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09 जुलाई 2014

राहुल के वीडियो पर विवाद: कांग्रेस बोली- संसद में नहीं सो रहे थे राहुल गांधी




नई दिल्ली. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के एक वीडियो पर विवाद हो गया है। यह वीडियो बुधवार को सदन की कार्यवाही के दौरान का है। इसमें राहुल गांधी की आंखें बंद दिखाई दे रही हैं। ऐसा लग रहा है कि वह सो रहे हैं। उस समय लोकसभा में महंगाई पर चर्चा हो रही थी। कांग्रेस ने सफाई दी है कि राहुल सो नहीं रहे थे। यह बहुत छोटी सी बात है, बेकार में विवाद पैदा किया जा रहा है।
 
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दुल्‍हन का वादा करने वाले नेता पर AAP का वार, कहा- हर जिले में कोठे भी खुलवा सकती है बीजेपी


दुल्‍हन का वादा करने वाले नेता पर AAP का वार, कहा- हर जिले में कोठे भी खुलवा सकती है बीजेपी
फाइल फोटोः रोहतक में लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद वैगन-आर कार से जाते नवीन जयहिंद। चुनाव में जयहिंद को हार का सामना करना पड़ा था। 
 
नई दिल्ली. हरियाणा के 'आप' नेता नवीन जयहिंद ने विवादास्पद बयान दिया है। वोट के बदले बिहारी दुल्हन देने के बीजेपी नेता ओपी धनखड़ के बयान की निंदा करते हुए जयहिंद खुद ही आपत्तिजनक बात कह बैठे। जयहिंद ने कहा कि बीजेपी वोट के लिए हर जिले में कोठे भी खुलवा सकती है।  
 
नवीन जयहिंद का पूरा 
आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और रोहतक लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार रहे नवीन जयहिंद ने रोहतक में कहा, 'धनखड़ ने अपने बयान में हरियाणा की दुर्दशा का जिक्र किया है। भाजपा की घटिया मानसिकता है। भाजपा तो वोट के लिए हर जिले में कोठे भी खुलवा सकती है। भाजपा को तो सिर्फ वोट चाहिए। धनखड़ इस तरह का बयान देकर हरियाणा की इज्जत खराब कर रहे हैं। यह हरियाणा के युवाओं की भी बेइज्जती है।'
 
धनकड़ पर कसेगा कानूनी शिकंजा ?
ओपी धनखड़ के खिलाफ जेडीयू के विधायक मंजीत कुमार सिंह ने पटना के सचिवालय थाने में केस दर्ज कराया है। बिहार महिला आयोग ने भी मीडिया रिपोर्ट के आधार पर धनखड़ को पेश होने का नोटिस भेजा है। साथ ही शादी के लिए लड़कियों की खरीद-फरोख्त पर पुलिस प्रशासन भी सतर्क हो गया है। बिहार सरकार ने राज्य के 12 जिलों की पुलिस को सर्वे कर जांच के लिए कहा है। इनमें मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, सहरसा, सीतामढ़ी, मुंगेर, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण , किशनगंज, अररिया, मधुबनी और कटिहार जिलों के एसपी को एक महीने के भीतर सर्वे रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। 
 
धनकड़ के किस बयान की निंदा कर रहे थे जयहिंद
दरअसल, बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने शुक्रवार को हरियाणा में एक जनसभा में बीजेपी को जीताने के एवज में सभी को दुल्हनिया देने का वादा किया था। उन्होंने कहा था, 'अभी हरियाणा के लड़के पैसे देकर बिहार की लड़कियों से शादी करते हैं, लेकिन अगर यहां बीजेपी की सरकार बनी तो इसके लिए उन्हें पैसे खर्च नहीं करने होंगे। बिहार बीजेपी के नेता सुशील कुमार मोदी मेरे दोस्त हैं, इसलिए हम वहां से हरियाणा के कुंवारों के लिए दुल्हन लाएंगे। हम उनसे बात करेंगे, ताकि पैसे का लेन-देन बंद किया जा सके। मैं ढंग से कुंवारों की शादियां करवाऊंगा। इससे हरियाणा में कोई कुंवारा नहीं रहेगा।'

लिव-इन पार्टनर ने दोस्तों के साथ मिलकर चलती कार में किया गैंगरेप, सड़क पर फेंका



लिव-इन पार्टनर ने दोस्तों के साथ मिलकर चलती कार में किया गैंगरेप, सड़क पर फेंका
फोटो: प्रतीकात्‍मक प्रयोग 
 
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक युवती के साथ चलती कार में गैंगरेप करने का मामला सामने आया है । आरोपियों ने युवती का अपहरण करके कार में गैंगरेप किया, फिर रास्ते में फेंककर फरार हो गए। घटना सोमवार रात की है। एक आरोपी युवती का लिव-इन-पार्टनर है। उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। युवती ने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने उसका एमएमएस क्लिप भी बना लिया है। 

गुप्‍तांग पर पहुंचाई चोट, सिगरेट से जलाया 
पुलिस ने बताया कि सोमवार रात डेढ़ बजे नोएडा के एक प्राइवेट अस्‍पताल के करीब एक राहगीर को बेहोश युवती अर्धनग्न हालत में मिली थी। होश में आने के बाद उसने वारदात की जानकारी दी। राहगीर उसे पुलिस थाने लेकर पहुंचा। वहां से पुलिस उसे अस्पताल लेकर गई। युवती ने बताया कि वसुंधरा सेक्टर-16 से लिव-इन पार्टनर अखिल तोमर और उसके तीन अन्य दोस्तों ने रात साढ़े 9 बजे उसका अपहरण किया। कार में आरोपियों ने उसे जबरन शराब पिलाई। इसके बाद दो युवकों ने उसके साथ गैंगरेप किया। उसके गुप्तांग पर चोट पहुंचाई। आरोपियों ने लड़की को कई जगह पर सिगरेट से भी जलाया। नोएडा पुलिस ने मंगलवार को अखिल तोमर को साहिबाबाद से गिरफ्तार कर लिया।

क़ुरआन का सन्देश

वडोदरा: बहू ने ससुर को दो सालों से बांध रखा था जंजीरों में...



(कमरे में जंजीरों से बंधे हुए 77 वर्षीय नाथाभाई पटेल)
 

वडोदरा (गुजरात)। वडोदरा में एक 77 साल के बुजुर्ग को पिछले दो सालों बंदी बनाकर रखने का मामला सामने आया है। इस बुजुर्ग को बहू-बेटे ने घर में ही जंजीर से बांध कर रखा था। बुजुर्ग की बेटी को जब इसकी खबर हुई तो उसने पुलिस में इसकी शिकायत कर पिता को आजाद करवाया। पुलिस ने आरोपी बहू-बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। 
 
उम्र 77 साल, पांव में जंजीर और अंधेरी कोठरी में कैद। कोई सुध लेने वाला नहीं। ये दर्दनाक हकीकत वडोदरा के नाथाभाई जयसिंहभाई पटेल की है। खासतौर से बहू छायाबेन की यातनाओं का सिलसिला वे एक-दो दिनों से नहीं, बल्कि पूरे दो साल से झेल रहे थे। 
 
अब वे बहू-बेटे की यातनाओं से आजाद हैं, लेकिन फिर भी उन्हें सजा दिलाने के हक में नहीं। उनका अब भी यही कहना है कि उन्हें बहू-बेटे से कोई शिकायत नहीं। नाथाभाई फिलहाल बेटी के घर पर हैं।

भाजपा सांसद के घर में थी दो करोड़ की नकदी! चल सकता है फेरा और जालसाजी का केस


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फोटो: बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह के घर चोरी करने के आरोपियों के पास से बरामद कैश और जूलरी दिखाते पुलिस अफसर 

पटना: लोकसभा चुनाव के वक्‍त दिए गए हलफनामे में 25 लाख से भी कम चल संपत्ति बताने वाले भाजपा सांसद गिरिराज सिंह मुश्किल में फंस सकते हैं। बताया जाता है कि उनके घर में करीब दो करोड़ रुपए नकद रखे थे। नवादा से सांसद सिंह के पटना स्थित फ्लैट में हुई चोरी के मामले में पुलिस ने 1.14 करोड़ रुपए बरामद किए हैं। पुलिस का कहना है यह रकम सांसद के फ्लैट से ही चुराई गई थी। जबकि, गिर‍िराज ने 50 हजार रुपए और कुछ गहने चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस सूत्रों का यह भी कहना है कि फ्लैट से 80-90 लाख रुपए और चोरी हुए हैं, जिन्‍हें बरामद करने की कोशिश जारी है। फ्लैट में करीब एक करोड़ रुपए से ज्‍यादा के गहने भी हैं, जो चोरों के हाथ नहीं लग पाए। गिर‍िराज सिंह ने बरामद की गई रकम के बारे में कहा है कि पैसे उनके भाई के हैं। इस मामले को लेकर बुधवार को बिहार विधानसभा के बाहर हंगामा भी हुआ।   
 
गिरिराज की मुश्किलें बढ़ीं 
लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी का विरोध करने वालों को पाकिस्‍तान भेजने संबंधी बयान देकर सुर्खियां बटोरने वाले गिरिराज की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। रकम बरामदगी के मामले की जांच आयकर विभाग को भी सौंप दी गई है। सिंह पर विदेशी मुद्रा विनियमन कानून (फेरा) का शिकंजा भी कसा जा सकता है। पटना हाईकोर्ट के वकील और बिहार बार काउंसिल के सदस्य योगेश चंद्र वर्मा के मुताबिक सिंह फेरा के जाल में फंस सकते हैं। भ्रष्टाचार निरोधक कानून 1988 के तहत कार्रवाई भी हो सकती है। धारा 420 के तहत जालसाजी का भी मामला बनता है। 
क्‍या मिला पुलिस को 
गिरिराज के फ्लैट से चोरी सोमवार दोपहर को हुई थी। उसी दिन शाम को पुलिस ने चोरों के पास से ये सामान बरामद किया:  
-नकद1.14 करोड़ रुपए, 600 अमेरिकी डॉलर 
-दो जोड़ी सोना जड़ित रुद्राक्ष की मालाएं
-सोने का हार, चेन, अंगूठी, कान के टॉप्स, लॉकेट
-14 चांदी के सिक्के, सात कीमती घड़ियां, एक हैंडीकैम

बीजेपी के नए अध्यक्ष: पीवीसी पाइप बेचने वाले परिवार से आए अमित शाह को कमान




फोटो: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह। 
 
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2014 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को 71 सीटें जितवाने वाले अमित शाह बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। 49 साल के अमित शाह के नाम पर बुधवार दोपहर बीजेपी के संसदीय बोर्ड ने मुहर लगा दी। इसके साथ ही बीजेपी में नए युग की शुरुआत हो गई। शाह के अध्यक्ष बनते ही पार्टी और एनडीए सरकार 'वाजपेयी युग' की छाया से पूरी तरह से बाहर आ गई है। सरकार की अगुआई नरेंद्र मोदी और पार्टी की अगुआई उनके करीबी अमित शाह कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने दो दिनों पहले ही अमित शाह के नाम पर अध्यक्ष पद के लिए मुहर लगा दी थी। अमित शाह का संबंध गुजरात में पीवीसी पाइप का कारोबार करने वाले परिवार से है। 
 
यूपी की कामयाबी का मिला ईनाम 
अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के इंचार्ज के रूप में बीजेपी को 71 और सहयोगी पार्टी अपना दल को 2 सीटों पर ऐतिहासिक जीत दिलवाई थी। अमित शाह ने शानदार रणनीति और राजनीतिक कौशल दिखाते हुए पार्टी को अभूतपूर्व जीत दिला दी। बीजेपी को 282 सीटों पर जीत दिलाने में उत्तर प्रदेश की अहम भूमिका रही। शाह अपने ज्यादातर पूर्ववर्ती अध्यक्षों-राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, वेंकैया नायडू, कुशाभाऊ ठाकरे और जना कृष्णमूर्ति की तुलना में बड़े चुनाव रणनीतिकार साबित हुए हैं।  
 
गडकरी ने की लॉबिंग 
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस में अमित शाह का नाम सबसे आगे चल रहा था। लेकिन उनके नाम के लिए संघ नेतृत्व से लॉबिंग का काम पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने किया। गडकरी का आरएसएस के मौजूदा प्रमुख मोहन भागवत से अच्छा रिश्ता है। गडकरी ने संघ नेतृत्व को अमित शाह के नाम पर राजी करा लिया। गडकरी उन तीन नेताओं में शामिल हैं, जो मोदी के सबसे करीबी हैं। उस तिकड़ी में दो अन्य नाम हैं-राजनाथ सिंह और अरुण जेटली।  
 
शाह की चुनौतियां   
अमित शाह के सामने अगले तीन महीनों में तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव पहली चुनौती होंगे। ये राज्य हैं-महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड। महाराष्ट्र में बीजेपी 15 साल से सत्ता से बाहर है, तो हरियाणा में भी एक दशक हो गया है। इसके अलावा दिल्ली को लेकर भी उन्हें अहम फैसले लेने हैं। अगले साल बिहार में होने वाले चुनाव भी शाह के सामने बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं।  
 
शाह की तरक्की 
49 वर्ष के अमित शाह ने बीजेपी में निचले स्तर से लेकर पार्टी की सबसे बड़ी कुर्सी तक का सफर कुछ दशकों में तय कर लिया। वॉर्ड अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक पहुंच चुके शाह 1997 में पहली बार विधायक चुने गए थे। उसके बाद 1998, 2002 , 2007 और 2012 में विधायक बने। शाह गुजरात की नारणपुरा विधानसभा सीट से विधायक हैं। वे 2003 से लेकर 2010 तक गुजरात सरकार में मंत्री रहे हैं। 2010 सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में सुप्रीम कोर्ट ने अमित शाह के गुजरात जाने पर रोक लगा दी थी। तब से शाह ने दिल्ली को अपना ठिकाना बनाया। हालांकि, कोर्ट ने बाद में उन्हें राहत दी। 2013 में शाह बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और 2014 में राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।  
 
राजनीतिक जीवन 
अमित शाह बचपन से संघ से जुड़े हुए हैं। कॉलेज के दिनों में वे औपचारिक तौर पर संघ के स्वयंसेवक बने। अमित शाह ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़कर 1983 में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। वे 1986 में बीजेपी में शामिल हुए। इसके एक साल बाद नरेंद्र मोदी बीजेपी से जुड़े। इसके बाद वे बीजेपी की युवा मोर्चा के साथ जुड़ गए। युवा मोर्चा में शाह ने वॉर्ड सचिव, तालुका सचिव, राज्य सचिव, उपाध्यक्ष और महासचिव तक का सफर तय किया।  
 
1982 में पहली बार मिले थे मोदी से 
1982 में अमित शाह पहली बार नरेंद्र मोदी से मिले थे। तब नरेंद्र मोदी अहमदाबाद में युवाओं के लिए संघ की ओर से काम करते थे। दोनों ने मिलकर बीजेपी और संघ के अन्य संगठनों के लिए मिलकर काम किया। 1995 में बीजेपी ने गुजरात में पहली बार अपनी सरकार बनाई। उस दौर में अमित शाह और नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर गुजरात के ज्यादातर गांवों में दूसरे नंबर के सबसे प्रभावशाली नेता की पहचान कर उन्हें बीजेपी में शामिल कराया। दोनों ने मिलकर गुजरात में 8 हजार ऐसे नेताओं का नेटवर्क खड़ा कर दिया, जो प्रधान का चुनाव हारे थे। इस तरह से गांव-गांव तक बीजेपी से नेताओं को जोड़ा गया। 1995 में जब केशुभाई पटेल गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो मोदी के साथ शाह की करीबी उन्हें पसंद नहीं आई। यही वजह है कि 1997 में विधानसभा उपचुनाव जीतने और 1998 में विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बावजूद उन्हें सरकार में कोई अहम पद नहीं मिला। लेकिन 2001 में नरेंद्र मोदी के गुजरात की सत्ता संभालते ही शाह के दिन बदलने लगे। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने शाह को अपनी सरकार में गृह राज्य मंत्री का अहम पद दिया।   
 
 
कारोबारी परिवार से ताल्लुक 
अमित शाह का जन्म प्लास्टिक पाइप का कारोबार करने वाले घराने में 1964 में हुआ था। शाह ने गुजरात के मेहसाणा से स्कूल की पढ़ाई की। उसके बाद वे अहमदाबाद गए और बायोकेमेस्ट्री विषय से ग्रैजुएशन किया। इसके बाद वे बिजनेस में अपने पिता का हाथ बंटाने लगे। शाह स्टॉक ब्रोकर के रूप में और को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष के रूप में भी काम कर चुके हैं।

यूपी: कोर्ट परिसर में अारोपियों को उड़ाने के लिए फेंके बम, चली गोलियां, 2 लोगों की मौत



घटनास्थल पर जिंदा बम को निष्क्रिय करते हुए बम निरोधक दस्ते के सदस्‍य 
 
लखनऊ/फैजाबाद. फैजाबाद के जिला कोर्ट में पेशी के लिए लाए गए पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह उर्फ सोनू सिंह और उनके भाई मोनू सिंह पर बुधवार को बमों से हमला किया गया। बम धमाके के बाद फायरिंग भी हुई। इसमें बम फेंकने वाले और एक अन्‍य शख्‍स की मौत हो गई। वारदात में माेनू सहित कई लोग घायल भी हुए, जिनमें एक की हालत गंभीर है। पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है। मौके से पुलिस को तीन जिंदा बम भी मिले हैं। 
 
पुरानी रंजिश है वजह
 
सोनू सुल्तानपुर से बीजेपी के विधायक रह चुके हैं, जबकि मोनू पूर्व ब्लॉक प्रमुख है। संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड में दोनों भाई को पेशी के लिए लाया गया था। घटना के बाद नाराज वकीलों ने कोतवाल की जमकर धुलाई कर दी। इसके बाद मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स और पीएसी के जवान पहुंच गए।   
 
संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड
2005 में संत ज्ञानेश्वर अपने शिष्यों के साथ इलाहाबाद के माघ मेले से लौट रहे थे। हंडि‍या के पास उनके काफिले पर अत्याधुनिक हथियारों से ताबड़तोड़ फायरिंग हुई थी। इसमें संत ज्ञानेश्वर समेत चार लोगों की मौत हो गई थी। सोनू सिंह और संत ज्ञानेश्वर के बीच बाराबंकी के एक आश्रम को लेकर विवाद चल रहा था। दोनों की तरफ से एक-दूसरे पर हमले के कई मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस ने पहले इसे पूर्वांचल के माफिया ताकतों की साजिश बताई थी। बाद में संत ज्ञानेश्वर के शिष्यों ने इस मामले में सोनू और मोनू सहित आधा दर्जन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।  एडीजी लॉ एंड ऑर्डर मुकुल गोयल ने बुधवार की घटना को भी पुरानी रंजिश का नतीजा बताया है।
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