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19 अप्रैल 2014

लड़के से बन गई लड़की, अब एयर होस्टेस बनने की 'ख्वाहिश'




जोधपुर. यह जोधपुर शहर का संभवत: पहला मामला है, जिसमें एक युवक ने खुद को लड़की की तरह जीने के बारे में सोचा और परिवार व रिश्तेदारों की मर्जी नहीं होने के बावजूद अपनी इच्छा पूरी की। सत्यजीत सिंह की उम्र अभी 25 साल है। उसे बचपन से यही लगता था कि वह लड़की है। उसके शौक भी ऐसे ही थे। दो साल पहले उसने दिल्ली के एक अस्पताल में लिंग परिवर्तन करवाया। फिर हार्मोन ट्रीटमेंट लिया और अब चेहरा बदलते ही नाम रख लिया ख्वाहिश उर्फ हनी। मुंबई में एयर होस्टेस की ट्रेनिंग ले रही ख्वाहिश अब अपनी नई पहचान को कानूनी रूप से देने की कोशिश कर रही है।
घरवालों ने समझाया, डॉक्टर ने काउंसलिंग भी की, लेकिन नहीं माना सत्यजीत, 'ख्वाहिश' बनकर ही घर लौटा
मधुबन हाउसिंग बोर्ड निवासी सत्यजीत सिंह (25) ने 10वीं तक सेंट एंस स्कूल में पढ़ाई की। किशोरावस्था में पहुंचने पर उसे लगा कि वह लड़कियों की तरह ही व्यवहार करता है। वह जयपुर पहुंच गया और ब्यूटी पार्लर में काम करने लगा। खुद की कमाई से अपना सपना पूरा करने की सोची। उसे एयर होस्टेस बनना था। इस बीच उसके संपर्क मुंबई में हो गए। वहां भी काम किया और पता चला कि दिल्ली के एक अस्पताल में ट्रीटमेंट से उसका सपना पूरा हो सकता है। खुद के दम पर करीब साढ़े छह लाख रुपए जुटा कर उसने 2012 में लिंग परिवर्तन करवाया। यह बात परिवार के लोगों को पता चली तो उन्होंने भी समझाया। दिल्ली अस्पताल के डॉक्टर ने भी उसको कई दिन तक काउंसलिंग के लिए बुलाया।
डॉक्टर चाहते थे कि इस तरह का बदलाव करने से पहले उसे पूरी तरह परखा जाए। जब डॉक्टर भी आश्वस्त हो गए कि सत्यजीत में कहीं न कहीं लड़की जैसे गुण हैं, तो वे इलाज के लिए सहमत हुए। तीन माह पहले हार्मोन ट्रीटमेंट व विशेष तरह की सर्जरी करने के बाद अब उसे नया चेहरा मिल गया, तो उसने अपनी इस पहचान को नया नाम देने के लिए जोधपुर में नाम परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू कर दी।

उसने खुद चुनी जिंदगी : माता-पिता
सत्यजीत के पिता दलपत सिंह और मां शकुंतला ने बताया कि तीन भाइयों में सत्यजीत सबसे छोटा है। बचपन से ही वह डांस कार्यक्रमों में लड़कियों की ड्रेस पहनकर शामिल होता था तो खाना बनाने और शादी समारोह में अच्छी तरह तैयार होकर जाना उसे अच्छा लगता था। दोनों भाई उसके इस व्यवहार से नाराज रहते थे। उसने जब बाल बढ़ाए तब भी भाइयों ने टोका था।
हीरोइन बनने का भी सपना
सत्यजीत से ख्वाहिश बनने के बारे में उसने बताया कि जयपुर से दिल्ली पहुंचकर उसने अपनी पहचान बदलने के बारे में सबसे पहले माता-पिता को ही बताया। पहले तो उन्होंने नाराजगी जाहिर की, लेकिन अब सब कुछ ठीक हो गया है। एवलोन एकेडमी में एडमिशन लेकर एयर होस्टेस की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी है। साथ ही, अब मॉडलिंग के साथ फिल्मों व टीवी में भी काम करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

इंटरनेशनल प्रोटोकॉल के तहत होते हैं ऐसे बदलाव
सत्यजीत को लड़के से लड़की बनाने के लिए सर्जरी करने वाले सीताराम हॉस्पिटल के डॉक्टर एस.वी. कोटवाल का कहना है कि इस तरह के ऑपरेशन इंटरनेशनल प्रोटोकॉल के तहत होते हैं। सत्यजीत की हार्मोन ट्रीटमेंट के बाद सर्जरी की गई। यह जेंडर आइडेंटी डिसऑर्डर को ठीक करना है। इसमें डेढ़ से दो साल लगते हैं। इसके पहले जेंडर चेंज करवाने वाले व्यक्ति का गहन मानसिक परीक्षण किया जाता है।
लड़के से बन गई लड़की, अब एयर होस्टेस बनने की 'ख्वाहिश'

सबसे लंबी दाढ़ी वाली महिला, चेहरे पर 11.5 इंच लंबे बाल!




इस 29 वर्षीय महिला का दावा है कि वह सबसे लंबी दाढ़ी रखने वाली फीमेल है। दरअसल, उसकी दाढ़ी के बालों की लंबाई 11.5 इंच है। लास वेगास में रहने वाली जेसा का कहना है कि दाढ़ी रखना उसकी हॉबी है। उसने बॉडी में टैटू भी खूब गुदवाए हैं। उसे अपने पालतू सांपों को चूमना पसंद है।

जेसा भले ही विश्व की सबसे लंबी दाढ़ी रखने वाली महिला होने का दावा कर रही है, लेकिन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में जेसा का नाम दर्ज नहीं है। उसे ज्वैलरी भी काफी पसंद है और विटेंज कारों का भी शौक है।

जेसा अमेरिकी टीवी चैनल AMC  के फ्रीक शो (अनूठा कार्यक्रम) में आगामी 6 मई को दिखाई देगी। इस टीवी शो का स्लोगन है 'Say No  To Normal!' यह शो विचित्र व्यक्तियों की जिंदगी से जुड़ी बातें दिखाता है।

वह फ्रीक शो में अमेजिंग अली और वी मैट मैकार्थी के साथ में दिखाई देगी। वे दुनिया के सबसे छोटे कद के कपल हैं। जेस के साथ कार्यक्रम में 7 फीट 8 इंच लंबे जॉर्ज भी शामिल होंगे। इनकी शूटिंग कैलिफोर्निया के ब्रॉडवॉक में वेनिस बीच में फ्रीक शो के लिए की गई है।

दो साल से एक पैर पर खड़े हैं त्यागी बाबा, नहीं खाया अन्न का एक भी दाना




बीड़. जावर क्षेत्र के ग्राम मांडला के जंगल में एक बाबा दो साल से एक पैर पर खड़े होकर तपस्या कर रहे हैं। उनका कहना है कि भगवान राम ने 14 साल तक एक-एक दिन जंगलों में कष्ट भोगा। एक दिन अचानक मन में आया कि जब भगवान कष्ट भोग सकते हैं तो मैं क्यों नहीं। मैने भी 14 साल तक एक पैर पर खड़े रहने का संकल्प लिया है। इस दौरान अन्न का पूरी तरह त्याग दिया है।
 
बाबा रामकुंवर त्यागी विदिशा जिले के खुशालपुरा गांव के रहने वाले हैं। वे 2010 में सिंगाजी दर्शन करने जा रहे थे। मांडला के जंगल से गुजरते समय उन्हें लगा यहां कुछ विशेष है तो यहीं डेरा डाल लिया। बाबा ने बताया एक दिन स्वप्न में हनुमानजी ने कहा मैं जमीन में दबा हूं, बाहर निकालो। बाबा ने एक-दो दिन बाद पास ही खुदाई की तो सच में एक प्रतिमा निकली। ग्रामीणों के सहयोग से प्रतिमा की स्थापना कराई। अब यहां आश्रम बन गया है। जिसका नाम खेरदा आश्रम रखा गया। बाबा ने बताया 2012 से एक पैर पर खड़े रहने का संकल्प लिया है। 14 साल पूरे होने के बाद ही घर लौटूंगा। 
 
बाबा ने अन्न का पूरी तरह त्याग कर दिया है। ग्रामीणों द्वारा लाया गया दूध, दही, छाछ या मिश्री का ही सेवन करते हैं। शौच व नहाने के लिए एक पैर से ही चलकर जाते हैं। खड़े-खड़े ही नींद भी ले लेते हैं। अब आश्रम में आसपास के गांवों के लोग भी बाबा की सेवा करने आने लगे हैं। नर्मदा परिक्रमावासी भी यहां रात्रि विश्राम के लिए रुक जाते हैं। 
 
गुरु भी आश्रम पहुंचे 
 
रामकुंवर त्यागी बाबा के गुरु दामोदर महाराज भी खेरदा आश्रम पहुंच गए हैं। गुरु ने बताया चेले ने जब से एक पैर पर खड़ा रहना शुरू किया है मैं भी उसकी सहायता के लिए आ गया हूं। त्यागी ने दो साल से अन्न का दाना ग्रहण नहीं किया है।
 
मध्यप्रदेश के राधेश्याम उर्फ श्यामा बाबा पिछले 13 सालों से अपने दाहिने हाथ को उठाकर रखे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने अपने हाथ को एक पल के लिए भी नीचे नहीं किया है। जूना अखाड़े से जुड़े श्यामा बाबा का यह हठयोग उनकी अनूठी साधना का एक हिस्सा है। उन्होंने यह साधना विश्व कल्याण की कामना के लिए कुम्भ मेले में शुरू किया था।

वाराणसीः विरोध के चलते केजरीवाल को माता-पिता के साथ बदलना पड़ा ठिकाना





वाराणसी. आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और उनके माता-पिता को विरोध की वजह से वाराणसी में अपना ठिकाना बदलना पड़ा है। शुक्रवार को उन्हें संकट मोचन मंदिर का गेस्ट हाउस छोड़ना पड़ा। केजरीवाल अपने माता-पिता के साथ यहां 15 अप्रैल से रह रहे थे। सूत्रों का कहना है कि श्रद्धालुओं के विरोध के चलते केजरीवाल को यह कदम उठाना पड़ा। लोगों ने मंदिर में राजनीतिक गतिविधियों के संचालन पर आपत्ति जताई थी। हालांकि मंदिर के पुजारी  बिशंभर मिश्रा ने विरोध जैसी किसी वजह से इनकार किया है। 
 
गौरतलब है कि केजरीवाल, उनकी माता गीता देवी औऱ पिता गोबिंद केजरीवाल बनारस के प्रसिद्ध संकट मोचन मंदिर में यहां के मुख्य पुजारी बिशंभर मिश्रा के अतिथि के तौर पर गेस्ट हाउस में ठहरे हुए थे।
 
बीएचयू के इलाके दुर्गा खंड में शिफ्ट हुए केजरीवाल 
'आप' सूत्रों का कहना है कि मंदिर से निकलने के बाद केजरीवाल और उनके माता-पिता अब बीएचयू के इलाके दुर्गा खंड में शिफ्ट हो गए हैं। मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे केजरीवाल को लगातार विरोध का सामना कर पड़ा रहा है। केजरीवाल की जनसभाओं में भी कई बार हंगामा हो चुका है। केजरीवाल और उनके परिवार का बनारस आने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया था, लेकिन अब मंदिर परिसर छोड़ना एक तरह से उनकी छवि को गिराने की कोशिश जैसा है।
 
कौन हैं विशंभर मिश्रा
बिशंभर मिश्रा संकट मोचन मंदिर के मुख्य पुजारी हैं। उनके पिता वीर बहादुर मिश्रा भी इस मंदिर के मुख्य पुजारी थे। वह हाइड्रोलिक्‍स इंजीनियर भी थे। गंगा की सफाई के लिए चलाए गए खास अभियान में उनके योगदान के बाद 'टाइम' मैगजीन ने 1999 में उन्‍हें 'हीरोज ऑफ प्लानेट' में से एक बताया था।
केजरीवाल की मदद के लिए बनारस के लिए निकले आशुतोष
 
आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष भी केजरीवाल की मदद करने के लिए वाराणसी के लिए  निकल गए हैं। आशुतोष भी 'आम आदमी के स्टाइल' में ट्रेन से वाराणसी जा रहे हैं।  आशुतोष ने ट्वीट कर कहा कि वह अपने घर बनारस पहुंचने के लिए काफी उत्सुक हैं। गौरतलब है कि बनारस आशुतोष की जन्मभूमि है। वहीं, केजरीवाल ने शनिवार को सुबह पार्कों और अन्य सार्वजनिक जगहों पर लोगों से मिलकर वोट मांगे। 
 
बनारस में क्या है AAP का प्लान 
बनारस में केजरीवाल बड़ी रैलियों के बजाय खुद जनसंपर्क कर लोगों से वोट मांग रहे हैं। केजरीवाल के अलावा संजय सिंह, मनीष सिसौदिया समेत पार्टी के कई अन्य नेता भी केजरीवाल के लिए समर्थन जुटा रहे हैं। आशुषोष भी जल्दी ही बनारस की गलियों में पार्टी के लिए समर्थन जुटाने के लिए घूंमेंगे। आनंद कुमार पहले ही बनारस के शैक्षणिक संस्थानों और चौपालों पर प्रचार कर रहे हैं। आनंद और आशुतोष की बनारस के बौद्धिक वर्ग में पैठ बताई जाती है।

गिरिराज बोले- चुनाव के बाद मोदी आलोचकों को पाकिस्‍तान जाना होगा, EC के पास बढ़ रही शिकायतें



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गोड्डा/नई दिल्‍ली. बिहार की नवादा लोकसभा सीट से बीजेपी उम्‍मीदवार गिरिराज सिंह ने झारखंड के गोड्डा में विवादास्‍पद बयान दिया है। गिरिराज सिंह ने एक चुनावी रैली में कहा है कि जो लोग उनकी पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का विरोध करते हैं, उन्हें आम चुनाव परिणामों के बाद भारत छोड़कर पाकिस्तान जाना होगा। गिरिराज सिंह ने कहा कि ऐसे लोगों के लिए भारत में रहने के लिए कोई स्‍थान नहीं होगा और उन्‍हें पाकिस्‍तान में शरण लेनी होगी। गिरिराज सिंह ने यह बयान बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी की मौजूदगी में दिया। गिरिराज सिंह बिहार की नवादा लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। उधर, प्रदेश कांग्रेस के प्रेमचंद मिश्र ने भाजपा नेता के बयान के विरुद्ध चुनाव आयोग (EC) से कार्रवाई की मांग की है। इस चुनाव में आयोग के पास पिछले कुछ दिनों में काफी संख्‍या में शिकायतें पहुंच रही हैं (
 
नीतीश कुमार पर भी बोला हमला
 चुनाव आयोग ने शुक्रवार को सपा प्रुमख मुलायम सिंह यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। मुलायम सिंह को यह नोटिस एक चुनावी रैली में अस्‍थाई टीचरों को लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के पक्ष में वोट करने के लिए कथित रूप से धमकाने के लिए दिया गया था। आयोग ने कहा था कि यादव ने पहली नजर में आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है। आयोग ने उन्हें रविवार शाम तक नोटिस का जवाब देने को कहा है।
पत्रकारों के साथ बातचीत में गिरिराज ने कहा कि मोदी के विरोध का फैशन हो गया है। जिसे जो मन हो, बोल सकता है। देश की जनता मोदी के सिवाय कुछ नहीं चाहती। गिरिराज ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी जमकर हमला बोला और कहा कि लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद उन्हें पता चल जाएगा कि उनकी जमीन खिसक चुकी है।सपा के कद्दावर नेता आजम खान ने खुद पर प्रचार को लेकर लगी पाबंदी न हटाने के बाद चुनाव आयोग पर तीखा हमला किया है। आजम खान ने कहा है कि चुनाव आयोग अपने आप को सुप्रीम कोर्ट से ऊपर समझ रहा है। आजम ने कहा कि वह चुनाव प्रचार करने से उन्हें रोकने के आयोग के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। गौरतलब है कि भड़काऊ भाषण की शिकायत पर चुनाव आयोग ने 11 अप्रैल को अमित शाह और आजम खान को चुनावी जनसभाएं और रोड शो करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि बाद में चुनाव आयोग ने गुरुवार रात को कानून व्यवस्था का ध्यान रखने के अमित शाह के आश्वासन के बाद उन पर लगी पाबंदी हटा दी थी, जबकि आजम पर लगी पाबंदी को बरकरार रखा गया था। इसके बाद आजम और उनकी पार्टी चुनाव आयोग के इस फैसले से गुस्से में हैं।

सबसे अमीर मंदिरों में शुमार पद्मनाभस्वामी मंदिर में होता है यौन उत्‍पीड़न




नई दिल्ली. देश के सबसे अमीर मंदिरों में शुमार केरल के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में यौन उत्‍पीड़न होता है। यह खुलासा किया है सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त अमाइकस क्यूरी (न्याय मित्र) गोपाल सुब्रह्मण्यम ने अपनी रिपोर्ट में। इस रिपोर्ट में मंदिर परिसर में एसिड अटैक की घटना का भी जिक्र किया गया है। साथ ही मंदिर प्रबंधन में लापरवाही और संपत्तियों की चोरी के मामले भी सामने आए हैं। मंदिर में गोल्ड प्लेटिंग मशीन का भी पता चला है। 577 पन्नों की रिपोर्ट  में कहा गया है कि मंदिर परिसर में यौन उत्‍पीड़न की घटनाएं आम हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक महिला को भगवान के कपड़े सिलने के लिए रखा गया था। बाद में उसे कंप्यूटर ऑपरेटर बना दिया गया। एक गार्ड ने उसके यौन उत्‍पीड़न की कोशिश की। जब महिला ने इसकी शिकायत की तो उसे नौकरी से निकाल दिया गया। पुलिस कमिश्नर ने भी इस बात की तस्दीक की है। अमाइकस क्यूरी ने ऐसे मामलों को रोकने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाने का सुझाव दिया है। मंदिर परिसर में पद्मनाभ दास नामक व्यक्ति पर एसिड अटैक हुआ था। उसने  कुछ लोगों को मंदिर से आभूषण ले जाने से रोका था।
 बहुमूल्य वस्तुओं का लेखा-जोखा नहीं
अमाइकस क्यूरी गोपाल सुब्रह्मण्यम ने मंदिर का 35 दिनों तक निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि विभिन्न कमरों  में बहुमूल्य चीजें पड़ी थी, जिसका कोई लेखा-जोखा नहीं था। उन्होंने संपत्ति की जांच पूर्व सीएजी विनोद राय से कराने का आग्रह किया है। साथ ही कहा है कि मंदिर के वर्तमान ट्रस्टी (ट्रावनकोर रॉयल फैमिली) और उसके परिवार को मंदिर के कामकाज में दखल की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया  है कि मंदिर में मिले गोल्ड प्लेटिंग मशीन से आशंका है कि मंदिर से सोने के कुछ आभूषण चोरी हुई है और उसकी जगह नकली आभूषण रखे गए होंगे। उल्लेखनीय है कि 2011 में श्री  पद्मनाभस्वामी मंदिर में आकूत संपत्ति मिलने की बात सामने आई थी। तब मंदिर की संपत्ति करीब एक लाख करोड़ रुपए आंकी गई थी।
तहखानों में से मिली राशि की कीमत 5 लाख करोड़ रुपये आंकी
केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम के श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर में कुल छह तहखाने हैं, जिनमें से अब तक पांच को खोला गया है और इन पांच तहखानों में से मिली राशि की कीमत 5 लाख करोड़ रुपये आंकी जा रही है। जी हां, पांच लाख करोड़ यानि एक स्विस बैंक की टक्कर का हमारे भारत में एक मंदिर है और यह पांच लाख करोड़ तो वह राशि है जो इसकी असली कीमत है। मंदिर में कई ऐसी पुरानी और विशेष वस्तुएं भी हैं जो दुर्लभ हैं और विश्व की ब्लैक मार्केट में इनकी कीमत चौगुनी हो जाती है। कुल मिलाकर कहा जाए तो मंदिर के तहखाने से इतना धन मिलना यह साफ दर्शाता है कि भारत के गरीब होने का कारण यहां संपदाओं की कमी नहीं बल्कि उसका गलत इस्तेमाल है।
देश के कई राज्यों के सालाना बजट से कहीं ज्यादा मंदिर की सम्पति
इस मंदिर से अभी तक जो धनराशि मिली है, उसका यदि तुलनात्मक मूल्यांकन किया जाए तो यह देश के कई राज्यों के सालाना बजट से कहीं ज्यादा है। दिल्ली, झारखंड और उत्तराखंड के कुल वार्षिक बजट से भी यह राशि 23 हजार करोड़ रुपये ज्यादा है। देश की सबसे बड़ी मनरेगा परियोजना का बजट भी इससे आधा है। तिरुपति बालाजी मंदिर के पास भी इतनी दौलत है कि वह देश के कुल बजट के पांचवें हिस्से तक पहुंच गई।
 
इस मंदिर के खजाने में अभी 50 हजार करोड़ रुपये जमा हैं। एक साल में करीब 650 करोड़ कमाने वाले अरबपति बालाजी भगवान दुनिया में सबसे धनपति भगवान हैं। यह मंदिर अब विदेशी मुद्रा की आय का भी जरिया बन रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया जैसे 12 देशों की मुद्रा चढ़ावे के रूप में यहां उपलब्ध है। इस मंदिर की करीब एक सौ करोड़ रुपये की वार्षिक कमाई अकेले मुंडन कराने आए श्रद्धालुओं के बाल काटकर बेचने से होती है।

भाजपा नेता की अश्लील सीडी: महिला ने मांगे 2 करोड़, दिल्‍ली पुलिस ने किया अरेस्‍


जयपुर. भाजपा नेता और राजस्थान इंजीनियरिंग कॉलेज फॉर विमन के चेयरमैन जितेंद्र सिंह फौजदार को अश्लील सीडी से ब्लैकमेल कर दो करोड़ पांच लाख रुपए मांगने वाली महिला को दिल्ली पुलिस ने शनिवार को 40 लाख रुपए लेते गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने डील कराने वाले मध्यस्थ अरुण कोठारी को भी पकड़ लिया। आरोपी महिला मीनाक्षी अपने पति संदीप के साथ मिलकर जितेंद्र को ब्लैकमेल कर रही थी।
कार्रवाई मध्यस्थ अरुण के सी-स्कीम स्थित सिल्वर प्लेनेट एक्सपोर्ट हाउस में हुई। यहां आरोपी मीनाक्षी ने जितेन्द्र को पहली किस्त के 40 लाख रुपए देने के लिए बुलाया था। जितेन्द्र ने जैसे ही 40 लाख रुपए महिला को दिए, पुलिस ने महिला और मध्यस्थ अरुण को पकड़ लिया। संदीप मौके से फरार हो गया।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस महिला और मध्यस्थ को दिल्ली ले गई। जितेन्द्र सिंह दिल्ली के प्रशांत विहार में रहते हैं, उन्होंने वहीं पर महिला के खिलाफ ब्लैकमेलिंग का मामला दर्ज कराया था। गिरफ्तार मीनाक्षी चौधरी (35) हवा सड़क, डूंडलोद हाउस कॉलोनी और अरुण कोठारी जवाहर नगर सेक्टर दो में रहता है।
दिल्ली पुलिस गिरफ्तारी के बाद मीनाक्षी और अरुण को विधायकपुरी थाने ले गई। थाने में कार्रवाई की सूचना देकर पत्रावली तैयार की गई। दोनों की गिरफ्तारी के बाद सीजेएम भारत भूषण गुप्ता के गांधी नगर निवास पर ट्रांजिट रिमांड लेने गए लेकिन सीजेएम गुप्ता ने दिल्ली की दूरी कम होने की बात कहकर ट्रांजिट रिमांड नहीं दिया और दिल्ली कोर्ट में पेश करने के लिए कहा। इसके बाद पुलिस टीम महिला औ मध्यस्थ को दिल्ली के लिए रवाना हो गई।
10 करोड़ मांगे थे, 2 करोड़ में तय हुआ था सौदा
जितेन्द्र सिंह ने बताया- मीनाक्षी उसके भांकरोटा स्थित कॉलेज कैंपस में ही पिछले चार साल से ब्यूटी पार्लर चला रही है। वहीं मेरा उससे परिचय हुआ था। सितंबर 2013 में मीनाक्षी ने पति संदीप चौधरी, एक अन्य व्यक्ति मंजीत सिंह के साथ मिलकर मेरी फर्जी आपत्तिजनक सीडी बना ली थी। दुष्कर्म केस में फंसाने की धमकी देकर ये लोग 10 करोड़ रुपए मांग रहे थे। पिछले साल मीनाक्षी के पति ने सोढ़ाला थाने में केस भी दर्ज कराने का प्रयास किया था, लेकिन बाद में पांच लाख रुपए लेकर वह पीछे हट गया और फिर से 10 करोड़ की मांग  करने लगा।
पहली किस्त में 40 लाख लेने गई थी महिला
बार-बार की ब्लैकमेलिंग से तंग जितेंद्र ने दिल्ली के प्रशांत विहार थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा दी थी। इधर, जितेंद्र और संदीप के बीच डील के लिए ज्वैलर अरुण कोठारी ने मध्यस्थता की थी। महिला और उसके पति पहले पांच करोड़, बाद में दो करोड़ पांच लाख रुपए लेने पर राजी हो गए थे। शनिवार को महिला पहली किस्त के रूप में 40 लाख लेने ही अरुण के ऑफिस गई थी।
राममंदिर में धोक लगाकर पहुंचे थे रुपए लेने
मीनाक्षी ब्लैकमेलिंग के पैसे लेने पति संदीप के साथ घर से निकली थी तो पहले हवा सड़क स्थित राम मंदिर में दर्शन करने गई थी। यहां से दोनों अरुण के ऑफिस पहुंचे। मीनाक्षी पैसे लेने अंदर गई। संदीप बाहर कार में रहा। जैसे ही उसे पुलिस की भनक लगी वह फरार हो गया।

देह मेरी ,

देह मेरी ,
हल्दी तुम्हारे नाम की ।
हथेली मेरी ,
मेहंदी तुम्हारे नाम की ।
सिर मेरा ,
चुनरी तुम्हारे नाम की ।
मांग मेरी ,
सिन्दूर तुम्हारे नाम का ।
माथा मेरा ,
बिंदिया तुम्हारे नाम की ।
नाक मेरी ,
नथनी तुम्हारे नाम की ।
गला मेरा ,
मंगलसूत्र तुम्हारे नाम का ।
कलाई मेरी ,
चूड़ियाँ तुम्हारे नाम की ।
पाँव मेरे ,
महावर तुम्हारे नाम की ।
उंगलियाँ मेरी ,
बिछुए तुम्हारे नाम के ।
बड़ों की चरण-वंदना
मै करूँ ,
और 'सदा-सुहागन' का आशीष
तुम्हारे नाम का ।
और तो और -
करवाचौथ/बड़मावस के व्रत भी
तुम्हारे नाम के ।
यहाँ तक कि
कोख मेरी/ खून मेरा/ दूध मेरा,
और बच्चा ?
बच्चा तुम्हारे नाम का ।
घर के दरवाज़े पर लगी
'नेम-प्लेट' तुम्हारे नाम की ।
और तो और -
मेरे अपने नाम के सम्मुख
लिखा गोत्र भी मेरा नहीं,
तुम्हारे नाम का ।
सब कुछ तो
तुम्हारे नाम का...
आखिर तुम्हारे पा

ऐतबार टूटा …

एक उम्र तक मैं खुद को उस की ज़ात का हिस्सा समझता रहा ……!
फिर यूं हुआ के …..! यक़ीन टूटा ….!
ऐतबार टूटा …..!
दिल टूटा ……!
और मैं भी टूटता चला गया ….

ये वो कुछ और नहीं -

ये वो कुछ और नहीं -
बस मुझे - मेरे
नाम से पुकारो तुम .
यहाँ - वहां कहीं नहीं -
बस - केवल
मेरी तरफ निहारो तुम .

जगह कम है - दिल में उनके
बस मेरी तरफ - आराम से
पाँव अपने पसारो तुम.
वहां मौसम - ना रौनक है
यहाँ -मेरे नजदीक आओ
झूम कर बहारो तुम .

क़ुरआन का सन्देश

  
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