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23 मार्च 2014

इलाज के लिए अस्‍पताल के बाहर 7 घंटे तक तड़पती रही गैंगरेप पीड़िता


इलाज के लिए अस्‍पताल के बाहर 7 घंटे तक तड़पती रही गैंगरेप पीड़िता
मेरठ. 10 साल की नाबालिग गैंगरेप पीडि़ता के मामले में मेरठ के एक अस्‍पताल की लापरवाही सामने आई है। लाला लाजपत राय अस्‍पताल में इलाज के लिए भर्ती होने के लिए इस रेप पीडि़ता को 7 घंटे तक इंतजार करना पड़ा था। इस दौरान पीडि़ता ओपीडी के बाहर दर्द से करहाती रही। पीड़िता के माता-पिता और करीब दो दर्जन जूनियर डॉक्‍टरों के विरोध के बाद पीड़िता को अस्‍पताल ने भर्ती किया। 
 
यह मामला शुक्रवार का है। बताया जाता है कि लड़की अपने घर के नजदीक स्थित एक शॉप पर कुछ सामान खरीदने गई। इस दौरान वहां कुछ युवक आ गए और उसे एक सुनसान इलाके में ले गए और उसके साथ रेप किया। रेप करने के बाद उस लड़की को उन्‍होंने सड़क किनारे छोड़ दिया। गंभीर अवस्‍था में लड़की को सड़क पर पड़ा देख वहां मौजूद कुछ लोग उसे अस्‍पताल लेकर पहुंचे। बाद में लड़की के माता-पिता को इसकी सूचना दी गई और वे भी वहां आ गए। 
 
पुलिस ने की मामले को दबाने की कोशिश 
 
पीडि़ता के माता-पिता इस घटना की जब रिपोर्ट दर्ज कराने पुलिस स्‍टेशन पहुंचे, तो पुलिस ने इस मामले की मामले को दबाने की कोशिश की। यही नहीं, पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करने में भी आनाकानी दिखाई। बाद में जब कुछ लोगों नारेबाजी की तब जाकर पुलिस घटना की रिपोर्ट दर्ज की।

भाजपाई बने अकबर से दिग्विजय ने पूछा- अब मोदी को दें पाकिस्तानी सम्मान?




नई दिल्‍ली. बीजेपी से जुड़ने के साथ ही वरिष्‍ठ पत्रकार और पूर्व कांग्रेसी सांसद एमजे अकबर पर हमले तेज हो गए हैं। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने अकबर से पूछा है कि क्‍या वह अब भी मानते हैं कि नरेंद्र मोदी को 'निशान-ए-पाकिस्‍तान' दिया जाना चाहिए। दिग्विजय ने कहा कि हमें इस बारे में अकबर की प्रतिक्रिया चाहिए। गौरतलब है कि एमजे अकबर ने अपनी किताब 'बाइलाइन' में गुजरात दंगों में मोदी की भूमिका पर सवाल खड़ा किया था और कहा था कि इसके लिए मोदी को निशान-ए-पाकिस्‍तान दिया जाना चाहिए। ऐसा उन्‍होंने मोदी की तारीफ में नहीं बल्‍कि उन पर हमलावर तेवर अख्तियार करते हुए कहा था। 'निशान-ए-पाकिस्‍तान', पाकिस्‍तान का सबसे बड़ा नागरिक सम्‍मान है जिसे देश की खातिर उल्‍लेखनीय सेवा करने के लिए दिया जाता है।

मोदी पर वाराणसी में हमला करने की फिराक में थे आतंकवादी!


नई दिल्‍ली. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दहशत फैलाने के आतंकवादी मंसूबे को दिल्‍ली और राजस्‍थान पुलिस ने मिलकर नाकाम कर दिया है। जयपुर और जोधपुर से इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के चार आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है। आतंकवादियों से पूछताछ के दौरान पता चला है कि बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी सहित कई बड़े नेता आतंकवादियों के निशाने पर थे। आतंकियों की साजिश थी कि जब मोदी वाराणसी में अपना नामांकन दाखिल करने पहुंचेंगे तो उन पर हमला किया जाएगा। उधर, गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे और दिल्‍ली पुलिस ने इन आतंकवादियों की गिरफ्तारी को बड़ी कामयाबी बताई है। शिंदे ने यह भी कहा कि मोदी को डरने की जरूरत नहीं है।
 
मुंबई बम ब्‍लास्‍ट में शामिल वकास भी धरा गया
गिरफ्तार आतंकवादियों में आईएम का एक प्रमुख आतंकवादी वकास भी है, जिसके ऊपर 10 लाख रुपए का इनाम है। सूत्रों का कहना है कि मुंबई बम ब्‍लास्‍ट के दौरान ओपेरा हाउस में वकास ने ही बम प्‍लांट किया था। इसके अलावा हैदराबाद के दिलसुखनगर ब्‍लास्‍ट में भी वह शामिल रहा है। उसे 10 दिनों के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
 
विस्फोटक भी हुआ बरामद 
एटीएस, दिल्‍ली पुलिस की स्‍पेशल सेल और राजस्‍थान पुलिस की संयुक्‍त कार्रवाई में आतंकवादियों के पास से विस्‍फोटक सामग्रियां भी बरामद हुई हैं। सूत्रों के अनुसार शनिवार देर रात जोधपुर से भारी विस्‍फोटक के साथ एक आतंकवादी की गिरफ्तारी हुई। इस कार्रवाई को एटीएस और जोधपुर पुलिस ने अंजाम दिया था। जोधपुर में हुई कार्रवाई के बाद जयपुर से भी तीन और आतंकवादियों को धर दबोचा गया। यहां दिल्‍ली पुलिस की स्‍पेशल सेल और जयपुर पुलिस ने झोटवाड़ा और प्रतापगढ़ ठिकानों पर दबिश दी और 3 आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया।

जयपुर, जोधपुर और अजमेर से 6 आतंकी पकड़े, चुनाव में धमाकों की थी साजिश



जयपुर/जोधपुर/अजमेर/दिल्ली. लोकसभा चुनाव के दौरान देश में आतंकी धमाकों की साजिश रच रहे इंडियन मुजाहिदीन के छह आतंकियों को राजस्थान एटीएस, दिल्ली स्पेशल सेल और कमिश्नरेट पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। जयपुर से तीन, जोधपुर से दो और अजमेर से एक आतंकी को पकड़ा गया। जोधपुर से एक आतंकी बरकत फरार हो गया। जयपुर में पकड़े गए तीनों आतंकी सीतापुरा स्थित जीआईटी कॉलेज में बीटेक फाइनल के छात्र हैं। वकार और मेहराजुद्दीन को प्रताप नगर सेक्टर 35 और मारूफ को झोटवाड़ा से पकड़ा। एटीएस ने आतंकियों के पास भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया है।
ऐसे आया वकास राजस्थान में : वकास सितंबर 2010 में हड्डी के साथ काठमांडू पहुंचा था। भटकल की गिरफ्तारी के बाद वह आईएम के मौजूदा चीफ तहसीन अख्तर उर्फ मोनू के साथ रहा। नेपाल से वकास बिहार के दरभंगा आया। वहां वह भटकल और अन्य आतंकियों से मिला था।
इसके बाद इन लोगों ने 19 सितंबर 2010 को जामा मस्जिद पर धमाके किए थे। इसके बाद वाराणसी, मुंबई, पुणे  और हैदराबाद में धमाकों को अंजाम दिया। यासीन भटकल की गिरफ्तारी के बाद वह अलग-अलग इलाकों में छिपकर रहा। अख्तर के कहने पर वह अजमेर आया जहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। वह राजस्थान में स्लीपर माड्यूल बनाने में सक्रिय रहा।

क़ुरान का सन्देश

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