नई दिल्ली. अहमदाबाद की एक अदालत ने विधानसभा चुनाव में
नामांकन भरते समय अपनी पत्नी के बारे में जानकारी छुपाने के मामले में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपराधी तो करार दिया, लेकिन साथ ही यह भी कहा
कि शिकायत में देर होने की वजह से उनके खिलाफ मुकदमा कायम नहीं किया जा
सकता है। 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पर्चा दाखिल करते समय मोदी
ने पत्नी वाले कॉलम को खाली छोड़ दिया था। कोर्ट ने यह माना है कि मोदी ने
कॉलम को खाली छोड़कर कानून तोड़ा है, लेकिन इस मामले में शिकायत में चाह
महीने की देरी के चलते एफआईआर दर्ज करवाने की अपील ठुकरा दी।
कोर्ट का फैसला
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एम. एम. शेख ने अपने फैसले में कहा, 'तथ्य छुपाकर जनप्रतिधिनित्व कानून की धारा 125(ए) (3) के तहत अपराध किया गया है। क्रिमिनल प्रोसीजर एक्ट की धारा 468(2) (बी) के तहत इस तरह के अपराध के लिए शिकायत एक साल के भीतर करनी होती है। कथित अपराध के एक साल चार महीने के बाद शिकायत दर्ज कराई गई है, इसलिए एफआईआर दर्ज करवाने का आदेश नहीं दिया जा सकता है।'
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एम. एम. शेख ने अपने फैसले में कहा, 'तथ्य छुपाकर जनप्रतिधिनित्व कानून की धारा 125(ए) (3) के तहत अपराध किया गया है। क्रिमिनल प्रोसीजर एक्ट की धारा 468(2) (बी) के तहत इस तरह के अपराध के लिए शिकायत एक साल के भीतर करनी होती है। कथित अपराध के एक साल चार महीने के बाद शिकायत दर्ज कराई गई है, इसलिए एफआईआर दर्ज करवाने का आदेश नहीं दिया जा सकता है।'
किसने किया था केस
मोदी के खिलाफ एफआईआर की मांग करने वाली याचिका आम आदमी पार्टी के नेता निशांत वर्मा की ओर से दाखिल की गई थी। वर्मा ने कहा था मोदी ने अपने हलफनामे में अपनी वैवाहिक स्थिति के बारे में अहम तथ्य छुपाए थे। वर्मा के वकील ने कहा है कि वे कोर्ट के फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकते हैं।
मोदी के खिलाफ एफआईआर की मांग करने वाली याचिका आम आदमी पार्टी के नेता निशांत वर्मा की ओर से दाखिल की गई थी। वर्मा ने कहा था मोदी ने अपने हलफनामे में अपनी वैवाहिक स्थिति के बारे में अहम तथ्य छुपाए थे। वर्मा के वकील ने कहा है कि वे कोर्ट के फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकते हैं।
लेकिन किसी कोर्ट द्वारा अपराधी घोषित किए जाने या किसी न्यायिक कमिशन
द्वारा दोषी करार दिए जाने के बावजूद कानून की पेचीदगियों या अन्य कारणों
से देश-दुनिया के कई मशहूर नेता बिना किसी सजा या कई बार हल्की सजा काटकर
बच निकले।