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20 मई 2014

कमरे में फंदे से लटकी, बहन बोली- उठ दीदी, अब तक क्यों सो रही हो?



धनबाद. हीरापुर में लिंडसे क्लब के पास स्थित साव गली में 16 साल की किशोरी ने आत्महत्या कर ली। मंगलवार की सुबह साढ़े नौ बजे तक किशोरी भली-चंगी थी। मां के साथ कोर्ट स्थित अपने होटल से घर पहुंची। मां स्नान के लिए ज्योंही बाथरूम घुसी, त्योंही किशोरी अपने कमरे में जाकर अंदर से सिटकनी चढ़ा दी। फिर दुपट्टे को फंदा बनाकर पंखे के सहारे झूल गई। मां बाहर निकली, तो बेटी का कमरा अंदर से बंद देखा।
 
आवाज देने पर भी दरवाजा नहीं खुला तो खिड़की से झांकने पर कलेजा मुंह में आ गया। बेटी फंदे में छटपटा रही थी। मां का शोर सुन आसपास के लोग जुटे। दरवाजा तोड़ दिया गया। आनन-फानन में किशोरी को नीचे उतारा गया। उस समय सांसें चल रही थीं। फौरन उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आलोक में धनबाद थाना में यूडी केस दर्ज किया गया। आत्महत्या की मूल वजह का पता नहीं चला है, परंतु दबी जुबान में लोग तरह-तरह की चर्चाएं जरूर कर रहे थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हैंगिंग बताया गया। 
 
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था। पोस्टमार्टम के बाद जब शव को परिजनों को सुपुर्द किया गया तो मां, पिता व बहनों की चीत्कार से पूरा साव गली का माहौल मार्मिक हो गया था।
 
उठ दीदी, अब तक क्यों सो रही हो?
 
किशोरी चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी। एक भाई है, जो बाहर पढ़ता है। दो छोटी बहन घर पर रहती है। जब लोगों ने किशोरी के कमरे का दरवाजा तोड़ा तो वहां की स्थिति देख सबसे ज्यादा दंग मां और सबसे छोटी बहन रह गई थी। उसे जब नीचे उतारा गया तो छोटी बहन बार-बार दीदी के चेहरे को सहलाते हुए उठने की मनुहार कर रह थी। बार-बार कह रही थी-दीदी उठो न, दीदी उठो न! अब तक सो क्यों रही हो? उस समय किशोरी की सांसें चल रही थीं। लोग उसे अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे थे, परंतु छोटी बहन उसे छोडऩे को तैयार नहीं थी। मुश्किल से उसे अलग कर अस्पताल भिजवाया गया। 
 
कोर्ट परिसर में है पिता का होटल 
 
किशोरी के पिता छेदी साव खाने-पीने का होटल चलाते हैं। धनबाद कोर्ट परिसर में होटल है। हर रोज छेदी की पत्नी और बेटी खाना बनाने में सहयोग के लिए सुबह होटल चली जाती थीं। आज भी मां-बेटी होटल गईं और सब्जी के लिए मसाला वगैरह पीस कर सुबह साढ़े पुन: वापस घर लौटीं। घर लौटने पर मां स्नान के लिए बाथरूम में गई। इसी दौरान मौका देख किशोरी ने खुदकुशी के मकसद से कमरा बंद कर फंदे में झूल गई।

26 मई को शाम छह बजे PM बनेंगे मोदीः जानिए सरकार के एजेंडे में शामिल टॉप 10 बातें




नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी 26 मई को शाम छह बजे देश के पंद्रहवें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद  मंगलवार को नरेंद्र मोदी ने राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। राष्ट्रपति भवन से बाहर आकर मोदी ने मीडिया को इसकी जानकारी दी।
 
राष्ट्रपति के फैसले की जानकारी देते हुए उनके प्रवक्ता ने कहा कि महामहिम ने नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। मोदी का शपथ ग्रहण समारोह करीब तीन हजार मेहमानों की मौजूदगी में राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में होगा। 
 
सरकार के एजेंडे में शामिल हैं ये दस बातें  
नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री का कार्यभार संभालेंगे तो उन्हें सबसे पहले किन मुद्दों पर काम करना पड़ेगा, इसकी एक लिस्ट पीएमओ ने तैयार की है। ऐसी लिस्ट हर नए प्रधानमंत्री के लिए बनाई जाती है। इनमें वो विषय होते हैं जिन पर सबसे पहले गौर करना जरूरी होता है।

1- मुद्रास्फीति से निपटने की जरूरतः जरूरी चीजों का दाम बढ़ना कांग्रेस की सरकार के जाने की मुख्य वजह रही है। कीमतों को घटाना बीजेपी के घोषणापत्र का हिस्सा रहा है। पार्टी को उम्मीद है कि महंगाई को घटा कर वह अपने कोर वोटर यानी मिडल क्लास को खुश कर पाएगी।
 
2- नया बजट बनानाः सरकार को कामकाज शुरू करने के कुछ समय बाद ही बजट पेश करना होगा। पीएमओ ने नए बजट के लिए कुछ जरूरी इनपुट्स तैयार किए हैं जिनसे नए वित्त मंत्री को बजट बनाने में मदद मिलेगी।
 
3- आतंकवाद और नक्सलवाद पर नकेल कसनाः माना जाता है कि आतंकवाद और नक्सलवाद पर नकेल कसना नरेंद्र मोदी की प्राथमिकताओं में से एक है। जानकारों का मानना है कि नई सरकार आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ सख्त नीति अपना सकती है। नई सरकार राज्य सरकारों को नक्सलवादियों से निपटने के लिए ज्यादा सहायता दे सकती है।
 
4- महत्वपूर्ण पदों के लिए सही लोगों का चुनावः नई सरकार को पहले कुछ हफ्तों में ही कई महत्वपूर्ण पदों पर अधिकारियों को नियुक्त करना होगा। माना जा रहा है कि नौकरशाही में खासा फेरबदल किया जाएगा।
 
5- सभी मंत्रालयों को महत्व देनाः पीएमओ ने प्रत्येक मंत्रालय से कहा है कि वो उन विषयों की एक लिस्ट तैयार करें, जिन्हें सबसे जरूरी मानते हैं। इनका अध्ययन नए प्रधानमंत्री करेंगे।
 
6- विनिवेश प्रक्रिया को बढ़ावा देनाः विनिवेश अटल बिहारी सरकार की सफलता की बड़ी वजहों में से एक था, लेकिन मनमोहन सरकार सहयोगी दलों के दवाब में विनिवेश की प्रक्रिया में ठहराव-सा आ गया था। सार्वजनिक क्षेत्र के ऐसे उपक्रमों को शॉर्टलिस्ट करना जरूरी है, जिनमें विनिवेश किया जा सकता है।
 
7- महत्वपूर्ण बिलः कई महत्वपूर्ण बिल, जैसे लोकपाल, महिला आरक्षण यूपीए सरकार में पास नहीं हो पाए थे। मोदी सरकार को इन सभी बिलों पर नए सिरे से विचार करना होगा।
 
8- मंत्रिसमूह का मसलाः मनमोहन सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में 78 जीओएएमएस और 16 ईजीओएएम जैसे मंत्री समूह बनाए थे। 9 ईजीओएएमएस ऐसे हैं जिन्होंने अपनी रिपोर्ट नहीं दी है। रिपोर्ट न देने वाले जीओएएमएस की संख्या भी कम नहीं है। 
 
9- राज्यपालों का प्रश्नः 28 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों को बदला जाएगा या नहीं, मोदी सरकार के सामने यह एक बड़ा सवाल होगा। गौरतलब है कि 2 जून को तेलंगाना के रूप में एक नया राज्य भी अस्तित्व में आ जाएगा। 
 
10- समितियां और विभागः 21 समितियों और ऐसे सरकारी विभाग जो सीधे-सीधे प्रधानमंत्री के अधीन होते हैं, के पुनर्गठन का सवाल भी अहम है। इनमें इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल और डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी जैसे महत्वपूर्ण विभाग भी शामिल हैं।

क़ुरआन का सन्देश

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