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22 मार्च 2014

पीपली लाइव का नत्था लड़ेगा चुनाव, सरोज पांडे को देगा टक्कर!


रायपुर। आपको पीपली लाइव का नत्था याद है। सरकारी योजनाओं और भ्रष्ट तंत्र का चेहरा बताने वाली इस फिल्म का नायक ओमकार दास माणिकपुरी यानी नत्था अब असल जीवन में भी कुछ ऐसा ही करने जा रहा है। मूलत: छत्तीसगढ़ का निवासी नत्था अब यहीं से चुनाव लड़ने का मन बना रहा है। यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो वह आप पार्टी से टिकट उम्मीदवार हो सकता है। सीट होगी दुर्ग। इस सीट से भाजपा महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष सरोज पांडेय सांसद हैं और इस बार भी पार्टी ने उन्हें चुनावी मैदान में उतारा है। अब देखना यह है कि महंगाई डायन खाए जात है सरीखे गीतो से मशहूर हुई इस फिल्म का हीरो असली जिंदगी में इन गीतों से कितनी टक्कर दे पाता है।
आप की छत्तीसगढ़ में दस्तक
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर लोकसभा क्षेत्र से आप पार्टी ने सोनी सोरी का नाम घोषित कर रखा है। सोनी सोरी ने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है। आम आदमी पार्टी (आप) जल्द ही रायपुर, दुर्ग और कांकेर क्षेत्र से भी अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर सबको चौंका सकती है। दुर्ग से फिल्म 'पीपली लाइव' के हीरो नत्था (ओंकारदास मानिकपुरी) के नाम पर चर्चा चल रही है।
एक बेहतर विकल्प मिल जाने पर कुछ लोकसभा क्षेत्रों में आप की दमदार उपस्थिति की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। सूबे के भिलाई निवासी 'पीपली लाइव' के नत्था ने स्वीकार किया है कि वह आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल के संपर्क में बने हुए हैं। पूरी संभावना है कि वह दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से आप के उम्मीदवार होंगे। वह फिलहाल मुंबई में एक फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं।

मोदी युग तो ठीक है, पर आडवाणी का सम्‍मान करे भाजपा


नई दिल्‍ली. भाजपा और शिवसेना में तनातनी के एक और संकेत मिले हैं। सालों से सहयोगी रही शिवसेना ने पहले तो लोकसभा चुनाव में यूपी में अकेले दम पर उम्‍मीदवार उतारने का एलान किया और अब भाजपा पर अपने बुजुर्ग नेता लालकृष्‍ण आडवाणी का सम्‍मान नहीं करने का आरोप मढ़ा है। पार्टी का कहना है कि राजनीति में अभी आडवाणी युग का अंत नहीं हुआ है, लेकिन भाजपा में मोदी युग शुरू हो गया है। भाजपा ने इस आरोप से इनकार किया है।
 
बीजेपी ने किया बचाव
शिवसेना के इन आरोपों को बीजेपी ने नकारा है। बीजेपी का कहना है कि आज भी आडवाणी को सम्‍मान दिया जाता है और उनका मार्गदर्शन लिया जाता रहा है। बीजेपी प्रवक्‍ता निर्मला सीतारमण ने कहा कि आडवाणी आज भी हमारे लिए मार्गदर्शक हैं।
 
शिवानंद भी बोले
भाजपा भले ही आडवाणी की अनदेखी के आरोप को गलत बता रही हो, लेकिन जेडीयू से निलंबित किए गए सांसद शिवानंद तिवारी का भी कहना है कि बीजेपी में आडवाणी जी का कोई मतलब नहीं रह गया है क्‍योंकि मोदी ही बीजेपी के भगवान बन गए हैं। तिवारी वही नेता हैं जिन्‍होंने जेडीयू के सम्‍मेलन में खुले आम मंच से मोदी की तारीफ की थी और अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्‍व की खुली आलोचना की थी। अब वह मोदी के खिलाफ प्रचार भी करने वाले हैं।
 
आरएसएस ने दी आडवाणी को सलाह
शिवसेना भले ही बीजेपी में आडवाणी युग के अंत की बात स्‍वीकार नहीं कर रही हो, लेकिन आरएसएस ने ऐसा होने के संकेत दे दिए हैं। आरएसएस ने शनिवार को इशारों-इशारों में ही आडवाणी को रिटायर होने की सलाह दे डाली। संघ ने कहा कि हर चीज का एक माकूल वक्‍त होता है और वक्‍त के साथ परिवर्तन भी जरूरी है। आरएसएस नेता विराग पाचपोर ने कहा कि हमारे देश की एक बड़ी दिक्‍कत यह है कि नेता यह मानने को तैयार ही नहीं होते हैं उनके युग का अंत हो चुका है। उन्‍होंने कहा कि अगर आडवाणी ने खुद संन्‍यास ले लिया होता तो बढ़ि‍या होता। उन्‍होंने कहा कि आडवाणी को संन्‍यास लेकर पार्टी के मार्गदर्शक के तौर पर काम करना चाहिए था।

'बागी' जसवंत के समर्थकों ने किया बीजेपी दफ्तर पर कब्‍जा


नई दिल्ली. शनिवार को भाजपा ने वरिष्‍ठ पत्रकार और कांग्रेस सांसद रहे एमजे अकबर को अपने पाले में कर लिया, लेकिन वरिष्‍ठ नेता जसवंत सिंह ने पार्टी की मुश्किल बढ़ाने के संकेत दे दिए। उन्‍होंने पहली बार बगावती तेवर दिखाए। 
 
बाड़मेर से टिकट कटने से नाराज जसवंत सिंह ने बागी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। शनिवार को जोधपुर पहुंचे जसवंत सिंह ने बीजेपी पर हमला बोला और कहा कि असली-नकली बीजेपी में लड़ाई हो रही है। जसवंत ने कहा कि बीजेपी दो हिस्सों में बंट चुकी है। उन्‍होंने कहा कि एक असली बीजेपी है तो दूसरी नकली। असली बीजेपी पर बाहरी लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। जसवंत सिंह ने कहा कि पार्टी में संविधान के खिलाफ फैसले लिए जा रहे हैं और वे असली बीजेपी के लिए काम करेंगे। उन्‍होंने कहा कि इसका फैसला आगामी लोकसभा चुनाव में जनता करेगी कि कौन असली बीजेपी है। पार्टी छोड़ने और बाड़मेर से निर्दलीय उम्‍मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने पर जसवंत सिंह ने कहा कि वे 24 मार्च को अपने पत्‍ते खोलेंगे। जसवंत सिंह को टिकट नहीं मिलने से उनके समर्थकों ने बाड़मेर में बीजेपी के दफ्तर पर कब्जा कर लिया और नरेंद्र मोदी के पोस्टर फाड़ दिए।
 
रोड शो करेंगे जसवंत सिंह
 
जसवंत सिंह जोधपुर से जैसलमेर के रास्ते रविवार को बाड़मेर के लिए निकलेंगे। इस दौरान वह रोड शो भी करेंगे। जसवंत के नजदीकी सूत्रों का दावा है कि 24 मार्च को बाड़मेर में वह जनसभा करेंगे। इसमें वह बीजेपी से अलग होने का एेलान कर सकते हैं। इसके बाद वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन भर सकते हैं।
 
क्‍यों नाराज हैं जसवंत सिंह 
 
जसवंत सिंह बाड़मेर से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। पार्टी ने सिंह की बजाय बाड़मेर से पूर्व सांसद कर्नल (अवकाशप्राप्त) सोनाराम चौधरी को टिकट दिया है। इस समय पश्चिम बंगाल की दार्जिलिंग सीट का लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे 75 वर्षीय जसवंत सिंह ने हाल में कहा था कि मैंने दार्जिलिंग के लिए काफी कुछ किया है। अपना आखिरी चुनाव मैं अपने मूल स्थान से लड़ना चाहता हूं। सिंह का गांव जासोल बाड़मेर जिले में आता है। उनके पुत्र मानवेन्द्र सिंह वहां से चुनाव लड़ चुके हैं।

क़ुरान का सन्देश

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