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21 अप्रैल 2014

सिर पकड़ आसाराम जज से बोले- मुझे कोई शिकवा नहीं, मैं सबको छोड़कर जा रहा हूं


जोधपुर. 'मैं सबको छोड़ कर जा रहा हूं। मुझे किसी से कोई शिकवा-शिकायत नहीं हैं, लेकिन मानवाधिकार का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।' सोमवार को कोर्ट में पेश करने पर आसाराम ने सिर पकड़ते हुए ऐसा कहा। वे बोले- 'मुझे लेटा दो। अस्पताल भेज दो।' उन्हें जब सेंट्रल जेल से कोर्ट लाया गया तब वे गाड़ी की सीढिय़ों पर ही बैठ गए और बोले- 'तबीयत ठीक नहीं है।'
जेल मेन्युअल अनुसार कार्रवाई करें: जज
कोर्ट में कुछ देर रुकने के बाद जब आसाराम ने कहा, 'मुझे फंसाया जा रहा है। मैं बीमार हूं।' इस पर जज मनोज कुमार व्यास ने कहा-'जेल मेन्युअल के अनुसार कार्रवाई हो।'
एंबुलेंस से ही जाने की जिद
जब जज ने जेल मेन्युअल के अनुसार कार्रवाई करने के लिए कहा तो मौजूद पुलिस अधिकारी ने उन्हें पुलिस के वाहन से पावटा अस्पताल चलने को कहा। आसाराम एंबुलेंस से ही आयुर्वेद विवि जाने की जिद करने लगे। एंबुलेंस के नहीं पहुंचने पर पुलिस अधिकारी आसाराम को पुलिस वाहन में ही जेल तक छोड़कर आए। जहां डिस्पेंसरी में उसे चैक किया गया। इसके बाद आयुर्वेद विवि भेज दिया गया। यहां डॉक्टरों ने दवाई देकर दुबारा जेल भेज दिया।

आंखोें के सामने डूब गया हंसता खेलता परिवार, बेबस पति चीखता रहा




दतिया/सेंवढ़ा. रविवार की रात खैरोना घाट से नाव पर सवार होकर हम लोग शादी समारोह के लिए निकले ही थे। तभी दस मिनट बाद नाव में जगह कम होने के कारण महिलाओं ने एक-दूसरे से आगे खिसकने के लिए कहा। आगे ज्यादा वजन होने से नाव की पटिया टूट गई। पटिया टूटते ही नाव में पानी भरने लगा। नाव में बैठे लोग चीखने लगे। रात का समय था। नदी का पानी गहरा था, इसलिए कूद भी नहीं सकते थे। मेरी आंखों के सामने मेरी पत्नी और चारों बच्चे डूब गए। मैं नाव में फंस गया। मैं पागलों की तरह चीखता-चिल्लाता रहा।
 
अंधेरा होने के कारण कुछ दिखाई भी नहीं दे रहा था। जैसे-तैसे मैं नदी में कूदा लेकिन अपने परिवार के किसी भी सदस्य को नहीं बचा पाया। सिंध नदी ने मेरा परिवार लील लिया। सोमवार को यह पीड़ा बताते-बताते सेंवढ़ा निवासी राजू केवट फूट-फूटकर रोने लगा। नाव में कुल 28 लोग सवार थे। इसमें 12 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। दो लापता हैं, उनकी तलाश जारी है। जबकि 14 लोगों में से कुछ ने तैरकर और कुछ को रेस्क्यू टीम की मदद से निकाला गया। 
 
रविवार की रात नाव में सवार होकर दो परिवार सिलेटा गांव में एक शादी समारोह में शामिल होने जा रहे थे। इसमें एक परिवार लांच गांव का और दूसरा, सेंवढ़ा के राजू केवट का था। राजू के परिवार में पत्नी और चार बच्चे थे। यह सभी नदी में डूब गए।  राजू के साथ उसका चचेरा भाई महेश भी नाव पर सवार था। राजू की पत्नी किरण, बेटी चांदनी (12), बेटी पूजा (10), छोटू (2) और अंजू (8) की मौत हो गई।
 
हादसे में अब तक इनकी मौत
 
मनीष पुत्र कल्लू केवट (डेढ़ साल) निवासी लांच, पवन पुत्र राजाराम (तीन साल) निवासी लांच, करुआ पुत्र बलवीर केवट (तीन साल) निवासी लांच, अंजनी उर्फ संध्या पुत्री रज्जू राजाराम (छह माह) निवासी लांच, रज्जो पुत्री सुक्खाराम (15) निवासी लांच, मुलिया पत्नी स्व. किशोरी केवट (65 साल) निवासी लांच, लाली पत्नी दिनेश केवट (22) निवासी लांच, किरण पत्नी राजू केवट, (28) निवासी सेंवढ़ा, बाबू उर्फ छोटू पुत्र राजू केवट (दो साल) निवासी सेंवढ़ा, चांदनी पुत्री राजू केवट (12 साल)निवासी सेंवढ़ा, पूजा पुत्री राजू (10 साल) निवासी सेंवढ़ा, अंजू पुत्री राजू (2) साल नाव में कुल 28 लोग सवार थे।
 
इनमें से 14 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। दो लापता लोगों की तलाश की जा रही है। जो नाव डूबी उसे भी निकाल लिया गया है। अभी भी राहत एवं बचाव कार्य चल रहा है। अभी भी मैं बचाव दल के साथ स्टीमर से लापता लोगों की तलाश कर रहा हूं। -आरपी सिंह, एसपी, दतिया
 
सिंध नदी के खैरोना घाट पर नाव पलटने की घटना में मरने वालों की संख्या 12 तक पहुंच गई है। इनके शव निकाले जा चुके हैं।  सोमवार की सुबह से फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ। शाम तक चले अभियान में 8 लोगों के शव और निकाले गए।
 
4 लोगों के शव रविवार की रात ही निकाल लिए गए थे। 14 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। दो लापता लोगों की अब भी तलाश की जा रही है। प्रशासन ने मृतकों के परिजन को एक-एक लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा की है। मृतकों में एक ही परिवार के चार बच्चे और मां भी शामिल है।
 
कुल 28 लोग सवार थे: रविवार की रात खैरोना से लांच और सेंवढ़ा के दो परिवार नाव में सवार होकर एक शादी समारोह में शामिल होने ग्वालियर के सिलेटा जा रहे थे। बीच में नाव पलट गई। इसमें कुल 28 लोग सवार थे।

जानें उस एनकाउंटर की पूरी कहानी जो मोदी के लिए बन सकती है गले की फांस




उदयपुर. कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल ने बहुचर्चित तुलसी प्रजापति एनकाउंटर केस को लेकर बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। सिब्बल का दावा है कि मोदी को प्रजापति के एनकांउटर की जानकारी थी। साथ ही उन्होंने बीजेपी नेता अमित शाह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि ट्रिपल मर्डर के आरोपी अमित शाह बीजेपी के स्टार प्रचारक हैं।
 
दरअसल, सिब्बल ने मोदी द्वारा हरदोई में दिए गए बयान पर हमला किया। मोदी ने हरदोई में कहा था कि जिसने अपराध किया है उसे छोड़ा नहीं जाएगा। सिब्बल के मुताबिक मोदी के ऑफिस से पराग शाह नाम का एक अफसर पुलिस अफसरों के संपर्क में था। सिब्बल ने सवाल किया कि सीएम ऑफिस में काम करने वाले पराग शाह लगातार पुलिस अफसरों से क्यों संपर्क में थे।
 
बीजेपी पर हमला बोलते हुए सिब्बल ने कहा, 'मोदी कहते हैं पार्टी में किसी अपराधी को शामिल नहीं किया जाएगा। लेकिन, यूपी में अमित शाह पार्टी के चुनाव प्रचार की अगुवाई कर रहे हैं। वह तीन हत्या के मामलों में आरोपी हैं। अमित शाह आईपीएस ऑफिसर डीजी वंजारा में कई बार बात हुई थी।' कपिल सिब्बल ने वंजारा और अमित शाह के बीच हुई बातचीत के सबूत पेश करने का भी दावा किया।
कैसे मारा गया तुलसी प्रजापति
सोहराबुद्दीन एनकाउंटर का इकलौता चश्मदीद गवाह तुलसी प्रजापति सोहराबुद्दीन के साथ ही उठाया गया था लेकिन फिर उसे सोहराबुद्दीन एनकाउंटर का पुलिस गवाह बनाकर छोड़ दिया गया। बाद में राजस्थान पुलिस ने उसे दूसरे मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उसी वक्त ये मामला मीडिया में आया और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केस सीआईडी के पास आया तो वंजारा और शाह घबरा गए। लगा कहीं प्रजापति ने मुंह खोल दिया तो सारा खेल बिगड़ जाएगा। सो रची गई एनकाउंटर की कहानी। इसके लिए जगह चुनी गई- बनासकांठा। बनासकांठा यानी वो जिला जो एटीएस के अफसर वंजारा के अंडर आता था। 27 दिसंबर 2006 को राजस्थान से गुजरात पेशी के लिए प्रजापति को लाया जा रहा था। रास्ते में ही गोलियां चलीं और उसे मार डाला गया। कहानी बनाई गई कि उसने अपने एक साथी के साथ मिलकर पुलिस पार्टी की आंखों में मिर्च पाउडर डाल दिया और गोलियां चलाईं, जवाबी गोलीबारी में वो मारा गया। लेकिन सीआईडी ने अपनी जांच में पुलिस की इस कहानी को झूठा बताया था।
सोहराबुद्दीन को कैसे मारा
 
26 नवंबर 2005 को अहमदाबाद सर्किल और विशाला सर्किल के टोल प्वाइंट पर हुई सोहराबुद्दीन की हत्या। सुबह तड़के 4 बजे इस सड़क पर अचानक कई चेहरे प्रकट हुए। गुजरात एटीएस के चीफ डीजी वंजारा के साथ आए राजस्थान पुलिस के सुपरिटेंडेंट एम एन दिनेश। कांस्टेबल अजय परमार से कहा गया कि वो एटीएस दफ्तर के पीछे पड़ी एक हीरो होंडा मोटरसाइकिल लेकर आए। सोहराबुद्दीन शेख को भी वहां लाया गया। राजस्थान पुलिस का एक सब इंस्पेक्टर मोटरसाइकिल पर बैठा और थोड़ी दूर जाकर अचानक नीचे कूद गया। उसी वक्त सोहराबुद्दीन को भी चलती कार से नीचे धक्का देकर सड़क पर गिरा दिया गया। नतीजा दोनों को चोट लगी, और उसी के साथ चार पुलिस इंस्पेक्टरों ने अपने सर्विस रिवॉ़ल्वर से सोहराबुद्दीन पर आठ गोलियां दाग दीं। वंजारा ने कांस्टेबल परमार से सोहराबुद्दीन के निर्जीव शरीर को सिविल अस्पताल ले जाने को कहा।
सोहराबुद्दीन को क्यों मारा गया
 
आखिर एक आम गैंगस्टर से गुजरात के गृह राज्य मंत्री अमित शाह की क्या दुश्मनी हो सकती है? ये सच छिपा है गुजरात और राजस्थान में मौजूद अरबों की मार्बल लॉबी में। सोहराबुद्दीन दरअसल, आईपीएस अभय चूड़ास्मा के इशारे पर इसी लॉबी से पैसे वसूल रहा था। इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा चूड़ास्मा डकार जाता था। कहा जा रहा है कि गुजरात और राजस्थान की मार्बल लॉबी ने सोहराबुद्दीन की वसूली से आजिज आकर गृह राज्य मंत्री अमित शाह से संपर्क साधा। ये लॉबी गुजरात और राजस्थान में राजनीतिक पार्टियों के लिए धनकुबेर की तरह काम करती है। आरोप है कि अमित शाह ने अभय चूड़ास्मा से सोहराबुद्दीन को रास्ते से हटाने को कहा। शायद शाह अंदर की कहानी नहीं जानते थे। उन्हें इस बात की भनक तक नहीं थी कि जिस गैंगस्टर से वो धनवान कारोबारियों को बचाने की कोशिश में हैं वो दरअसल खुद अभय चूड़ास्मा का ही पैदा किया हुआ राक्षस है।
कैसे फंसा सोहराबुद्दीन पुलिस के जाल में
 
किसी भी तरह राजस्थान में कहीं छिपे बैठे सोहराबुद्दीन को गुजरात लाना था। उसे गुजरात में किसी नए इल्जाम में फांसने की साजिश बुनी गई। अभय चूड़ास्मा ने सोहराबुद्दीन को लालच दिया। रमण पटेल नाम के एक कारोबारी से पैसे ऐंठने के बहाने उसे गुजरात बुलाया गया। सोहराबुद्दीन ने अपने दो प्यादों सिलवेस्टर और तुलसी प्रजापति को भेजा। दोनों ने पॉपुलर बिल्डर के मालिक रमण पटेल पर गोली चलाई। इधर गोली चली उधर सोहराबुद्दीन के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज हो गई। सोहराबुद्दीन हैरान रह गया, उसे शक हो गया कि हो न हो अभय चूडास्मा उसके साथ डबल क्रॉस कर रहा है। वो एक साल के लिए गायब हो गया। तब पुलिसवालों ने एक बार फिर लालच का फंदा फेंका। सोहराबुद्दीन का साथी तुलसी प्रजापति उसमें फंस गया, वो बिक गया। और वो सोहराबुद्दीन से दगा करने, उसका पता देने को तैयार हो गया।
कहां गई कौसर बी
 
सीआईडी की आईजी गीता जौहरी की रिपोर्ट में 26 नवंबर 2005 की उस सुबह का जिक्र है जिस दिन सोहराबुद्दीन को ले जाने के बाद फॉर्महाउस में कैद कौसर बी को भी वहां से हटा दिया गया। उसे अंतिम बार एक सफेद मारुति कार में सादी वर्दी वाले पुलिसवालों के साथ जाते देखा गया। लेकिन जौहरी की रिपोर्ट कौसर बी पर ज्यादातर वक्त खामोश रहती है। इसका राज खुलता है - सीबीआई को दिए पुलिस इंस्पेक्टर एन वी चौहान के बयान में। उसके बयान में एटीएस के चीफ डी जी वंजारा का जिक्र है, एक फोन का जिक्र है और ये शक है कि वो फोन खुद गुजरात के गृह राज्य मंत्री अमित शाह का था। शाह चाहते थे कि कौसर बी को भी उसके पति की तरह ही ठिकाने लगा दिया जाए। ये बयान कुछ इस तरह था - मेरे सामने डीजी वंजारा आरहम फॉर्म में बैठे थे। उसी वक्त उनका फोन बजा। जिस तरह से वो फोन करने वाले से बातें कर रहे थे, मुझे पता चल गया कि ये खुद अमित शाह का फोन था। पहले तो वंजारा ने शाह को ये भरोसा दिलाने की कोशिश की कि कौसर बी को लेकर उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जल्द ही कौसर बी को वो या तो आंध्र पुलिस या फिर राजस्थान पुलिस के हवाले कर देंगे। लेकिन उसके बाद वंजारा की जैसे बोलती बंद हो गई, वो चुपचाप दूसरी ओर से कही जा रही बातें सुनते रहे। बात खत्म होने पर वो मेरी ओर मुड़े और बोले कि अमित शाह कह रहे हैं कि कौसर बी का जिंदा रहना बेहद खतरनाक है। उन्होंने यहां तक कहा कि अमित शाह चाहते हैं कि कौसर बी को ऐसे ठिकाने लगाया जाए कि उनकी लाश तक न मिल सके। उनका नाम गुमशुदा के तौर पर ही रह जाएगा।
 
सीआईडी ने भी ये दावा किया कि खुद एटीएस के अफसरों ने ही कौसर बी को मार कर उसका शव जला दिया। लेकिन ये कोई बताना नहीं चाहता कि आखिर कौसर बी को मारा कैसे गया। ये बात पक्की है कि कानून के रखवालों ने ही उस महिला को सिर्फ इसलिए मार डाला क्योंकि अगर वो उसे छोड़ते तो सोहराबुद्दीन के कत्ल का राज खुल जाता।
22 नवंबर 2005 की रात 
 
गुजरात एटीएस और राजस्थान पुलिस की टीम ने आंध्र प्रदेश एसआरटीसी की बस को सांगली के पास रोका। ये बस हैदराबाद से सांगली जा रही थी। सोहराबुद्दीन, कौसर बी और तुलसी प्रजापति इसी बस में थे। इन्हें पकड़कर गांधीनगर के बाहरी इलाके जमीयतपुरा के एक फार्म हाउस दिशा लाया गया। यहां दो दिन रखा गया और इन दो दिनों में सब कुछ बदल गया। कहा तो यहां तक जा रहा है कि सोहराबुद्दीन को रास्ते से हटाने के बाद अभय चूड़ास्मा ने खुद कम से कम 12 कारोबारियों को फोन किया। धमकी दी कि या तो पैसे दे दो या फिर वो उन्हें सोहराबुद्दीन के कत्ल के इल्जाम में फंसा देगा। बताया जाता है कि चूड़ास्मा ने इस तरह करीब 15 करोड़ रुपए उगाहे और ये पैसा खुद जय पटेल और यश चूड़ास्मा नाम के लोगों ने जमा किया।

केजरीवाल और कुमार विश्‍वास ने अमेठी में उड़ाईं आदेशों की धज्जियां, FIR दर्ज




अमेठी. अमेठी में आम आदमी पार्टी (आप) की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामले में सोमवार को 'आप' संयोजक अरविंद केजरीवाल और यहां से 'आप' उम्‍मीदवार कुमार विश्‍वास के खिलाफ गौरीगंज थाने में केस दर्ज किया गया। दोनों पर यह केस चुनाव आचार संहिता का उल्‍लंघन करने और आदेशों का पालन न करने के मामले में दर्ज किया गया है। इन दोनों नेताओं के अतिरिक्‍त 'आप' के 10 अन्‍य कार्यकर्ताओं पर भी मामला दर्ज किया गया। गौरतलब है कि रविवार को जहां केजरीवाल को अमेठी में 'दिल्‍ली का भगोड़ा' वाले पोस्‍टर दिखाए गए थे, वहां कुमार विश्‍वास पर रैली में भीड़ इकट्ठी करने के लिए बच्‍चों को बीयर पिलाने और 200 रुपए देने के आरोप लगे थे।
 
यह किया उल्‍लंघन 
 
केजरीवाल और कुमार विश्‍वास पर आरोप है कि उन्‍होंने सड़क किनारे एक मीटिंग का आयोजन किया था। इस मीटिंग के लिए इजाजत नहीं ली गई थी। इस मीटिंग के चलते ट्रैफिक प्रभावित हुआ था। पिछले कुछ दिनों में कुमार विश्‍वास पर य‍ह दूसरी एफआईआर है। हाल ही में कुमार विश्‍वास और उनके 100 समर्थकों पर गौरीगंज थाने में ही मामला दर्ज किया गया था। यह मामला थाने पर धरना देने के लिए दर्ज किया गया था। गौरतलब है कि कुमार विश्‍वास ने प्रियंका गांधी और राहुल गांधी पर एफआईआर दर्ज करवाने थाने पहुंचे थे। कुमार विश्‍वास ने अपनी जान का खतरा बताते हुए आरोप लगाया था कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के एक करीबी ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है।

शिवराज के राज में 'निर्भया कांड'! नाबालिग से किया गैंगरेप, फिर चलती बस से फेंका



सिंगरौली (वैढन). मध्य प्रदेश के करौंटी उर्ती में चलती बस में एक नाबालिग आदिवासी लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। दुष्कर्म के बाद पीड़ित युवती को चलती बस से नीचे फेंक दिया गया, जिससे लड़की बेहोश हो गई। उसे उर्ती गांव के लोगों ने अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। वारदात ने दिल्ली निर्भया कांड की यादें ताजा कर दी है। घटना रविवार शाम चार बजे के आसपास की है।
 
बस के इंतजार में खड़ी थी युवती 
वैढन अस्पताल में भर्ती कराने के दो घंटे बाद भी कोतवाली पुलिस मौके पर नहीं पहुंची थी। सिंगरौली एसपी डी कल्याण चक्रवर्ती ने बताया कि मामले की जानकारी मिलते ही आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस टीम रवाना कर दी गई। लड़की की जांच कराने और बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया जारी है
बताया जा रहा है कि वैढन निवासी 16 वर्षीय नाबालिग अपने रिश्तेदार के यहां जलहथनी गांव जाने के लिए अंबेडकर चौक के पास खड़ी होकर बस का इंतजार कर रही थी। वैढन में एक बस आई तो लड़की ने हाथ से इशारा कर उसे रुकवाया और उसमें सवार हो गई।
 
बताया जा रहा है कि बस (एमपी-66 पी-0152) उस समय खाली थी। बस में ड्राइवर, कंडक्टर और क्लीनर के अलावा कोई नहीं था। जिस समय चलती बस से लड़की को नीचे फेंका गया, उस समय वहां कुछ छोटे बच्चे खेल रहे थे। उन्होंने बताया कि जब लड़की को फेंका गया तो उन्‍हें बस में कोई यात्री नहीं दिखा था।
 
हालांकि, गांव के लोगों ने बस का पीछा भी किया, लेकिन बस चालक इतनी तेज रफ्तार से भागा कि उसे पकड़ा नहीं जा सका। घटना के बाद उर्ती गांव निवासी प्रदीप गौतम, अशोक जायसवाल और उनके कुछ साथी घायल लड़की को इलाज के लिए वैढन अस्पताल ले गए।
 
पीड़ित लड़की के सिर और शरीर के अन्य हिस्सों में गहरी चोटें बतायी जा रही हैं।

शकुनि के बाद नीतीश के दूसरे नेता ने भी बोला हमला, नरेंद्र मोदी को बताया आदमखोर


VIDEO: शकुनि के बाद नीतीश के दूसरे नेता ने भी बोला हमला, नरेंद्र मोदी को बताया आदमखोर

भागलपुर. जेडीयू नेता शकुनि चौधरी के बाद बिहार के भागलपुर में ही पार्टी के अन्‍य नेता अबु कैसर ने बीजेपी के पीएम उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित बयान दिया है )। जेडीयू प्रत्‍याशी अबु कैसर ने भागलपुर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मोदी को आदमखोर कह दिया। अबु पीरपैंती के शेरमारी बाजार स्थित प्रगति मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंच से चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। अबु के बयान पर नीतीश कुमार ने तिरछे आंखों व हाथ तरेर का अचरज भी व्यक्त किया, लेकिन तब तक अबु अपना भाषण पूरा कर चुके थे। उन्होंने कहा, 'एक धर्मनिरपेक्ष इंसान (नीतीश कुमार) ने आदमखोर मोदी को रोकने के लिए अपनी सरकार को दांव पर लगा दिया। देखा कि आदमखोर नरेंद्र मोदी आ रहा है और ये हिंदू-मुस्लिम जमात को लड़ाएगा, तो नीतीश कुमार से रहा नहीं गया और भाजपा का साथ छोड़ दिया।' अबु कैसर के इस बयान से भाजपा नेताओं में नाराजगी है और उन्‍होंने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत करने की बात कही है। 
 
इससे पहले जेडीयू नेता शकुनी चौधरी ने पार्टी के नेता नीतीश कुमार की मौजूदगी में मोदी को निशाना बनाया था। बिहार के भागलपुर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते उन्होंने मोदी को जमीन में गाड़ देने की धमकी दी थी। शकुनी ने रविवार को चुनावी रैली में मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था, 'मैं बिहार की जनता से कहना चाहता हूं, भागलपुर की जनता से कहना चाहता हूं। अगर आप की ताकत मोदी के खिलाफ एकजुट हो जाए तो मोदी को भागलपुर की धरती में ही गाड़ देंगे, कहीं बाहर नहीं निकलने देंगे।'

क़ुरान का सन्देश

 
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