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10 अप्रैल 2014

ऐ सियासत तुझे नमन

ऐ सियासत तुझे नमन
यह नेता है ,,
कुर्सी के लालच में
फिर इन्होने मुझे
पत्नी बनाया है
ऐ सियासत तू ही बता
सियासी दांव पेंच में कामयाबी के बाद
क्या मेरा पत्नी का
क्या मेरा  औरत होने का
यह सम्मान फिर बाक़ी रहेगा
क्या में विवाहिता होने के बाद भी
अलग थलग अकेली ज़िंदगी गुज़ारूंगी
या फिर यह संस्कृति का देश
यह संस्कृति की रक्षा करने वाला संगठन
यह संस्कृति के लिए समर्पण की बात करने वाला जमावड़ा
क्या मुझे पत्नी होने का सारा सुख दिल पायेगा ,,
ऐ सियासत तू ही बता
क्या में यूँ ही त्याग की देवी रहूंगी
ऐ सियासत तू ही बता
कागज़ों में कभी मुझे
पत्नी का दर्जा नहीं देने वाले
कागज़ों में सियासत की मजबूरी से पत्नी का दर्जा देने वाले
क्या मुझे निभाएंगे
ऐ सियासत तू ही बता
यह संस्कृति के रक्षक
यह महिलाओं की अस्मिता के सो कोल्ड सरक्षक
क्या मुझे मेरा सम्मान फिर से लोटायेने
ऐ सियासत तू ही बता
क़ानून की मज़बूरी
कुर्सी के लालच में
जो नाटक जो ड्रामे हुए है
क्या यह सब स्थाई रह पाएंगे
ऐ सियासत तू ही बता
क्या यह लोग मुझे मेरा योवन मेरा सम्मान वापस लोटायेंग
ऐ सियासत तू ही बता
मेरा क्या होगा
में एक औरत हूँ
में एक संस्कृति हूँ समर्पित हूँ
ऐ सियासत ऐ कुर्सी के लालच
मुझे ज़रा मेरा क़ुसूर तो बता
ऐ सियासत मुझे मेरा हक़ तो दिला ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर

बेरोजगारी से तंग आकर कर दी परिवार की हत्या, फिर लाशों से साथ बिताई रात



पुणे. बेरोजगारी से तंग एक 40 वर्षीय व्यक्ति ने उसके पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया। हत्या को अंजाम देने से  पहले उसने मां, पत्नी और आठ साल की बेटी को नींद की गोलियां खिलाकर सुला दिया और एक-एक कर चुनरी से गला घोंट उनकी हत्या कर दी। हत्या करने के बाद आरोपी सागर माधव गायकवाड़ ने लाशों के साथ पूरी रात गुजारी और सुबह होते ही पुलिस स्टेशन पहुंच गया।
सूत्रों के मिली जानकारी के अनुसार घटना तब प्रकाश में आई जब हत्या करने के बाद व्यक्ति पुणे के वानावरी पुलिस स्टेशन पहुंचा और आपबीती सुनाई। पुलिस के मुताबिक आरोपी सागर माधव गायकवाड़ (40), कक्षा 12वीं से पास होने के बाद से ही एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने लगा था, लेकिन पिछले दो सालों पहले उसने नौकरी छोड़ दी थी। जिस वजह से वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा था।

शिवराज दे रहे थे भाषण, एक दम से फटा ट्रांसफार्मर और मच गई अफरा-तफरी



भोपाल. राजधानी में 12 नंबर स्टॉप के पास गुरुवार शाम को हुई मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभा के दौरान मंच के पास स्थित ट्रांसफार्मर फट गया। मुख्यमंत्री उस समय भाषण दे रहे थे। अचानक हुए इस घटनाक्रम से करीब 15 मिनट तक अफरा-तफरी रही। 
 
लोगों ने रेत और मिट्टी डालकर आग बुझाने की कोशिश की। आग नहीं बुझी तो पास में स्थित शिवम हॉस्पिटल से अग्निशमन उपकरण लाकर आग बुझाई गई। किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। कार्यक्रम खत्म होने के बाद आसपास खड़े लोगों ने बताया कि अतिरिक्त लोड बढऩे के कारण यह घटना हुई। 
 
भोपाल संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी आलोक संजर के समर्थन में यहां सभा आयोजित की गई थी। करीब सवा आठ बजे जब मुख्यमंत्री भाषण दे रहे थे, तभी 12 नंबर स्टॉप की मुख्य सड़क पर दो जगह शॉर्ट सर्किट हुआ। चिंगारी निकलने लगी और बिजली गुल हो गई। इसी दौरान मंच के ठीक पीछे करीब 10 कदम की दूरी पर स्थित ट्रांसफार्मर तेज धमाके के साथ फट गया। यहां आग लग गई। 
 
इसी समय मंच पर मुख्यमंत्री के साथ उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता, प्रत्याशी आलोक संजर, जिलाध्यक्ष आलोक शर्मा, विधायक सुरेंद्रनाथ सिंह समेत करीब पचास लोग मौजूद रहे। अचानक आगजनी होने के कारण जनता में दहशत फैल गई। लोग इधर-उधर जाने लगे तो पुलिस ने स्थिति को संभाला। कुछ देर बाद आग बुझ गई तो जनरेटर से बिजली आपूर्ति सुचारू की गई। मुख्यमंत्री ने रुका हुआ भाषण पूरा किया।
 
बाद में सीएम ने पूछा कैसे हुआ
 
कार्यक्रम समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री ने स्थानीय नेताओं से घटना की जानकारी ली। उन्हें बताया गया कि सभा के लिए बिजली कनेक्शन यहीं से लिया गया था। संभावना है कि लोड बढऩे के कारण यह घटना हुई होगी। मुख्यमंत्री ने जनसभा में सभी लोगों से कहा कि यह छोटा-मोटा व्यवधान है।  चिंता न करें।
 
घंटे भर बाद आई बिजली- स्पार्किंग के घंटे भर तक इसे दुरूस्त करने का काम चलता रहा। इसके बाद इलाके की बिजली व्यवस्था सामान्य हुई।  
 
इसमें हमारी लापरवाही नहीं
 
केबल में फॉल्ट होने से स्पार्किंग हुई। स्टॉफ मौजूद था, बिजली गुल होने पर उसे दुरूस्त कर दिया गया। इसमें लापरवाही जैसी कोई बात नहीं है। वैसे भी वैकल्पिक लाइन से बिजली आपूर्ति की व्यवस्था की थी, जिससे बिजली चालू कर दी थी।
जाहिद अजीज खान, डीजीएम, साउथ जोन
 
ओवरलोडिंग से हुआ शॉर्ट सर्किट
 
सभा के दौरान ओवरलोडिंग के कारण शार्ट सर्किट हुआ था, इससे कुछ देर के लिए अंधेरा हो गया था। वहां पर्याप्त पुलिस बल भी मौजूद था। शॉर्ट सर्किट क्यों हुआ, इस पर बिजली कंपनी के अधिकारी ही जवाब दे पाएंगे।
जयंत सिंह राठौर, सीएसपी, हबीबगंज

मौत आई, पर मिसाल बन गए, पोलिंग बूथ से चंद कदम दूर बुजुर्ग ने दम तोड़ा



चंडीगढ़. 85 साल के गोविंद राम। उम्र के इस पड़ाव पर दिल अब साथ नहीं दे रहा था। एंजियोग्राफी हो चुकी थी, दवा चल रही थी। फिर भी फैसला लिया कि वोट डालना है। दोपहर डेढ़ बजे पत्नी बचनी देवी के साथ निकल भी पड़े अपना हक लेने के लिए, ड्यूटी पूरी करने के लिए। 400 मीटर पैदल चलकर पोलिंग स्टेशन तक पहुंच गए। लेकिन पोलिंग बूथ से पहले ही सीने में दर्द उठा, पत्नी को बताया। बीवी ने वहीं कुर्सी पर बिठा दिया। पीसीआर की जिप्सी गोविंद राम को जीएमएसएच-16 ले गई, जहां डॉक्टरों ने उन्हें ब्रॉट डेड घोषित कर दिया। सेक्टर-41 में रहने वाले गोविंद राम पीयू से बतौर प्रिंटिंग ऑपरेटर रिटायर हुए थे। बेटा हरीश वेस्टर्न कमांड में सीनियर अकाउंटेंट है। हरीश ने बताया- दिल की नाजुक हालत के बाद भी पापा का फैसला गलत नहीं था। वह तो अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए इस उम्र में भी जागरूक थे। मां को घर का मोबाइल नंबर याद नहीं था। हॉस्पिटल के बीट बॉक्स में तैनात पुलिसवालों ने मां को बिना कुछ बताए, जिप्सी से घर भेज दिया।
भास्कर सलाम करता है 85 साल के गोविंद राम को। एंजियोग्राफी के बावजूद वह वोट डालने निकले थे। पोलिंग बूथ से कुछ ही कदमों पर उनकी मौत हुई। वोट डालने की जिम्मेदारी क्या होती है, गोविंद इसकी मिसाल हैं।
॥ मामले में कुछ भी संदिग्ध नहीं लग रहा है, फिर भी शुक्रवार को शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। जिसके बाद बनती कार्रवाई की जाएगी। गोविंद राम वोट नहीं डाल सके।

कांग्रेस उपाध्यक्ष का मोदी पर वार, कहा- आडवाणी आउट और अडानी इन




उदयपुर. कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को उदयपुर में हुई सभा में नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे दो-तीन बिजनेसमैन और एक राजनेता मिलकर देश चलाना चाहते हैं। भाजपा में स्थिति यह है कि आडवाणी व जसवंत सिंह जैसे लोग, जिन्होंने भाजपा के लिए जिंदगी दे दी, उन्हें दरकिनार कर अडानी को अंदर कर लिया गया है। हमारी सोच है कि देश के करोड़ों लोगों को अधिकारों की शक्ति देकर शासन में भागीदार बनाएं। लोकसभा चुनाव में शहर के गांधी ग्राउंड में गुरुवार को हुई मेवाड़ की पहली सभा में राहुल ने आदिवासी कार्ड खेलते हुए परंपरागत वोट बैंक को केंद्र में रखा। सभा में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट, प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा, राष्ट्रीय सचिव मिर्जा इरशाद बेग, नीरज डांगी  भी मौजूद थे।
 
मेवाड़ की इस बड़ी सभा में सिर्फ उदयपुर प्रत्याशी रघुवीर मीणा नजर आए। चित्तौड़ से डॉ. गिरिजा व्यास, राजसमंद से गोपालसिंह शेखावत और बांसवाड़ा से प्रत्याशी रेशम मालवीया अपने क्षेत्र में व्यस्त रहे। इस बार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस महासचिव डॉ. सीपी जोशी जैसे चेहरे नहीं दिखे। राहुल ने इस चुनाव को दो विचारधाराओं की लड़ाई बताते हुए भाजपा और कांग्रेस की नीतियों की तुलना की।
 
युवा/रोजगार :कांग्रेस उद्योग धंधों के खिलाफ नहीं है
हम उद्योग धंधों के खिलाफ नहीं हैं। कांग्रेस की सोच है कि देश में उद्योग धंधे बढ़े जिससे रोजगार मिले। इसके लिए सड़क, रेलवे लाइन बिछाकर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए रीढ़ की हड्डी तैयार कर दी है। युवाओं के लिए ऐसी स्थिति लाने चाहते हैं कि जूते हो या घड़ी उस पर मेड इन इंडिया, मेड इन राजस्थान और मेड इन उदयपुर दिखे।
 
राहुल की तीन सोच
1. पूरे देश में निशुल्क दवा योजना।
2. हर परिवार को छत मिले।
3. सभी बुजुर्गों को मिले पेंशन।
 
ऐसा 'होमवर्क' कर मेवाड़ आए राहुल
राहुल गांधी भाषण के लिए खूब होमवर्क करके आए थे। मंच पर भी वे भाषण से पहले कागज पर लिख कर लाए पॉइंट गौर से पढ़ते रहे। उनके पास मेवाड़ की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक जानकारी तो नोट थी ही, उन्होंने भाजपा-कांग्रेस की कार्यशैली का भी अंतर बखूबी स्पष्ट कर रखा था। राहुल के हाथ में दिख रहे भाषण के इन विषयों को क्लिक किया भास्कर के फोटो जर्नलिस्ट ताराचंद गवारिया ने।

, जसवंत को हराने के लिए वसुंधरा ने झोंकी पूरी ताकत





बाड़मेर. बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रमुख स्तंभ रहे और  केंद्र में वित्त, विदेश, भूतल परिवहन मंत्री और योजना आयोग के उपाध्यक्ष रह चुके जसवंत सिंह के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतर जाने से यह हॉट सीट बन गई है। मोदी लहर के बावजूद यहां बने त्रिकोणीय संघर्ष में जसवंत सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी इस सीट को भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है।
भाजपा के कर्नल सोनाराम और कांग्रेस के हरीश चौधरी सहित 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। विधानसभा चुनाव में इस लोकसभा सीट में आने वाले आठ विधानसभाओं में से सात में भाजपा और एक पर कांग्रेस विधायक चुने गए थे। इसी के चलते भाजपा आश्वस्त है। वहीं जसवंत सिंह के बागी होने के कारण भाजपा मतों में बंटवारे के तर्क के साथ कांग्रेस अपनी स्थिति को मजबूत मान रही हैं। दूसरी तरफ जसवंत सिंह भाजपा और कांग्रेस दोनों से जाट प्रत्याशी होने से अपने समाज के मतों के कारण आश्वस्त नजर आते हैं। जसवंत सिंह की स्थिति उनकी सभाओं में आने वाली भीड़ ही बयां कर देती है, जिनको बुलावे या मैनेज करने की जरूरत नहीं बताई जाती।
भाजपा ने झोंकी पूरी ताकत
वसुंधरा राजे ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाते हुए इस सीट को हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। वे स्वयं यहां तीन बार दौरा कर चुकी है। नामांकन के दिन सभा को संबोधित किया, दूसरी बार जसवंत सिंह के मूल गांव जसोल में जाकर पांचों प्रमुख मंदिरों में पूजा अर्चना की और लोगों से मिलीं। तीसरी बार जैसलमेर में सभा को संबोधित किया। इतना ही नहीं, सभी जातियों को प्रभावित करने के लिए इन जातियों के विधायकों और अन्य नेताओं के लगातार दौरे करवाए जा रहे हैं।
मोदी लहर का असर 
भाजपा के तेज प्रचार के कारण यहां नरेंद्र मोदी की लहर बन रही है। इसका प्रमाण है कि विधानसभा की आठ में से सात सीटें भाजपा ने जीती। लोकसभा चुनाव में यह फैक्टर कितना काम करेगा, उसी पर परिणाम निर्भर करेगा।
कुल मतदाता- 16,78,686
पुरुष- 8,95,834
महिला- 7,82,852
इस बार प्रत्याशी - 11

जशोदाबेन नंगे पांव रख रही हैं विशेष व्रत, चार धाम की यात्रा पर निकलीं


वडोदरा/नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी ने पहली बार खुद को शादीशुदा माना है। विरोधी उन पर तंज कस रहे हैं। लेकिन पत्नी जशोदाबेन इन सबसे दूर मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए नंगे पांव रह कर विशेष व्रत कर रही हैं। जशोदाबेन के छोटे भाई कमलेश ने बताया कि उनकी बहन अभी चारधाम यात्रा पर गई हैं। उन्होंने मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए भगवान से मन्नत मांगी है।
इसके लिए वे चावल भी नहीं खा रहीं और नंगे पांव ही चलती हैं। जशोदाबेन और मोदी की 1968 में शादी हुई थी। तीन साल दोनों साथ रहे। उसके बाद जशोदाबेन मायके चलीं आईं। प्राइमरी स्कूल में पढ़ाया। अब रिटायर हो चुकी हैं। जशोदाबेन की जब शादी हुई तब उनकी उम्र 17 साल और नरेंद्र मोदी की 19 साल थी।
शादी के बाद मोदी ने घर छोड़ दिया था। जशोदाबेन के बड़े भाई अशोक मोदी ने बताया कि उनकी बहन के लिए नरेंद्र मोदी भगवान तुल्य हैं। वह रोज उनके लिए बहुचर माता का 101 पाठ करती हैं। जब अशोक से पूछा गया कि यदि जशोदाबेन नरेंद्र मोदी के पास जाएं तो कैसा लगेगा? इस पर वे तपाक से बोले- 'बहन ससुराल जाए इससे अधिक खुशी की क्या बात हो सकती है।'
मोदी के कबूलनामे पर राजनीतिक हमले
-दिग्विजय ने कहा: क्या देश की महिलाएं मोदी पर भरोसा कर सकती हैं?
-भाजपा आई बचाव में, मीनाक्षी ने कहा: कभी इनकार भी तो नहीं किया
-मोदी के बड़े भाई सोमभाई ने कहा: शादी सिर्फ सामाजिक औपचारिकता थी

तीसरा चरणः टॉप पर रहे केरल और चंडीगढ़, बन गया वोटिंग का नया रिकॉर्ड




नई दिल्ली. खूब दिखा लोकतंत्र का जोश। गुरुवार को 11 राज्य और तीन केंद्र शासित प्रदेशों की 91 सीटों के लिए वोटिंग हुई। सभी राज्यों में वोटिंग का नया रिकॉर्ड बना। दो से 17 प्रतिशत तक अधिक वोट पड़े। दिल्ली, हरियाणा, केरल और चंडीगढ़ के सभी सीटों पर वोटिंग हो गई। इसमें चंडीगढ़ में 74 फीसदी, हरियाणा में 73 और दिल्ली में 64 प्रतिशत वोटिंग हुई। वोटिंग के मामले में केरल अब भी सबसे आगे है। वहां 76 प्रतिशत वोटिंग हुई। हालांकि वहां वोटिंग प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से अधिक ही रहता है। दिल्ली में इस बार 2009 की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक वोट पड़े हैं। कुछ इलाकों में थोड़ी-बहुत हिंसा भी हुई। खासकर बिहार और छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में और हरियाणा में। इन हमलों में तीन जवानों की मौत हो गई।
शोम्पेन आदिवासियों ने पहली बार डाला वोट
पोर्ट ब्लेयर: पाषाण युग की अंतिम जीवित प्रजाति शोम्पेन आदिवासियों ने पहली बार वोट डाला। ग्रेट निकोबार में रहने वाले इस समुदाय के करीब 60 सदस्यों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। निर्वाचन आयोग ने इनके लिए जंगल के अंदरूनी हिस्से में बूथ बनाया था। 2011 की जनगणना के अनुसार इस आदिवासी समुदाय के सिर्फ 229 सदस्य जीवित हैं।

क़ुरआन का सन्देश

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