राजकोट. बलात्कार का आरोप झेल रहे कथावाचक आसाराम के खिलाफ
गवाही देने वाले अमृत प्रजापति की मंगलवार को मौत हो गई। उन पर करीब 20 दिन
पहले राजकोट में दो अज्ञात युवकों ने गोली चलाई थी। तब से उनका इलाज चल
रहा था, लेकिन 10 जून की सुबह उनकी मौत हो गई। प्रजापति ने अपने ऊपर हुए
हमले के छह संदिग्धों के नाम एक कागज पर लिख कर पुलिस को दिए थे।
क्या आरोप लगाए थे प्रजापति ने आसाराम पर
प्रजापति ने आसाराम पर आरोप लगाया था कि वे अफीम का सेवन करते थे।
इसे वे पंचेड़ बूटी कहते हैं। प्रजापति ने यह भी दावा किया था कि आसाराम
रतलाम से 17 किलोमीटर दूर पंचेड़ आश्रम में खुद अफीम की खेती करवाते थे और
वहां से अपने लिए अफीम मंगवाते थे। लेकिन लोगों की नजरों से बचने के लिए
उन्होंने अफीम को पंचेड़ बूटी का नाम दिया हुआ था। आसाराम के आश्रम के
लोगों का कहना था कि प्रजापति ने आश्रम से निकाले जाने के चलते झूठे आरोप
लगाए। अमृतभाई प्रजापति ने यह भी दावा किया था कि उन्होंने आसाराम को कई
बार लड़कियों के साथ आपत्तिनजक हालत में देखा था और आसाराम उनसे कई तरह की
सेक्सवर्धक दवाएं भी मंगवाया करते थे।
23 मई को प्रजापति को मारी गई थी गोली
प्रजापति स्थानीय पेडक रोड क्षेत्र स्थित क्लीनिक में मरीजों को देख रहे थे। दोपहर करीब एक बजे एक व्यक्ति मरीज के रूप में क्लीनिक पहुंचा। वैद्यराज को दिखाया और चल दिया। उसी समय प्रजापति भी सहयोगी वैद्य के साथ केबिन से निकलकर खाने के लिए निकले। उनका एकमात्र सुरक्षागार्ड भी लंच करने चला गया। तभी हमलावर लौटा और प्रजापति पर गोली चला दी। इसके बाद हमलावर फौरन बाहर निकला और पहले से मौजूद एक सहयोगी की मोटर साइकिल पर सवार होकर फरार हो गया।
अासाराम के आश्रम में वैद्य थे प्रजापति
अमृत प्रजापति एक समय आसाराम के आश्रम में वैद्य थे। लगभग 12 सालों तक अहमदाबाद आश्रम में वैद्य रहे प्रजापति ने आश्रम छोड़ दिया था। हाल ही में जोधपुर में एक सेविका द्वारा आसाराम पर दुष्कर्म का आरोप लगाने के बाद प्रजापति ने भी आसाराम के आश्रम में होने वाली कई गतिविधियों का पर्दाफाश किया था। आश्रम छोड़ने के बाद प्रजापति अपना खुद का क्लीनिक चला रहे थे।
हिट लिस्ट में थे प्रजापति
प्रजापति की सुरक्षा के लिए एक पुलिसकर्मी तैनात था, लेकिन उसकी 10 मिनट की गैरहाजिरी का फायदा उठाकर आरोपियों ने प्रजापति को निशाना बना लिया। दरसअल, प्रजापति हमलवारों की हिट लिस्ट में थे। यह जानकारी हाल ही में सूरत से गिरफ्तार किए गए आसाराम के साधकों की गैंग से पुलिस को मिली थी। पुलिस को हमलावरों से एक लिस्ट मिली थी, जिसमें प्रजापति का नाम तीसरे नंबर पर था। यह गैंग सूरत में एक गवाह पर हमला करते समय पुलिस के हाथों पकड़ा गया था।
प्रजापति स्थानीय पेडक रोड क्षेत्र स्थित क्लीनिक में मरीजों को देख रहे थे। दोपहर करीब एक बजे एक व्यक्ति मरीज के रूप में क्लीनिक पहुंचा। वैद्यराज को दिखाया और चल दिया। उसी समय प्रजापति भी सहयोगी वैद्य के साथ केबिन से निकलकर खाने के लिए निकले। उनका एकमात्र सुरक्षागार्ड भी लंच करने चला गया। तभी हमलावर लौटा और प्रजापति पर गोली चला दी। इसके बाद हमलावर फौरन बाहर निकला और पहले से मौजूद एक सहयोगी की मोटर साइकिल पर सवार होकर फरार हो गया।
अासाराम के आश्रम में वैद्य थे प्रजापति
अमृत प्रजापति एक समय आसाराम के आश्रम में वैद्य थे। लगभग 12 सालों तक अहमदाबाद आश्रम में वैद्य रहे प्रजापति ने आश्रम छोड़ दिया था। हाल ही में जोधपुर में एक सेविका द्वारा आसाराम पर दुष्कर्म का आरोप लगाने के बाद प्रजापति ने भी आसाराम के आश्रम में होने वाली कई गतिविधियों का पर्दाफाश किया था। आश्रम छोड़ने के बाद प्रजापति अपना खुद का क्लीनिक चला रहे थे।
हिट लिस्ट में थे प्रजापति
प्रजापति की सुरक्षा के लिए एक पुलिसकर्मी तैनात था, लेकिन उसकी 10 मिनट की गैरहाजिरी का फायदा उठाकर आरोपियों ने प्रजापति को निशाना बना लिया। दरसअल, प्रजापति हमलवारों की हिट लिस्ट में थे। यह जानकारी हाल ही में सूरत से गिरफ्तार किए गए आसाराम के साधकों की गैंग से पुलिस को मिली थी। पुलिस को हमलावरों से एक लिस्ट मिली थी, जिसमें प्रजापति का नाम तीसरे नंबर पर था। यह गैंग सूरत में एक गवाह पर हमला करते समय पुलिस के हाथों पकड़ा गया था।