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08 मई 2014

रोज इलायची खाएंगे तो नहीं होंगी ये प्रॉब्लम्स, आलू का जूस पीने से भी है लाभ



उज्जैन। इलायची एक सुगंधित मसाला है। यह मीठे व्यंजन का स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग में लाई जाती है। इसकी गंध तीखी होती है। इसीलिए इसका उपयोग माउथ फ्रेशनर के रूप में किया जाता है। इसमें आयरन और राइबोफ्लेविन, विटामिन सी के साथ ही नियासिन भी पाया जाता है। ये रेड ब्लड सेल्स के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इलायची खाने के कई फायदे हैं चलिए आज हम जानते हैं इलायची खाने के ऐसे ही कुछ फायदों के बारे में...

पाचन को ठीक कर देती है- खाने के बाद कई लोग इलायची का उपयोग माउथ फ्रेशनर के रूप में करते हैं। जानते हैं क्यों? दरअसल इलायची प्राकृतिक रूप से गैस को खत्म करने का काम करती है। यह पाचन को बढ़ाने, पेट की सूजन को कम करने व दिल की जलन को खत्म करने का काम करती है।

आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार यह खाने के पाचन में मदद करती है। यदि आपको बदहजमी की शिकायत है तो दो से तीन इलायची, अदरक का एक छोटा सा टुकड़ा, थोड़ी सी लौंग और सूखा धनिया पीस लें। इस पाउडर को गर्म पानी के साथ खाएं। पेट से जुड़ी प्रॉब्लम्स खत्म हो जाएंगी।
सांस की दुर्गंध दूर करती है-  इलायची में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। साथ ही, इसका तेज स्वाद और भीनी-सी महक सांसों की दुर्गंध दूर करती है। यह डायजेस्टिव को मजबूत बनाती है। रोज खाने के बाद एक इलायची खाएं या रोज सुबह इलायची की चाय पी सकते हैं। 

एसिडिटी से छुटकारा-  इलायची में मौजूद तेल इसे एसिडिटी को खत्म करता है। इलायची चबाने पर इसमें से कई तरह के तेल निकलते हैं, जो आपकी लार ग्रंथियों को उत्तेजित करते हैं। इससे आपका पेट ठीक तरह से कार्य करता है।

भूख तेज लगती है। इलायची खाने पर इसमें मौजूद तेल ठंडक का अहसास कराता है। इसीलिए इसे चबाने से एसिडिटी से होने वाली जलन दूर हो जाती है।

10 घंटे तक पीठ में फंसा रहा सरिया, खुद ही अस्पताल पहुंच कराया ऑपरेशन



इंदौर. खरगोन जिले के एक युवक की पीठ में 10 घंटे तक लोहे की रॉड फंसी रही, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। बिना घबराए वह परिजनों के साथ एमवाय अस्पताल पहुंचा। ऑपरेशन कर रॉड निकाली गई। फिलहाल उसकी हालत स्थिर है। युवक झिरनिया गांव निवासी रामदास है। वह कुएं में मिट्टी डालते वक्त गिर गया था। इससे एक रॉड पीठ में घुस गई। 
 
लगभग आधे घंटे तक वहीं फंसा रहा। परिजन और ग्रामीणों ने आधी रॉड काटी और एमवाय लाए। डॉ. आरएस रायकवार के अनुसार ऐसी स्थिति में जान ही चली जाती है, लेकिन रामदास बेहद हिम्मत वाला था। ऑपरेशन में डॉ. रायकवार के साथ डॉ. वर्षा धाकड़, डॉ. कमलेश आदि ने सहयोग किया।

स्टेज पर पहुंचा सिरफिरा आशिक, बधाई दी... और दुल्हन पर चला दी गोली




भोपाल. लालघाटी के पास सुंदरवन कोहिनूर मैरिज गार्डन में गुरुवार देर रात शादी समारोह में एक युवक ने स्टेज पर चढ़कर दुल्हन डॉ. जयश्री नामदेव को गोली मार दी। अस्पताल में इलाज के दौरान दुल्हन की मौत हो गई। आरोपी को भीड़ ने बुरी तरह पीटा और पुलिस के हवाले कर दिया। उसके पास से देसी कट्टा बरामद किया गया है, जिससे उसने दो फायर किए थे। पुलिस का अनुमान है कि आरोपी इस युवती से एकतरफा मोहब्बत करता होगा, इसीलिए उसने यह कदम उठाया। 
 
सुंदरवन मैरिज गार्डन में गुरुवार रात गांधी मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग में पदस्थ डॉ. जयश्री नामदेव की इसी कॉलेज से सर्जरी में पीजी कर रहे डॉ. रोहित नामदेव के साथ शादी हो रही थी। स्टेज पर वरमाला के बाद दूल्हा-दुल्हन को बधाई देने के लिए लोग पहुंच रहे थे। 
 
रात लगभग 11.15 बजे अचानक एक युवक ने स्टेज पर पहुंचकर नजदीक से दुल्हन जयश्री को गोली मार दी। दो फायर करने के बाद युवक ने खुद को भी गोली मारने की कोशिश की लेकिन लोगों ने उसे पकड़ लिया और उसकी जमकर पिटाई कर दी। घायल जयश्री को तत्काल लालघाटी चौराहा स्थित एक प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
वरमाला तक सबकुछ ठीक था...
 
मैरिज गार्डन में रात 10 बजे वरमाला हुई। तब तक सबकुछ ठीक था। लेकिन आरोपी अनुराग यहां दाखिल हो चुका था। कुछ लोगों ने उसे स्टेज के पीछे देखा था। लगभग 11.15 बजे वह स्टेज पर पहुंचा। अचानक कट्टा निकाला और दुल्हन पर फायर कर दिया। तभी शादी समारोह में मातम का माहौल हो गया। 
 
स्टेज पर खून बिखरा हुआ था। शुभकामनाओं में मिले गुलदस्ते खून से सने थे और गिफ्ट पैकेट एक कोने में पड़े हुए थे। शादी स्थल पर लोगों की पगडिय़ां जमीन पर पड़ी थी। इस मैरिज गार्डन के आसपास जहां दूसरी शादियां थीं, वहां भी घटना की जानकारी के बाद उल्लास खत्म हो गया था।
दुल्हन की बुआ का बेटा निकला आरोपी 
 
जयश्री को गोली मारने वाले युवक की पहचान अनुराग नामदेव के रूप में हुई है। अनुराग जयश्री की बुआ का लड़का है। वह मूलत: गढ़ाकोटा का रहने वाला है। बताया जाता है कि वह एचडीएफसी बैंक में नौकरी करता है। अनुराग ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह जयश्री को चाहता था। उससे अक्सर मिलता रहता था। वह भोपाल में बैंक की कोचिंग कर चुका है।
परिजन सिसकियां भर रहे थे
 
जैसे ही जयश्री को गोली लगी, समारोह स्थल पर सन्नाटा पसर गया।  दूल्हा-दुल्हन के परिजन सिसकियां भर रहे थे। लोग उन्हें दिलासा दे रहे था कि जयश्री को कुछ नहीं होगा, वह जल्द ठीक हो जाएगी। थोड़ी देर बाद जब जयश्री की मौत की खबर मिली तो फिर जैसे वहां कोहराम मच गया। 
 
परिजन, रिश्तेदार, दोस्त सबकी खुशी खत्म हो गई। सबकी आंखों में आंसू देखकर जयश्री के माता-पिता को भी यह समझने में देर न लगी कि अब उनकी बेटी इस दुनिया में नहीं रही। जयश्री की मां लक्ष्मी नामदेव इस हादसे के बाद अचेत हो गई।

"शबनम की शरारा से

"शबनम की शरारा से शरारत को सऊर मत समझो ,
समंदर के अन्दर समाया है बहुत कुछ
इसे समंदर का गुरूर मत समझो
मेरी आँखें आक्रोश से सुर्ख सी हैं इसको सुरूर मत समझो
फातिहा पढ़ के लौट आने दो मुझे तुझे फ़तह कर लूंगा
मैं किसी शख्स की नहीं , रियासत की नहीं
मुल्क की ही इबादत करता हूँ , इसे सियासत मत समझो ." ---- राजीव चतुर्वेदी

दांतों से नाखून काटने का

दांतों से नाखून काटने का😎
छोटों को जबरदस्ती डांटने का😎
पैसे वालों को गाली बकने का😎
मूंगफली से ठेले से मूंगफली चखने का😎
कुर्सी पे बैठ कर कान में पैन डालने का😎
और रोडवेज की बस की सीट में से स्पंज निकालने का😎
मज़ा ही कुछ और है
एक ही खूंटी पर ढेर सारे कपड़े टांगने का😎
नये साल पर दुकानदार से कलैंडर मांगने का😎
चलती ट्रेन पर चढने का
दूसरे की चिट्ठी पढ़ने का😎
मांगे हुए स्कूटर को तेज भागाने का😎
और नींद न आने पर पत्नी को जगाने का 😎
मज़ा ही कुछ और है
चोरी से फल फूल तोड़ने का😎
खराब ट्यूब लाइट और मटके फोड़ने का😎
कचरा दूसरों के घर के सामने फेंकने का😎
बाथरूम में बेसुरा गाने का😎और
थूक से टिकट चिपकाने का😎
मज़ा ही कुछ और है
ऑफिस में देर से आने का😎
फाइल को जबरदस्ती दबाने का😎
चाट वाले से फोकट में चटनी डलवाने का😎
बारात में प्रैस किये हुए कपड़ों को फिर से प्रैस करवाने का😎
सुसराल में साले से पान मंगवाने का😎
और साली की पीठ पर ढोल जमाने का😎
मज़ा ही कुछ और है
भोज में एक सब्जी के लिये दो दोने लगाने का😎
अपना सबसे फटा नोट आरती में चढ़ाने का😎
दूसरों के मोबाइल से चिपकने का😎
पान और गुटके को इधर-उधर पिचकने का😎
कमजोर से बेमतलब लड़ने का😎
और पत्नी को रोज-रोज परेशान करने का😎

मज़ा ही कुछ और हैै..
इस में एक बात ओर है जो मे नहीं कह स्का आप खुद ही समझदार हो समझजाना यार मे क्या कहना चाह्ता हुँ

धरना देकर सोशल मीडिया के निशाने पर आए जेटली, AAP ने पूछा- कौन है भगोड़ा?




नई दिल्ली. बीजेपी नेता अरुण जेटली और अमित शाह के धरने को लेकर अब आम आदमी पार्टी आक्रामक हो गई है। आप नेता आशुतोष ने जेटली पर निशाना साधते हुए कहा है उन्हें भगोड़ा बताया है। आशुतोष ने ट्वीट किया है, अब बताइए असली भगोड़ा कौन है? बेचारे जेटली यह नहीं जानते थे कि काशी में कितनी गर्मी है, बाद में भाग गए। आशुतोष ने कहा कि गुरुवार को वाराणसी ने जेटली और अमित शाह की नौटंकी को देखा। आशुतोष का दावा है कि जेटली जब धरना नहीं दे पाए तो एक न्यूज चैनल की ओबी वैन में घुस गए।
 
क्यों किया 'आप' ने पलटवार?
दरअसल बीजेपी नेता जिस मांग को लेकर धरने  पर बैठे थे, वह पूरी भी नहीं हुई और धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया गया। बीजेपी केजरीवाल को भगोड़ा कहकर निशाना बनाती रही है। बीजेपी  नेता केजरीवाल पर दिल्ली की सरकार छोड़कर भागने का आरोप लगाती रही है। गुरुवार को आम आदमी पार्टी को भी बीजेपी पर इसी शब्द का सहारा लेकर हमला करने का मौका मिल गया।

चुनाव नतीजों से पहले संघ ने शुरू किया गृहकार्य, मुख्यालय पर हो रही हैं गुप्त बैठकें


नागपुर. भाजपा में किनारे लगे नेताओं का महत्व कायम रखने की कवायद आरंभ हो गई है। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के पहले संघ ने इस मामले में गृहकार्य आरंभ कर दिया है। संघ मुख्यालय में भाजपा के केंद्रीय नेताओं के आगमन के साथ इस तरह की चर्चा को बल मिल रहा है। बुधवार को पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री मुरली मनोहर जोशी व सुब्रम्हण्यम स्वामी ने सरसंघचालक से मुलाकात कर लंबे समय तक चर्चा की।
 
शुक्रवार को भाजपा उपाध्यक्ष उमा भारती संघ मुख्यालय पहुंच सकती हैं। सूत्र का दावा है कि मतगणना के पहले लालकृष्ण आडवाणी भी यहां पहुंचेंगे। केंद्र में राजग सरकार बनने की स्थिति में भाजपा के उन नेताओं को महत्व देने की वकालत की जा रही है, जो किसी न किसी कारण से पार्टी में उपेक्षा या आंतरिक चुनौती झेल रहे हैं।
 
सूत्र बताते हैं कि भाजपा में करीब आधा दर्जन शीर्ष स्तर के नेता असंतोष के दौर से गुजर रहे हैं। चुनाव में किसी का टिकट काट दिया गया तो किसी को ऐसे स्थान से लड़ाया गया, जहां उनकी कोई तैयारी ही नहीं थी। आडवाणी भोपाल से लडऩे की बात नहीं मनवा पाए। जसवंत सिंह को उम्मीदवारी ही नहीं मिली। मुरली मनोहर जोशी वाराणसी नहीं छोडऩा चाहते थे। उमा भारती झांसी जाने के सवाल पर कसमसाहट व्यक्त कर रही थी।
 
उन्होंने यह भी कहा था कि मध्यप्रदेश का एक मंत्री उनके विरोध में षडय़ंत्र रच रहा है। यह भी बताया जा रहा है कि संघ व भाजपा में समन्वय के लिए कुछ नेताओं की भूमिका में बदलाव की तैयारी की जा रही है। चुनावी स्थितियों का आकलन भी किया जा रहा है।

मोदीमय हुई काशी, सड़कों पर उमड़ा जनसैलाब,

 
 
वाराणसी. बीजेपी के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी वाराणसी में रोड शो के बाद वाराणसी के सिगरा स्थित बीजेपी दफ्तर पहुंचे। यहां वह करीब 20 मिनट रुके और पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। उनके साथ बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली और यूपी के चुनाव प्रभारी अमित शाह वहां पहले से मौजूद हैं।
 
इससे पहले बीएचयू से निकला मोदी का काफिला करीब 3:15 घंटे में सिगरा पहुंचा। सड़कों पर मोदी को देखने लिए लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। हर कोई मोदी को देखने के लिए बेताब था। हर तरफ मोदी-मोदी के नारे लग रहे थे।
 
बताते चलें कि शहर के बीच ग्यारह मंजिला अपार्टमेंट के ग्राउंड फ्लोर पर नरेंद्र मोदी का हाईटेक ऑफिस खोला गया है। इस बिल्डिंग से प्राचीन नगरी काशी का दिलकश नजारा दिखता है। मोदी पहली बार इस ऑफिस में पहुंचे।
 
बीएचयू कैंपस से निकलते समय मोदी को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। वे झंडा दिखाते हुए मोदी के खिलाफ नारे लगाते हुए नजर आए।

 
 
 
 
 

क़ुरआन का सन्देश

  

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