फाइल फोटो: काले धन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते लोग।
नई दिल्ली. काले धन के खिलाफ लड़ाई में भारत को स्विट्जरलैंड
का साथ मिला है। दरअसल, स्विट्जरलैंड ने उन संदिग्ध भारतीयों की लिस्ट
तैयार की है जिन्होंने स्विस बैंकों में काला धन जमा करा रखा है। साथ ही
स्विट्जरलैंड की तरफ से यह भी कहा गया है कि वह इन नामों और उनसे संबंधित
ब्योरों को भारत के साथ साझा करेगा। उधर, स्विस सेंट्रल बैंक ने खबर दी है
कि स्विस बैंकों में पैसा जमा कराने के मामले में भारत 58वें नंबर पर है।
ब्रिटेन इस मामले में पहले स्थान पर है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के
आदेश पर सरकार ने हाल में ही कालेधन के खिलाफ एसआईटी का गठन किया है।
जल्द पता चलेगा काला धन जमा कराने वालों का नाम
स्विस सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि देश के विभिन्न बैंकों में जमा पैसों के असली लाभार्थियों की पहचान के लिए एक जांच की गई। इसी के दौरान कई भारतीय व्यक्तियों और इकाइयों के नाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि संदेह है कि इन लोगों और इकाइयों ने भारत से बाहर अन्य गैरकानूनी इकाइयों के जरिए से बिना टैक्स चुकाए स्विस बैंकों में पैसा रखा है। हालांकि, अधिकारी से जब नामों और रकम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताने से इनकार कर दिया। इसके लिए उन्होंने गोपनीयता के प्रावधान और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सूचना आदान-प्रदान संधि का हवाला दिया।
स्विस सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि देश के विभिन्न बैंकों में जमा पैसों के असली लाभार्थियों की पहचान के लिए एक जांच की गई। इसी के दौरान कई भारतीय व्यक्तियों और इकाइयों के नाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि संदेह है कि इन लोगों और इकाइयों ने भारत से बाहर अन्य गैरकानूनी इकाइयों के जरिए से बिना टैक्स चुकाए स्विस बैंकों में पैसा रखा है। हालांकि, अधिकारी से जब नामों और रकम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताने से इनकार कर दिया। इसके लिए उन्होंने गोपनीयता के प्रावधान और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सूचना आदान-प्रदान संधि का हवाला दिया।
भारतीयों का खरबों रुपया जमा नहीं
अधिकारी ने यह भी कहा कि स्विस बैंकों में भारतीयों का खरबों रुपया जमा नहीं है। उन्होंने कहा कि देश के कुल 283 बैंकों में विदेशी व्यक्तियों द्वारा जो रकम जमा कराई गई है वह 1600 अरब डॉलर के करीब है तो सिर्फ भारतीयों का पैसा इतना ज्यादा कैसे हो सकता है।
अधिकारी ने यह भी कहा कि स्विस बैंकों में भारतीयों का खरबों रुपया जमा नहीं है। उन्होंने कहा कि देश के कुल 283 बैंकों में विदेशी व्यक्तियों द्वारा जो रकम जमा कराई गई है वह 1600 अरब डॉलर के करीब है तो सिर्फ भारतीयों का पैसा इतना ज्यादा कैसे हो सकता है।
मोदी सरकार ने काले धन पर किया था एसआईटी का गठन
नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालते ही सबसे पहला फैसला काले धन पर लिया था और इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में निर्देश जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एमबी शाह को इसका अध्यक्ष बनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट के ही एक अन्य पूर्व जज अरिजित पसायत को इसका उपाध्यक्ष बनाया गया है। एसआईटी में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर, इंटेलिजेंस ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई, डायरेक्ट टैक्स बोर्ड, फाइनेंशियल इंटेलिजेंस और रॉ के प्रमुख इस कमिटी के सदस्य हैं।
नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालते ही सबसे पहला फैसला काले धन पर लिया था और इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में निर्देश जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एमबी शाह को इसका अध्यक्ष बनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट के ही एक अन्य पूर्व जज अरिजित पसायत को इसका उपाध्यक्ष बनाया गया है। एसआईटी में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर, इंटेलिजेंस ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई, डायरेक्ट टैक्स बोर्ड, फाइनेंशियल इंटेलिजेंस और रॉ के प्रमुख इस कमिटी के सदस्य हैं।