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04 जुलाई 2014

भोपाल: कार में लॉक हुआ ढाई साल का मासूम, दम घुटने से हुई मौत



(अतिशय की मौत के बाद विलाप करते परिजन) 
 
भोपाल. न्यू मार्केट में एक कपड़ा व्यापारी के ढाई साल के बेटे की शुक्रवार को कार में दम घुटने से मौत हो गई। बच्चा लगभग दो घंटे तक कार के अंदर बंद रहा। इस दौरान परिवार के किसी भी सदस्य का उसकी तरफ ध्यान नहीं गया। बाद में जब उसकी तलाश की गई तो वह कार के अंदर अचेत मिला। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।  न्यू मार्केट स्थित नवरंग साड़ी हाउस के संचालक दीपक नायक (जैन) शुक्रवार सुबह 10:30 बजे अपने माता-पिता, पत्नी व बच्चों के साथ मंदिर गए थे। आधे घंटे बाद मंदिर से लौटकर दीपक अपने पिता कमल के साथ दुकान पर ही रुक गए। जबकि उनकी पत्नी और मां दुकान के ऊपर (दूसरे तल पर) बने घर चली गईं। लगभग दो घंटे बाद दीपक की पत्नी अपने छोटे बेटे अतिशय को ढूंढते हुए दुकान पहुंचीं। 
 
अतिशय जब दुकान पर भी नहीं मिला तो सभी ने उसकी तलाश शुरू की। इस दौरान पार्किंग में खड़ी दीपक की स्विफ्ट डिजायर कार में अगली सीट के नीचे अतिशय बेहोशी की हालत में मिला। गाड़ी की चाबी कार के अंदर ही थी। डुप्लीकेट चाबी से गेट खोलकर अतिशय को बाहर निकाला गया। उसे पहले न्यू मार्केट स्थित रेनबो अस्पताल ले जाया गया। यहां डॉक्टरों ने कहा बच्चे की सांसें थम चुकी हैं। इसके बाद परिजन बच्चे को बंसल अस्पताल ले गए। यहां भी डॉक्टरों ने बच्चे को मृत  बताया।

इसके बाद परिजनों ने घटना की सूचना पुलिस को दिए बिना भदभदा विश्रामघाट पर अतिशय के शव को दफना दिया। शाम को टीटी नगर के सीएसपी आरडी भारद्वाज ने मृत बच्चे के दादा कमल जैन के बयान दर्ज किए। सीएसपी ने बताया कि इस मामले में अन्य लोगों के भी बयान लिए जाएंगे और जरूरत पड़ी तो बच्चे का शव निकालकर पोस्टमार्टम भी कराया जाएगा। 
 
सोमवार से प्ले स्कूल जाना था अतिशय को  
 
अतिशय का दाखिला भारत भवन के पास लिटिल स्कॉलर्स प्ले स्कूल में हुआ था। सोमवार से उसे स्कूल जाना था। स्कूल की संचालक शर्मिला खट्टर ने बताया कि दो दिन पहले अितशय को लेकर उसके परिजन स्कूल आए थे। उसके एडमिशन की औपचारिकता पूरी कर ली गई थी।  
दादा ने कहा- खेलते-खेलते कब कार में चला गया, पता नहीं चला  
 
बच्चे के दादा कमल जैन ने बताया कि मंदिर से लौटने के बाद अतिशय दुकान में ही खेल रहा था। काउंटर में कार की चाबी रखी थी। पता नहीं चला कि कब चाबी उठाकर उसने कार का गेट खोल लिया। जब कार पर नजर पड़ी तो वह बेसुध मिला। डुप्लीकेट चाबी से कार का गेट खोला और उसे तुरंत अस्पताल ले गए लेकिन उसकी सांसें थम चुकी थीं।  
 
कार्डियो रेस्पिरेटरी अरेस्ट से हुई बच्चे की मौत  
 
कार के कांच पूरी तरह बंद रहने से बच्चे को ऑक्सीजन नहीं मिली। इस कारण 30 से 45 मिनट में ही बच्चा कार्डियो रेस्पिरेटरी  अरेस्ट का शिकार हो गया होगा। यही उसकी मौत का कारण बना।  
 
-डॉ. डीके वर्मा, पूर्व अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल 

पेट्रोलियम मंत्री का एलान, नहीं बढ़ेगी रसोई गैस की कीमत


पेट्रोलियम मंत्री का एलान, नहीं बढ़ेगी रसोई गैस की कीमत
 

 
 
नई दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा रसोई गैस की कीमत में बढ़ोत्‍तरी की खबर आने के बाद शुक्रवार को पेट्रोलियम मंत्रालय ने साफ किया कि ऐसी कोई योजना नहीं है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक न्‍यूज चैनल के साथ बातचीत में इस बात से इनकार किया कि पेट्रोल, केरोसीन या डीजल की कीमत में बढ़ोत्‍तरी होने वाली है। 
 
इससे पहले खबर आई थी कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने 250 रुपए प्रति गैस सिलेंडर दाम बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा, केरोसिन के दाम में चार से पांच रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल की कीमत में भी मासिक 40 से 50 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी का प्रस्‍ताव दिया गया।खबर थी कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने किरीट पारेख समिति की सिफारिशों को मंत्रिमंडल की राजनीतिक मामलों की समिति (सीसीपीए) के पास भेजने का फैसला किया है। 
 
क्‍या सिफारिशें हैं पारिख समिति की 
 योजना आयोग के पूर्व सदस्य किरीट एस. पारीख की अध्यक्षता वाले विशेषज्ञ समूह की सिफारिशों पिछले साल अक्तूबर में सरकार को सौंपी गई थी। इस समिति ने अपनी सिफारिशों में डीजल के दाम 5 रुपए, मिट्टी तेल के दाम 4 रुपए और घरेलू इस्तेमाल वाले रसोई गैस सिलेंडर के दाम 250 रुपए प्रति सिलेंडर बढ़ाने का सुझाव दिया था ताकि 72,000 करोड़ रुपए के सब्सिडी बिल को कम किया जा सके। पारिख समिति ने एक साल के भीतर डीजल की पूरी सब्सिडी खत्‍म करने और सस्ते सिलेंडर की आपूर्ति एक साल में छह सिलेंडर पर सीमित करने की सिफारिश की थी। इस समय हर साल प्रति परिवार 12 सस्ते सिलेंडर दिए जाते हैं।
 
डीजल होगा नियंत्रण मुक्‍त? 
सूत्र के मुताबिक, पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता है कि सीसीपीए उसे डीजल के दाम नियंत्रण मुक्त करने की मंजूरी दे दे। इससे पहले, पेट्रोल के मामले में ऐसा किया जा चुका है। पेट्रोल के दाम जून 2010 में नियंत्रण मुक्त किए गए थे। पेट्रोल के दाम नियंत्रण मुक्त होने के बाद से हर महीने की पहली और 16वीं तारीख को इसकी कीमत की समीक्षा की जाती है।

क्‍या बताई थी बढ़ोत्‍तरी की वजह 
मिट्टी तेल, रसोई गैस और डीजल के दाम नहीं बढ़ने की सूरत में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को चालू वित्त वर्ष के दौरान 1,07,850 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। इस नुकसान की भरपाई सरकार की तरफ से कंपनियों को दी जाने वाली नगद सब्सिडी और तेल उत्पादक क्षेत्र की कंपनियों ओएनजीसी, ऑयल इंडिया तथा गेल के योगदान से पूरा करना पड़ता है।

क़ुरआन का सन्देश

 
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