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08 मार्च 2014

एक तानाशाह जिससे देश और भाजपा खुद परेशान होने लगी है ,

एक तानाशाह जिससे देश और भाजपा खुद परेशान होने लगी है ,,,,जी हाँ में  बात कर रहा हूँ भाई नरेंदर मोदी की ,,जिन्होंने पहले अपने घर अपने परिवार में तानाशाही दिखाई नतीजा उन्होंने बिना किसी वजह के उनकी पत्नी को तलाक़ भी नहीं दिया और उसे उपेक्षित कर विधवा का जीवन जीने पर मजबूर क्या ,,,इतना ही नहीं इन जनाब ने अपनी पत्नी के गुज़ारे खर्च का दुःख दर्द भी नहीं जाना और विवाहित है इस सच को भी उन्होंने छुपाने का नाकाम प्रयास कर देश और देश की जनता को धोखा दिया ,,,,,,,,,,,,,,फिर जनाब गुजरात के मुख्यमंत्री रहे वहाँ इनकी तानाशाही ,,,दंगे फसादात और फेक एनकाउंटर सभी लोग जानते है ,,,फिर भाजपा पर इन्होने जबरिया क़ब्ज़ा कर खुद बिना किसी पार्टी विधान की प्रक्रिया के सो कोल्ड प्रधानमंत्री बन गए ,,अडवाणी जेसे महापुरुष वरिष्ठ भाजपा सहित  लोगों को इन्होने  अपमानित क्या ,,,कोई बात नहीं पार्टी ने इन्हे हज़म करने की कोशिश की ,,लेकिन अब यह जनाब मुरलीमनोहर जोशी की सीट पर दादागिरी से क़ब्ज़ा जमाना चाहते है खुद गुजरात से लड़ ले मोदी है इनकी तो देश में लहर है किसी भी सीट से लड़ लें सुरक्षित सीट क्यूँ ढूंढते है दूसरे की छाती पर क्यूँ सवार होना चाहते है ,अब केजीरवाल इनके इलाक़ में है तो पूरी तानाशाही पहले गिरफ्तारी ,,,तोड़फोड़ ,,मिलना नहीं फिर रैलियों में हंगामे पथराव यह तो अभी की बात है जब मोदी जी परधानमंत्री नहीं बने कल्पना करो अगर खुदा ना खास्ता बंदर को हींग मिल गयी तो वोह किस तरह का पंसारी बनेगा तो भाई आप जानो आपका काम जाने लोकतंत्र है जिसकी इच्छा हो वोह करने के लिए स्व्तंत्र है फिर आपकी मर्ज़ी ,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दागी येदियुरप्‍पा को BJP ने दिया टिकट, मोदी की सीट पर अब भी सस्‍पेंस



नई दिल्‍ली. बीजेपी ने लोकसभा उम्मीदवारों की दूसरी सूची शनिवार को जारी कर दी। इस सूची में 52 नाम हैं। नरेंद्र मोदी का नाम इस सूची में भी नहीं है। अगली सूची 13 मार्च को आएगी। 
 
उम्‍मीदवार तय करने के लिए हुई भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद अनंत कुमार ने पत्रकारों को इस बारे में जानकारी दी। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा शिमोगा सीट से चुनाव लड़ेंगे। येदियुरप्‍पा भ्रष्‍टाचार के आरोप में फंसे थे, जिसके बाद भाजपा ने उन्‍हें कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री पद से हटा दिया था। 
 
येदियुरप्पा को करप्शन के कारण छोड़ना पड़ा था पद 
दक्षिण भारत में बीजेपी की इकलौती सरकार को बनाने का श्रेय येदियुरप्पा को दिया जाता रहा है। उन्होंने कर्नाटक में 2008 में बनी पहली भाजपा सरकार का नेतृत्व किया था, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों में उन्हें 2011 में पद छोड़ना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने कर्नाटक जनता पक्ष नाम से अपनी पार्टी बनाई थी। 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सकी। इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय किया था। 
 
बीजेपी के लिए आत्मघाती हो सकता है यह कदम!
बीजेपी इस लोकसभा चुनाव में यूपीए सरकार में हुए घोटालों को सबसे बड़ा मुद्दा बनाकर जनता के बीच में जा रही है। येदियुरप्पा को बीजेपी में शामिल कर बीजेपी पहले ही काफी आलोचना झेल चुकी है। अब उन्हें लोकसभा उम्मीदवार बनाए जाने के बाद यह सवाल उठना लाजिमी है क्या बीजेपी की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम में येदियुरप्पा भी सेनापति होंगे। सोशल मीडिया पर इसे लेकर बीजेपी की काफी आलोचना भी हो रही है। (आगे की स्लाइड में पढ़ें)
 
माकपा नेता सीताराम येचुरी पहले ही कह चुके हैं कि यूपी और कर्नाटक के पूर्व सीएम कल्याण सिंह और बीएस येदियुरप्पा भ्रष्टाचार और साम्प्रदायिकता की घातक कॉकटेल है। लेकिन बीजेपी के महासचिव अनंत कुमार ने येदियुरप्पा का बचाव किया है। फिर भी येदियुरप्पा को टिकट दिए जाने को विरोधी पार्टी मुद्दा बना सकती हैं।
 
राज्यवार उम्मीदवारों की घोषणा
कर्नाटक- 20 
पश्चिम बंगाल- 17
असम - 05
ओडिशा- 05
केरल- 03
त्रिपुरा- 02
 
 
कर्नाटक के पूर्व सीएम भी उम्मीदवार
हुगली - चंदन मित्रा 
आसनसोल से गायक बाबुल सुप्रियो 
शिमोगा- बीसएस येदियुरप्पा  
धारवाड-  प्रह्लाद जोशी
बेंगलुरु दक्षिण- अनंत कुमार
 
बड़े नेताओं पर अभी नहीं खोले पत्‍ते
 
भाजपा ने अपने बड़े नेताओं की सीटों को लेकर अब तक पत्‍ते नहीं खोले हैं। पार्टी के पीएम पद के उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी कहां से चुनाव लड़ेंगे, इस पर सबकी नजर है। खबरों के मुताबिक नरेंद्र मोदी दो सीटों - वाराणसी और अहमदाबाद ईस्‍ट - से चुनाव लड़ सकते हैं। माना यह भी जा रहा है कि राजनाथ सिंह को लखनऊ, मुरली मनोहर जोशी को कानपुर, लालकृष्‍ण आडवणी को गांधीनगर और कल्‍याण सिंह को एटा से उम्‍मीदवार बनाया जाएगा। लेकिन, इस बारे में पार्टी आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कह रही है।

अहमदाबादः जनसभा में भीड़ ने केजरीवाल पर फेंके पत्थर, लगे मोदी के पक्ष में नारे



अहमदाबाद. आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को गुजरात दौरे के चौथे और आखिरी दिन अहमदाबाद में एक जनसभा को संबोधित किया। इस जनसभा में मौजूद भीड़ ने बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के पक्ष में नारे लगाए। भीड़ में से कुुछ लोगों ने केजरीवाल के मंच की ओर पत्थर भी फेंके। पत्‍थर लगने से मंच पर एक व्यक्ति घायल भी हो गया। हालांकि, पत्‍थर फेंकने वालों की पहचान नहीं हो सकी।
 
जनसभा में केजरीवाल ने मोदी पर जमकर निशाना साधा। केजरीवाल ने कहा, पिछले तीन दिनों में मेरे ऊपर चार बार हमला हुआ। गुजरात में कभी भी कुछ भी हो सकता है, मैं तो यह सोच रहा हूं कि मेरे एनकाउंटर कैसे नहीं हुआ।'
उन्होंने कहा कि गुजरात के सीएम अदानी और अंबानी के लिए प्रोपर्टी डीलर बन गए हैं।
 
विकास के दावों का बताया खोखला
केजरीवाल ने मोदी के विकास के दावों को खोखला बताया। केजरीवाल ने भाषण के दौरान मोदी के 11 साल के शासन की तुलना अपनी 49 दिन की सरकार से की। केजरीवाल ने दावा किया कि उन्होंने 49 दिनों में मोदी से ज्यादा काम करके दिखाया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार दिल्ली में बनी तो पुलिसवालों ने रिश्वत लेनी बंद कर दी थी, जबकि गुजरात में रिश्वत का बोलबाला है।
 
कृषि को लेकर बोले केजरीवाल 
केजरीवाल ने कहा, 'मोदी ने किसानों को मिलने वाली सारी सब्सिडी खत्म कर दी है लेकिन टाटा को नैनो बनाने के लिए 29 हजार करोड़ की सब्सिडी मिली। देश के बाहर जाकर मोदीजी इतना झूठ बोलते हैं, जिसका कोई हिसाब नहीं है। उन्होंने बताया है कि 11 प्रतिशत कृषि विकास दर है। हमने उनकी वेबसाइट पर देखा, माइनस वन पर्सेंट विकास दर है।'

कालिख पोतने वाले AAP कार्यकर्ता पर केस करने से योगेंद्र यादव का इनकार



नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शनिवार को एक पार्टी कार्यकर्ता ने काली स्याही से हमला कर दिया। जंतर- मंतर पर महिला दिवस को लेकर आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में 'आप' नेता योगेंद्र यादव के चेहरे पर एक शख्स ने कालिख पोत दी। योगेंद्र यादव उस समय प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहते थे। 'आप' समर्थकों ने कालिख पोतने वाले युवक को मौके पर ही पकड़ लिया और उसकी जमकर धुनाई की। हालांकि, बाद में पुलिस ने हमलावर शख्स को अपने कब्जे में ले लिया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। योगेंद्र यादव बाद में संसद मार्ग थाने गए और पुलिस से युवक को छोड़ देने की अपील की। यादव ने युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने से इनकार कर दिया। 
 
युवक ने लगाए 'भारत माता की जय' के नारे 
यादव के मुताबिक, स्याही फेंकने वाले शख्स ने 'भारत माता की जय' का नारा लगाया और उनके चेहरे पर स्याही पोत कर भाग गया। इस हमले के बाद योगेंद्र यादव ने स्याही फेंकने वाले शख्स को पहचानने से भी इंकार कर दिया।
 
मीडिया से बात करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा, 'आप सब देख रहे हैं क्या हुआ, मैं तो उस  व्यक्ति का चेहरा भी नहीं देख पाया। जब आप बडी़ ताकतों के खिलाफ खड़े होते हैं तो आपको इतनी कीमत तो चुकानी ही पड़ती है। भगवान उस आदमी को सदबुद्धि दे।'
 
'आप' कार्यकर्ता है युवक
योगेंद्र यादव के चेहरे पर स्याही पोतने वाले शख्स ने पुलिस के सामने खुद को आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता बताया है। युवक का नाम सागर भंडारी बताया जा रहा है। घाटल शख्स को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया है। योगेंद्र यादव के मुताबिक, दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के बाद ही यह शख्स सदस्य बना था। लेकिन, पिछले कई महीनों से कहां था, यह पता नहीं है।
 
'आप' नेताओं पर पहले भी हो चुकी है कालिख से हमला 
यह पहला मौका नहीं है जब आम आदमी पार्टी के नेताओं को कालिख हमले का शिकार होना पड़ा हो। योगेंद्र यादव से पहले पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर स्याही फेंकी जा चुकी है। इससे पहले प्रशांत भूषण के चेहरे पर भी स्याही फेंकी गई थी। 
 
मीडिया अटेंशन या विरोध?
नेताओं पर स्याही या जूता फेंककर विरोध जताने का यह तरीका लगातार बढ़ रहा है। विरोध के इस तरीके को लेकर हर ओर आलोचना तो हो रही ही रही है, साथ ही यह भी सवाल उठना लगे हैं कि क्या सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए लोग ऐसे तरीकों के सहारा ले रहे हैं?
दरअसल, स्याही या जूता ज्यादातर ऐसे मौकों पर फेंके गए हैं जब मीडिया की मौजूदगी घटना स्थल पर हो। ऐसे इस बात की प्रबल संभावना हैं कि यह सब कुछ मीडिया अटेंशन पाने के लिए किया जाता है। 
 
बीजेपी- कांग्रेस ने की निंदा
बीजेपी नेता नलिन कोहली ने विरोध के इस तरीके की निंदा की है। 
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह तरीका सही नहीं है मैं इसकी निंदा करता हूं। 
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि स्याही फेंकना या जूता फेंकने जैसे विरोध के नए तरीके सही नहीं हैं। 
उधर, अहमदाबाद में रोड शो कर रहे आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा,  'जब आप सच्चाई के रास्ते पर निकलते हैं तो इस तरह की मुश्किल आती ही हैं।'

वाराणसी की सीट को लेकर राजनाथ-जोशी में तीखी बहस, सुषमा ने भी उठाए सवाल


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वाराणसी की सीट को लेकर राजनाथ-जोशी में तीखी बहस, सुषमा ने भी उठाए सवाल
नई दिल्‍ली. बीजेपी की चुनाव समिति की बैठक में वाराणसी सीट को लेकर पार्टी के वरिष्‍ठ नेता मुरली मनोहर जोशी और पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के बीच तीखी बहस हो गई। शनिवार को बैठक में सुषमा स्वराज ने भी अपनी नाराजगी को पार्टी मंच पर सार्वजनिक करते हुए टिकट बंटवारे और अन्य दलों से गठबंधन की प्रक्रिया पर सवाल उठाए।

जोशी ने राजनाथ के खिलाफ तेवर दिखाए और गुस्से में बैठक छोड़ चल दिए

केंद्रीय चुनाव समिति बैठक शुरू हुई, तभी जोशी ने सवाल उठाया कि वो वाराणसी से चुनाव लड़ते हैं, वहां को लेकर मीडिया में कई तरह की चर्चा हो रही है। इससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंच रहा है।
बहस में जोशी ने राजनाथ सिंह से कहा कि पार्टी को वाराणसी सीट को लेकर स्थिति साफ कर देनी चाहिए क्योंकि मीडिया और क्षेत्र में इसको लेकर काफी बेवजह की चर्चा हो रही है। इस पर राजनाथ ने जवाब दिया कि आज तो यूपी को लेकर कोई चर्चा नहीं होनी है। सो इस सवाल पर फिर बात करेंगे। राजनाथ ने जोशी को कोई आश्‍वासन नहीं दिया। राजनाथ के इस व्यवहार से दुखी जोशी बैठक बीच में छोड़कर गुस्से में बाहर निकल गए।
सुषमा ने भी किया बैठक का बहिष्‍कार , मोदी लहर पर उठाया सवाल
 बैठक में सुषमा स्वराज ने भी सीट बांटने को लेकर पार्टी के रूख की आलोचना करते हुए कहा कि अगर देश में मोदी लहर है तो सभी अपनी अपनी सीट से क्यों नहीं चुनाव लड़ते। पार्टी में इस पर इतना कन्फ्यूजन क्यों है। वह भी बैठक बीच में छोड़कर चली गईं।
तो रुख तो साफ करो राजनाथ
इस पर  जोशी ने फिर से सवाल उठाया कि मीडिया में आ रही खबरों पर अपना रुख साफ कीजिए। लेकिन इस सवाल के जवाब में राजनाथ ने कुछ नहीं कहा और सीधे बैंगलोर चले गए। गौरतलब है कि यहां RSS की खास चिंतन बैठक हो रही है। वह इसमें हिस्‍सा लेने के लिए गए है। चिंतन बैठक में भी इस सवाल पर चर्चा हो सकती है।
कब तक के लिए टल गया जोशी का सवाल
अब 13 तारीख को चुनाव कमेटी  की बैठक होगी, माना जा रहा है कि इसी दौरान वाराणसी की सीट को लेकर फैसला होगा वैसे पार्टी में आम राय बनती दिख रही है कि अगर वाराणसी की सीट से मोदी चुनाव  लड़ेंगे तो बिहार और लखनऊ समेत उत्‍तर प्रदेश में अच्छा संदेश जाएगा। लेकिन जोशी ने वाराणसी में चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है। और वो ये सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं।
सवाल टालने के पीछे मकसद
जानकारों के अनुसार आरएसएस के दिशा-निर्देश पर आगे की कार्रवाई तय होगी। दरअसल संघ चाहता है कि बीजेपी के बुजुर्ग और पुराने नेता अब युवा नेताओं के जगह खाली करें। फिलहाल संघ अभी खास सीटों पर बदलाव लाने पर होने वाले नफे-नुकसान विश्‍लेषण कर रहा है। इस विश्‍लेषण के आधार पर ही बीजेपी तय करेगी कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा।

बीजेपी ने बताया इसे कांग्रेस की चाल 
मीडिया में बैठक में हंगामे की खबर आने पर पार्टी नेताओं ने इसे कांग्रेस की चाल बताया है। इनका कहना है कि कांग्रेस जान बूझकर ऐसी खबरें फैला रही है।
लेकिन अंनत कुमार ने स्‍वीकारा कि नेता बीच बैठक में से उठकर चल गए थे
 टिकट सूची  को जारी करने के लिए आयोजित प्रेस वार्ता में बीजेपी के म‍हासचिव ने बातों बातों में मान लिया कि जोशी और सुषमा बैठक में बीच में चले गए थे। केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक के बीच से ही सुषमा स्वराज और मुरली मनोहर जोशी के चले जाने के बारे में पूछे गए सवालों पर अनंत कुमार ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष की नेता को भोपाल जाना था और जोशी को भी किसी पूर्व निर्धारित कार्य के लिए जाना पड़ा।

किसानों के 300 करोड़ रुपए हड़पने के आरोप में AAP उम्मीदवार पर मुकदमा दर्ज


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किसानों के 300 करोड़ रुपए हड़पने के आरोप में AAP उम्मीदवार पर मुकदमा दर्ज
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी के लिए बुरी खबर है। यूपी के सहारनपुर में आम आदमी पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार योगेश दहिया पर करोड़ों के घोटाले का आरोप लगा है। आरोप है कि दहिया ने किसानों के भूमि अधिग्रहण मामले में करोड़ों रुपए की धांधली की। इस मामले में दहिया और तत्कालीन एडीएम फाइनेंस समेत 5 लोगों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
 
क्या है मामला 
दरअसल, यूपी के सहारनपुर में गेल इंडिया कंपनी की गैस पाइप लाइन बिछाने के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। भूमि के अधिग्रहण के बदले किसानों को मुआवजा देना था।  दहिया पर आरोप है कि दहिया ने प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर ओवर राइटिंग करके किसानों के मुआवजे के 300 करोड़ रुपए हड़प लिए।

संघ प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा का जिम्मा लेने से सीआईएसएफ का इनकार



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संघ प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा का जिम्मा लेने से सीआईएसएफ का इनकार
 
 नई दिल्ली.  संघ प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा का जिम्मा लेने को लेकर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने इनकार कर दिया है। फिलहाल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघ चालक भागवत की सुरक्षा महाराष्ट्र पुलिस के पास है। केंद्र सरकार चाहती है कि उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी किसी केंद्रीय बल के पास हो, जिससे एक से दूसरे राज्य जाने पर सुरक्षा व्यवस्था एक जैसी ही रहे। उसमें किसी तरह की चूक की आशंका न हो। 
 
सूत्रों के मुताबिक, सीआईएसएफ को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त मोहन भागवत की सुरक्षा का जिम्मा लेने को कहा था। इसके बाद सीआईएसएफ ने अपने स्तर पर उनकी सुरक्षा को लेकर आकलन भी किया। लेकिन उसके बाद इस अर्धसैनिक बल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भागवत की सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया। इसकी वजह बताते हुए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने कहा कि फिलहाल भागवत की सुरक्षा महाराष्ट्र पुलिस के पास है। उन्हें जो सुरक्षा प्लान दिया गया है उसके मुताबिक सीआईएसएफ के पास सुरक्षा आने के बाद भी महाराष्ट्र पुलिस के जवान उनकी सुरक्षा में रहेंगे। ऐसा होने पर सुरक्षा बलों को लेकर एक 'मिश्रित' व्यवस्था हो जाएगी। इसे सीआईएसएफ उचित नहीं मानता है। उसका मानना है कि अगर उसे किसी व्यक्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी जा रही है तो वह पूरी तरह से उसके पास ही हो। उसमें मिश्रित स्वरूप न हो।
 
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि सीआईएसएफ को सुरक्षा देने का उद्देश्य यह था कि भागवत जहां भी जाएं उनके लिए एक जैसी सुरक्षा हो। जबकि फिलहाल जो व्यवस्था है उसके अनुसार उन्हें नागपुर में जेड प्लस से भी अधिक सुरक्षा कर्मी का सुरक्षाव्यूह में रखा जाता है। जबकि अन्य राज्य जाने पर महाराष्ट्र पुलिस के जवान कम हो जाते हैं। अगर कोई केंद्रीय बल होगा तो सभी जगह वह एक समान जवान उपलब्ध करा सकता है। ऐसे में सीआईएसएफ की मांग
को ध्यान में रखकर विचार किया जाएगा। 
 
इधर, सीआईएसएफ के प्रमुख अरविंद रंजन ने इस बाबत बात करने पर कुछ भी चर्चा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वीआईपी सुरक्षा पर कोई भी बात सार्वजनिक नहीं की जा सकती है। अगर इस मामले में कुछ कहना होगा तो वह केंद्रीय गृह मंत्रालय ही कह सकता है। अरविंद रंजन सीआईएसएफ प्रमुख बनने से पहले एनएसजी के प्रमुख थे। उन्हें एक शांत लेकिन सुरक्षा मामले का कड़क अधिकारी माना जाता है। 
 
सीआईएसएफ के लिए नई नहीं है वीवीआईपी सुरक्षा 
सीआईएसएफ फिलहाल देश के 7 वीवीआईपी को जेड प्लस सुरक्षा प्रदान कर रही है। जबकि 11 को जेड श्रेणी की सुरक्षा इसके कर्मी प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा करीब दो दर्जन वीआईपी को इसकी ओर से वाई श्रेणी और करीब 3 लोगों को एक्स श्रेणी की सुरक्षा दी जा रही है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह, पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल सहित कई नामचीन लोगों को सीआईएसएफ की सुरक्षा हासिल है।

क़ुरान का सन्देश

 
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