आपका-अख्तर खान

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05 मार्च 2014

,दोस्तों खुद के लिए तो एमरजेंसी में क़ानून के खिलाफ काम करने पर गिरफ्तारी हुई तो यह लोग चीख पढ़े और फिर जब जेल में गए तो खुद की सरकार आते ही खुद ने खुद को मीसाबंदी बताकर पेंशन और क्षतिपूर्ति राशि देश के खज़ाने से लेना शुरू कर दिए करोड़ों रूपये उढाये जा रहे है लेकिन जो निर्दोष अपनी जवानी इस काले क़ानून में जेल में बंद होकर गुज़ारने के बाद जेल से बा इज़ज़त बरी होता है तब उसके लिए कोई मुआवज़ा नहीं अजीब बात है ,,,,,,

दोस्तों देश और देश की जनता विदेशी दबाव में बनाया गया विधि विरुद्ध क्रिया कलाप प्रतिषेध अधिनियम याने अनला फूल एक्टिविटी प्रवेंशन एक्ट यु ऐ पी ऐ को हटाने की मांग कर रही है ,,यह सच है के यह देश की जनता के लिए आम आदमी के लिए दलित ,,शोषित और पीड़ितों के लिए काला क़ानून ,,बदले की राजनीति वाला क़ानून साबित हुआ है ,,इस क़ानून के दुरूपयोग से देश की नीवें हिल गयी है क्योंके यह क़ानून हिंदुस्तान में हिन्दुस्तानियों के लिए नहीं बल्कि विदेश यानि अमेरिका में भारत की सरकार के कान पकड़ कर भारत के दलित और शोषितों पर ज़ुल्म करने के लिए  बनवाया गया था कितनी अजीबी बात है देश हमारा जनता हमारी और क़ानून बनाने के लिए दबाव विदेशियों का वाह जनाब वाह ,,,खेर देश और देश की जनता इस विधि विरूद्ध क्रिया कलाप अधिनियम के खिलाफ है और इसे हटाने के लिए दिल्ली में कल देश भर के लोगों ने प्रबंधन तरीक़े से आवाज़ उठाते हुए तालकटोरा स्टेडियम में एकजुट होकर इस काले क़ानून को काला साबित कर दिया ,,,लेकिन मेरा स्व्भाव चलो रे वाला है ,,में नहीं चाहता के यह काला क़ानून खत्म हो में चाहता हूँ यह काला क़ानून बना रहे लेकिन इसकी परिभाषा इसके अपराधियों की परिभाषा संशोधित की जाए ,,,,,,,,,,,,दोस्तों विधि विरुद्ध क्रिया कलाप किसे कहते है देश जानता है ,,लेकिन रिश्वत लेना ,,बलात्कार करना ,,,भ्रष्टाचार फैलाना ,,,,जमाखोरी करना ,,काला धन एकत्रित करना ,,,सामूहिक क़त्ले आम करना ,,साम्प्रदायिक घ्रणा फैलाना ,,देश तोडना ,,देश का संविधान तोडना ,,विधि विरूद्ध क्रिया कलाप याने अन ला फूल एक्टिविटी नहीं है ,,है न हास्यास्पद बात यह सारे अपराध विदेश की टेबल पर बने इस क़ानून में विधि विरूद्ध क्रिया कलाप की श्रेणी में नहीं है ,,और इसीलिए यह अपराधी  छूटे हुए है ,,,,,दोस्तों मेरी समझ है के विदेशी टेबल पर बने मेरे देश के निहत्थे ,,मासूम लोगों पर लागू  किये जा रहे इस क़ानून का दायरा अब स्व्देशी अपराध नियंत्रण का होना चाहिए इसमें ,,,,,,,,,जो लोग जमाखोर है ,,,,,जो लोग भ्रष्ट निकम्मे कामचोर देश के सौदेबाज़ है ,,,,,,,,जो लोग मिलावट खोर है ,,,जो लोग संविधान की भावना के विपरीत देश तोड़ने की बात करते है ,,,,जो लोग गांधी के हत्यारो को महिमामंडित करते है ,,जो लोग तिरंगे का अपमान करते है ,,जो लोग पाकिस्तान ज़िंदाबाद करते है ,,,जो लोग विधानसभा लोकसभा में निर्वाचित होकर जाते है संविधान की शपथ लेते है लेकिन वहाँ बेठ कर ली गयी शपथ का उलंग्घन करते है ,,,,,,,,,,जो लोग सियासी पार्टियों से चुनाव जीत कर जाते है लेकिन बाद में सत्ता के लालच में या फिर खुद को बेचकर दूसरी पार्टी में शामिल हो जाते है ,,दलबदल करते है या फिर सरकार गिरने से बचाते है ,,अल्पमत लोगों को सरकार में लाते है ,,,,जो लोग संसद ,,विधानसभा में बहस नहीं करते चीख पुकार करते है लड़ाई झगड़ा करते है तोड़फोड़ करते है ,,किसी ख़ास मुद्दे पर मौजूद नहीं रहते वाक् आउट करते है ,, भ्रष्टाचार फैलाते है अपना वोट नहीं देने के रूपये या फिर सुविधा लेकर बहिर्गमन करते है ऐसे लोगों के खिलाफ यह कार्यवाही होना चाहिए ,,जो लोग सामूहिक बलात्कार करते है ,,जो लोग सामूहिक नरसंहार करते है जो लोग राजधर्म का पालन नहीं करते देश के नागरिको को वोटर बनाते है या फिर  जाती धर्म के आधार पर बाँट कर धार्मिक और जातिगत भाषावादी अधर पर सरकारी महकमे को शामिल कर क़त्ले आम करवाते है ,,नफरत फैलाते है देश तोड़ने की बात करते है ,, विशेष समुदायों को टारगेट बनाकर उनकी सुविधाएं छीनते हिअ उन्हें परेशान करने के लिए क़ानून ,,नियम बनाते है ऐसे लोगों के खिलाफ यह क़ानून होना चाहिए ,,दोस्तों और भी कई अपराध है जो में गिना नहीं सका ,, मुसलमान हो चाहे सिक्ख हो चाहे ईसाई हो अगर वोह जाती धर्म के आधार पर क़त्ले आम करते है भगवा आतंकवाद हो चाहे इस्लामिक आतंकवाद हो फैलाते है तो उनेक लिए यह क़ानून होना चाहिए आम आदमी के लिए नहीं ,,अगर ऐसा हुआ तो देश की जनता को  धोखा देने वाले ,,देश की जनता को भ्रमित करने वाले और  मूल्य नियंत्रण अधिनियम  का उलन्घन कर एक रूपये पर सो रूपये का मुनाफा कमाने वालों और उनके दलाल सियासी लोग ,,शपथ का उलंग्घन करने वाले लोग संसद विधानसभा में बहिर्गमन करने वाले शोरशराबा करने वाले लोग भ्रष्टाचार फैलाने वाले लोग इस क़ानून के दायरे में जेल में होंगे और देश में रामराज्य स्थापित हो जाएगा ,,,,,दोस्तों खुद के लिए तो एमरजेंसी में क़ानून के खिलाफ काम करने पर गिरफ्तारी हुई तो यह लोग चीख पढ़े और फिर जब जेल में गए तो खुद की सरकार आते ही खुद ने खुद को मीसाबंदी बताकर पेंशन और क्षतिपूर्ति राशि देश के खज़ाने से लेना शुरू कर दिए करोड़ों रूपये उढाये जा रहे है लेकिन जो निर्दोष अपनी जवानी इस काले क़ानून में जेल में बंद होकर गुज़ारने के बाद जेल से बा इज़ज़त बरी होता है तब उसके लिए कोई मुआवज़ा नहीं अजीब बात है ,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

हाथों से महरूम पर नहीं मानी हार, पैरों से पर्चा लिखेगी दामिनी



रायपुर. कुछ कर गुजरने का जोश, जज्बा और हुनर हो तो पूरी दुनिया आपकी हिम्मत को सलाम करती है। बंजारी माता स्कूल की 10वीं क्लास की स्पेशल स्टूडेंट दामिनी सेन के हौसले और हुनर को देखकर छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने भी अपने नियमों को थोड़ा शिथिल कर लिया है। दामिनी वो लड़की है, जिसने ऐसे बच्चों को लिखना सिखाया है, जिनके हाथ नहीं है। बचपन से ही दामिनी के दोनों हाथ नहीं है, वो अपने पैर के अंगूठे और उंगली के बीच पेन फंसाकर लिखती हैं और अच्छे मार्क्स भी लाती हैं। पूरा पेपर हल करने के लिए दामिनी को 10वीं की परीक्षा में माशिमं 60 मिनट एक्स्ट्रा समय देगा।
दामिनी के हुनर और हिम्मत को देखते हुए बाल दिवस पर सिटी भास्कर ने उन्हें गेस्ट एडिटर बनाया था। पढ़ाई में तेज दामिनी को अन्य विधाओं मे भी महारत हासिल है। दामिनी ने पेंटिंग कंपटीशन में राज्य स्तर पर कई पुरस्कार जीते हैं।
ये है पूरा मामला
माशिमं के संजय जोशी ने बताया कि मंडल की ओर से दृष्टिहीन स्टूडेंट्स को ही राइटर और एक्स्ट्रा टाइम की सुविधा दी जाती है। अस्थिबाधित विकलांगों को राइटर की सुविधा तो दी जाती है, लेकिन एक्स्ट्रा टाइम नहीं दिया जाता। दामिनी इसी श्रेणी में आती हैं, लेकिन वो राइटर नहीं लेना चाहती। दामिनी ने खुद लिखने की इच्छा जाहिर करके एक्स्ट्रा टाइम मांगा था। बच्ची के हौसले, शारीरिक स्थिति और अच्छे भविष्य को ध्यान में रखकर माशिमं ने उसे 60 मिनट का अतिरिक्त समय देने का निर्णय लिया। कुछेक स्पेशल केसेज में पहले भी ऐसा निर्णय लिया गया है।
इसलिए किया एक्स्ट्रा टाइम के लिए आवेदन
मंडल के पंजीयक एसएस पोर्ते ने बताया कि दामिनी ने बुधवार को हिंदी की परीक्षा में केन्द्राध्यक्ष में एक्स्ट्रा टाइम की मांग की थी। पैर से लिखने के कारण उसकी राइटिंग स्पीड थोड़ी स्लो है। केंद्राध्यक्ष ने एक्स्ट्रा टाइम देने से इंकार कर दिया था। इसके बाद वो अपने स्कूल प्रिंसिपल हरिभाई जोशी के साथ माशिमं कार्यालय पहुंचीं और अध्यक्ष टी राधाकृष्णन को आवेदन दिया। स्पेशल केस देखते हुए उन्हें एक्स्ट्रा टाइम देने का निर्णय लिया गया।

अन्‍ना बोले- एक समय मैं भी करना चाहता था आत्‍महत्‍या, किताबों से बदला इरादा

अन्‍ना बोले- एक समय मैं भी करना चाहता था आत्‍महत्‍या, किताबों से बदला इरादा
इंदौर. वरिष्ठ समाज सेवी अन्ना हजारे की जिंदगी में एक दिन ऐसा आया था कि वह भी आत्महत्या करने के लिए सोचने लगे थे। इस प्रकार के विकार को दूर करने के लिए उन्होंने किताबों का सहारा लिया। अन्ना ने स्वामी विवेकानंद की किताब पढ़ना  शुरू किया और स्वामी जी के विचारों से प्रेरित होकर 25 साल की उम्र में पूरी तरह समाज और देश की सेवा का प्रण ले लिया। यह खुलासा स्वयं अन्ना हजारे ने किया। वे बुधवार को रवींद्र नाट्य सभागृह में दैनिक भास्कर प्राइड अवॉर्ड समारोह में शामिल होने शहर आए थे। अवॉर्ड विनर्स को बधाई देते हुए हजारे ने सभी से समाज और देश सेवा का आह्रान किया।

पूरा पागल ही कर सकता है देश सेवा : उन्होंने कहा कि देशसेवा के लिए पूरी तरह पागल होना पड़ता है। पूरा पागल व्यक्ति ही देश सेवा कर सकता है। आज लखपति और करोड़पतियों की कोई जयंती नहीं मनाता, लेकिन झोपड़ी में रहने वाले समाजसेवी की जयंती मनाई जाती है। जो आनंद रात को सोते समय और जिंदगी को जीते हुए करोड़पतियों को नहीं मिल रही है, वह सब कुछ त्याग करने के बाद मैं महसूस कर रहा हूं। लोग जिंदगी भर मेरा-मेरा करते हुए सुबह चार बजे से रात दस बजे तक दौड़ते रहते हैं। वे लेकर कुछ नहीं आते है और ना ही जाते हैं। फिर भी मेरा-मेरा करते हुए दिन भर सिर पर गठरी लिए दौड़ते रहते हैं।

घूस लेने वाला जीते जी मर जाता है : घूस लेने के लिए जो जीते हैं, वह वास्तव में मर जाते हैं और जो समाज के लिए मर रहे हैं, असलियत में वही जिंदगी जी रहे हैं। देश बहुत बड़ा है, लेकिन जो व्यक्ति अपने पड़ोसी, समाज, गांव, शहर की सेवा कर रहा है, वह भी अपने दे शकी ही सेवा कर रहा है। आज समाज का चौथा स्तंभ प्रेस में भी दीमक लग रही है, लेकिन जो दैनिक भास्कर समूह कर रहा है वह काफी महत्वपूर्ण हैं और समाज सेवा है।

पटना हाईकोर्ट ने रिश्‍वत मांगने वाले मुंसिफ मजिस्‍ट्रेट को किया जबरन रिटायर

पटना. पटना हाईकोर्ट ने भोजपुर मुंसिफ मजिस्‍ट्रेट शंभु कुमार वर्मा को जबरन रिटायर करने का फैसला किया है। पटना हाई कोर्ट के सूत्रों ने बताया कि हाई कोर्ट प्रशासन ने यह फैसला मंगलवार को हुई फुल कोर्ट मीटिंग में लिया। सूत्रों के मुताबिक कोर्ट के इस फैसले को स्‍वीकृति के लिए राज्‍य सरकार के पास भेजा जाएगा। 
 
क्‍या है मामला
शंभु वर्मा पर चुनाव से जुड़े एक केस में पांच लाख रुपए मांगने का आरोप है। सुनील कुमार ने शिकायत दर्ज कराई थी मुंसिफ मजिस्‍ट्रेट (सिविल जज, जूनियर डिविजन) ने उनके एक साथी से चुनाव से जुड़े एक केस के लिए पांच लाख रुपए की मांग की थी। इस मामले की जांच की गई और शिकायत को सही पाया गया। इसके बाद शंभु कुमार के खिलाफ कार्रवाई की गई।
तीन जजों को नेपाल में किया था गिरफ्तार 
 
हाल ही में बिहार के तीन जज उस समय सुर्खियों में आए थे, जब वे नेपाल में लड़कियों के साथ पकड़े गए थे। पटना हाईकोर्ट ने इन तीनों जजों की बर्खास्‍तगी की सिफारिश की थी। इस खबर का खुलासा एक नेपाली अखबार ने किया था। अखबार के मुताबिक, 26 जनवरी 2013 को गणतंत्र दिवस समारोह के बाद तीनों नेपाल के बिराटनगर गए थे। वहां बस स्टैंड के पास मेट्रो गेस्ट हाउस एंड होटल में ठहरे थे। इस बात की भनक नेपाली पुलिस को लग गई थी जिसके बाद नेपाल पुलिस ने यहां छापा मारा और इन तीनों को लड़कियों के साथ आपत्तिजनक हालत में गिरफ्तार किया गया था। 
 
सब-डिविजनल न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट को चुके हैं सस्‍पेंड
 
कुछ दिनों पहले पटना हाईकोर्ट राम सजन नामक सब-डिविजनल न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट को सस्‍पेंड कर चुकी है। राम सजन पर आरोप था कि उन्‍होंने कथित रूप से यौन संबंध बनाने के लिए गया जिले के सीनियर मेडिकल ऑफिसर से एक महिला स्वास्थ्यकर्मी उपलब्ध कराने की मांग की थी। 

हिरासत में लिए गए शाजिया इल्मी और आनंद कुमार, दिल्ली संसद मार्ग थाने में केस दर्ज

नई दिल्‍ली. गुजरात में अरविंद केजरीवाल के काफिले को रोके जाने के विरोध में दिल्ली भाजपा मुख्यालय पर प्रदर्शन करने वाले 'आप' नेताओं पर केस दर्ज कर लिया गया है। 'आप' नेता शाजिया इल्मी, आशुतोष और प्रोफेसर अांनद कुमार के खिलाफ दिल्ली के संसद मार्ग थाने में एफआईआर दर्ज की गई। वहीं, केस दर्ज होने के बाद मीडिया से बात करते हुए प्रशांत भूषण ने कहा कि पुलिस ने सिर्फ 'आप' के कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की है। प्रशांत का आरोप है कि पुलिस ऐसा किसी के दबाव में आकर कर रही है। ये एकतरफा कार्रवाई है। यदि, केस दर्ज करना है तो दोनों दलों के कार्यकर्ताओं पर किया जाना चाहिए।
 
बता दें, भाजपा मुख्यालय पर हुई खूनी झड़प के बाद आरोप लगे थे कि भाजपा के कार्यकर्ताओं ने भी 'आप' कार्यकर्ताओं पर पत्थर फेंके थे। लेकिन, पुलिस ने भाजपा के किसी भी कार्यकर्ता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। बताया जा रहा है कि शाजिया इल्मी और आनंद कुमार को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में ले रखा है। उधर, गुजरात में अरविंद केजरीवाल ने बुधवार देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 'आप' कार्यकर्ताओं से अपील की थी कि वो आगे से इस तरह प्रदर्शन न करें और थोड़ा संयम रखें। 
 
इससे पहले गुजरात में आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल के काफिले को रोकने से नाराज 'आप' के कार्यकर्ताओं ने बुधवार शाम दिल्‍ली में बीजेपी ऑफिस के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं की ओर से पत्‍थर, कुर्सियां फेंकी गईं। इस झड़प में दोनों पार्टियों के कई कार्यकर्ताओं को गंभीर चाेटें आई हैं। 'आप' कार्यकर्ता केजरीवाल की गिरफ्तारी के लिए भाजपा और गुजरात की मोदी सरकार को जिम्‍मेदार ठहरा रहे थे। 
 
'आप' कार्यकर्ताओं के बीजेपी ऑफिस के बाहर पहुंचने पर बीजेपी कार्यकर्ता भी बाहर आ गए और दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता एक-दूसरे पर जमकर नारेबाजी करने लगे। 'आप' कार्यकर्ताओं के मुताबिक बीजेपी ऑफिस के अंदर से पत्‍थर, सरिए, कुर्सियां, टमाटर आदि फेंके गए। 'आप' कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारों का प्रयोग किया। 
 
विरोध प्रदर्शन के दौरान 'आप' नेता आशुतोष सहित दोनों पार्टियों के कई कार्यकर्ताओं को गंभीर चोटें भी आई हैं। धरना स्‍थल पर काफी संख्‍या में पुलिस बल तैनात था, लेकिन पुलिस 'आप' कार्यकर्ताओं को रोकने में नाकाम रही। बताया जाता है कि इस प्रदर्शन में 'आप' के करीब 250 कार्यकर्ता मौजूद रहे। 
 
विरोध प्रदर्शन में पहुंचे कई बड़े कार्यकर्ता
 
'आप' के इस प्रदर्शन में आशुतोष और शाजिया इल्‍मी सहित पार्टी के कई बड़े कार्यकर्ता शामिल हुए। प्रदर्शन के दौरान 'आप' कार्यकर्ताओं ने बीजेपी दफ्तर के अंदर घुसने की कोशिश की। हालांकि पुलिस ने उन्‍हें अंदर जाने से रोक दिया, लेकिन इसके बावजूद 'आप' कार्यकर्ताओं ने बीजेपी दफ्तर में तोड़फोड़ की। 'आप' के इस प्रदर्शन में काफी संख्‍या में महिला कार्यकर्ता भी शामिल रहीं। 
 
जमकर हुआ पथराव
 
प्रदर्शन के दौरान दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं की ओर से एक-दूसरे पर जमकर पथराव हुआ। साथ ही दोनों ओर से कुर्सियां भी फेंकी गईं। 'आप' कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि वे बीजेपी कार्यालय के बाहर शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने गए थे, लेकिन जैसे ही वे वहां पहुंचे, उनके ऊपर बीजेपी कार्यालय के अंदर से लोहे के सरियों, डंडों और पत्‍थरों से हमला कर दिया। 
 
शाजिया ने लगाया आरोप
 
प्रदर्शन के दौरान 'आप' नेता शाजिया इल्‍मी ने आरोप लगाया कि आज जब महाराष्‍ट्र में कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी की रैली थी, तो उस रैली को क्‍यों नहीं रोका गया। उन्‍होंने सवाल खड़ा किया कि क्‍या केजरीवाल की गुजरात में रैली को रोकना उचित था? उन्‍होंने कहा कि केजरीवाल का रोड शो पहले से ही तय था, ऐसे में केजरीवाल को हिरासत में लेना उचित नहीं था। 
 
हालांकि आचार संहिता के चलते राहुल गांधी पर बुधवार रात मुंबई के राजभवन में रुकने पर रोक लगा दी है। राहुल को राजभवन के हैलीपेड से दिल्‍ली के लिए बुधवार रात उड़ान भरनी थी। ऐसे में अब राहुल राजभवन के अंदर से उड़ान नहीं भर पाएंगे। 
 
चुनाव आयोग भी हुआ गंभीर
 
इस झड़प को लेकर चुनाव आयोग ने नाराजगी जाहिर की है। चुनाव आयोग ने कहा है कि वह इस मामले को गंभीरता से लेगा और दिल्‍ली पुलिस से जवाब मांगेगा। 
 
प्रदर्शन को लेकर किसने क्‍या कहा
 
'देशभर में आचार संहिता लग चुकी है। ऐसे में 'आप' को बीजेपी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करने के लिए इजाजत लेनी चाहिए थी।'
- रवि शंकर प्रसाद, बीजेपी नेता
 
'विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों की जानरियां इकट्ठा की जा रही हैं। दोषियों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई होगी।'
- घटना स्‍थल पर मौजूद पुलिस अधिकारी
 
'बीजेपी कार्यकर्ताओं ने अपने कार्यालय के अंदर मुझ पर हमला किया। इस हमले में मेरे हाथ पर चोट लगी है। हमले में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने 'आप' की महिला कार्यकर्ताओं पर भी हमला किया, जिससे वे भी घायल हुईं।'
- आशुतोष, आप नेता 
 
'हम आशुतोष के खिलाफ जांच की मांग करते हैं। उन्‍होंने जिस प्रकार से हमारे ऊपर हमला किया, उसे देखते हुए चांदनी चौक से उनकी उम्‍मीदवारी निरस्‍त की जाए। यह एक आंतकी हमले की तरह था।'
- नलिन कोहली, बीजेपी नेता 
 
बीजेपी के पत्‍थर फेंकने को बताया गुंडागर्दी की राजनीति 
 
देर रात 'आप' ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर घटना की पूरी जानकारी दी और इसके लिए बीजेपी पर आरोप लगाए। प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में 'आप' नेता प्रशांत भूषण ने बीजेपी के पत्‍थर फेंकने को गुंडागर्दी की राजनीति बताया। 
 
लखनऊ में भी हुई झड़प
 
दिल्‍ली के बाद लखनऊ में भी 'आप' और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प शुरू हो गई है। लखनऊ में दोनों पार्टी के कार्यकर्ता एक-दूसरे पर जमकर लाठी डंडों का प्रयोग कर रहे हैं। 
 
केजरीवाल की कार पर भुज में हुआ हमला 
 
भुज में बुधवार शाम अरविंद केजरीवाल के काफिले पर हमला किया गया। यह हमला शाम करीब साढ़े सात बजे कच्छ के पास भचाउ में किया गया। इस हमले में उस गाड़ी के शीशे टूट गए हैं जिसमें केजरीवाल सवार थे। हालांकि हमले में किसी के घायल होने की पुष्टि नहीं हुई है।

क़ुरान का सन्देश

 
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