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31 मार्च 2014

ऐसे गुलाम सड़कों पर अपमान के शिकार होने लगे है जो झूंठ बोलकर कॉम को गुमराह कर रहे है और कोंग्रेस के बचाव में आकर नफरत की राजनीति कर रहे है

कितने बेगेरत ,,कितने बेदर्द ,,कितने मक्कार ,,कितने फरेबी है यह कोंग्रेसी लोग जो अपनी ही कॉम के लोगों को बेवक़ूफ़ बनाकर थोड़े से फायदे के लिए खुद अपना ज़मीर बेच डालते है और कॉम को गुमराह करने का प्रयास करते है ,,,अभी हाल ही में देश में ऐ टी एस ने केंद्र सरकार के निर्देशों पर कार्यवाही की देश के ना जाने किस किस कोने में पढ़े लिखे नोजवान जो अपना मुस्तक़बिल तलाश रहे थे वोह लोग आतंकी क़ानून के तहत बंद किये गए ,,कुछ लोगों ने हल्ला मचाया ,,राजस्थान और कोटा के भी लोगों को इस घटना ने प्रभावित किया ,,,यहाँ चर्चा शुरू हुई ,,एक सुझाव था के आतंकियों को किसी तरह का कोई समर्थन नहीं हो सकता ,,लेकिन जब वोह निर्दोष साबित होकर बरी होते है तो फिर ऐसे अधिकारियों और सरकारों के खिलाफ कार्यवाही क्यूँ नहीं होती ,सुझाव आया आतंकियों के खात्मे और निष्पक्ष कार्यवाही के समर्थन के लिए सुझाव दिया गया के ,,जो भी आतंकी है उसे गिरफ्तार कर तुरंत हाईकोर्ट के जज ,,समाजसेवक ,,मिडिया की उपस्थिति में नार्को टेस्ट जाए और ऐसे नार्को टेस्ट का लाइव टेलीकास्ट हो ताकि देश ऐसे आतंकियों के सच को जाने ,,,,आतंकी से नार्को टेस्ट के बाद नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के तहत उसे केवल जिस अधिकारी ने उसे पकड़ा है उससे नार्को टेस्ट के तहत सवाल पूंछने की इजाज़त दी जाए और इसका भी लाइव टेलीकास्ट करवाया जाए ,,अगर आतंकी नार्को टेस्ट में आतंकी साबित है तो बिना किसी सोच के उसे तुरंत जनता के सामने फांसी पर लटकाया जाए और अगर किसी सियासत ,,किसी वोट की राजनीति ,,किसी नफरत या सौदेबाज़ी के चलते नार्को टेस्ट में अनुसंधान अधिकारी के खिलाफ सुबूत मिलते है तो ऐसे व्यक्ति के साथ भी ऐसा ही सुलूक क्या जाए ,,खेर यह सुझाव है और एक सच जनता के सामने आये इसके लिए इन परिस्थितयों में यह सरकार तो साहस नहीं कर सकती लेकिन ,,एक बात और अजीब है ,,,,गिरफ्तार लोगों के परिजन और हमदर्दों को बहकाया जा रहा है फुसलाया जा रहा है के यह सब तो नरेंदर मोदी करवा रहे है ,,,अनेकों बार अनेक कोंग्रेसी मुस्लिम वरिष्ठ नेता और चमचे मोलाना मोलवी यह बकवास करते देखे जाते है ,,आखिर एक नोजवान का सब्र का बांध टूट आया उसने गाली गलीच करते हुए ऐसे कोंग्रेस के गुलाम लोगों को ललकारते हुए कहा के भाई अब मुस्लिम कॉम पढ़ी लिखी है उसे पता है के देश में सरकार किसकी है अभी मोदी की सरकार देश में नहीं है देश में कोंग्रेस की सरकार है यह बच्चा भी जानता है ,,तुरंत इन गुलामों का जवाब था नहीं मोदी के समर्थक अधिकारी कोंग्रेस सरकार में बेठे है जो मोदी के कहने पर ऐसा कर रहे है कॉग्रेस सरकार तो निर्दोष है ,,सभी नौजवानों ने कहा के थू है ऐसी झूंठ पर ,,थू है ऐसी सियासत पर जो कॉम का दर्द न समझे और बस कोंग्रेस को क्लीन चिट देने के लिए हर अपराध हर ज़ुल्म ज्यादती के लिए नरेंदर मोदी पर इलज़ाम लगाये लेकिन कॉम जाग चुकी है अब ऐसे गुलाम सड़कों पर अपमान के शिकार होने लगे है जो झूंठ बोलकर कॉम को गुमराह कर रहे है और कोंग्रेस के बचाव में आकर नफरत की राजनीति कर रहे है ,,,,,,,,,अख्तर

ऐसे अधर्मी मौलानाओं ,,मौलवियों ,,मुफ्तियों ,,इमामों की सूरत में छिपे शैतानों के साथ कॉम का क्या सुलूक होना चाहिए ,

दोस्तों देश में जिस सियासी पार्टी के खिलाफ पुख्ता सुबूत हो के उसने आज़ादी के पहले हुकूमत में रहने वाली और फिर आज़ादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली एक मुर्दा कॉम को पहले धर्म के आधार पर योजनाबद्ध तरीक़े से आरक्षण का लाभ देकर उनका उत्थान करने से इंकार कर दिया ,,फिर उनके धार्मिक स्थल को योजनाबद्ध तरीक़े से एक खास पार्टी को उकसा कर खुद की सरकार और पूरी फौज होते हुए भी जान बुझ कर तुड़वा दिया ,,दंगे फसादात के माहोल में हज़ारों हज़ार लोग मरे ,,अरबों खरबों की सम्पत्तियां नष्ट हुईं ,,जेल इसी कॉम के नोजवान गए ,इन्हे और पूरी कॉम कि तस्वीर जिस सरकार ने आतंकवादी की बनाकर पेश की निर्दोषों को विदेश के दबाव में  क़ानून के तहत पकड़ कर प्रताड़ित किया ,,ज़ुल ज्यादतियां दोयम दर्जे नागरिक का व्यवहार किया ,,ऐ पी जे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति का दूसरे दलों के समर्थन के बाद भी राष्ट्रपति के लिए समर्थन नहीं देकर ओछी मानसिकता का परिचय दिया ,,,,,,,,राजस्थान की मस्जिदें बेचीं ,, मस्जिदों में घुसकर निहत्थे लोगों पर कई बार गोलियां चलवाई लोगों को मरवाया और माफ़ी तक ना मांगी ,,,उर्दू ज़ुबान खत्म की ,मदरसों में टीचर्स का हक़ मारा ,,उन्हें स्थाई नहीं किया ,देश भर में लगातार काका केलकर ,,,वेंकटचालिया ,,रंगनाथ मिश्र और सच्चर कमेटी की रिपोर्ट्स लागू नहीं की ,,,,पूरी कॉम कि तबाही और बदनामी ,,ज़िल्लत की ज़िंदगी के लिए ज़िम्मेदार अगर इस सियासी पार्टी का प्रचार कॉम के मज़हबी कहे जाने वाले मज़हबी सूरत बनाकर शैतानी काम करने वाले मोलाना ,,मुफ्ती ,,,इमाम ,,मोलवी अगर ऐसी पार्टी का चुनावी प्रचार कर कॉम के लोगों को बरगलाते ,,भड़काते दिखे और खुद अपनी जेबे भर कर कॉम को गिरवी रखने की कोशिश करें तो ऐसे अधर्मी मौलानाओं ,,मौलवियों ,,मुफ्तियों ,,इमामों की सूरत में छिपे शैतानों के साथ कॉम का क्या सुलूक होना चाहिए ,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर

जिंदा छिपकलियां और गिरगिट आराम से डकार जाता है यह गुजराती युवक




पाटडी (गुजरात)। छिपकली का नाम सुनते ही हमारे शरीर में सिहरन दौड़ जाती है। अगर गलती से सोते समय ये दीवार पर हलचल करती दिख जाएं तो व्यक्ति को यही डर सताता रहता है कि कहीं ये ऊपर न टपक जाए। क्योंकि छिपकली से डर की सबसे मुख्य वजह है, उसका जहर। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि गुजरात के एक आदिवासी युवक के लिए छिपकलियां और गिरगिट उसका मनपसंद व्यंजन हैं। 
 
अहमदाबाद से लगभग 90 किमी दूर सरेंद्रनगर जिले के पाटडी गांव में रहने वाला 30 वर्षीय मुकेश ठाकोर अब तक सैकड़ों छिपकलियां और गिरगिट डकार चुका है और वह भी जिंदा ही। इसी वजह से वह अब पूरे गुजरात में प्रसिद्ध हो चुका है। मुकेश के लिए ये खतरनाक और जहरीले जीव उसका मनपसंद व्यंजन बन चुके हैं और उसे अक्सर इनकी तलाश करते हुए देखा जा सकता है।

मंदिर मुद्दे से कुछ नहीं मिलने वाला, ऐसे में संघ ने लिया यू टर्न

मंदिर मुद्दे से कुछ नहीं मिलने वाला, ऐसे में संघ ने लिया यू टर्न
नई दिल्ली.संघ को ये लग रहा है कि मंदिर मुद्दे से कुछ नहीं मिलने वाला, ऐसे में उसने यू टर्न ले लिया है। चुनाव के वक्त पर संघ ने नए आवरण में खुद को पेश करने की कवायद शुरु की है। संघ जान गया है कि अब राम मंदिर मुद्दा कारगर नहीं रहा। राम मंदिर तो दिल्ली तक पहुंचने का बहाना था। चलो देर से ही सही आरएसएस को समझ में तो आया। ऐसे कुछ विचार जनता ने भास्कर डिबेट के दौरान रखे। संघ ने मुखपत्र पंचजन्य में आए सर्वे के माध्यम से कहा है कि अब देश मंदिर नहीं विकास चाहता है। इस पर दैनिक भास्कर .कॉम ने अपने फेसबुक पेज पर डिबेट कराई। दैनिक भास्कर .कॉम ने सवाल किया था- देश भर में मंदिर के नाम पर माहौल गरमाने के बाद अब संघ का मुखपत्र सर्वे के माध्यम से कह रहा है कि अब देश मंदिर नहीं विकास चाहता है। ऐसा क्यों? बहस में लगभग 200 लोगों ने हिस्सा लिया। 
 
ज्यादातर लोगों का मानना है विकास बड़ा मुद्दा है-
भास्कर डिबेट में शामिल हुए ज्यादातर लोगों का मानना है जिनकी संख्या (40 फीसदी) के आसपास है कि अब माहौल बदला है तो मुद्दे भी बदलने चाहिए और विकास की बात करना गलत नहीं है। वहीं बहस में शामिल इतने ही लोग यह मानते हैं कि बीजेपी और संघ इस बार फिर नए मुद्दे को सामने लाकर सिर्फ सत्ता तक पहुंचना चाहते हैं। जबकि 20 फीसदी के आसपास लोग ऐसे थे जिन्होने धर्म को कोई मुद्दा न मानते हुए इसे सियासत करने वालों की गंदी सोच और भगवान को गंदी राजनीति से जोड़नी की कोशिश करार दिया है।  
 
चुनिंदा कमेंट
 
सतबीर कासवान -विकास की बात करें तो गलत,मंदिर की बात करें तो गलत ,आखिर आप लोग चाहते क्या हैं।
 
सोनू कुमार- भगवान भी दुखी होते होंगे हिंदूओं का हाल देखकर क्योंकि हमने उनको भी गंदी  राजनीति का हिस्सा बना दिया। मुझे तो शर्म आती है कि एक हिंदू दूसरे हिंदू का दर्द नहीं समझ सका। हमारा दिल ही सबसे बड़ा मंदिर है। भगवान के लिए सबसे सही जगह भी हमारा दिल ही है। मंदिर मस्जिद की दीवारों को गिराया जा सकता है और फिर से खड़ा किया जा सकता है। लेकिन यदि एक बार धर्म के नाम पर विश्वास की दीवार गिर गई तो दोस्तो उसे कभी खड़ा नहीं किया जा सकता। 
 
अभिषेक कौशिक-मंदिर हमारी श्रद्धा से जुडा है पर उसे बनाने से भी बेरोजगारी और करप्शन में कमी आऐगी क्या ।
 
अनिल शर्मा- श्रद्धा क्या है हर हर मोदी बोलना कितना अंधविश्वास है मूर्ति और पत्थर की पूजा के बाद अब हिंदू मोदी पूजा करेगा क्या
 
चांद चांद-संघ जान चुका है कि सत्ता में आने के लिए मंदिर मस्जिद के नाम पर सत्ता हासिल नही होगी इसलिए अब विकास के नाम पर बेबकूफ बना रहा है। 
 
दिनेश शर्मा- 5 साल में विकास की बात करना बेमानी हे ,संघ , बीजेपी दोनों गरीब जनता के वोट से सत्ता हासिल कर इतिहास बनाना चाहती है। विकास किसका होगा ये वक्त बताएगा राष्ट्रीय ,और अंतराष्ट्रीय मुद्दे भारतीय गणराज में बहुत हैं जिसे सुलझाना नामुकिन है।
 
समय बलवान होता है। ये अच्छी बात है कि इस चुनाव में विकास अहम मुद्दा है।   -शिव तिवारी
 
सही वक्त पर सही सोच सामने आई है।   -अमृता सिंह मलिक
 
संघ जान गया है कि अब राम मुद्दा कारगर नहीं रहा।  -सादिक शेख 
 
सतीश बैरागी- मन्दिर मस्जिद धर्म की पहचान नही है क्योकि इंसान ने अपने आपको संगठित करके ही पहचान बनाई है ना तो धर्म भाषा या पहनावे का या किसी  केन्द्र का मुहताज है । धर्म की परिभाषा कोई परमात्मा का भक्त ही जानता है जब हर दिल में भगवान है तो फिर पत्थर की दिवार क्यों तोङी जा रही हैं।
 
यूपीए के 10 साल के शासन में महंगाई, भ्रष्टाचार ने आम लोगों को मार डाला, ऐसे में विकास पर फोकस तो करना ही पड़ेगा। विकास के बाद राम मंदिर पर फोकस किया जाएगा।   -गिरिश थापरे
 
वक्त के साथ लोगों की सोच और बातों में बदलाव आता ही है। आज आपकी सोच कुछ और है, कल कुछ और होगा। इसी तरह राजनीति में भी बदलाव आते रहते हैं।  -रितेश नागोत्रा
 
-कुशल एस चौहान- संघ भाजपा के लिए एक नर्सरी टीचर की भूमिका मे अवश्य है, लेकिन वो खुद ही कनफ्यूज है। संघ को ये लग रहा है कि मंदिर मुद्दे से कुछ नहीं मिलने वाला, ऐसे में उसने यू टर्न ले लिया है। क्या गुजरात में केवल पिछले 10-12 सालों में ही विकास हुआ? वहां चार दशक पुराने अमुल जैसे दिग्गज देशी उद्योगों के विकास में मोदी की क्या भूमिका हो सकती है? जनाब यदि कुछेक क्षेत्रों मे विकास हुआ है तो इसका श्रेय किसी मोदी के बजाय वहां के उद्यमी समाज और दशकों पुरानी सहकारिता को जाता है।    
 
पप्पू आलम-मंदिर-मस्जिद बना कर कुछ हासिल नहीं होगा। विकास, रोजगार और भ्रष्टाचार से छुटकारा आज हर हिंदू, मुस्लिम और सभी जाति धर्म के आदमी की जरूरत है। दुनिया मंगल ग्रह पर पहुंच रही है और हम लोग मंदिर-मस्जिद में अटके हुए हैं।   
 
नौकरियां मिलेंगी, विकास होगा तो देश आगे बढ़ेगा। मंदिर तो श्रद्धा स्थान है।   -उदय जोशी
 
बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि का मामला भाजपा ने अपने शासन काल में क्यों नहीं निपटाया    -राजीब कुमार
 
विकास एक किनारा विहिन समुंदर जैसा मुद्दा है।   -सत्या गुप्ता
 
मीडिया बस संघ और मोदी की कोई भी छोटी सी बात पता होते ही आग की तरह फैला देती है, लेकिन ये नहीं सोचती कि ऐसा कहा क्यों? ऐसा इसलिए कहा गया कि जब विकास होगा तभी मंदिर बनाने का नंबर आएगा।     -अभिषेक पांडेय
 
हमें अब देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है     -मुकेश शर्मा
 
लोगों को धर्म की परिभाषा समझ आने लगी है।    -स्वप्निल मुरार्कर
 
मंदिर के नाम पर लिया गया अरबों का चंदा कहां गया, जरा देश को बताओ     -मनीष साहू
 
वर्तमान में भारत विकास चाहता है, ये बात आरएसएस के सर्वे में सामने आई है। इसका ये मतलब नहीं है कि राम जन्मभूमि से जुड़े मुद्दे को आरएसएस और बीजेपी ने छोड़ दिया है।     -जयशंकर चौबे
 
अब जनता को आरएसएस और बीजेपी ज्यादा दिन तक राम के नाम पर मूर्ख नहीं बना सकती।    -संजीव कुमार यादव
 
बीजेपी अब पागल हो गई है। पहले राम, अब विकास। दोनों झूठे वादे हैं।    -राज कुमार कबीर
 
भूखे भजन न होए गोपाला। जब आर्थिक समृद्धि आएगी तो मन्दिर तो कभी भी बना सकते हैं। हमारे सनातन संस्कृति मे समृद्धि की जय जय किया गया है।   -हरिश जी हरिश
 
मंदिर भी बनवाएं, क्योंकि वो हमारी आस्था का प्रतीक है और देश का विकास भी बहुत जरूरी है।     -हिमांशु माथुर
 
बात तो सही है। लेकिन, आप मंदिर के साथ-साथ मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च भी बनवा दीजिए, इसमें कौन सी शर्म की बात है।     -मान मिश्रा
 
राम मंदिर तो दिल्ली तक पहुंचने का बहाना था। चलो देर से ही सही आरएसएस को समझ में तो आया।    -लव कुमार शर्मा
 
कुर्सी के लिए ये कुछ भी कर सकते हैं। भगवान राम को ये राम-राम कह दिए, जीतने के बाद ये पब्लिक को भी राम-राम कह देंगे।      -सुनील झा

कपड़े उतारकर सोनिया-राहुल को इटली भेजने की सलाह देने वाले MLA पर FIR


नई दिल्‍ली. आतंकी यासीन भटकल का दोस्‍त बता दिए जाने पर जहां कुछ घंटों के लिए भाजपा सदस्‍य बने साबिर अली पार्टी के दिग्‍गज नेता मुख्‍तार अब्‍बास नकवी से खफा हैं, वहीं राजस्‍थान के एक भाजपा विधायक की सोनिया-राहुल को लेकर की गई कथित अभद्र टिप्‍पणी को लेकर कांग्रेसी भड़के हुए हैं। टोंक जिले की निवाई-पीपलू विधानसभा क्षेत्र के विधायक हीरालाल रैगर ने कथित तौर पर कहा, 'सोनिया और राहुल गांधी के कपड़े उतार कर वापस इटली भेज देना चाहिए।' हालांकि, बाद में रैगर ने मीडिया से कहा कि उन्‍होंने किसी का नाम नहीं लिया था। फिर भी, अगर किसी को चोट पहुंची हो तो वह माफी मांगते हैं। सोमवार को रैगर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई। उधर, मोदी की बोटी-बोटी करने की धमकी देने वाले सहारानपुर के कांग्रेसी उम्‍मीदवार इमरान मसूद के उत्‍तेजक बयान की एक और सीडी सामने आई है।
 
रैगर के खिलाफ कार्रवाई की मांग हुई तेज
टोंक में रैगर के बयान से गुस्‍साए कांग्रेसियों ने उन पर कार्रवाई की मांग की है। टोंक जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव शकीलुर्रहमान ने रैगर के खिलाफ आचार संहिता का खुला उल्लंघन करते हुए जानबूझ कर अमर्यादित वक्तव्य दिए जाने पर जिला निर्वाचन अधिकारी टोंक को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में बताया कि 25 मार्च को राजस्थान के टोंक जिला मुख्यालय के खेल स्टेडियम में भारतीय जनता पार्टी की सभा में निवाई पीपलू विधायक हीरालाल रैगर ने अपने संबोधन में सोनिया गांधी पर जानबूझ कर अमर्यादित एवं आपत्तिजनक टिप्पणी कर जिले में आक्रोश की स्थिति पैदा कर दी है। उनकी यह टिप्पणी सरासर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। इससे कांग्रेसियों को मानसिक और भावनात्मक आघात लगा है। कांग्रेस के देवली नगर अध्यक्ष हुमायुं अख्तर रिजवी ने भी चुनाव आयोग से शिकायत कर इस मामले में कठोर कार्रवाई की मांग की है

कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति को सत्ता हथियाने का साधन बना दिया- नरेंद्र मोदी




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नई दिल्‍ली. बीजेपी के पीएम पद के उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी ने ईटीवी को दिए इंटरव्‍यू में कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति को सत्‍ता हथियाने का साधन बना दिया है। साथ ही उन्‍होंने इस इंटरव्‍यू में अपनी नीतियां और विचार भी रखे। कांग्रेस मुक्‍त भारत बनाने के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस मुक्त भारत का मतलब संकट, महंगाई और बुराइयों से मुक्ति है। प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के बाद किसी टीवी चैनल को दिया गया मोदी का यह पहला इंटरव्‍यू था। 
 
सरकार और जनता के बीच न रहे पर्दा
 
मोदी ने इंटरव्‍यू में कहा कि सरकार और जनता के बीच कोई पर्दा नहीं होना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि जनता को सरकार से जुड़ी सारी बातें जानने का हक है। उन्‍होंने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आजादी के बाद से देश में भ्रष्‍टाचार बढ़ा है। उन्‍होंने कहा कि हमारा सपना देश को कुशासन, वंशवाद, महंगाई आदि से मुक्‍त कराना है। मोदी ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक (अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार को छोड़कर) जो भी सरकार केंद्र में आई, उनका गौत्र कांग्रेस का ही था। 
 
बोले मोदी- कांग्रेस से लोगों का भरोसा टूटा
 
पिछली सरकार की गलतियों को सुधारने के दृष्टिकोण के बारे में पूछने पर मोदी ने कहा कि शासनतंत्र नीति निर्धारकों की योजनाओं पर निर्भर करता है। उन्‍होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि आज देश में सही नेतृत्‍व की कमी है और लोगों का कांग्रेस व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भरोसा टूट चुका है। उन्‍होंने कहा कि लोगों का सरकार नाम की व्‍यवस्‍था से भी भरासा टूट गया है। मोदी ने 2014 के चुनाव को आशा का चुनाव बताते हुए कहा कि देश में विश्‍वास पैदा करना उनकी पहली प्राथमिकता है। 
 
सभी योजनाओं को बताया स्‍पष्‍ट
 
इंटरव्‍यू में जब मोदी से पूछा गया कि चुनाव जीतने पर उनकी क्‍या योजनाएं होंगी, तो मोदी ने कहा कि सरकार बनने के बाद की प्राथमिकताएं उनके दिमाग में साफ हैं। उन्‍होंने कहा कि वे जनता की शक्ति बढ़ाने के लिए चुनाव जीतना चाहते हैं और चुनाव जीतने के बाद सबसे पहला काम लोगों में विश्‍वास पैदा करना होगा। मोदी ने कहा कि हमारी प्राथमिकताओं में देश का गरीब, नौजवान, किसान, जवान, महिलाएं शामिल होंगी।

राहुल गांधी को स्मृति ईरानी तो सोनिया को अजय अग्रवाल देंगे चुनौती


नई दिल्ली। आखिरकार भाजपा ने सोनिया और राहुल गांधी के सामने अपने चेहरे तय कर लिए। टीवी सीरियल की तुलसी यानी स्मृति ईरानी अमेठी से भाजपा उम्मीदवार होंगी। यहां आम आदमी पार्टी भी पूरी ताकत झोंक रही है। आप से कुमार विश्वास ने ताल ठोंक रखी है। दूसरी ओर रायबरेली से पार्टी ने स्थानीय चेहरे अजय अग्रवाल को मौका दिया है। वैसे यहां पहले चर्चा उमा भारती की थी, लेकिन कुछ नेताओं ने यह कहते हुए आपत्ति ली कि उन्हें झांसी से टिकट दिया जा चुका है। ऐसे में दो जगह से लड़ाना ठीक नहीं होगा। सुब्रमण्यम स्वामी का भी नाम चला, लेकिन अंतिम मुहर अजय अग्रवाल के नाम पर लगी। मशहूर टीवी कलाकार स्मृति ने 2004 लोकसभा चुनावों में दिल्ली के चांदनी चौक से चुनाव लड़ा था। यहां उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी कपिल सिब्बल ने  हरा दिया था। इस बार भाजपा ने उन्हें उत्तर प्रदेश भेज दिया है। बीजेपी चुनाव समिति की बैठक में सोमवार को इस बात का फैसला लिया गया।
 
त्रिकोणीय हुआ मुकाबला
स्मृति ईरानी को अमेठी से लड़ाने के भाजपा के फैसले  से यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। आम आदमी पार्टी के कुमार विश्वास पहले से ही यहां राहुल गांधी को चुनौती दे रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ उमा भारती को उतारे जाने की अटकलें थी, लेकिन बैठक में स्थानीय प्रत्याशी को उतारे जाने पर सहमति बनी। बांदा से भैरो प्रसाद मिश्रा को उम्मीदवार बनाया गया है। 
 
कौन हैं अजय अग्रवाल 
पेशे से वकील। घर मुरादाबाद में है। बोफोर्स, तेलगी मामला, कॉमनवेल्थ और ताज कॉरोडोर मामले में सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल  लगाई। रायबरेली से टिकट के लिए 19 मार्च को भाजपा के दफ्तर के सामने धरने पर बैठे थे।
 
स्मृति की ताकत:
>> सास भी कभी बहू थी’ टीवी सीरियल से महिलाओं के बीच पहचान।
>> अच्छी वक्ता। टीम मोदी से जुड़ी हुईं।
>> कांग्रेस विरोधी माहौल को भुनाने में माहिर।
>> बहस में महारत।
 
स्मृति की  कमजोरी
>> गांधी परिवार के गढ़ में चुनौती देना आसान नहीं।
>> ग्रामीण इलाकों में पहचान का संकट।
>> स्थानीय मुद्दों की जानकारी नहीं। कम समय में पकड़ बनाना मुश्किल।
>> तीसरी चुनौती के रूप में आप से कुमार विश्वास। जो पिछले कई महीनों से अमेठी में ही हैं।

AAP की 13वीं लिस्ट जारी, राजनाथ सिंह को टक्कर देंगे एक्टर जावेद जाफरी
इससे पहले आम आदमी पार्टी (आप) ने भी लोकसभा चुनाव के लिए आज अपने उम्मीदवारों की 13वीं लिस्ट जारी कर दी है। पार्टी ने इस लिस्ट में 8 राज्यों के लिए 22 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है। पार्टी ने लखनऊ सीट से एक्टर जावेद जाफरी को टिकट दिया है। इस सीट से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह और कांग्रेस नेता रीता बहुगुणा जोशी चुनावी मैदान में हैं।
वहीं दूसरी ओर पार्टी को फर्रुखाबाद से झटका लगा है। यहां से मुकुल त्रिपाठी ने पार्टी द्वारा सहयोग न करने पर अपना टिकट लौटा दिया है। हालांकि पार्टी ने मुकुल के आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
इस सूची में बिहार के लिए 7, गुजरात के लिए 3, झारखंड के लिए 3, तमिलनाडु के लिए 5 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई है। यूपी, हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए 1-1 उम्मीदवार की घोषणा की गई है। आम आदमी पार्टी अब तक 407 लोकसभा प्रत्याशियों के नाम घोषित कर चुकी है।

क़ुरान का सन्देश

 
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