आपका-अख्तर खान

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10 मार्च 2014

कहते है पुरानी दोस्ती खून के रिश्ते से भी ज़्यादा अज़ीज़ होती है ,,,

कहते है पुरानी दोस्ती खून के रिश्ते से भी ज़्यादा अज़ीज़ होती है ,,,,,,,,कोटा में कॉमरेड हमीद उर्फ़ मुन्ना भाई और कॉमरेड अब्दुल वहीद की दोस्ती कुछ ऐसी ही थी ,,आपस में साथ रहना पड़ोसी होना और कॉमरेड गिरी में जनहित में संघर्ष साथ साथ करना ,,,अच्छे बुरे वक़त में एक साथ रहना ,,,खासकर जब कॉमरेड हमीद की बीमारी का वक़त आया तब खिमतगर के रूप में इस दोस्त कॉमरेड अब्दुल वहीद ने एडवोकेट जमील अहमद के साथ मिलकर अपने दोस्त अपने भाई होने का फ़र्ज़ निभाया ,,,जब कॉमरेड अब्दुल वहीद सुकेत के सरपंच अफ़ज़ल मंसूरी के वालिद के इंतिक़ाल के बाद झालावाड़ के पास एक गांव उनके दुःख में शामिल होने गए तो रात ज़यादा हो जाने से उनके बेटी के यहाँ सुकेत रुक गए ,,कॉमरेड वाहिद ने सुबह सवेरे ख़्वाब देखा जिसमे कॉमरेड अबदल हमीद उर्फ़ मुन्ना भाई की म्रत्यु हो गयी है फिर भी वोह खिड़की में आकर कॉमरेड वहीद को देख रहे है ,,कॉमरेड वहीद ने कॉमरेड हमीडी को देखकर सवाल क्या के तुम तो मर गए फिर केस वापस आये ,,उनका कहना था क्यूँ में मरकर वापस नहीं आ सकता क्या ,,खेर घबराकर कॉमरेड हमीद उठे और कोटा का रुख क्या यह ख़्वाब सभी को सुनाया और इधर रात को कॉमरेड अब्दुल हमीद की तिबयत अचानक खराब हुई उन्हें पहले भारत विकास परिषद और फिर एम बी एस अस्प्ताल ले जाया गया जहां सुबह सवेरे कॉमरेड हमीद की गोद में एक दोस्त कॉमरेड अब्दुल वहीद ने दम तोड़ दिया ,,कॉमरेड वहीद और उनके दोस्त जिन्हे उन्होंने यह ख़्वाब सुनाया था वोह सोचते रहे यह संजोग था या फिर किसी दोस्ती का सुबूत ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जब तक हाडोती के इस शेर कॉमरेड हमीद उर्म मुन्ना कॉमरेड में दम था ,,, यह ना बिका ,,ना डरा ,,ना पुलिस के डंडे या मौत के डर से दबा

जब तक हाडोती के इस शेर कॉमरेड हमीद उर्म मुन्ना कॉमरेड में दम था ,,, यह ना बिका ,,ना डरा ,,ना पुलिस के डंडे या मौत के डर से दबा ,, लेकिन देखिये हाडोती के इस शेर कॉमरेड हमीद के बाद इनके पार्थिव शरीर को दो गज़ ज़मीन ने दबा दिया ,,यही है ज़िंदगी की हक़ीक़त ,,मौत इसे आयना दिखाती है ,जी हां दोस्तों कोटा में ज़ुल्म ज्यादती के खिलाफ इंक़लाब का परचम लहरा कर अपनी जान की परवाह मज़लूमो को इन्साफ दिलाने वाला यह मसीहा क़रीब दो दशक तक कोटा में मज़दूर और मज़लूमों के दिलों का राजा बना रहा ,,,,,,,, आज सुबह गरीबों के इस मसीहा ने आखरी सांस ली और इनका संस्कार कोटा घंटाघर स्थित जामामस्जिद वाले क़ब्रिस्तान में धार्मिक रीती रिवाज से भीगी हुई आँखों से क्या गया ,,,कल घंटाघर स्थति जमा मस्जिद में सुबह आठ बजे से इनके स्वेम की फातिहा तीसरे की बैठक है ,,,,,,चाहे बीड़ी मज़दूर हो ,,चाहे खान मज़दूर ,,फेक्ट्री के मज़दूर हो या फिर अखबार बांटने वाले होकर ,,पत्रकार संघ हो या फिर कर्मचारियों के संगठन हो सभी लोगों के कॉमरेड हमीद लाडले थे ,,,भ्रस्ट पुलिस अधिकारी ,,पुलिस कर्मी ,,अधिकारीयों में इनके नाम की दहशत थी क्योंकि पुख्ता सुबूत होने के बाद किसी भी भ्रष्ट अधिकारी का आम जनता की उपस्थिति में गधे पर जुलुस निकलना ज़रूरी क़दम होता था ,,,,,चाहे बढ़े से बढ़ा दादा हो ,,सेठ हो पूंजीपति हो ,,,नेता हो ,,मज़दूर हो सभी इनकी चोखट पर इनसे मिलने और इन्साफ मांगने ज़रूर जाते थे ,,,दलित और गरीब मज़दूरों के इस मसीहा को दो बार घंटाघर इलाक़े से पार्षद चुना गया ,,,,फिर यह कम्युनिस्ट और समाजवाद के फाउंडर मेंबर रहे है ,,,,मुख्यमंत्री मोहन लाला सुखाडिया हो चाहे बरकतुल्ला मुख्यमंत्री हो चाहे भेरोसिंह शेखावत मुख्यमंत्री रहे हो सभी इस मसीहा को अपने साथ अपनी सियासी पार्टी के साथ जोड़ने के लिए आतुर थे और इनकी पार्टी से जुड़ने पर हर शर्त मानने को तैयार थे लेकिन एकला चलो रे की तर्ज़ पर चलें वाले इस कामरेड हमीद ने किसी की न सुनी और मज़दूर ,,दलित गरीबों की मदद का रास्ता चुना ,,,,दलित और गरीबों पर पुलिस की लाठी का हर वार इन्होने अपने ऊपर झेला और यही वजह रही के इनके शरीर की हर हड्डी पुलिस की लाठी से तोड़ लेकिन इन्होने निर्भीक और निडर होकर हमेशा मज़लूमों के हक़ में आवाज़ उठाई है ,,आज इस मसीहा को जब लोगों ने अनजान मौत की तरह अशुरपूर्ण श्रद्धांजलि दी तो लोगों के दिल और दिमाग में कई सवाल थे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मोदी लहर होती तो सही बात है मोदी वहाँ से चुनाव लड़ते जहाँ भाजपा कमज़ोर स्थित में है

दोस्तों एक क़िस्सा है ,,,,,,मुस्लिम समाज में एक महिला को गुस्से में उसके पति ने तलाक़ दिया ,,फिर समझोता हुआ लेकिन हालत ऐसे बने के शरीयत के क़ानून के तहत हलाला यानि किसी दूसरे सज्जन से निकाह कर फिर उससे सुहागरात मना कर उसे तलाक़ दिलवाकर फिर से उसी पति से उसकी शादी करना थी ,,ऐसे में एक अंधे ,,बूढ़े मोलवी साहब से सोदा तय हुआ ,,उन्हें पुरस्कार राशि देना तय करते हुये कहा के निकाह के बाद आप इस महिला को तलाक़ दे देना ,,खेर अंधे मोलवी से तलाक़शुदा महिला का निकाह हुआ ,,दूसरे दिन पूर्व पति मोलवी साहब के पास पहुंचे और उनसे अपनी पूर्व पत्नी को तलाक़ देने को कहने लगे ,,,मोलवी साहब मुकर गए ,,कहने लगे भाई में तो अंधा हूँ ,,में बूढ़ा हूँ मुझ से कोन निकाह करेगा यह जो निकाह हुआ है इसे ही रहने दो ,,आप तो जवान है खूबसूरत है आप से तो कोई भी ओरत निकाह कर लेगी इसलिए भाई में इस ओरत को तलाक़ नहीं दे सकता ,,,तो जनाब यह क़िस्सा तो एक चुटकुले की तरह है लेकिन देश में मोदी लहर पर भाजपा के दूसरे नेताओं के साथ जेसे लाल जी टंडन ,,मुरलीमनोहर जोशी वाराणसी और लखनऊ के लिए सही साबित लगता है क्योंकि अगर मोदी लहर है तो फिर जिसकी लहर है वोह खुद नरेद्र मोदी तो कहीं से भी किसी भी लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और चुनाव जीत जाए बेचारे लाल जी टंडन और मुरलीमनोहर जोशी की निर्वाचित सीट पर क्यूँ डाका डाला जा रहा है ,,या तो मोदी लहर नहीं है ,,या फिर खुद मोदी को और उनके रणनीतिकार को मोदी की हार का खतरा है इसीलिए तो यह बवाल मचा है भाई ,,खेर मोदी लहर होती तो सही बात है मोदी वहाँ से चुनाव लड़ते जहाँ भाजपा कमज़ोर स्थित में है ताकि मोदी लहर से वोह लोकसभा सीट और आसपास की दूसरी सीटें भाजपा की झोली में आती और इसके लिए मोदी लहर को प्रमाणित करने के लिए मोदी को अमेठी या फिर रायबरेली से सोनिया या फिर राहुल के खिलाफ चुनाव लड़कर उन्हें हराकर अपनी लहर और अपनी लोकप्रियता को साबित करना चाहिए ताकि वोह देश के एकछत्र नेता साबित हो सके और कोंग्रेस की बोलती बंद कर सके लेकिन वोह ऐसा नहीं करते है तो फिर यह स्वीकार कर लेना चाहिए के मोदी लहर की तो सिर्फ नोटंकी है ,प्रचारबाज़ी है वास्तव में तो खुद की हार जीत के लेने के देने पढ़े है ,,,,,,,,,,,,अख्तर

राहुल कल देवली आये और भाजपा सरकार को महाभ्रष्ट बताकर चले गए

राहुल कल देवली आये और भाजपा सरकार को महाभ्रष्ट बताकर चले गए ,,,,,,,बेचारे राहुल को उनकी राजस्थान में रही पूर्व सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत और कोंग्रेस का राजस्थान में राम नाम सत करने वाली गेहलोत टीम ने यह भी नहीं बताया के उन्होेंने कोंग्रेस की सरकार आने से पहले पूर्व भाजपा सरकार और उस वक़त की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा सिंधिया के खिलाफ भरष्टाचार मामले की जांच के लिए एक आयोग नुमा कमेटी बनाई थी ,,,जांच करवाई थी लेकिन कोई सुबूत नहीं मिला उलटे हाईकोर्ट ने ऐसी समिति ऐसे कथित आयोग को लेकर कोंग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत और उनकी सरकार को लताड़ भी पिलाई थी और समिति को अवैध ठहरा आकर भंग कर दी थी ,,पुरे पांच साल में कोंग्रेस के अशोग गेहलोत खुले रूप से सभी फाइलों में वसुंधरा सिंधिया और भाजपा सरकार का भ्रष्टाचार सूंघते रहे तलाशते रहे लेकिन उन्हें ढेला मात्र भी भर्ष्टाचार के सुबूत नहीं मिले और गेहलोत सरकार ने कभी भी वसुंधरा या फिर किसी भी भाजपा के मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के कोई सुबूत पेश नहीं किये ऐसे में राहुल गांधी अगर राजस्थान में भाजपा सरकार के पूर्व कार्यकाल को महाभ्रष्ट कहते है तो वोह पप्पू जेसी ही बात करते है ,,रहा सरकार वर्त्तमान का तो वर्त्तमान में तो भाजपा ने दो माह में कोई काम ही नहीं क्या तो फिर भ्रष्टाचार का तो प्रश्न ही नहीं उठता समझे पप्पू भैया ,,ज़रा बालिग़ बनो दिमाग से सोचो पहले तोलो फिर बोलो वरना यह गोपालगढ़ के मुस्लिमों के क़ातिल आपको म्यूज़ियम में रखने की चीज़ बना देंगे और आप सिर्फ इतिहास में वंस अपॉन ऐ टाइम की तरह पढ़े जाओगे ,,सुधरो पप्पू भैया थोड़ा कभी कभी अपना खुद का भी दिमाग लगा लिया करो कब तक यूँ फीडर से दूध पीते रहोगे और गलत तस्वीर गलत भाषण देकर हंसी का पात्र बनते रहोगे ,,,,,,,,अख्तर

में तुम्हे अपना लूँ

में तुम्हे अपना लूँ
तुम मुझे अपना लो
चलो इस प्यार के क़िस्से को
बस यूँ ही तमाम करते है ,,,,,,अख्तर

मेरी इल्तिजा

मेरी इल्तिजा
मेरी आजिज़ी
तुम्हारा इंकार
चलो इसकी भी इंतिहा देखेंगे ,,
में इल्तिजा करता हूँ
में इंतिज़ार करता हूँ
तुम इंकार करते रहो
में मेरी इल्तिजा
में तेरे इंकार की हदें देखता हूँ
में तेरे इंकार की इंतिहा देखता हूँ ,,,,,,,,,,,अख्तर

दोस्तों हिंदुस्तान के मेरठ में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे और उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं ,,,अजीब बात है

दोस्तों हिंदुस्तान के मेरठ में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे और उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं ,,,अजीब बात है ,पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों में मोदी के परधानमंत्री उम्मीदवारी पर चिंता अच्छी बात है ,,,,,,,आतंकवाद का सर्वनाश ही भारत का सुनहरा मुस्तक़बिल है ,,,, हमे सोचना होगा हमारे उन नेताओं के बारे में जिन्हे हम पूजते है ,,मोलाना अबुल कलाम आज़ाद जिसे मुसलमान अपना लीडर और आदर्श मानते है उनसे कोई मुसलमान नहीं पूंछ सका के जब देश के टुकड़े हो रहे थे तो उन्होंने विरोध क्यूँ नहीं क्या ,,अगर देश के टुकड़े हुए तो फिर उन्होंने इस देश में मंत्री का लुत्फ़ उठा कर जश्न क्यूँ मनाया ,,क्यूँ कोंग्रेस के पंडित जवाहर लाल नेहरू जिनके दादा मुसलमानो में से थे उनके कार्यकाल में आरक्षण परिपत्र केवल  हिंदुओं के लिए लिखने पर ऐतराज़ जता कर अपने पद से इस्तीफा क्यूँ नहीं दिया ,,,,,,हमे सोचना होगा जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या नाथू राम गोडसे ने कि तो क्यूँ सरदार पटेल ने सभी हिंदुओं को आतंकवादी बताया ,,क्यूँ आर एस एस पर पाबदी लगाकर इन्हे जेल भेजा अगर वोह निर्दोष थे अगर वोह देश भक्त थे तो वोह आर एस एस पर पाबंदी लगाने के पहले इस्तीफा दे देते कुरसी छोड़ देते ,,,सरदार पटेल विभाजित भारत का अगर विरोध करते तो वोह फिर विभाजित भारत में मंत्री पद छोड कर अपना त्याग जताते तो दोस्तों जिन्हे हम आदर्श मानने लगे है उन्होंने हमे विरासत में क्या कुछ दिया है इसके बारे में सोचे और आज की सियासत जिस तरह से चल रही है उस पर चिंतन मनाना करना होगा सब्सिर्फ कुर्सी और कुर्सी हथियाना चाहते है एक दूसरे के खिलाफ  हवा बनाकर खुद को हीरो साबित करना चाहते है लेकिन हक़ीक़त में हीरो कोन है हमे देखना होगा अधिक से अधिक संख्या में वोट डालकर अपने अपने चहेते प्रत्याक्षियों को खड़ा कर राष्ट्रहित में सोचते हुए नवराष्ट्रनिर्माण के लिए नयी केंद्र सरकार चुनना होगी ,,क्या हम ऐसा कर सकेंगे या फिर यूँ ही मुसलमान अबुल कलाम आज़ाद जिसने मुसलमानो को आरक्षण से रोकने पर भी कोई विरोध नहीं जताया और कुर्सी से चिपके रहे उन्हें अपना नेता मानते रहेगे या फिर हिन्दू भाई सरदार वल्लभ भाई पटेल जिन्होंने भारत के विभाजन होने पर भी कुर्सी स्वीकार की क्रूसी नहीं छोड़ी और गांधी की हत्या एक व्यक्ति द्वारा करने पर पुरे हिन्दू समाज को आतंकवादी ठहराया संघ जेसे राष्ट्रवादी संगठन को प्रतिबंधित कर इसके नेताओं को जेल भिजवाया लिखित में माफ़ी मंगवाई इतना ही नहीं पुरे हिन्दू संगठनों को गांधी की हत्या में शामिल बताकर अपमानित क्या गया ,,ज़रा सोचो जिन्हे हम मुस्लिम हीरो जिन्हे हम हिन्दू हीरो कहते है यह सब कुर्सी पर बने रहने के लिए सौदेबाज़ी करते रहे है हमारे जज़बात हमारे समाज हमारे धर्म से खेले है इसलिए प्लीज़ जज़बात से नहीं ,,धर्म से नहीं सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रभक्ति और नैतिकता से इस देश के बारे में सोचे अपना वोट इसी तर्ज़ पर डाले प्लीज़ ,,ज़रा चिन्तनं और मनन करे ,,क्रोधित होने के पहले इतिहास और इतिहास के हालातों को ज़रूर भांप ले ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

3 रुपए में छप जाता है 1000 का नोट, जानें और नोट छपते हैं कितने रुपए में



पैसा एक ऐसी चीज है जिसका हर किसी की जिंदगी में बहुत ही इम्पोर्टेंट रोल है। पैसे की वजह से ही बहुत सारे अपराध भी होते हैं। कभी चोरी की घटना, तो कभी नकली नोट की बातें अक्सर सामने आती हैं, लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा है कि आखिर ये नोट छापने में खर्चा कितना आता होगा?
Dainikbhaskar.com अक्सर ही अपने यूजर्स को पैसों से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताता ही रहता है। हमारी तरफ से यूजर्स को यह भी बताया गया है कि आखिर कैसे असली और नकली नोट की पहचान की जाए। आपको पैसों से जुड़ी जालसाजियों के बारे में भी अक्सर ही अपडेट किया जाता है। इतना ही नहीं, आप अपने पैसे कहां निवेश करें और उन्हें कैसे खर्च करें, इस बारे में भी आपको जानकारी दी जाती है।
इसी कड़ी में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर इन नोटों को छापने में खर्चा कितना आता है। इसमें हम आपको 10 रुपए से लेकर 1000 रुपए तक के नोट छापने में होने वाले खर्चे के बारे बताएंगे। तो आइए जानते हैं किस नोट को छापने में कितना खर्च आता है-
1000 के नोट (प्रति हजार नोट)-
भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड- 2670 रुपए
सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑप इंडिया लिमिटेड- 3159 रुपए
1000 के नोट (प्रति नोट)-
भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड- 2.67 रुपए
सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑप इंडिया लिमिटेड- 3.15 रुपए
500 के नोट (प्रति हजार नोट)-
भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड- 2450 रुपए
सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑप इंडिया लिमिटेड- 2530 रुपए
500 के नोट (प्रति नोट)-
भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड- 2.45 रुपए
सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑप इंडिया लिमिटेड- 2.53 रुपए
100 के नोट (प्रति हजार नोट)-
भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड- 1200 रुपए
सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑप इंडिया लिमिटेड- 1408 रुपए
100 के नोट (प्रति नोट)-
भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड- 1.20 रुपए
सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑप इंडिया लिमिटेड- 1.40 रुपए
50 के नोट (प्रति हजार नोट)-
भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड- 1635 रुपए
सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑप इंडिया लिमिटेड- 946 रुपए
50 के नोट (प्रति नोट)-
भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड- 1.63 रुपए
सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑप इंडिया लिमिटेड- 0.94 रुपए
20 के नोट (प्रति हजार नोट)-
भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड- 940 रुपए
सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑप इंडिया लिमिटेड- 1160 रुपए
20 के नोट (प्रति नोट)-
भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड- 0.94 रुपए
सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑप इंडिया लिमिटेड- 1.16 रुपए

इंटरव्यू विवाद: चैनल ने बताया साजिश, AAP बोली- जवाब देना जरूरी नहीं



नई दिल्‍ली. आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल के एक नए वीडियो पर विवाद हो गया है। चैनल ने इसे खुद के खिलाफ एक साजिश बताया है तो इस मुद्दे पर 'आप' ने सफाई दी है। 'आप' का कहना है कि हर मुद्दे पर जवाब देना जरूरी नहीं है। करीब एक मिनट के इस वीडियो में केजरीवाल एक न्‍यूज चैनल को दिए इंटरव्‍यू के बाद पत्रकार से इंटरव्‍यू के खास हिस्‍सों को चलाने की बात कहते हुए नजर आ रहे हैं। यह इंटरव्‍यू केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद दिया था। यह वीडियो सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर काफी देखा जा रहा है। 
 
चैनल ने दी सफाई
न्यूज चैनल ने इस विवाद पर बयान जारी करते हुए कहा कि यह चैनल की विश्वसनीयता खराब करने की साजिश है। चैनल के मुताबिक, इंटरव्यू को संपादित नहीं किया गया औऱ लाइव चलाया गया। 
 
शाजिया बोलीं-  नेता-सेलेब्स तो सवाल भी पहले ही तय कर लेते हैं
आम आदमी पार्टी की नेता शाजिया इल्मी ने इस मसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वीडियो में अरविंद केजरीवाल जो कुछ कहते नजर आ रहे हैं, उसमें कुछ भी गलत नहीं है। ज्यादातर नेता और सेलेब्स तो इंटरव्यू के सवाल तक भी पहले से ही तय कर लेते हैं। 
 
क्‍या कहते दिख रहे हैं केजरीवाल
 
टीवी एंकर से इंटरव्‍यू के बाद पत्रकार से ऑफ द रिकॉर्ड बातचीत में केजरीवाल उन्हें बता रहे हैं कि इंटरव्यू के कौन से हिस्से को महत्व देना है और बार-बार दिखाना है। केजरीवाल इसमें कहते दिखाए गए हैं कि मैं निजीकरण के खिलाफ नहीं बोलना चाहता। इसके जवाब में पत्रकार उन्हें सलाह दे रहे हैं, 'हाशिए पर जो 80% समाज है, इस पर आप आ जाइए न। देश में असल वोट बैंक तो यही है ना।' जवाब में अरविंद केजरीवाल कह रहे हैं, 'हां, मैं यह बोलना भूल गया। इस पर बोलूंगा मैं।' इसके बाद केजरीवाल कह रहे हैं, 'वह वाला ज्यादा चला दीजिएगा।' जवाब में पत्रकार कहते हैं, 'अरे वो चलेगा। बहुत क्रांतिकारी है। भगत सिंह वाले पर तो बहुत प्रतिक्रया आएगी।'

गुस्से से लाल राजनाथ ने पूछा सरकार से- इंदिरा की हत्या कैसे हुई ?



इंदौर. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथसिंह ने सोमवार को इंदौर में बेहद गुस्से में भाषण दिया। आरएसएस का बचाव करते हुए उन्होंने निशाने पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को रखा। राजनाथ ने राहुल को इतिहास के पन्ने पलटकर बात करने की नसीहत दे डाली। इसी के साथ नया मुद्दा उछाला। कहा- देश इंदिरा गांधी की हत्या को भूला नहीं है। मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि श्रीमती गांधी की हत्या की जांच का काम राजीव गांधी ने ठक्कर कमेटी को सौंपा था। कमेटी की रिपोर्ट को आज तक सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया? इंदिरा गांधी की हत्या कैसे हुई? प्रधानमंत्री को इसका खुलासा करना चाहिए। 
 
दरअसल राजनाथ, राहुल के उस आरोप से खफा थे जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस के लोगों को जिम्मेदार बताया था। राजनाथ ने कहा- राहुल ने बिना सच्चाई समझे आरोप लगाया है। कांग्रेस नेतृत्व अपने उपाध्यक्ष से कहे कि वे आरोप को वापस लें..। सहनशीलता की एक सीमा होती है, इसे नहीं भूलना चाहिए। कांग्रेस के नेता अपनी वाणी पर नियंत्रण नहीं रख पा रहे हैं। पूरी पार्टी डिप्रेशन में चली गई है। कभी भाजपा को चोर तो कभी जहरीली पार्टी कहा जा रहा है। आज देश संकट में है। छोटे-छोटे देश हमें आंख दिखा रहे हैं। मुंहतोड़ जवाब देने के बजाय प्रधानमंत्री मौन हैं। समूचे देश की निगाह भाजपा पर है। दुनिया के विश्लेषक मानने लगे हैं कि हिंदुस्तान में अगर सबसे बेहतर हुकूमत कोई चला सकता है तो वह भाजपा है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम 272 से ज्यादा सीटें हासिल करेंगे।

बढ़ने जा रहा है बैंकों का सर्विस चार्ज, जानें किस सेवा में होगी कितनी बढ़ोत्तरी


बैंक एटीएम ट्रांजेक्शन पर फीस तो नहीं बढ़ा रहे हैं, लेकिन कई दूसरी सर्विसेज का चार्ज बढ़ाने वाले हैं। अब बैंक में डुप्लिकेट पिन लेना हो या फिर डिमांड ड्राफ्ट बनवाना हो, इसके लिए आपको अधिक पैसे चुकाने होंगे। बैंकों द्वारा प्रदान की जाने SMS अलर्ट सेवा पर भी आपको अधिक पैसे चुकाने पड़ेंगे।
एक्सिस बैंक, धनलक्ष्मी बैंक और सिटी यूनियन बैंक अपनी सेवाओं के बदले में 1 अप्रैल के बाद से अधिक पैसे वसूल करने जा रहे हैं। हाल ही में यूनियन बैंक और एसबीआई ने भी अपने सर्विस चार्ज बढ़ाए हैं। अभी ATM ट्रांजेक्शन फीस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है। आरबीआई की कमेटी ने बैंकों से ट्रांजेक्शन फीस बढ़ाने को लेकर 15 दिन के अंदर प्रस्ताव मांगा है।
तो आइए जानते हैं किस बैंक ने कौन-कौन सी सेवाओं पर बढ़ाए हैं चार्ज-
एक्सिस बैंक
=> यदि आपका ईसीएस डेबिट फेल हो जाता है तो अब आपको 350 रुपए का भुगतान करना पड़ेगा। पहले यह कीमत 200 रुपए थी।
=> यदि बैंक से कोई डुप्लिकेट पिन इश्यू करवाना हो तो 100 रुपए का भुगतान करना होगा।
=> यदि किसी डिमांड ड्राफ्ट को कैंसिल करवाना है तो भी आपको 100 रुपए देने होंगे।
=> यदि आपके सेविंग्स अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं होगा तो अब आपको हर महीने 250 रुपए चुकाने होंगे।

AAP: कार्यकर्ताओं की फिर अनदेखी, मोदी के खिलाफ स्टिंग करने वाले पत्रकार को टिकट



नई दिल्‍ली। मोदी के खिलाफ स्टिंग करने वाले पत्रकार आशीष खेतान समेत आम आदमी पार्टी ने सोमवार को लोकसभा चुनावों के लिए अपने 61उम्‍मीदवारों की लिस्‍ट जारी की है। हालांकि,  इस सूची में भी आलाकमान ने पार्टी के संस्थापक सदस्यों को नजरअंदाज किया। पार्टी ने आशीष खेतान, वी बालाकृष्णन समेत कई ऐसे लोगों को टिकट दिए, जो हाल ही में पार्टी शामिल हुए। गौरतलब है कि पार्टी में टिकट बंटवारे के इस तरीके को लेकर लगातार विरोध भी हो रहा है।
सूची में शामिल ये हैं बड़े नाम
इस लिस्‍ट में पार्टी ने नई दिल्‍ली सीट से स्टिंग पत्रकार आशीष खेतान और दक्षिण दिल्‍ली सीट से कर्नल देवेंद्र सहरावत को टिकट दिया है। इसके अलावा पार्टी ने हरियाणा की 4, कनार्टक की 13, पंजाब की 3 और उत्‍तर प्रदेश की 39 सीटों पर अपने उम्‍मीदवारों की घोषणा की है।
पार्टी ने नई दिल्‍ली सीट से गुलेल के पत्रकार आशीष खेतान को मौजूदा कांग्रेस सांसद अजय माकन के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा है। जबकि दक्षिणी दिल्‍ली सीट से कांग्रेस सांसद और 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में आरोपी सज्‍जन कुमार के भाई रमेश कुमार  के खिलाफ कर्नल देवेंद्र सहरावत को टिकट दिया है।
खेतान बोले- मेरी लड़ाई सांप्रदायिकता और भ्रष्‍टाचार के खिलाफ
मीडिया से कथित सेटिंग का एक वीडियो सामने आने के चलते विवाद झेल रही आम आदमी पार्टी का टिकट पाने के बाद आशीष ने कहा, मुझे ऐसी पार्टी के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने टिकट दिया है, जोकि पूरी तरह भ्रष्‍टाचार में लिप्‍त है। मेरी लड़ाई सांप्रदायिकता और भ्रष्‍टाचार के खिलाफ है और मैं पूरी तन्‍मयता से चुनावी मैदान में उतरूंगा।
येदियपुरप्पा के खिलाफ जी श्रीधर
इनके अलावा पार्टी ने कर्नाटक के पूर्व मुख्‍यमंत्री बी.एस येदुरप्‍पा के खिलाफ शिमोगा से जी. श्रीधर कल्‍लाहल्‍ला, बंगलुरु (दक्षिण) से मौजूदा सांसद और भाजपा उपाध्‍यक्ष अनंत कुमार के खिलाफ नीना पी. नायक, पंजाब के संगरूर से हास्‍य कलाकर भगवंत मान, यूपी के ताकतवर नगर विकास मंत्री आजम खान के खिलाफ आजमगढ़ सीट से राजेश यादव और हरियाणा के फरीदाबाद से कांग्रेस सांसद अवतार सिंह भड़ाना के खिलाफ पुरुषोत्तम डागर को चुनावी रण में उतारा है।

क़ुरान का सन्देश

,वाह बिटिया वाह वाह सदफ अख्तर वाह

दोस्तों आज दस मार्च को मुझे मेरे माँ बाप ,,रिश्तेदार ,,नातेदारों बेड़ियों से जकड़ कर मेरी गुलामी की ज़ंजीर मेरी शरीके हयात के हवाले कर दी थी ,,,,,सर्कस का एक शेर ट्रेनर हंटर वाली लड़की को तो आप जानते ही है खेर आप से क्या छुपा है ,,पुरे तेईस साल गुजरने पर पहली दस मार्च ऐसी थी जब मेरी बिटिया जवेरिया के ट्वेल्थ बोर्ड के पेपर चल रहे है कल उसका केमिस्ट्री का पेपर है सो कोई शोरशराबा नहीं सिर्फ ,,हैप्पी मेरिज एनिवर्सरी का दिखावा ,,कोई धूमधड़ाका नहीं कोई घूमना फिरना नहीं ,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन अदालत से घर आकर जब में बेठा तो मेरी छोटी बिटिया ने मुझ से पड़ोस की दूकान से लिखने के लिए पेन लाने की परमिशन मांगी ,,,और वोह पांच मिनट में वापस आ गयी ,,,,में अपने दफ्तर गया ,,ज़रूरी कामकाज निपटा कर जब घर पहुंचा तो देखा के शरीके हयात साहिबा टीवी पर बेठी है सीरियल देख रही है इधर दूसरे कमरे में बिटिया जवेरिया पढ़ रही थी ,,,मेने कपड़े चेंज किये पास के कमरे में अधेरा था रसोई में बिटिया सदफ और एक पड़ोस की उसकी दीदी प्रिंसी जो रिश्तेदार भी है मौजूद थीं मेने पूंछा तो कहा गया के इनकी गेस खत्म हो गयी इसलिए कुछ बनाना है ,,,थोड़ी देर में बिटिया मुझे ,,मेरी बढ़ी बेटी जवेरिया और शरीके हयात को बुलाने आती है ,,अँधेरे कमरे में रोशनी होती है और कमरे की सजावट देख में चोंक उठता हूँ ,,टेबल पर नाश्ता सजा है ,,, दो तीन तरह के व्यंजन है ,,चाय है ,,पानी है ,,,कोल्ड ड्रिंक्स है ,,,और हैप्पी मेरीज एनिवर्सरी के गुब्बारे के साथ धमाके वाले फुलछोड़ने वाले पठाखे है ,,केंडिल डीनर का माहोल है ,,,,,,,,ऐसी अप्रत्याशित सजावट ,,अप्रत्याशित इंतिज़ाम और खाने पीने की चीज़े सजी हुई देख मुझ से रहा न गया और मेने मेरी बिटिया को जियो मेरे लाल कहकर गले से लगा लिया ,,,,,,,,,,ऐसा लगा जेसे बिटिया ने अपना फ़र्ज़ पूरा क्या और मेरा सीना छप्पन इंच का हो गया ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,में बिटिया से शुक्रिया भी नहीं कह सकता था बस उसे गर्व से प्यार करता रहा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,और सोचता रहा के आजकी मेरीज एनिवर्सरी जब हम बढ़ी बिटिया के वजह से बाहर जाकर नहीं मना पाये थे तो बिटिया ने घर में ही एक फाइव स्टार जैसा माहोल बनाकर हमारी एनिवर्सरी बना डाली ,मज़ेदार बात जिस प्रिंसी दीदी को में बिना कामकाज की समझता था उसने जो भी बनाया बहुत टेस्टी और मज़ेदार बनाया प्रबंधन बिटिया का और महनत प्रिंसी बिटिया का ,,,,,वाह बिटिया वाह वाह सदफ अख्तर वाह ,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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