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31 जुलाई 2014

पूनम पांडे पर लगा आरोप, IPS अफसर से कराया दूसरी मॉडल का रेप




 
मुंबई. दुष्कर्म के आरोप में घिरे डीआईजी सुनील पारसकर की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। मुंबई पुलिस ने  सच उगलवाने के लिए पारसकर का लाई डिटेक्टर और पोलीग्राफी टेस्ट कराने का फैसला किया है। साथ ही इस मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया जब कथित दुष्कर्म की शिकार मॉडल ने आरोप लगाया कि पारसकर ने मॉडल पूनम पांडे के उकसाने पर उसके साथ दुष्कर्म किया।
 
गुरुवार को मुंबई पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने पारसकर का लाइ डिटेक्टर और पोलीग्राफी टेस्ट किए जाने की पुष्टि की।  लेकिन उन्होंने मामले पर ज्यादा बोलने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि जांच जारी है। दूसरी तरफ खबर है कि दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली मॉडल ने एक और मॉडल पूनम पांडे को इस पूरे विवाद में घसीट लिया है।
 
पुलिस को दिए अपने बयान में उसने कहा कि पूनम पांडे ने पेशेगत जलन के चलते पारसकर को उससे दुष्कर्म के लिए उकसाया। मामले में क्राइम ब्रांच जल्द ही पूनम पांडे से पूछताछ कर सकती है। हालांकि इस मामले पर भी मारिया ने यह कहते हुए बोलने से इनकार कर दिया कि जांच जारी है। जिस किसी से भी पूछताछ की जरूरत होगी की जाएगी। 
 
मैं नहीं जानती किसी को : पांडे 
 
वहीं पूनम पांडे ने यह कहते हुए मामले से पल्ला झाड़ लिया है कि वे ना तो पारसकर को जानतीं हैं ना ही कथित दुष्कर्म की शिकार मॉडल को।
 
गिरफ्तारी पर 5 तक रोक 
 
दुष्कर्म के आरोपी डीआईजी सुनील पारसकर को अंतरिम राहत देते हुए मुंबई की एक अदालत ने 5 अगस्त तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी हैै। गुरुवार को अपराध शाखा ने यह कहते हुए पारसकर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया कि पहली नजर में उनके खिलाफ आरोप सही लगते हैं।
 
सरकारी वकील कल्पना चव्हाण ने बताया कि अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 5 अगस्त तक टाल दी है। और तब तक पारसकर को अंतरिम राहत भी दे दी है।

अमेरिकी विदेश मंत्री के सामने सुषमा स्‍वराज की दो टूक- जासूसी किसी हालत में बर्दाश्‍त नहीं



फोटो: जॉन केरी के साथ भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज 
 
नई दिल्‍ली.  भारत दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी के सामने केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि यूएस इंटेलिजेंस द्वारा भारत की किसी तरह की जासूसी स्‍वीकार्य नहीं है। जॉन केरी और भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज की गुरुवार शाम हुई संयुक्‍त प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में एक सवाल के जवाब में भारत का यह रुख सामने आया। बता दें कि कुछ वक्‍त पहले अमेरिकी विसिलब्‍लोअर एडवर्ड स्‍नोडेन के हवाले से विदेशी मीडिया में खबर आई थी कि अमेरिका ने बीजेपी और भारत की जासूसी करने के लिए मंजूरी दी थी।  
 
एक पत्रकार ने स्‍वराज से पूछा था कि क्‍या उन्‍होंने अमेरिकी एजेंसी द्वारा बीजेपी की जासूसी का मामला केरी के सामने उठाया? इसके जवाब में सुषमा स्‍वराज ने कहा कि उन्‍होंने यह मामला अमेरिकी विदेश मंत्री के सामने रखा है और यह साफ कर दिया है कि मित्र देशों के बीच जासूसी बर्दाश्‍त नहीं की जाएगी। 
 
डिफेंसिव दिखे जॉन केरी 
इसी सवाल का जवाब देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी रक्षात्‍मक रवैया अपनाते नजर आए। उन्‍होंने कहा कि जासूसी से जुड़े मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर चर्चा करना उनके देश की नीति नहीं है। केरी ने कहा कि वह भारत और अमेरिका के बीच दि्वपक्षीय रिश्‍तों का सम्‍मान करते हैं और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर जानकारियों के आदान-प्रदान के पक्षधर हैं। केरी के मुताबिक, अमेरिकी राष्‍ट्रपति ओबामा ने भी हाल में ही देश की जासूसी प्रक्र‍िया की समीक्षा की है। 
 
मोदी और भारत की तारीफ 
जॉन केरी ने मोदी के चुनावी नारे, 'सबका साथ, सबका विकास' की भी तारीफ की। गुरुवार को इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्‍नॉलजी के दौरे पर गए केरी ने वहां चल रहे शोध कार्यों की भी तारीफ की।  केरी ने कहा कि पीएम मोदी ने केसरिया क्रांति का आह्वान किया, यह रंग एनर्जी का प्रतीक है और वह बिल्कुल सही हैं। 
 
विपक्ष का निशाना साधना शुरू 
सुषमा और जॉन केरी के इस प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के तुरंत बाद कांग्रेस ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। एक न्‍यूज चैनल पर कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी ने कहा कि जो सरकार संसद में जासूसी न होने की बात कहती है, वही अमेरिका के सामने जासूसी होने की बात कबूल रही है। तिवारी के मुताबिक, बीजेपी के कथनी और करनी में फर्क है।

क़ुरआन का सन्देश

 
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