अमृतसर। प्रधानमंत्री डॉ.
मनमोहन सिंह के भाई दलजीत सिंह कोहली ने शुक्रवार को यहां
नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा में भाजपा का दामन थाम लिया। पेशे से उद्योगपति कोहली पीएम की कार्यशैली से नाराज बताए जा रहे हैं।
मोदी ने कहा कि कोहली के भाजपा में आने से पार्टी को और मजबूती मिली
है। उनका कहना है कि भाजपा मेंबरशिप वाली पार्टी नहीं बल्कि रिलेशनशिप वाली
पार्टी है। ऐसे में हमारा खून का रिश्ता बन जाता है। उन्होंने कोहली से
मुखातिब होते हुए कहा कि वह जिन भावनाओं और सपनों को लेकर आए हैं उनको
भाजपा अकाली दल पूरा करेंगे।
पद का भी दिया गया था लालच: मनदीप
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के चचेरे भाई दलजीत सिंह कोहली के भाजपा
ज्वाइन करने के मामले में एक नया मोड़ आ गया है। उनके परिवार जनों ने आरोप
लगाया है कि इसके लिए दलजीत को तीन करोड़ रुपए दिए गए हैं। दलजीत के बड़े
भाई सुरजीत सिंह कोहली के बेटे मनदीप सिंह कोहली का कहना है कि उनके दूसरे
परिवार जनों को भी इसी तरह से भाजपा में शामिल होने के लिए अप्रोच की गई
थी। इसके अलावा पार्टी की ओर से पद का भी प्रलोभन दिया गया था।
मनमोहन के पिता की दूसरी पत्नी के बेटे हैं दलजीत
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पिता गुरमुख सिंह ने पहली पत्नी अमृत कौर
के निधन के बाद दूसरी शादी कृष्ण कौर से की थी। दूसरी पत्नी से दो बेटे
हुए, जिसमें सुरजीत सिंह बड़े हैं और दलजीत सिंह कोहली छोटे हैं। दलजीत
सिंह ही शुक्रवार को भाजपा में शामिल हुए। इसके बाद सुरजीत सिंह के बेटे
मनदीप सिंह कोहली ने अपने चाचा पर आरोप लगाया है। ज्ञात रहे कि 1947 में
देश विभाजन के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का परिवार भारत आ गया था।
मां-बेटे की सरकार का वक्त पूरा: मोदी
भाजपा के प्रधानमंत्री के दावेदार नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस को
धोखेबाजों की पार्टी बताया और कहा कि दिल्ली से अब मां-बेटे की सरकार का
अंत होने जा रहा है। मजबूत सरकार देने की जिम्मेदारी वोटरों पर है। इसलिए
पंजाब की सभी सीटों से अकाली भाजपा के उम्मीदवारों को जिताएं।
'पांच टी पर ध्यान देने की जरूरत'
मोदी ने कहा कि पांच टी यानि ट्रेड, ट्रेडिशन, टूरिज्म, टैलेंट और
टैक्नॉलाजी पर ध्यान देने की जरूरत है। अमृतसर टूरिज्म का बड़ा केंद्र बन
सकता है। यह कम लागत में अधिक कमाई का सौदा है। जिससे हरेक वर्ग को काम
मिलता है।
अमृतसर से पटना साहिब के बीच चलाएंगे धार्मिक रेलगाड़ी : मोदी
अभी देश में दो तरह की गाडिय़ां (ट्रेन) चलती हैं,एक यात्री गाड़ी तो
दूसरी गुड्स। वह तीसरी तरह की गाड़ी चलाना चाहते हैं। जो धर्म स्थलों की
यात्रा करवाए। पटना साहिब से अमृतसर तक ट्रेन चलाने का इरादा है। इस
गाड़ी में कीर्तन, लंगर आदि की व्यवस्था हो। पूरा वातावरण भक्ति का हो। इसी
गाड़ी को नांदेड़ साहिब से जोड़ा जाए। इसी तरह की गाड़ी शिव धामों के लिए
भी चले, जिसमें शिव भक्ति के गीत हो, इसी तरह श्री कृष्ण धामों की यात्रा
के लिए मथुरा-वृंदावन आदि को गाड़ी चलाई जाए। जिसमें मीरा के गीत और कृष्ण
जी की बाल लीलाओं का वर्णन हो। तो टूरिज्म कैसे नहीं बढ़ेगा।