(हत्या के बाद मौके पर जांच करने पहुंची पुलिस व कपड़े से ढकी बच्चे की सिर कटी लाश।)
अजमेर/नसीराबाद. अजमेर के नसीराबाद स्थित देराठू गांव में
शुक्रवार सुबह साढ़े तीन साल के बालक की सिर कटी लाश मिलने से सनसनी फैल गई।
नृशंस हत्या के इस मामले में पुलिस ने देर रात बालक की मां अंतिमा जैन को
गिरफ्तार कर लिया। एसपी महेंद्र सिंह चौधरी के अनुसार आरोपी अंतिमा ने
जुर्म कबूल लिया है लेकिन हत्या के कारणों के बारे में वह बार-बार बयान बदल
रही है। तफ्तीश के बाद मामले में कई चौकाने वाले तथ्य उजागर होने की
संभावना है।
वारदात से ग्रामीणों में रोष व्याप्त हो गया। सूचना मिलते ही एसपी
चौधरी सहित सदर थाना पुलिस, सिटी थाना पुलिस और श्रीनगर थाने के दल ने घटना
स्थल का मौका मुआयना िकया और आक्रोशित ग्रामीणों को शांत किया। जानकारी के
अनुसार राजकुमार जैन ने पुलिस को बताया कि उसका साढ़े तीन वर्षीय पुत्र
नैतिक उर्फ नमन सुबह करीब 7 बजे दुकान पर जाने की जिद करने लगा तो उसकी
माता अंतिमा उसे अपने मकान से सटे बाड़े में से होते हुए बाड़े के दूसरे गेट
से बाहर छोड़ आई थी। बाड़े के कुछ ही दूरी पर उसकी दुकान है।
मासूम के जाने के कुछ ही देर बाद नमन का चाचा राजेंद्र उर्फ बबलू
दुकान जाने के लिए आया, लेकिन उसको बाड़े का गेट अंदर से बंद मिला तो वह
घूमकर दुकान पहुंचा। इसी बीच प्रतिदिन की भांति पड़ौसी संजय शर्मा जैन
परिवार के बाड़े में बंधी गाय को रोटी देने गया तो वहां नमन को पड़ा देख संजय
की चीख निकल गई। उसकी गर्दन धड़ से अलग पड़ी थी। अजमेर से आई एफएसएल टीम के
डॉ. सुनील गौड़ ने घटनास्थल से प्रिंट उठाए तथा मृतक के पास पड़ी मिली पेप्सी
की थैली, बाड़े में मिला खून सना सब्जी काटने का चाकू, खून आलूदा मिट्टी
आदि की जांच की। डॉग स्क्वॉड ने भी घटना स्थल की जांच की। नमन की हत्या कम
धार वाले हथियार से वार कर एक ही झटके में की गई थी।
पुलिस को खून से सना चाकू पास के ही सुरेंद्र वैष्णव के बाड़े में पड़ा
मिला। एसपी ने बताया कि मृतक के परिजनों से अलग-अलग पूछताछ की गई तो नमन की
मां अंतिमा जैन बार-बार बयान बदल रही थी। तफ्तीश में वह खुद के बयानों में
फंस गई और जुर्म कबूल कर लिया। देर रात उसे गिरफ्तार कर लिया।
समाराेह में जाना था
बालक देराठू की प्राइवेट स्कूल बाल निकेतन में पढ़ता था और स्कूल जाने के पहले पापा के पास दुकान जाने के लिए घर से निकला था। मासूम का ही एक चाचा मनोज भी है जो बोराड़ा में रहता है और शुक्रवार को उसकी शादी की सालगिरह थी। जिसकी घर में तैयारियां की जा रही थी। मासूम का बड़ा भाई अधिराज (5) बाल निकेतन में ही पढ़ता है। देराठू गांव में साथ रह रहे चाचा राजेंद्र उर्फ बबलू के भी दो बच्चे बताए जाते है। मृत मासूम के दादा महेंद्र जैन है जो परिवार के साथ ही रहते हैं।
शव लेने से किया इनकार
इससे पहले मासूम की नृशंस हत्या से आक्रोशित ग्रामीणों ने पहले तो गांव में ही जांच के लिए आए पुलिस अधीक्षक महेंद्र चौधरी को ज्ञापन देकर हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग की। बाद में पुलिस जब जांच के बाद मासूम का शव राजकीय अस्पताल ले आई तो देराठू के ग्रामीण युवक बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंचे और शव उठाने से मना करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। ग्रामीण नारेबाजी करते हुए हनुमान चौक तक गए और वहीं धरना देकर बैठ गए। पुलिस अधीक्षक चौधरी ने हनुमान चौक पहुंचकर आक्रोशित युवकों को समझाया, लेकिन गांव के कालू चौधरी, दिनेश चौधरी, हुकमचंद, भाजपा मंडल अध्यक्ष अनिरुद्ध खंडेलवाल, युवा मोर्चा अध्यक्ष सतीश पारचे आदि ने हत्यारों की शाम तक गिरफ्तारी की मांग की।