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21 मई 2014

कोर्ट से बरी सलीम ने कहा- गुजरात पुलिस ने पूछा था कि किस केस में आरोपी बनोगे


कोर्ट से बरी सलीम ने कहा- गुजरात पुलिस ने पूछा था कि किस केस में आरोपी बनोगे

नई दिल्‍ली. गुजरात स्थित अक्षरधाम मंदिर पर हुए आतंकवादी हमलों के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए एक मुस्लिम शख्‍स ने पुलिस पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। मोहम्‍मद सलीम नाम के इस शख्‍स का कहना है कि जब उन्‍हें गिरफ्तार किया था तो उन्‍हें किस केस में आरोपी बनाया जाए, इसके लिए पुलिस ने तीन विकल्‍प दिए थे। ये विकल्‍प थे- गोधरा ट्रेन आगजनी, हरेन पांड्या मर्डर केस और अक्षरधाम पर आतंकवादी हमला।
 
एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान सलीम ने कहा, 'जब पुलिस ने मुझे गिरफ्तार किया था तब मैं पिछले 13 साल से सऊदी अरब में काम कर रहा था। पुलिस ने कहा था कि मेरे पासपोर्ट में कुछ दिक्‍कत है। उन्‍होंने मुझे बुरी तरह पीटा। पीठ पर अभी भी उस पिटाई (पढ़ें: बैठक में देर से पहुंचे बसपा प्रत्‍याशी की हुई पिटाई) का दाग है और मेरे पैर में फ्रैक्‍चर भी हुआ था। पुलिस ने मुझसे पूछा था कि मुझे किस मामले में आरोपी बनाया जाए। इसके लिए उन्‍होंने तीन विकल्‍प दिए थे- अक्षरधाम मंदिर पर आंतकवादी हमला, हरेन पांड्या मर्डर केस, और गोधरा ट्रेन आगजनी। मैं नहीं जानता था कि क्‍या कहा जाए।'
 
सलीम को पोटा के तहत हमलों के सिलसिले में उम्रकैद दी गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनके साथ-साथ इस मामले के पांच अन्‍य आरोपियों को निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला 16 मई को दिया था, यानी उस दिन जब लोकसभा चुनावों में भाजपा और नरेंद्र मोदी की जबर्दस्‍त जीत सामने आई थी।
 
कोर्ट ने निर्दोष लोगों को फंसाने के मामले में गुजरात पुलिस की जमकर खिंचाई की थी और मोदी सरकार पर दिमाग का इस्‍तेमाल नहीं करने का आरोप लगाया था। इस मामले में छह आरोपियों में से चार पिछले 10 साल से जेल में बंद थे।
 
गौरतलब है कि सलीम की गिरफ्तारी के चार महीने बाद उनकी बेटी जन्‍मी थी जो अब 10 साल की है। जेल से छूटने के बाद सलीम ने पहली बार उसे अपनी गोद में लिया।
उधर, मामले के एक और आरोपी अब्‍दुल कयूम मुफ्तीसाब मोहम्‍मद भाई की जिंदगी पिछले 11 साल में पूरी तरह बदल चुकी है। ये साल उन्‍होंने आतंकवादी हमलों के आरोप में जेल में काटे हैं। इस दौरान उनके पिता की मौत हो चुकी है और उनका परिवार अब पुराने घर में नही रहता है। सुप्रीम कोर्ट से निर्दोष साबित होने के बारे में कयूम कहते हैं, 'यह सिर्फ जेल से रिहाई है। पिछले 11 साल के दौरान न्‍याय हर पल तिल-तिल कर मर गया है।'
 
कयूम का कहना है कि उनके खिलाफ जो मुख्‍य आरोप था, वह वे दो खत थे जो आतंकवादी हमलों में मारे गए दो फिदायीन के पास से बरामद हुए थे। आरोप यह था कि वे खत उन्‍होंने लिखे हैं। मामले में उन पर आरोप तय किया गया। कयूम कहते हैं, 'तीन दिन और रात तक पुलिस मुझसे उस खत का कॉपी करवाती रही जिसे उन्‍होंने मुझे दिया था। उन्‍होंने मुझसे कहा कि मैं उर्दू के अक्षरों को ठीक उसी तरह लिखूं जैसा कि खत में लिखा हुआ था। मैं बहुत डरा हुआ था, और मैंने वही किया जो उन्‍होंने करने को कहा। बाद में उन्‍होंने कोर्ट में कहा कि वे खत मैंने ही लिखे थे।'

 

'कांग्रेसी' वाघेला ने दी मोदी को 2002 के दंगों के लिए क्लीन चिट, राममंदिर बनवाने को भी कहा



नरेंद्र मोदी ने बुधवार को गुजरात के सीएम का पद छोड़ दिया। मोदी ने राज्यपाल कमला प्रसाद बेनीवाल को अपना इस्तीफा सौंपा। वहीं, कांग्रेस के लिए मुश्किल खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। पार्टी के नेता और गुजरात विधानसभा में नेता, विपक्ष शंकर सिंह वाघेला ने बुधवार को अपने धुर विरोधी नरेंद्र मोदी को 2002 के गुजरात दंगों के लिए क्लीन चिट देते हुए तमाम विवादित मुद्दों का समर्थन कर दिया। गुजरात विधानसभा में नरेंद्र मोदी को विदाई देने के लिए आयोजित विशेष सत्र में वाघेला ने कहा, 'मोरारजी की तरह उन्हें (मोदी को) 2002 के गुजरात दंगों के मामले में गलत तरीके से घसीटा गया। मैं राम मंदिर, यूनिफॉर्म सिविल कोड और गोमांस के निर्यात पर प्रतिबंध की मांग का समर्थन करता हूं।' वाघेला के इस बयान से राजनीति में भूचाल आ सकता है।  

वाघेला ने गुजरात विधानसभा में नरेंद्र मोदी को गले से लगा लिया। उन्‍होंने अपने संबोधन में मोदी की जम कर तारीफ की। कहा, '1984 में बीजेपी के पास 2 सीट थी और अब 282, इसका क्रेडिट मोदी को जाता है। जनता ने आशा के साथ मोदी को वोट किया। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जो सपना देखा वह आज पूरा हुआ।'
वाघेला ने यह भी कहा कि अब जब बीजेपी को बहुमत मिल चुका है, ऐसे में उम्‍मीद है कि मंदिर जरूर बनेगा। वाघेला के मुताबिक, आडवाणी अक्‍सर कहते थे कि बहुमत न होने की वजह से बीजेपी मंदिर नहीं बनवा पाई। वाघेला ने यह कह कर चुटकी भी ली कि 'आनंदीबेन के अच्‍छे दिन आने वाले हैं।' 
वाघेला ने मोदी की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि पहले वह वकील साहब (संघ प्रचारक वकील ईमानदार) के कपड़े धोते थे और अब मोदी देश का मैल धोने निकले हैं। उन्होंने कहा कि मोदी गोधरा में प्रचारक से गुजरात के सीएम बने और अब पीएम बनने जा रहे हैं। बीजेपी को यहां तक पहुंचाने में मोदी की अहम भूमिका है, जिसकी वजह से बीजेपी और एनडीए को बहुमत मिला है। वाघेला ने कहा कि अब गुजरातियों को वीजा मिलने में दिक्कत नहीं आएगी और ओबामा को झक मार कर वीजा देना होगा। तारीफ करने के बाद वाघेला ने मोदी पर हमले भी किए। उन्होंने कहा, 'अब आपको बहुमत मिला है डॉलर की कीमत 40 रुपये करें। बाबा रामदेव को राजदूत बनाकर कालाधन लाएं। 12 महीने बाद मैं हिसाब मांगूंगा।' वाघेला ने कहा कि नई नौकरियों का जो वादा किया गया है, उसे पूरा करना होगा। उन्होंने मोदी से गुजरात और केंद्र सरकार के बीच के कोयले और गैस का विवाद निपटाने की मांग की।
इमोशनल हुए मोदी 
मोदी ने वाघेला से अपनी दोस्‍ती का जिक्र करते हुए कहा कि अब वाघेला गर्व से कह सकते हैं कि देश का प्रधानमंत्री अक्‍सर मेरी बाइक पर घूमते थे। मोदी ने बताया कि वह और वाघेला मोटरसाइकल पर काफी घूम चुके हैं। इससे पहले, मोदी ने कहा- 'अब इस सदन में नहीं आ पाऊंगा। जब कोई खास कार्यक्रम होगा तभी आ पाऊंगा।'

न्‍यायिक प्रक्रिया नहीं मानी तो गडकरी केस में 23 मई तक जेल भेजे गए केजरीवाल


न्‍यायिक प्रक्रिया नहीं मानी तो गडकरी केस में 23 मई तक जेल भेजे गए केजरीवाल
 
नई दि‍ल्ली। भाजपा के पूर्व अध्‍यक्ष नितिन गडकरी द्वारा दायर मानहानि मामले में दिल्‍ली के पूर्व मुख्‍यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को पटियाला हाउस कोर्ट ने न्‍यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजने के आदेश दिए। कोर्ट ने उन्‍हें 23 मई तक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।
 
केजरीवाल बुधवार को कोर्ट में पेश हुए। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा ने शाम चार बजे उन्‍हें आदेश दिया कि कानूनी प्रक्रिया के तहत वे या तो जमानत लें या फिर दस हजार रुपए का निजी मुचलका भरें। लेकिन, केजरीवाल ने दोनों में से एक भी बात मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद मजिस्‍ट्रेट ने कहा कि ऐसे में कानून के मुताबिक आपको जेल जाना पड़ेगा।
 
बताया जाता है कि केजरीवाल ने कहा, ‘मैं भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा हूं। मुझे जमानत नहीं चाहिए, क्‍योंकि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया।' हालांकि, केजरीवाल ने अदालत में पेश होकर कहा था कि वह हलफनामा देने को तैयार हैं, जिसमें यह आश्वासन दिया जाएगा कि वह मामले की प्रत्येक सुनवाई पर अदालत में हाजिर रहेंगे। केजरीवाल के वकील की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि उनके मुवक्किल कानून से भाग नहीं रहे। इस पर मजिस्ट्रेट ने कहा, हम आपकी बात से सहमत है, लेकिन आपको बेल बांड देने में हर्ज क्‍या है।
 
मजिस्ट्रेट ने साफ कहा कि बेल बांड जमा कराना एक कानूनी प्रकिया है और ऐसा नहीं कर आप (केजरीवाल) अलग ट्रीटमेंट चाह रहे हैं। आपसे उम्‍मीद की जाती है कि आप एक आम आदमी की तरह व्यवहार करें। वहीं, गडकरी के वकील ने भी केजरीवाल की दलीलों का विरोध किया। अदालत ने इस मामले में चार बजे तक अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। चार बजे अदालत ने फैसला सुनाया कि जमानत नहीं लेने या निजी मुचलका नहीं भरने की स्थिति में केजरीवाल को जेल भेजा जाए।
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