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30 जुलाई 2014

मोदी सरकार के कामकाज से RSS नाखुश, अमित शाह को किया अलर्ट


मोदी सरकार के कामकाज से RSS नाखुश, अमित शाह को किया अलर्ट
 
फाइल फोटो : प्रधानमंत्री
 
नई दिल्‍ली। आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार के कामकाज से राष्‍ट्रीय स्‍वयंसवेक संघ (आरएसएस) खुश नहीं बताया जा रहा है और उसने पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह को अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है। संघ की चिंता यह भी है कि महंगाई और आर्थिक प्रबंधन से जुड़े मुद्दों पर फिलहाल भाजपा का जो लापरवाह रवैया है, वह इस साल कुछ राज्‍यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। दरअसल, उत्‍तराखंड में हालिया विधानसभा उपचुनावों में जिस तरह कांग्रेस को तीनों सीटों पर जीत मिली, उसने संघ की चिंता बढ़ा दी है।
 
संघ ने शाह को दिए संकेत
अंग्रेजी अखबार 'इकोनॉमिक टाइम्‍स' के मुताबिक संघ ने शाह से कहा है कि वह पार्टी मामलों को अपनी मर्जी से चलाने के लिए स्‍वतंत्र हैं, लेकिन दो माह पुरानी भाजपा सरकार का महंगाई और अन्‍य आर्थिक मुद्दों पर जो रवैया है, उससे आगामी विधानसभा चुनावों में नुकसान हो सकता है। एक सूत्र ने कहा, "सरकार पर उम्‍मीदों का जो बोझ है, अब वह निराशा में तब्‍दील होता जा रहा है। उत्‍तराखंड में हुए हालिया विधानसभा उपचुनाव को खारिज नहीं किया जा सकता है। दिल्‍ली में होने वाले चुनाव को लेकर भी चिंता है।"
 
संघ की चिंता की वजह
आगामी चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन को लेकर संघ की चिंता की ठोस वजह भी है। चुनाव विश्‍लेषक संजय कुमार का कहना है कि सीएसडीएस (सेंटर फॉर द स्‍टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटी) ने हाल में ही एक सर्वे कराया था। इसमें जब लोगों से पूछा गया कि मतदान के मद्देनजर उन्‍हें कौन-सा मुद्दा सबसे ज्‍यादा प्रभावित करता है तो 22 प्रतिशत लोगों ने महंगाई का नाम लिया था। इसके बाद सर्वे में शामिल 18 प्रतिशत ने विकास और 16 प्रतिशत ने भ्रष्‍टाचार का नाम लिया था।
 
जामिया मिलिया इस्‍लामिया के समाजशास्‍त्र के प्रोफेसर डॉक्‍टर सव्‍यसाची कहते हैं, "आर्थिक मोर्चे पर किसी सरकार के प्रदर्शन और उसकी विचारधारा के प्रसार के बीच सीधा जुड़ाव नहीं होता है। यह जवाबदेही की बात है। सरकार तथ्‍यों और आंकड़ों को छुपा सकती है, लेकिन जिस तरह संघ ने भाजपा के लिए काम किया है, लोगों के बीच उसकी जवाबदेही बनती है। संघ की चिंता की वजह भी यही है।"

हरियाणा में कांग्रेस को दूसरा झटका, अमित शाह से मिले पार्टी सांसद बीरेंद्र सिंह

 

 


फोटोः भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह के साथ कांग्रेस नेता बीरेंद्र सिंह

नई दिल्ली/चंडीगढ़. हरियाणा में कांग्रेस को दूसरा झटका लगा है। बिजली मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव के इस्तीफे के बाद अब पार्टी नेता बीरेंद्र सिंह के भाजपा में शामिल होने की पूरी संभावना है। दरअसल, सिंह ने मंगलवार रात 9 बजे दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। यह मुलाकात एक घंटे तक चली। इससे पहले सोमवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मंत्रणा के बाद शाह ने भाजपा में बीरेंद्र की एंट्री को मंजूरी दी थी। सूत्रों के मुताबिक, बीरेंद्र ने शाह का आभार जताया है और समर्थकों के साथ जल्द से जल्द भाजपा में शामिल होने की इच्छा जाहिर की है।
 
शाह से मिले बीरेंद्र सिंह
शाह और बीरेंद्र सिंह की मुलाकात दिल्ली स्थित गुजरात भवन में हुई। प्रदेश भाजपा के सह प्रभारी अनिल जैन बीरेंद्र को लेकर वहां पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच लंबी मंत्रणा के बाद कहा जा रहा है कि बीरेंद्र सिंह की भाजपा से बात फाइनल हो गई है। जल्‍द ही वह पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। हालांकि, इस मुद्दे पर फिलहाल बीरेंद्र सिंह और भाजपा हाईकमान दोनों ने चुप्पी साध रखी है।
 
हुड्डा का नेतृत्‍व पसंद नहीं
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद बीरेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं। उन्होंने हाईकमान से कहा था कि हुड्डा को नहीं हटाने की सूरत में वह पार्टी छोड़ सकते हैं। वह पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिले थे, लेकिन हाईकमान ने उनकी मांग नहीं मानी। उनके नजदीकी साथी धर्मपाल शर्मा के रविवार को कलायत की जनसभा में कांग्रेस छोड़ने के एलान के साथ ही तय हो गया था कि अब बीरेंद्र सिंह भी पार्टी में चंद दिनों के मेहमान हैं। 

कांग्रेस का साथ छोड़ चुके हैं हरियाणा के सांसद
बीरेंद्र सिंह से पहले राज्य से सांसद रहे राव इंद्रजीत सिंह बीजेपी ज्वाइन कर चुके हैं। उन्‍होंने इस बार का लोकसभा चुनाव बीजेपी के टिकट पर लड़ा था और जीत हासिल की थी। उन्होंने भी हुड्डा की मुखालफत की थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्य से लोकसभा सांसद रह चुकीं कुमारी शैलजा लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर राज्यसभा पहुंच चुकी हैं। शैलजा के बारे में भी कहा जा रहा था कि हुड्डा के चलते उन्हें जीत का भरोसा नहीं था। दूसरी ओर, राज्य में 7 लोकसभा सीट जीत चुकी बीजेपी को उम्मीद है कि वह जल्द ही हरियाणा में 10 साल बाद सरकार बना लेगी।

अडानी ग्रुप को कोयला खदान की मंजूरी मिली तो विरोध में न्‍यूड हुईं ऑस्‍ट्रेलियाई मॉडल




फाइल फोटो : ऑस्‍ट्रेलियाई मॉडल रॉबिन लॉली।
 
मेलबर्न। ऑस्‍ट्रेलिया की एक टॉप मॉडल ने भारत के अडानी ग्रुप के विरोध में न्‍यूड सेल्‍फी जारी की है। ऑस्ट्रेलिया में अडानी समूह की प्रस्तावित कोयला खान और रेल ढांचा परियोजना को वहां की सरकार द्वारा मंजूरी मिलने के बाद 25 साल की मॉडल रॉबिन लॉली ने यह कदम उठाया और इंस्‍टाग्राम पर अपनी न्‍यूड फोटो पोस्‍ट की। फोटो में मॉडल के पेट पर लिपस्टिक से लिखा है- स्‍टॉप कोल माइनिंग (कोयले का खनन बंद करो)। गौरतलब है कि ऑस्‍ट्रेलिया के और कई पर्यावरणवादी संगठन सरकार के इस कदम का विरोध कर रहे हैं।
 
मॉडल ने किया विरोध
लॉली ने जो तस्‍वीर पोस्‍ट की है, उसके नीचे उन्‍होंने लिखा, 'आज सुबह जब मैं जगी तो मुझे पता चला कि हमारे पर्यावरण मंत्री और सरकार ने ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी खदान को मंजूरी दे दी है। मुझे इस खबर से झटका लगा और मैं खुद को असहाय महसूस कर रही हूं।' इंस्‍टाग्राम पर तस्‍वीर पोस्‍ट करने के अलावा मॉडल ने अपने फेसबुक पेज पर भी इस बारे में लिखा। उन्‍होंने कहा, कोयले का कोई भविष्य नहीं है। इस खदान से इतना नुकसान होगा कि ऑस्‍ट्रेलिया उसे सहन नहीं कर पाएगा। जर्मनी की तरह नवीनीकरण ऊर्जा पर ध्‍यान देने की बजाय हम पीछे जा रहे हैं। यह दुख की बात है कि पर्यावरण संकट पर हमारे ही प्रधानमंत्री का ध्यान नहीं है।'
 
क्‍या है मामला?
ऑस्ट्रेलिया की सरकार द्वारा अडानी समूह की प्रस्‍तावित कोयला खान और रेल ढांचा परियोजना को मंजूरी दी गई है। ये परियोजनाएं 15.5 अरब डॉलर की हैं। अडानी समूह को जिस कोयला खदान से खनन की मंजूरी मिली है वह ऑस्‍ट्रेलिया की सबसे बड़ी खदान है। कारमाइकल नाम की यह खदान और रेल ढांचागत परियोजना मध्य क्वीन्सलैंड में गैलिली बेसिन में स्थित है। बताया जा रहा है कि अडानी ग्रुप की इस परियोजना से भारत में 10 करोड़ लोगों को बिजली मिल सकती है।
 
क्‍या है विरोध की वजह?
पर्यावरणवादी संगठनों का कहना है कि इस कोयला खदान से आस-पास के पर्यावरण और ग्रेट बैरियर रीफ को काफी नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा कोयले से ऊर्जा पैदा करने को लेकर भी विरोध है।25 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई मॉडल रॉबिन लॉली 2011 में वोग इटालिया के प्लस साइज इश्यू के कवर पेज पर छा चुकी हैं। लॉली इन दिनों न्यूयॉर्क में रहती हैं। लॉन्जरी मॉडल और स्विमवियर डिजाइनर, पर्यावरण के प्रति काफी संवेदनशील हैं। वह अपने फेसबुक पेज पर लगातार पर्यावरण जागरुकता से संबंधित पोस्ट करती हैं। फेसबुक पर लॉली के 59,000 से ज्यादा फैन्स हैं।

बस ड्राइवर नहीं पहुंचता तो दबी रह जाती मालिन गांव दबने की बात, देखें तबाह हुए गांव का


पुणे। महाराष्‍ट्र में पुणे शहर से 80 किलोमीटर दूर जमीन खिसकने से बुधवार को एक पूरा गांव दब गया। घटना की जानकारी तब सामने आई जब रोज की तरह महाराष्‍ट्र राज्‍य परिवहन निगम की बस गांव में पहुंची। ड्राइवर को गांव का पता ही नहीं चला। तब ड्राइवर ने इस बारे में प्रशासन को जानकारी दी। घटना आंबेगांव तहसील के भीमाशंकर इलाके के मालीन गांव में हुई। 17 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। राज्‍य के सीएम पृथ्‍वीराज चव्‍हाण ने बताया कि 44 घरों के 160 से अधिक लोगों के दबे होने की आशंका है।  
 
आस-पास के लोगों के अलावा एनडीआरएफ की 2 टीमें मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। एम्बुलेंस और जेसीबी मशीनों को घटनास्‍थल के लिए रवाना किया गया। मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण भी घटनास्‍थल पर पहुंचे।
 
शुरुआती जानकारी के मुताबिक लगातार दो दिनों से हो रही जोरदार बारिश की वजह से यह हादसा हुआ है। बता दें कि गांव के करीब एक बांध भी है। 
 
 
मौसम रहेगा खराब 
दो दिन पहले बंगाल की खाड़ी में बने 'कम दबाव के क्षेत्र' के चलते बुधवार को भी कई इलाकों में जमकर बारिश हुई। महाराष्‍ट्र सरकार ने मुंबई, कोंकण और मध्य महाराष्ट्र के लोगों से सर्तक रहने को कहा है। पुणे मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 24 घंटों में मुंबई, कोंकण और पश्‍चिम महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में भारी बारिश हो सकती है।

क़ुरआन का सन्देश

 
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