दोस्तों आज थोड़ी तबियत अलील थी लेकिन फिर भी जो दोस्त मुझे ईद वगेरा की मुबारकबाद देने आते है उन्हें तो मुझे भी होली मुबारक कहना था सो में घर से निकला ,,कार के शीशे चढ़ा लिए ,,गली से निकलते निकलते एक दर्जन से भी ज़यादा बेवड़े शोरशराबा करते हुए दिखे ,,कुछ टकराते टकराते बचे ,,कुछ बेहोश पढ़े हुए थे ,,सड़क पार की तो कुछ लड़कों ने एक भाभीजी को घेर रखा था और बुरा ना मानो होली है कहकर उनके जिस्म के हर जगह रंग लगाने का कॉम्पिटिशन था बेचारी भाभी जी कसमसाती हुई भाग रही थी और यह होली मुबारक वाले लोग उनसे अभद्र होली कर रहे थे ,,,,,थोडा आगे बढ़ा एक बच्ची आगे आगे दो लड़के पीछे पीछे और आखिर उसे इन दोनों ने दबोच लिया पीछे से दो लड़के और आ गए लड़की को पटखनी दी और किस तरह से रंग लगाया होगा में तो बताने की स्थिति में भी नहीं हूँ आप ही समझ गए होंगे ,,,आगे चला तो ढोल मंजीरे के साथ टोलियाँ थीं कुछ शराब पिए हुए थे तो कुछ ने भंग पी रखी थी कई लोगों ने कार पर कलर से हमला क्या लेकिन दरवाज़े बंद थे इसलिए बच गए ,,,,,,,रास्ते भर होली की नहीं शराबियों और भांग खोरों की हुड़दंग अधिकतम लोगों को महिलाओं की तलाश दिख रही थी और जान ना पहचान उनपर लोग जबरन रंग लगाने की कोशिशों में थे कई जगह सुखी होली थी केवल तिलक लगाया जा रहा था ,,,रिश्तों की मर्यादा में चरण छू कर केवल गुलाल का तिलक कर या फिर बिना हाथ लगाये गुलाल दूर से छिड़क कर होली है का मज़ा लिया जा रहा था ,,व्यंजन बने थे वोह खाये जा रहे थे बनाये जा रहे थे ,,,,,,,कई जगह जिन लोगों को दारु चढ़ गई थी वोह गली गलोच बदतमीज़ी करते नज़र आ रहे थे उनकी घर की ओरतें उन्हें पकड़ कर ले जाना चाहती थी तो उनपर भी दूसरे लोग रंग लगा रहे थे और यह दारूडीए अपनी मर्दानगी दिखाने के लिए अपने घर की ओरतों के साथ गाली गलोंच और धक्का मुक्की कर रहे थे अजीब मंज़र था खेर में अपने मित्र के पास पहुंचा तो देखा दरवाज़ा बाहर से बंद था ताला लगा था ,,में समझा शायद यह जनाब परिवार सहित बाहर गए है फिर भी मेने सोचा चलो इतनी दूर आये है तो फोन पर तो बात कर ले ,,,फोन किया होली मुबारक दी तो मेरे इस मित्र को जब पता चला के में उसके घर के बाहर हूँ तो उसने कहा के होली के हुड़दंगियों के डर से मैन गेट पर तो ताला है आप पिछले दरवाज़े से आजाइए ,,में पिछले दरवाज़े से इन जनाब के यहाँ गया तो बस पकवान बन रहे थे ,,,हल्के गुलाल के टीके लगे थे और सब बंद खिड़कियों में से होली का माहोल देख रहे थे ,,,मेने मेरे मित्र और उसके परिजनों से कारन पूंछा तो वोह कहने लगे भाई हम तो बाहर के है हमारे यहाँ होली तहज़ीब के दायरे में खुशी मनाने के लिए रिश्तों की लाज रखने के लये बनाई जाती है यूँ बेहूदगी के लिए शराबियों के लिए और अभद्रता या फिर ओरतों को अपनी गंदी विचारधारा का शिकार बनाने के लिए नहीं ,,हमारी तो बस बंद मकान की यही होली है उन्होंने मुझे रोका नाश्ता कराया होली की बधाई हुई और में फिर घर आ गया लेकिन सोचता रहा कितना फ़र्क़ है आत्मिक होली और सड़कछाप होली ,,सोचता रहा धर्म और मज़हब तो होली को कितना पवित्र और पूजनीय रूप देते है लेकिन शराब और भांग के नशेबाज़ ,,,,हवसखोर ,ओरत को रिश्तों की मर्यादाओं से अलग कर सिर्फ उपभोग की वस्तु समझने वालों ने इस होली और इसके उदेश्य को कितना अपवित्र कर दिया है ,,,बुझे मन से ,,,,,,लरज़ते कांपते हाथों से मुझे यह पोस्ट लिखने को मजबूर होना पढ़ा है लेकिन मुझे एक अच्छी बहतर प्यार भरी अपनेपन भाईचारे और सद्भावना की तस्वीर भी इस होली के त्यौहार में देखने को मिली है जो हमारे बुज़ुर्ग अगर लगातार युवाओं को संस्कारित करते रहेंगे और मर्यादाओं का पाठ पढ़ाते रहेंगे तो निश्चित तोर पर हम आने वाले कल में आदर्श होली भाईचारे सद्भावना की पवित्र होली मनाएंगे और इस माहोल में माँ बहनों को भी लगेगा के हम दुश्मनों में नहीं परिवार में सुरक्षित है ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
16 मार्च 2014
रिवाज: मेले में पान-गुलाल से चुनते हैं जीवन साथी और फिर भागकर करते हैं शादी
भोपाल. मध्यप्रदेश के निमांड इलाके में एक मेला लगता है जहां
पान-गुलाल से ही जीवनसाथी चुन लिया जाता है। इसके बाद भागकर शादी कर ली
जाती है। दरअसल, होली पर्व के निकट ही झाबुआ, धार, बडवानी और अलिराजपुर में
उत्साह और उमंग से सराबोर जनजातीय वर्ग का प्रमुख मेला भगोरिया का अयोजन
होता है।
मान्यता के अनुसार युवक और युवतियां अपने मनपसंद जीवन साथी की तलाश के
लिए ही यहां आते हैं। वे पान खिलाकर अपने प्रेम का इजहार करते हैं और दिल
जीतने की कोशिश करते हैं। इन मेलों में आने वाले मौज-मस्ती का कोई भी मौका
हाथ से नहीं जाने देत। मेले में झूलों से लेकर आइस्क्रीम और गोलगप्पों का
बाजार सजा है।
मुकाम सिंह कहते हैं कि भगोरिया मेले को लेकर मान्यता है कि इस मौके
पर युवक-युवती एक दूसरे को पान खिला दें या एक दूसरे के गाल पर गुलाल लगा
दें तो मान लिया जाता है कि दोनों में प्रेम हो गया है। इतना ही नहीं वे
दोनों मौका पाकर भाग जाते हैं और विवाह बंधन में बंध जाते हैं। भागकर शादी
करने के कारण ही इस पर्व को भगोरिया पर्व कहा जाता है।
आसाराम के खिलाफ बयान देने वाले पर तेजाब फेंका, दो बार पहले भी हो चुका है हमला
दिनेश सहित इन तीनों ही गवाहों ने पुलिस सुरक्षा लेने से मना कर दिया था। बाकी सभी गवाहों को पर्याप्त सुरक्षा र्दी गई है। आसाराम नाबालिग लड़की से दुष्कर्म मामले में जोधपुर जेल में हैं। उनके खिलाफ सूरत की एक महिला ने भी ऐसा ही आरोप लगाया था। इस महिला की छोटी बहन ने आसाराम के बेटे नारायण के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप लगाया था।
गुजरात दंगा: मोदी को क्लीनचिट पर बोले राहुल- बड़ी अदालतों का फैसला आना बाकी
नई दिल्ली. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात दंगे मामले में बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी
को क्लीनचिट देने वाली एसआईटी रिपोर्ट को दोषपूर्ण बताया है। उन्होंने
कहा कि इस मामले में अभी बड़ी अदालतों का फैसला आना बाकी है। यह बात
उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कही। उन्होंने
कहा कि एसआईटी की रिपोर्ट में नरेंद्र मोदी को मिली क्लीन चिट पर देश के कई
प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं।
बोले राहुल- इस बार भी यूपीए की सरकार बनेगी
इंटरव्यू में राहुल में कहा कि इस बार भी देश में UPA-3 की सरकार
बनने जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कम करके नहीं आंका
जाए। राहुल ने कहा है कि कांग्रेस 2014 के लोकसभा चुनाव में साल 2009 के
लोकसभा चुनाव से भी ज्यादा सीटें हासिल करेगी। साथ ही राहुल ने यह भी कहा
कि गठबंधन पर कांग्रेस की स्थिति स्पष्ट है और समान विचार वाले दलों के साथ
कांग्रेस आगे काम करेगी।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने माना- देश में केंद्र सरकार के खिलाफ माहौल
राहुल गांधी ने माना कि देश में केंद्र सरकार के खिलाफ एक हद तक माहौल
है, लेकिन उन्होंने भरोसा जताया कि जनता उन्हें समर्थन देगी। राहुल गांधी
ने ओपिनियन पोल को मजाक बताया। हालांकि उन्होंने इस बात को स्वीकार किया
कि इस बार का चुनाव चुनौती भरा है।
भाजपा का पलटवार
केजरीवाल ने स्वीकारी वाराणसी में मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती, अंतिम फैसला 23 को लेंगे
बेंगलुरु. आम आदमी पार्टी (आप) नेता अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि वे बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी
के खिलाफ वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ने की चुनौती स्वीकार करते हैं।
हालांकि उन्होंने कहा कि वह इस बारे में अंतिम फैसला 23 मार्च को वाराणसी
में करेंगे। बेंगलुरु में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा वह 23
मार्च को वाराणसी में एक रैली को संबोधित करेंगे और वहां पर लोगों की राय
जानने के बाद वे मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने पर अंतिम फैसला लेंगे।
केजरीवाल ने जनता से अपील की, 'मैं बहुत छोटा आदमी हूं और मुझे आप
लोगों को ही मुझे जिताना होगा।' इसके अलावा उन्होंने मोदी के दो सीटों से
चुनाव लड़ने पर भी निशाना साधा और पूछा कि मोदी एक सुरक्षित सीट क्यों
ढूंढ रहे हैं।
बीजेपी और कांग्रेस पर साधा जमकर निशाना
इससे पहले रैली में उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी पर
जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लोग बीजेपी और कांग्रेस से दुखी हो गए
हैं और वे बदलाव चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में
इतने ज्यादा घोटाले हुए कि हर जगह घोटाला ही नजर आता है। यूपी की सपा और
बसपा पार्टियों पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा कि राज्य के लोग
अखिलेश यादव और मायावती से ऊब चुके हैं। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने
कहा कि यूपी में अखिलेश यादव की सरकार बने दो साल भी नहीं हुए हैं और 10 से
ज्यादा दंगे हो चुके हैं।
येदियुरप्पा, श्रीरामुलु पर बोला हमला
केजरीवाल ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और बी
श्रीरामुलु सहित राज्य के अन्य नेताओं पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा
कि पता नहीं क्या मजबूरी थी कि बीजेपी ने येदियुरप्पा को वापस पार्टी में
शामिल कर लिया। केजरीवाल ने बेल्लारी के रेड्डी बंधुओं के जरिए बी
श्रीरामुलु को भी आड़े हाथ लिया। केजरीवाल ने कहा, लोग बता रहे हैं कि
नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो येदियुरप्पा को दूरसंचार मंत्री और
श्रीरामुलु को खनन मंत्री बनाया जाएगा। केजरीवाल ने इनके अलावा अनंत सिंह,
सदानंद गौड़ा सहित राज्य के कई और नेताओं पर भी अलग-अलग आरोप लगाए।
बिगड़ते रिश्तों को बचाने के लिए समाज के समझदार लोगों को पहल करना होगी ,
कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद ने आज यहाँ कोटा के मुअज़िज़ मुसलमानो के समक्ष अपने दिल का दर्द रखते हुए कहा के इन दिनों बिगड़ते रिश्तों को बचाने के लिए समाज के समझदार लोगों को पहल करना होगी ,,उन्होंने कहा के छोटी छोटी गलत फहमियों से रिश्ते बिगड़ रहे है ,,मामले अदालत ,,थानों में पहुंच रहे है ,,,दरकते रिश्तों के कारण परिवारों में नफरत का माहोल है जबकि ऐसे टूटते परिवारों के बच्चों का भविष्य चोपट हो रहा है ,,,उन्होंने आह्वान करते हुए कहा के अपने अपने मोहल्लों ,,क्षेत्रों या जान पहचान वालों में ऐसे बिगड़ते हालत बनने पर उन्हें समझाना चाहिए ,,,शहर क़ाज़ी ने कहा के आप लोगों की बहतर समझाइश से कई बिगड़ते परिवारों का घर बिगड़ने से बचाया जा सकता है ,,उन्होंने क़ुरानी तालीम का हवाला देते हुए कहा के ऐसे बिखरे हुए लोगों को समझाइश करे उनकी गलत फहमिया दूर करे और अगर इन परिवारों में समझोता ना मुमकिन हो जाए तो फिर वोह समझाइश से ही आपसी लिखापढ़ी से अलग हो जाए ताकी समाज में ऐसे लोग तमाशा न बने ,,,,,,,,,,,,,,कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद ने हाल ही में बाबा जंगलीशाह भंवर शाह तकिया क़ब्रिस्तान में क़ब्रिस्तान की बदहाल सूरत बदलने की मुहीम की प्राथमिक सफलता की प्रशंसा करते हुए शाबाशी दी उन्होेंने कहा के क़ब्रिस्तान में सुधार के काम में हमे तहज़ीब के दायरे में रहते हुए सोचना होगा के हमारी किसी भी गलती से किसी को तकलीफ न पहुंचे ,,उन्होंने कहा के अपने पूर्वजों की क़ब्र पर जब कोई फातिहा पढ़ने आये तो ऐसा न हो के उसकी क़ब्र गायब मिले और उसके दिल को तकलीफ पहुंचे ,,अगर ऐसी क़ब्रे कीचड़ में आ गयी है तो उन पर मिटटी डालने के बाद पहचान के लिए निशानदेही कर देना चाहिए ,,उन्होंने क़ब्रिस्तान के सौन्दर्यकरण और चारदीवारी के काम में सभी लोगों से मदद का आह्वान करे हुए कहा के इसकाम को जो कमेटी बनी है वोह लोग आपसी मशवरे से करे सुन्नत है ,,उन्होंने कहा के कोई भी एक व्यक्ति अगर अपनी मर्ज़ी से काम करता है तो फिर टीम भाव खत्म हो जाता है और अभियान में कामयाबी नहीं मिलती है ,,उन्होेंने हिदायत की के भविषय में जो भी काम हो टीम भाव से आपसी मशवरे से और सभी आम मुसलमानो के जज़बात को ध्यान में रखते हुए कार्यवाही हो ताकि सफलता हमे जल्दी मिल सके और हमारे मददगारों की संख्या भी बढ़ सके ,,,,,,,,,,,,,,कोटा शहर क़ाज़ी ने आम मुसलमानो में शिक्षा की तरफ भी ध्यान देने का आह्वान किया ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अंत में शहर क़ाज़ी ने प्रस्तावित भंवरशाह तकिया क़ब्रिस्तान के नक़शे पर सभी के विचार आने के बाद आम सहमती बन जाने पर आबिद कागज़ी द्वारा आह्वान करने पर सभी की उपस्थिति में सर्वसम्मत नक़शे का विमोचन किया जिसमे क़ब्रिस्तान को कई ब्लॉकों में बांटा गया है ,,खूबसूरत चारदीवारी का प्रावधान ,,हाईमास्क लाइट लगाने और खुशबूदार पौधे लगाने ,,पृथक से एक रोज़ गार्डन बनाने ,,वुज़ू का स्थान बनाने ,,बारिश का पानी नालियों के निकास करने ,,,सभी ब्लॉकों में व्यवस्थित चार क़ब्रें बनाने और सभी क़ब्रों तक पहुंच के लिए पगडंडी सहित पेड़ पौधे चारों तरफ लगाने का प्रावधान रखा गया है जिसमे तीन करोड़ की लागत आने की सम्भावना है ,,,,इस भंवर शाह तकिया क़ब्रिस्तान में ज़िला वक़फ़ कमिटी कोटा ने भविषय में किसी को भी किराएदारी पर देने और कोई भी व्यवसायिक गतिविधि नहीं चलाने का सरसम्मत निर्णय लेते हुए कहा है के यह पूरी भूमि क़ब्रिस्तान के लिए ही आरक्षित रहेगी और भविषय में कोई भी व्यवसायिक गतिविधि इस क़ब्रिस्तान परिसर में प्रतिबंधित रहेगी ,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोटा शहर के बीचो बीच बदहाल रहा भंवर शाह तकिया जंगलीशाह क़ब्रिस्तान अब राजस्थान का खामोश ,,समस्यामुक्त ,,खुशनुमा होने जा रहा है
कोटा शहर के बीचो बीच बदहाल रहा भंवर शाह तकिया जंगलीशाह क़ब्रिस्तान अब राजस्थान का खामोश ,,समस्यामुक्त ,,खुशनुमा होने जा रहा है ,,,,,,शहर के बीचोबीच स्थित इस क़ब्रिस्तान की बदहाली के क़िस्से तो सभी को पता है यहाँ मिटटी नहीं थी ,,क़ब्रें शहीद थी तो कीचड़ और तलाई का माहोल था ,,,,,बिगड़े हुए हालात ,,जानवरों का चालु क़ब्रों पर उत्पात ,,जंगली पेड़ ,,काटों भरी डगर ,,डरावना जंगल इस क़ब्रिस्तान के हालात थे ,,,,,,,,,,,मेने इस बदहाली के बारे में जब दैनिक भास्कर के सम्पादक विजय सिंह चौहान को बताये तो उन्होंने इसे गम्भीरता से लिया और पत्रकारिता की ज़िम्मेदारी से ऊपर उठकर इसे संवेदनशीलता बताते हुए एक अभियान के रूप में शामिल कर इस अभियान को आखरी पढ़ाव पर मिले सम्मान नाम दिया ,,,,अभियान में मेरे अलावा ,,प्रेस फोटोग्राफर सलीम शेरी ,,,कोंग्रेस के आबिद कागज़ी ,,भाजपा के इलियास अंसारी ,,वक़फ़ के अज़ीज़ अंसारी ,,शाहिद अली ,बाबा रज़ाक ,, भाई रफ़ीक़ बेलियम ,मोहम्मद हुसेन मिस कोल ,रहीम भाई ,,,आबिद अहमद वाहिद क़ुरेशी ,,नासिर अहमर ,,अमजद अली ,,,इमरान क़ुरेशी सहित कई लोग इस मुहीम का हिस्सा बने और आज फख्र के साथ कह सकते है के कोई काम नहीं है मुश्किल जब क्या इरादा पक्का ,,,आज इस क़ब्रिस्तान को सबसे बहतर समस्यामुक्त बनाने की मुहीम लगभग चरणों में है ,,चव्वन बीघा से इकत्तीस बीघा बचा यह क़ब्रिस्तान अब साफ़ सुथरा हो गया है ,,यहाँ झाड़िया साफ है ,,उबड़ खाबड़ ज़मीन समतल हो रही है तलाई लगभग भरने लगी है ,,सड़क से पानी का बहाव रोकने के लीये क़ब्रिस्तान का स्तर ऊंचा होने लगा है और सबसे बढ़ी बात सभी की कोशिशों और इमदाद से इस क़ब्रिस्तान की चारदीवारी तैयार होने लगी है जो काफी हद तक बन चुकी है ,,,,आज कोटा के आम मुसलमानो को क़ब्रिस्तान के सौन्दर्यकरण और हिफाज़त के इस काम को दिखाने के लिए बुलाया गया बैठक हुई और सर्वसम्मति से इंजिनियर अमजद अली द्वारा तैय्यार नक़शा विमोचित कर स्वीकृत क्या गया ,कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद की सहमति से तैयार इस नक़शे में गार्डन ,,,छोटी छोटी क़ब्रों के ब्लॉक तय्यार किये गए है ताकि क़ब्रिस्तान में असुविधा न हो और खूबसूरत सा भी लगे ,,क़ब्रिस्तान की चारदीवारी के बाद एक बुलंद दरवाज़ा बनेगा जो मोहम्मद भाई ठेकेदार बनवाएंगे ,,पत्थर के स्टोक वालों ने खुद ने बाउंड्री का काम शुरू करवाया है और वोह इसमें मदद कर रहे है ,,,,,आज आयोजित इस कार्यक्रम का संचालत भाई रफ़ीक़ बेलियम ने किया ,,सदारत कोटा शहर क़ाज़ी ने की जबकि आबिद कागज़ी साहब ने क़ब्रिस्तान की कारसेवा और भविषय की रणनीति से अवगत कराया ,,उन्होंने भास्कर सहित सभी मददगारों का शुक्रिया अदा किया ,,और इस काम को अंजाम देने के लिए भरपूर सहयोग की मांग की ,,उन्होंने बताया के अभी तो केवल मीट्टी डालने ,,चारदीवारी बन्ने और कीचड़ खत्म कर क़ब्रों की हिवाज़त का काम हुआ है अभी तक तेईस लाख का काम हो गया है जिसमे से सलाह लाख रूपये अभी बाज़ार के लोगों को देना है जबकि अभी केवल छह लाख रूपये खर्च किये जा चुके है ,,आबिद कागज़ी ने बताया के इस काम में नक़शे के अनुरूप आधुनिक और सजावट वाले क़ब्रिस्तान को मिसाली बनाने के लिए लगभग तीन करोड़ रूपये का खर्चा आएगा ,,,,,,,कार्यक्रम की अध्यक्षता कोटा शहर क़ाज़ी अनवर अहमद ने की ,,,,कार्यक्रम के पहले गुलशेर अहमद ने तिलावते क़ुरान पेश किया जबकि इनके बाद हाजी शरीफ पठान ने नात कलाम पेश किया ,कार्यक्रम में सलीम अब्बासी नेशनल बेटरी की तरफ से दावते तुवांम का इंतिज़ाम था ,कार्यक्रम में निक्कू उर्फ़ नियाज़ भाई ,,मोहम्मद मिया ठेकेदार ,,डॉकटर युनुस ,,निज़ामुद्दीन बबलू ,,,साजिद भाई वक़फ़ नगर ,,असगर जमील ,,,नोशेखान ,,,शफ़ीक़ भाई पॉपुलर फ्रंट ,,इलियास अंसारी ,,,अज़ीज़ अंसारी ,,समीउल्ला अंसारी ,,हाजी रज़ाक अंसारी ,,लियाक़त अंसारी ,,अनवर अंसारी ,,रहीम खान ,,रउफ खान ,,जुम्मा भाई ,,फ़ारुक़ भाई ,,खलील इंजिनियर सहित सो से भी अधिक कोटा के मुअज़ज़िज़ मुसलमान लोग शामिल थे सभी ने इस काम को बिना किसी बाधा के जल्दी पूरा होने की दुआ भी की ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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