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29 अप्रैल 2014

ये कैसा बाबा है -

सतीश यशोमद

ये कैसा बाबा है -
जो मंदिर है ना काबा है .
वो देखो चाकू सी -
पसलियों से कर रहा अपील -
एक इंच जगह मिले तो घूस जाऊं .
तेरी सारी अंतड़ियाँ - यहाँ-वहां
राजपथ पर ही फैलाऊँ .

क्या मासूमियत है -
थोड़ी सी ही सही - जगह मिले
तो बैठ जाऊं तेरे अवसान के -
लम्बे लम्बे गीत पूरे हिंदुस्तान
को गा गा के सुनाऊँ .

गजब है - इस क्रांति के रंग
ऐसे तो नहीं देखे -उस
"महात्मा" के भी ढंग - जिसने
पूंछ पूंछ कर सरकार से - करी
अवज्ञा या सत्याग्रह की जंग .

अरे कुछ करने की ही जिद है -
या बुढ़ापे की सनक है- रहने दे
हमे नहीं चाहिए ये सरकारी -
भीख में मिली प्रायोजित क्रांति -
हम ढून्ढ लेंगे कोई नया गाँधी .

कोई दूसरा उपाय निकाल लेंगे -
खुद को किसी और - अलग
नए साँचें में ढाल लेंगे .
पर अभी तो बस कर -
बहूत हुआ ये नाटक - कभी
मजबूरी ही पड़ गयी तो - भात
तेरे पतीले में भी उबाल लेंगे .

(मासूम अन्ना हजारे जी को सविनय समर्पित)

तुम्हे बार बार टोकते हैं

सतीश यशोमद

लहरों को - रोको मत
बहने दो -
वो जो कहना चाहती हैं -
उन्हें कहने दो .

बांध - नदियों को
निश्छल बहने से -रोकते हैं .
ये बरसाती परनाले -आखिर क्यों
तुम्हे बार बार टोकते हैं .

तू सागर है - नदी नहीं
जिसे बाँध ले - ऐसा कोई
तटबंद नहीं जो -उमड़ते
तुफानो के रास्ते रोक ले.

रुका मत रह - तट पर
तुफानो के मिजाज -चाहे
कितने सवाली हैं-
तेरे हाथ पतवार- है
धाराओं के हाथ तो - आज भी
खाली हैं .

चल -निकल चल उस राह
जिसके नाम से लोग -आज
भय खाते हैं
नाम तो उनके ही होते हैं -
जो उस रस्ते पर -
अपने नाम के -मील के
पत्थर अपने हाथों से लगाते हैं .-

और सपने देखते ही नहीं

उन्हें सच भी बनाते हैं .

यूरोप का सबसे गंदा इंसान, गर्म राख पर सोने का शौक, बंजारों जैसी जी रहा जिंदगी

नोवी बायजोव। कुछ साल पहले तक ल्यूडविक डोलेजल एक आम इंसान की तरह ही जिंदगी जी रहा था, उसके पास भी एक नौकरी थी, साथ वक्त बिताने वाले कुछ दोस्त थे, लेकिन उसकी जिंदगी ऐसी नहीं रही। अब ल्यूडविक को यूरोप के सबसे गंदे इंसान के तौर पर पहचाना जाता है। चेक गणराज्य के नोवी बायजोव में स्थानीय लोग उन्हें ल्यूडविक या ल्यूडवा के नाम से जानते हैं, जो राख और आग का शौकीन है। यही वजह है कि वो सोने के लिए भी गर्म राखों से बने बिस्तर का इस्तेमाल करता है।
 
अपने आग के शौक को पूरा करने के लिए ल्यूडविक ने आपने पास मौजूद तकरीबन सभी सामानों को जला दिया। चाहे वो उसका गद्दा हो या फिर रजाई, ल्यूडविक ने सभी सामान में आग लगा दी, ताकि उसके बिस्तर के लिए पर्याप्त मात्रा में राख इक्ट्ठी हो सके। ल्यूडविक का मानना है कि आग जिंदगी का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। 
 
मानसिक परेशानियों से जूझ रहा ल्यूडविक पूरे दिन आग जलाकर रखता है। शाम के वक्त 7.30 बजे के करीब वो आग में से राख निकालकर वीरान पड़े एक पुराने फार्महाउस में अपना बिस्तर लगाता है। हालांकि, कड़कड़ाती ठंड में लगातार आग जलाने की वजह से उसे ठंड नहीं लगती है। आमतौर उसे कोई गरम कपड़े पहने भी नहीं देखता। वहीं पूरे शरीर पर तो वो काली राख लपेटे रहता है। राहगीर उसे शैतान की तरह देखते हैं।

लाइव टीवी शो में खुद को आग लगाई और बसपा नेता से लिपट गया युवक, मौत

सुल्तानपुर. यहां दूरदर्शन के जनमत कार्यक्रम के दौरान सोमवार रात एक युवक ने अपने शरीर पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली और बसपा नेता से लिपट गया। गंभीर हालत में लखनऊ लाए जाने के बाद मंगलवार को युवक की मौत हो गई, जबकि नेता की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। घटना के कारणों का पता नहीं चल सका है। 
 
टीवी डिबेट में हमला 
कलेक्ट्रेट के करीब स्थित तिकोनिया पार्क में सोमवार देर शाम लोकसभा चुनाव को लेकर दूरदर्शन का जनमत 2014 कार्यक्रम चल रहा था। इसमें भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा और आप के प्रत्याशी के प्रतिनिधि के बीच डिबेट चल रही थी। इसी दौरान एक युवक वहां पहुंचा और खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली। इसके बाद डिबेट में शामिल बसपा प्रत्याशी पवन पांडेय के प्रतिनिधि कमरुज्जमा फौजी से लिपट गया। लोग कुछ समझते, इससे पहले ही दोनों आग का गोला बन गए। वहां मौजूद लोगों ने दोनों पर दरी डालकर आग बुझाई,  लेकिन तब तक दोनों बुरी तरह जल चुके थे। दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उन्हें ट्रॉमा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों के अनुसार, युवक 95 फीसदी और बसपा नेता 70-75 फीसदी झुलस गए।
युवक अपराधी था : पुलिस 
आत्मदाह करने वाला युवक शहर के एक होटल में दुर्गेश सिंह पुत्र ए. प्रसाद निवासी बेलागढ़ जिला मऊ के नाम से ठहरा था। पुलिस के मुताबिक, होटल के रजिस्टर में दर्ज पते की तहकीकात में युवक के अपराधी होने का पता चला है। युवक के खिलाफ मऊ के हलधरपुर थाने में कई केस दर्ज हैं। मऊ में उसके परिवार वालों ने पुलिस को बताया कि युवक के घर वालों से अच्छे संबंध नहीं थे।
 
एडीजी लॉ एंड आर्डर मुकुल गोयल के मुताबिक दुर्गेश का मानसिक संतुलन ठीक नहीं था। वह मऊ जिले के हलधर थाने का हिस्ट्रीशीटर था। वहां उसके खिलाफ कई केस दर्ज हैं।
बसपा प्रत्याशी पवन पांडे का कहना है कि कमरूज्जमा नहीं, बल्कि वह खुद दुर्गेश के निशाने पर थे। पुलिस अधिकारी इस छानबीन में जुट गए हैं कि आखिर क्या वजह थी कि दुर्गेश ने खुद को आग लगाकर बसपा प्रत्याशी को दबोचने का प्रयास किया।
 
कमरूज्जमा का इस समय लखनऊ के अस्‍पताल में इलाज चल रहा है, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
 

क़ुरान का सन्देश

 

पत्रकारो दाल मे तो कुछ काला है अगर ज़मीर जिन्दा हो ज़मीर बाक़ी हो तो ज़रा तलाश तो करो ,,,,,,,,,रजत शर्मा के चांदी के जूतों मे मत्त बिको यार ,,,,,,,,,,,,,,,,

एक हवाला कारोबारी फ़िरोज़ फट्टा ओर उसकी तस्वीर जिसने देश के मीडिया ,,देश के नेताओं की हवाला कारोबारियों से मिलीभगत की पोल खोल दी जबकि मीडिया की इस खबार को सामान्य प्रकाशित प्रसारित की प्रक्रिया पर हंसी का पात्र बनना पड़ा ,,,,,,,,,,,,हवाला कारोबारी फ़िरोज़ फट्टा की तस्वीर अज़हरुद्दीन के साथ देखते ही मिडिया खबर बनाने लगा ,लेकिन जेसे ही यह फोटौ गुजरात के मुख्य्मंत्री नरेंदर मोदी और गुजरात के प्रभावषाली  मँत्री के साथ दिखाये गए तो भाजपा के स्टारप्रचारक पत्रकार रजत शर्मा को डेमेज कंट्रोल का काम सोंपा गया  उन्होने इसे सिलेब्रिटीज के साथ फोटु खिंचवाना सामान्य घटना बताकर मामला शांत करने का प्रयास किया ,,,,,,,,,,भाईं देश के पत्रकारों इतनी तो जनतां मे अंकल है के वोह यह समझ सके के ऐक क्रीकेटर जिसे कोइ सूरक्षा नहीँ है उस तक आम आदमी की पहुंच सीधी होती है ओर वोह उसके साथ फोटु भी खिचवा सकता है लेकिन एक खास आदमी जो ज़ेड प्लस सूरक्षा के घेरे में है उसके पास तो वही आदमी पहुंच सकता है जिसे सुरक्षा के घेरे वाला व्यक्ति बुलाना चाहे ,,,,,ऍसे सूरक्षा के घेरे मे रह रहे नरेदनार मोदी की मरज़ी के बगैर उनके साथ फोटु खिंचवाना तो दूर मुलाक़ात  मुश्किल है ,,,इसलियें पत्रकारो दाल मे तो कुछ काला है अगर ज़मीर जिन्दा हो ज़मीर बाक़ी हो तो ज़रा तलाश तो करो ,,,,,,,,,रजत शर्मा के चांदी के जूतों मे मत्त बिको यार ,,,,,,,,,,,,,,,,

,वाह सटोरियों की पेशनगोई भविषय वाणीं पर टीकी सियासत वाह ,,,,,

कितनी अजीब बात है ,,देश मे सटोरियों की धरपकड़ का अभियान  चलाया जाता है अरबोँ रूपए के सटोरिए कारोबारियो को गिरफ्तार कर अपमानित किय जाता है ,,लेकिन सियासत ओर बिकाऊ मिडिया ,,गुलाम मिडीया देश के सबसे बड़े अपराध सट्टे के कारोबारियों की तारीफ़ कर उसे सियासत की फेरबदल का आधार बता रहा है ,,,,,,,,चुनाव आयोग भी अजीब है कानून है ऐसे लोगोँ के ख़िलाफ कार्यवाही के लिये लेकिन अफ़सोस देश का चुनाव आयोग मिडिया ,,,अखबार ओर सटोरियों के आगे बेबस है सभी जानकारियों के बाद भी सटोरियों को तलाश आकर गिरफ्तारी के आदेश नहीं वाह क़ानून वाह ,,वाह सटोरियों की पेशनगोई भविषय वाणीं पर टीकी सियासत वाह ,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर

भाई रजत शर्मा को कांग्रेस के सलमान खुर्शीद ने एक सवाल के जवाब मे दागे सवाल पर लाजवाब ओर शर्मसार कर दिया ,,,

दोस्तों इंडिया टी वी मे कार्यरत्त भाजपा ओर नरेंदर मोदी  के स्टारप्रचारक ,,,ऍ बी वी पी के पूर्व पदाधिकरी भविषय मे प्रधानमँत्री  मिडीया सलाहकार  का सपना देख रहे भाई रजत शर्मा को कांग्रेस के सलमान खुर्शीद ने एक सवाल के जवाब  मे दागे सवाल पर लाजवाब ओर शर्मसार कर दिया ,,,,,,कल टी वीं पर रजत शर्मा कथित पत्रकार भाजपा प्रचारक ने पुर्व केंन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद से रॉबर्ट वाड्रा की सम्पत्ति इतनी जल्दी बढ़ने के मामले मे सवाल किय ,,,त्तब सल्मान खुर्शीद ने निहायत ही अदब से रजत शर्मा से सवाल के जवाब में सवाल किया ,,,,,,,,उन्का सवाल था भाई रजत जी आप गरीब परिवार के चन्दे की फीस से लिम्प पोस्ट सरकारी लाइट  पढ़ने वाले इतने बड़े चैनल के मालिक कैसे बने अगर यह सवाल कोइ आप से पुंछे तो आपके पास क्या जवाब रहेगा ,,,दोस्तों इस अप्रत्याशित सच्चे सवाल का रजत शर्मा के पास कोई जवाब तो नहीं था लेकिन यक़ीनन उनके चेहरे पर ,उनकी चोरी पकडे जाने का भाव ,,उन पर घड़ों पानी पढ़ने का भाव ,,,उनकी इज़्ज़त असमत लूटने का भाव उनके चेहरे पर साफ़ नज़र आ रहा था  ,,लेकिन फ़िर सलमान खुर्शीद ने इसे महनत का फल ,,महनत की क़ामयाबी बताकर रॉबर्ट वाड्रा से तुलना करते हुए जवाब दिया ,,,,,,,,,,,,,अख्तर
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