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21 मार्च 2014

भाजपा में संकट: जसवंत का टिकट कटा, उमा ने मांगी मनचाही सीट, चिन्‍मयानंद भी हुए बागी!



नई दिल्‍ली. लोकसभा चुनाव के लिए टिकटों के बंटवारे के मुद्दे पर बीजेपी में बगावत के आसार बनते जा रहे हैं। निर्दलीय चुनाव लड़ने की चेतावनी के बावजूद बाड़मेर से जसवंत सिंह का टिकट कट गया है। उधर, उमा भारती ने भी पार्टी से भोपाल से टिकट मांगा है। उन्‍हें झांसी से टिकट दिया गया है। सतपाल महाराज के भाजपा में शामिल होने से उत्‍तराखंड में पार्टी की अंदरूनी लड़ाई बगावत का रूप ले सकती है। बिहार में भी शत्रुघ्‍न सिन्‍हा को पटना साहिब से टिकट दिए जाने से पार्टी का एक खेमा नाराज है। शुक्रवार को नामांकन भरते वक्‍त भाजपाइयों ने ही काले झंडे दिखाए। इन सबके बीच स्‍वामी चिन्‍मयानंद भी बीजेपी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। दरअसल, बीजेपी ने इस बार जौनपुर का टिकट उनकी जगह केपी सिंह को दे दिया है। अब चिन्‍मयानंद का कहना है कि अगर जनता कहेगी तो वह चुनाव जरूर लड़ेंगे। 
 
गांधीनगर सीट से लालकृष्‍ण आडवाणी की उम्‍मीदवारी प्रकरण के बाद अब जसवंत सिंह बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। दरअसल, शुक्रवार को बीजेपी ने चार उम्‍मीदवारों की लिस्‍ट जारी की जिसमें बाड़मेर से जसवंत सिंह को टिकट नहीं दिया गया। उनकी जगह कर्नल सोनाराम चौधरी को टिकट दिया गया है। सोनाराम चौधरी को राजस्‍थान की मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे का करीबी बताया जाता है और माना जा रहा है कि राजे के इशारे पर ही जसवंत का टिकट काटा गया है।
 
बाड़मेर से निर्दलीय लड़ेंगे जसवंत!
 
जसवंत पहले ही पार्टी को चेता चुके हैं कि अगर उन्‍हें बाड़मेर से टिकट नहीं दिया गया तो वह अकेले दम पर चुनाव लड़ेंगे। अब ऐसी खबरें हैं कि जसवंत ने निर्दलीय उम्‍मीदवार के तौर पर बाड़मेर से लड़ने का पूरा मन बना लिया है। सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए वह 24 मार्च को अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं। अगर जसवंत इस सीट से निर्दलीय लड़ते हैं तो निश्चित तौर पर बीजेपी और सोनाराम चौधरी की राह आसान नहीं होगी।
 
उमा भारती का सुर भी बदला
 
टिकट बंटवारे को लेकर उमा भारती भी खुश नहीं बताई जातीं। खबर है कि उन्‍होंने पार्टी नेतृत्‍व को बताया है कि वह भोपाल से लड़ना चाहती हैं। उन्‍हें झांसी से लोकसभा का उम्‍मीदवार बनाया गया हैं।

शिवसेना के शिर्डी से लोकसभा उम्‍मीदवार को तीन साल की जेल



मुंबई. महाराष्‍ट्र में शिवसेना के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व मंत्री बबनराव गोलाप को भ्रष्‍टाचार के एक मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई है। मुंबई की स्‍पेशल एंटी करप्‍शन ब्‍यूरो कोर्ट ने इस मामले में उनकी पत्‍नी शशिकला को भी दोषी पाया और उन्‍हें भी तीन साल की जेल की सजा सुनाई। इसके अतिरिक्‍त कोर्ट ने उनके ऊपर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। गोलाप को शिवसेना ने शिर्डी लोकसभा का उम्‍मीदवार बनाया था। 
 
गोलाप मौजूदा समय में विधायक हैं और 1995 में बीजेपी-शिवसेना की सरकार में सामाजिक कल्‍याण मंत्री थे। बाद में उनके ऊपर भ्रष्‍टाचार के आरोप लगे और 1999 में उन्‍होंने अपना इस्‍तीफा दे दिया था।
 
गोलाप के विरुद्ध 1999 में एनजीओ 'भ्रष्‍टाचार निर्मुलां कीर्ति समिति' के मिलिंद यावात्‍कर ने केस दायर किया था। इस एनजीओ की शुरुआत सामाजिक कार्यकर्ता अन्‍ना हजारे ने की थी। इस केस में उनके ऊपर मंत्री रहते हुए भ्रष्‍टाचार के आरोप लगाए गए थे। गोलाप पर आय से ज्‍यादा संपत्ति पाई गई थी।

पर्चा भरने मेट्रो से पहुंचे आशुतोष, शत्रुघ्‍न को काला झंडा दिखाने वाले की हुई पिटाई


नई दिल्‍ली. इस बार लोकसभा चुनाव में अपनी किस्‍मत आजमाने जा रहे कई हस्तियों ने शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया। शत्रुघ्‍न सिन्‍हा का नामाकंन विरोध और मारपीट के कारण चर्चा में रहा तो 'आप' के आशुतोष मेट्रो की सवारी कर नामांकन दाखिल करने पहुंचे। उनकी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल भी दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए मेट्रो रेल में गए थे।
 
शुक्रवार को नामांकन भरने वाले कुछ चर्चित उम्‍मीदवारों में 'आप' की राखी बिड़लान, शाजिया इल्‍मी और बॉलीवुड अभिनेत्री गुल पनाग रहीं। बीजेपी से हर्षवर्धन, किरण खेर और पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह ने भी पर्चा दाखिल किया। कांग्रेस के नंदन नीलेकणी ने भी नामांकन दाखिल कर दिया।
 
आशुतोष ने दिल्‍ली की चांदनी चौक और राखी बिड़लान ने दिल्‍ली की नॉर्थ-वेस्‍ट से नामांकन दाखिल किया। वहीं गुल पनाग ने चंडीगढ़ से और शाजिया इल्‍मी ने गाजियाबाद से अपना पर्चा भरा। नंदन नीलेकणी ने बेंगलुरु से और हर्ष वर्धन ने दिल्‍ली की चांदनी चौक, शत्रुघ्‍न सिन्‍हा ने बिहार की पटना साहिब सीट से और वीके सिंह ने गाजियाबाद से नामांकन दाखिल किया।

क़ुरान का सन्देश

दोस्तों राजस्थान में कोंग्रेस के गुलाम बने मुसलमानों के लिए चुल्लू भर पानी में डूब मरने की बात है

दोस्तों राजस्थान में कोंग्रेस के गुलाम बने मुसलमानों के लिए चुल्लू भर पानी में डूब मरने की बात है ,,,,,,,पुरे सतर साल से यहाँ मुसलमानों से कोंग्रेस बिना किसी प्रतिफल के गुलामी करवा रही है ,,,केवल कोंग्रेस ने मुसलमानो को वोटर और कुछ गिनती के गुलाम कथित मुस्लिम सौदेबाजों को दलाल बना  दिया है ,,कोंग्रेस चाहे मुसलमानो से आरक्षण का फायदा छीने ,,इनसे इनकी आज़ादी ,,पढ़ाई लिखाई का हक़ छीने ,,रोज़गार नहीं दे ,,इनको दिया जाने वाला बजट सरकार बिना उपयोग के वापस पहुंचा दे इस पूरी कॉम को जो सो फीसदी केवल कोंग्रेस का वोटर रहा है उसे क्रिमनल का दर्जा देकर जेल में डलवाये ,,,,पिटवाये ,,पुलिस ज़ुल्म करवाये ,,इनके खिलाफ टाडा पोटा जेसे क़ानून लगवाये ,,,मस्जिदे बेचें ,,,,इनके धर्म मज़हब के जज़बात के साथ छेड़छाड़ हो ,,,कोंग्रेस संगठन ,,सत्ता ,,पंपंचायत ,,,ज़िला परिषद ,,पार्षद ,,,निगम ,,विधानसभा ,,लोकसभा में प्रतीनिधित्व नहीं दे और फिर यह कोंग्रेस के सामने अपना ज़मीर बेचने वाले कॉम के सौदेबाज़ कोंग्रेस के हर ज़ुल्म हर उपेक्षा को सहते रहने की सीख दे ,,,शर्मनाक बात है ,हाल ही में राजस्थान में गेहलोत की कोंग्रेस सरकार ने मुसलमानो पर खुल कर ज़ुल्म किये उनकी सियासी ,,समाजी तोर पर खुली उपेक्षा की कुछ गिनती के गुलाम और मौलानाओं को दलाल बनाया ,,प्रतिनिधित्व दो सो सीटों में से केवल सोलाह सीटों पर दिया गया वोह भी मुस्लिम विरोधी गुलामो को चमचो और कॉम को गिरवी रखने वाले सौदेबाजों को मुसलमानो ने भी राजस्थान में कोंग्रेस को हराकर इसका जवाब दे दिया ,,लेकिन कोंग्रेस का घमंड गुरुर देखिये ,,अपनी गलतियों के लिए ,,,गोपालगढ़ सहित सेडॉन जुर्म के लिए माफ़ी मनांगना तो दूर लोकसभा चुनाव पर राजस्थान के मुसलमानो के मुंह पर उपेक्षा का तमाचा जड़ दिया ,,राजस्थान की पच्चीस सीटों पर कोंग्रेस को एक भी राजस्थान का मुसलमान चुनाव लड़ने लायक़ नहीं मिला ,,थू है कोंग्रेसी मुस्लिम वोटर और कोंग्रेसी कार्यकर्ताओं पर जो ऐसी कोंग्रेस की पैरवी करते है जो उन्हें सिर्फ और सिर्फ ढेला समझती है उस पर तमाचा यह है के पेराशूट से बाहर का आदमी मुसलमान कोटे से नवाबों कि नगरी जहा कोंग्रेस ट्रेन तक नहीं पहुंचा सकी वहा उम्मीदवार बना दिया है पहले नमो नारायण जिनके भाई कोंग्रेस की गोद में खेले प्ले बढ़े और फिर भाजपा में शामिल हो गए शर्म इनको नहीं आती टोंक को उपेक्षित और बर्बाद किया मुसलमानो को आपस में लड़ाया कल इस अज़हरुद्दीन के जो शायद चुनाव के बाद टोंक के लोगों को दिखेंगे भी नहीं उनके पुतले जले तो कुछ चापलूस,,,, चमचे,,मुस्लिम गुलामों ने उनकी गुलामी स्वीकार की मुसलमानो जागो अब आप वोटर नहीं हो अपना हक़ लो जो लोग बाहर के थोपे जा रहे है उनके मुंह पर कालिख पोतो जो लोग तुम्हे गिरवी रख कर तुमरे सौदेबाज़ बने है उन्हें कॉम के सामने नंगा करो और जो लोग तुम्हारा वोट चाहते है उनसे सीधे बिना किसी दलाल के सौदेबाज़ी करो ,,इस हाथ दो इस हाथ लो ,,,,कोंग्रेस से अब तक की उपेक्षा का हिसाब मांगो ,,मुझे पता है कोंग्रेस के गुलाम और दलालों को मेरी यह पोस्ट पसंद नहीं आयेगी लेकिन में क्या करूँ में ऐसा ही हूँ जो देखता हु वोह लिखता हूँ दिल की बात दिल से लिखता हु दिलवालों के लिए लिखता हूँ ताके उनके दिल में मेरे दिल की बात पहुंचे दिमाग से नहीं दिल से सोचता हूँ ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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