दिल्ली पुलिस और राजस्थान एटीएस द्वारा जोधपुर में पकड़े गए आतंकी शाकिब ने जयपुर के तीनों इंजीनियरिंग छात्रों को बम बनाने की विस्फोटक सामग्री उपलब्ध कराई और जोधपुर में ही गिरफ्तार बरकत खान ने यह सामग्री वकास के इशारे पर शाकिब को दी थी। बम बनाने के मास्टरमाइंड शाकिब ने तीनों छात्रों को ट्रेनिंग भी दी। इसके अलावा तीनों छात्रों के बैंक खातों में लेन-देन की भी जांच की जा रही है।
राजस्थान में काम कर रहा है सिमी केंद्र सरकार ने स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) को गैर-कानूनी घोषित कर रखा है। इसके बावजूद राजस्थान में जोधपुर, अजमेर, कोटा, गंगानगर, जयपुर और सवाईमाधोपुर में यह संगठन चल रहा है। इससे जुड़े कुछ लोगों का नेट और राजस्थान में छिपे आतंकियों के माध्यम से आईएम के साथ संपर्क हुआ है। आईजी (इंटेलीजेंस) जनार्दन शर्मा ने बताया कि केन्द्र सरकार ने एक ट्रिब्यूनल गठित किया है, जो यह तय करेगा की सिमी को गैर-कानूनी घोषित करने के पर्याप्त कारण हैं या नहीं। इस संबंध में ट्रिब्यूनल की ओर से सिमी के पदाधिकारियों को नोटिस भेज कर जवाब मांगा है।
तालिबान साइट के जरिए 2012 में आईएम के संपर्क में आए थे छात्र
आतंकी अफीफ से झोटवाड़ा में रहने वाले बीटेक फाइनल ईयर के छात्र मोहम्मद मारूफ उर्फ इब्राहिम की 2012 में तालिबान साइट के जरिए चेटिंग हुई थी। मारूफ तालिबान साइट पर विजिट करता रहता था। अफीफ चेटिंग के दौरान मारूफ की बातचीत से प्रभावित हुआ और उसने नेट के जरिए आतंकी रियाज भटकल से उसका संपर्क कराया। मारूफ ने ईमेल आईडी व सोशल साइट पर आईडी भटकल को दी। मारूफ ने दोस्त इंजीनियरिंग छात्र वकार अजहर और मोहम्मद मेहराजुद्दीन का चेटिंग के जरिए भटकल से संपर्क कराया। भटकल ने तीनों का आतंकी वकार उर्फ रहमान से संपर्क कराया।