क्‍यों न छोड़ना पड़े। बहरहाल बैशाली से डॉक्टर अच्युतानंद और अश्विनी चौबे भागलपुर से चुनाव लड़ने की घोषणा की है।

क़ुरान का सन्देश

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