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15 मार्च 2014

इतना बहा रक्त कि काला हो गया ये आम का पेड़, काटने पर निकलता था खून!

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पानीपत। पानीपत की जमीन पर तीन युद्ध लड़े गए थे, जो सन् 1526, सन् 1556 और सन् 1761 में लड़े गए। पानीपत का तीसरा युद्ध मराठों और मुगलों के बीच लड़ा गया था। मराठों की तरफ से सदाशिवराव भाऊ और मुगलों की ओर से अहमदशाह अब्दाली ने नेतृत्व किया था।
 
पानीपत की लड़ाइयों के बारे में सबने सुना ही है, लेकिन क्या इससे जुड़ी एक खास बात के बारे में आपने सुना है? क्या आपने सुना है उस पेड़ के बारे में जिसे काटने पर उसमें से खून निकलता था? नहीं सुना? आइए आपको बताते हैं उस पेड़ की कहानी जिसे काटने पर निकलता था खून-

शहीद जवानों के पेट में बम प्लांट करने वाले नक्सलियों ने किया सरेंडर



रांची/गढ़वा। पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी के दो माओवादियों ने पुलिस के समक्ष शुक्रवार को आत्मसमर्पण किया। दोनों ने पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार झा एवं सीआरपीएफ के कमांडेंट कमलेश सिंह सहित कई पुलिस पदाधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया।  पुलिस के मुताबिक, ये वही नक्सली हैं जिन्होंने पिछले साल जनवरी में लातेहार शहीद जवानों के पेट में बम प्लांट किया था। कई अन्य मामलों में भी इनकी तलाश थी।
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में मुन्ना कोरवा गुरिल्ला आर्मी का उप कमांडर रह चुका है। जबकि दूसरा मंगरु कोरवा उर्फ सकेंदर गुरिल्ला आर्मी का सदस्य था। दोनों भंडरिया थाना क्षेत्र के टेहरी गांव के खीराखांड़ टोला के रहने वाले हैं। दोनों वर्ष 2009 में संगठन से जुड़े थे। उक्त दोनों माओवादियों पर छत्तीसगढ़ व झारखंड के कई थानों में पांच मामले दर्ज हैं।
पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार झा ने कहा कि उक्त दोनों माओवादी 2012 में भंडरिया थाना क्षेत्र में घटी घटना में शामिल थे जिसमें थाना प्रभारी सहित 14 पुलिसकर्मी मारे गए थे। इसके अतिरिक्त लातेहार के कुमंडी में हुए मुठभेड़ में भी शामिल थे, जहां माओवादियों ने सीआरपीएफ के मृत जवानों के पेट में बम प्लांट किया था। इसके अतिरिक्त लातेहार जिले के ही टेहरी गांव में हुए मुठभेड़ में भी उक्त दोनों माओवादी शामिल थे।
वर्ष 2013 में गुमला के सिविल गांव में हुए उग्रवादी घटना में उक्त दोनों शामिल थे। इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ के बलरामपुर थाना क्षेत्र में घटी उग्रवादी घटना में बलरामपुर थाना के द्वारा इनके घर की कुर्की भी की गई है। एसपी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले मुन्ना कोरवा तीसरी कक्षा पास है जबकि मंगरु कोरवा अनपढ़ है। एसपी ने बताया कि उक्त दोनों निहत्थे ही पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है।
एसपी ने बताया कि सरकार की पुर्नवास नीति के तहत उक्त दोनों को सरकारी सहायता प्रदान की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि मुख्यधारा से जुडऩे वाले लोगों को मुख्यधारा में लाएंगे। उन्‍होंने कहा कि वे अन्य माओवादियों से भी अपील करेंगे कि वे मुख्य धारा से जुड़कर सामान्य जिंदगी जीएं।
ऐसे हुआ आत्मसमर्पण
पुलिस बहुत दिनो से उक्त दोनों माओवादियों के परिवार वालों से संपर्क में थी। दोनों माओवादियों के परिजनों ने आत्मसमर्पण के लिए उक्त दोनों पर दबाव भी बनाया। दोनों माओवादी संगठन से छुट्टी लेकर घर आए थे। इसी बीच दोनों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
आत्मसमर्पण के बाद दोनों माओवादियों ने कहा कि वे अपने परिवार वालों की प्रेरणा से स्वेक्षा से आत्मसमर्पण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि माओवाद का सिद्धांत सही है। लेकिन आज माओवादी अपने सिद्धांत से भटक गए हैं। जैसा सोचा था वैसा काम संगठन में नहीं हो रहा है। संगठन में छोटे स्तर के सदस्यों के साथ गाली गलौज एवं अभद्र व्यवहार करना आम बात है। संगठन में बड़े पदाधिकारियों के द्वारा खूब शोषण किया जाता है। जिससे आजिज होकर उन्‍होंने संगठन से रिश्ता तोड़ डाला। दोनों ने कहा कि संगठन में महिलाओं के साथ भी अच्छे बरताव नहीं होते। दोनों नक्सलियों ने कहा कि वे लोग जोनल कमांडर कुलदीप जी, अक्षय जी एवं इंद्रजीत जी के दस्ते में चलते थे।

विज्ञापन जीवित नवजात को बता दिया मृत, दफनाने के समय पता चला चल रही थी सांसे


भीलवाड़ा. महात्मा गांधी जिला अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ की घोर लापरवाही सामने आई है। स्टाफ ने जीवित नवजात को मृत बताकर परिजनों को सौंप दिया। परिजनों ने दफनाने की तैयारी भी कर ली, लेकिन बच्चे को गांव ले जाते समय उसके जीवित होने का अहसास हुआ। स्टाफ से फिर चैकअप कराया तो उन्होंने भी उसे जीवित बताकर एनआईसीयू में भर्ती कर लिया। नवजात का उपचार जारी है। आमली (मांडलगढ़) निवासी पप्पू की 22 वर्षीय पत्नी गजरी ने गुरुवार रात करीब 10:34 बजे सात माह के बच्चे को जन्म दिया।
लेबर रूम के स्टाफ ने नवजात को मृत बताया और कपड़े में लपेटकर एक तरफ रख दिया। परिजनों को भी सूचना दी गई। करीब आधा घंटे बाद दादी प्रेमदेवी ने बच्चे को दफनाने के लिए गांव भेजने के लिए उसे गोद में उठाया तो बच्चे की आंखें हिलती दिखीं। गौर से देखा तो सांसें भी चल रही थी। दादी जोर से चिल्लाई तो स्टाफ मौके पर पहुंचा और बच्चे की जांच की। उसकी सांसें और धड़कन चल रही थी। इसके बाद उसे तुरंत एनआईसीयू में भर्ती किया गया।
भीलवाड़ा के सरकारी अस्पताल में घोर लापरवाही
लिखकर दिया- मृत है बच्चा, परिजनों से लिखवा लिया- शव प्राप्त किया

स्टाफ शोभा मैसी व कमला मेवाड़ा ने भर्ती टिकट पर मृत नवजात लिख दिया। जननी शिशु सुरक्षा योजना के फार्म पर भी मृत होने की एंट्री कर दी। परिजनों से भी फॉर्म पर यह लिखवा लिया कि मृत नवजात का शव प्राप्त कर लिया है। हालांकि बच्चे के जीवित होने पर एंट्री काट दी गई।
मृत घोषित करने में कुछ ज्यादा ही जल्दी कर दी : विशेषज्ञ
 
रिटायर्ड वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश छापरवाल ने बताया कि नॉमली एक मिनट में बच्चे का दिल 120 से 140 बार धड़कता है। कई बार धड़कन और सांसें इतनी कम रहती है कि बच्चे की जांच के बाद भी वह मृत दिखाई देता है। बच्चे को बाहर रखने व ऑक्सीजन मिलने पर हार्मोंस निकलते हैं। इससे धड़कन बढ़ जाती है। जो भी नवजात है, उसे तुरंत मृत घोषित नहीं करना चाहिए। केवल नर्सेज के भरोसे नहीं रह सकते, इसमें डॉक्टर की राय जरूरी है।
 
स्टाफ ने बच्चा मृत बताया था। हमने भी मृत मान लिया। बच्चा आधे घंटे तक ऐसे ही पड़ा रहा। मैंने शव समझकर उसे गांव में भिजवाने के लिए हाथों में उठाया तो उसके जीवित होने का अहसास हुआ। अगर थोड़ी देर हो जाती तो शायद बच्चा वास्तव में ही मर जाता। -प्रेमदेवी गुर्जर, नवजात की दादी

अमेरिका अधिकारी ने जताई आशंका- MH370 से भारतीय शहर पर थी 9/11 जैसे हमले की तैयारी



कुआलालंपुर. मलेशिया के लापता हुए जिस MH370 विमान को ढूंढ़ने का काम पिछले एक हफ्ते से चल रहा है, हो सकता है उसे हाइजैक किया गया हो। लेकिन, अमेरिका अधिकारी स्ट्रोब टेल्बोट ने आशंका जताई है कि लापता MH370 से भारतीय शहर पर हमले की तैयारी थी। अमेरिका अधिकारी ने लापता होने से पहले विमान के ईंधन, रेंज और दिशा के आधार पर भारत में 9/11 जैसी हमले की आशंका व्यक्त की है। स्ट्रोब अमेरिकी विदेश नीति के प्रमुख हैं और बिल क्लिंटन के कार्यकाल में अमेरिका के उप विदेश मंत्री रहे हैं। स्ट्रोब इस आशंका के बाद भारतीय एजेंसियां सतर्क हो गई है। हालांकि, भारत ने अभी तक इस मसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। 
 
इससे पहले, मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रज्‍जाक ने शनिवार को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर कहा कि इस विमान के हाईजैक होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। नजीब रज्‍जाक ने कहा कि विमान को उसके रास्‍ते से कहीं और ले जाया गया। उन्‍होंने कहा कि विमान के क्रू मेंबर्स और सवारियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है और हर मुमकिन दिशा में जांच की जा रही है। पीएम रज्जाक के बयान के बाद पुलिस ने लापता विमान के पायलट के घर छापा मारा है।
 
जांच से पता चली हाइजैक की बात
 
इससे पहले मलेशियाई अधिकारियों ने मामले की जांच के बाद इस बारे में जानकारी दी थी। जांचकर्ताओं ने कहा था कि एक या दो वैसे लोगों ने इस विमान को हाइजैक कर लिया था जिन्‍हें विमान को उड़ाना आता था। जांच में शामिल एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि विमान को हाइजैक करने के बाद उसके संचार उपकरण को बंद कर दिया गया था और उसे किसी दूसरे रास्‍ते पर उड़ाकर ले जाया गया था।
 
मकसद का पता नहीं
 
हालांकि, विमान को हाइजैक क्‍यों किया गया, इसके मकसद का अभी तक पता नहीं चल पाया है। अधिकारी ने बताया कि न तो मकसद का पता चला है और न ही इस बारे में किसी तरह की कोई मांग सामने आई है। यह भी पता नहीं है कि विमान को कहां ले जाया गया था। गुमनामी की शर्त पर इस अधिकारी ने कहा, विमान के हाइजैक होने की बात अब सिर्फ अनुमान भर नहीं है बल्‍कि यह जांच की पुष्टि है। उन्‍होंने कहा कि ऐसा मानने के पीछे ठोस वजहें भी हैं। मसलन, विमान के संचार उपकरण को जानबूझकर बंद कर देना और रडार की पकड़ से बचने के लिए विमान को दूसरे रास्‍ते पर मोड़ देना आदि।

क़ुरान का सन्देश

 
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