फोटो: आरोपी तांत्रिक उपेंद्राचार्य उर्फ उपेन्द्र तिवारी
वाराणसी/भदोही. यूपी के गोपीगंज थाना क्षेत्र में क्रूरता और
अंधविश्वास का सनसनीखेज मामला सामने आया है। क्षेत्र के तिलगा गांव में एक
तांत्रिक ने तंत्र-मंत्र के चक्कर में 12 साल के मासूम बच्चे की बलि दे दी।
पुलिस ने तांत्रिक और उसके दो शिष्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले
को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने आरोपियों पर गैंगस्टर और रासुका लगाने की
बात कही है।
क्या है मामला
एसपी सुभाष चन्द्र दूबे ने बताया कि गोपीगंज थाना क्षेत्र के तिलगा
गांव निवासी प्रदीप कुमार दुबे का 12 वर्षीय लड़का सुमित बीती 12 मई को
अचानक लापता हो गया । सुमित यह बताकर घर से निकला था की वह गांव के पास
हो रहे यज्ञ में भंडारा खाने जा रहा है। परिवार के काफी खोजने के बाद जब
सुमित नही मिला तो पुलिस को सुचना दी गयी। जिसके तीन दिन बाद पुलिस ने
गांव के पास बच्चे का शव बरामद किया। जब पुलिस और परिजनों ने शव देखा तो
शरीर के कई अंग गायब थे।
मानवीयता की हद तोड़ दी
छानबीन से पता चला कि एक तांत्रिक ने बच्चे की हत्या कर उसकी बलि दे दी है। तांत्रिक ने पहले तो बच्चे को गला दबाकर मार डाला, इसके बाद उसकी आंखें निकाल ली। इतना ही नहीं, उसने मासूम के सिर का ऊपरी हिस्सा और हाथ भी काट दिया, फिर एक-एक करके सारे अंगों की हवनकुंड में आहुति दे दी। बच्चे के परिजनों ने आरोपियों को फांसी दिए जाने की मांग की है।
कैसे हुआ घटना का खुलासा
घटना के खुलासे के लिए पुलिस की क्राइम ब्रांच सहित सीओ और अपर पुलिस
अधीक्षक की टीम लगाई गई , लेकिन कई दिनों तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा। पुलिस
के एक मुखबिर ने सूचना दी कि तिलगा गांव निवासी शिव भुवन और रविन्द्र
शर्मा इस हत्या कांड में शामिल हो सकते हैं। पुलिस ने दोनों को धर दबोचा
पूछताछ में हुए खुलासे से सबके होश उड़ गए। उन्होंने बताया कि दोनों ने
बच्चे की नर बलि उनके गुरु उपेन्द्राचार्य उर्फ उपेन्द्र तिवारी ने दी है।
उन दोनों ने तो सिर्फ बच्चे के शव को ठिकाने लगाया है।
शिष्यों ने बताया अंग के बारे में, बाबा ने स्वीकारा नर बलि
दोनों की निशानदेही पर पुलिस ने अघोर वैष्णव साधना पीठ आश्रम के बाबा
उपेन्द्राचार्य को गिरफ्तार कर लिया। उसने बताया कि तंत्र विद्या को सिद्ध
करने के लिए उसे बच्चे का खून और उसके अंग हवन के लिए चाहिए थे, इसीलिए
उसने सुमित की बलि दी।