राजस्थान
के भीलवाड़ा ज़िले की तहसील शाहपुरा के गाँव ढीकोला के पास ढीकोला की ढाँडी
गाँव में बसे बंजारों के 42 परिवारों को ढीकोला गाँव के उत्पाती लोगों ने
तबाह और बर्बाद कर दिया ,,19 अगस्त को ढीकोला गाँव के लोगों ने पंचायत की
और छोटे ,,बढ़े ,,बुज़ुर्ग ,,महिलाओं को निर्देश दिया गया के अगर बंजारों को
तबाह नहीं किया और इस लड़ाई में शामिल नहीं हुए तो ऐसे व्यक्ति पर 11000
रूपये का जुरमाना लगाया जाएगा ,,,पुलिस
चौकी के पास स्थित शाहपुरा मुख्य मार्ग पर स्थित इस गाँव में तबाही की
योजना बनती रही ,,लोग ट्रेक्टर भर कर ,,केरोसिन ,पेट्रोल लेकर जाते रहे
लेकिन पुलिस और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा ,, कालू बंजारा उप सरपंच
की सुचना पर पुलिस आई लेकिन बंजारों को बचाने नहीं अपने अपने घरों को छोड़कर
भाग जाने के लिए कहने आई और सुरक्षित स्थान पर ले गयी ,,इधर ढीकोला गाँव
के दो हज़ार से भी अधिक उत्पाती जिसमे सरकारी कर्मचारी पटवारी ,,अध्यापक भी
शामिल थे उन्होंने पूरी बंजारा बस्ती पर हमला बोला लगभग चार घंटे तक तबाही
मचाई ,,सोने चांदी के जेवरातों की लूटपाट की ,,,मकानों को ,,,वाहनों को आग
लगाई महिला और बच्चों के साथ छेड़छाड़ की उन्हें डराया धमकाया और खुले रूप
से तांडव करते हुए सभी क़ीमती सामान लूट कर ले गए ,,स्कूल पर हमला बोला
बुज़ुर्ग और बच्चों को पीटा महिला अध्यापिका जो बच्चों को नहीं पीटने की
मिन्नत कर रही थी उसे भी पीटा गया ,,यह सब क्रूरतम कार्य होता रहा और पुलिस
प्रशासन सब तमाशा देखता रहा ,,बंजारा समाज की तरफ से एफ आई आर 222 ,,223
,,224 ,,225 ,,दर्ज करवाई गयी समाज के लोग एक हुए तब मुख्यमंत्री वसुंधरा
सिंधिया को शिकायत की तब कहीं प्रशासन जागा ,,,,,,बंजारा समाज फाउंडेशन के
राष्ट्रीय अध्यक्ष ,,कैलाश बंजारा ,,,राजेन्द्र सोमावत ,,एम सी बंजारा
,,,,मानसिंघ बंजारा ,,,केसरी बंजारा सरपंच सहित मावाधिकार कार्यकर्ता
एडवोकेट अख्तर खान अकेला व् अन्य लोगों ने कल मौके का जायज़ा लिया तबाह और
बर्बाद हुए बंजारों का हाल जाना ,,,वहां रोते बिलखते बच्चे ,,सुबकती
महिलाएं ,,अपनी बर्बादी का हाल बता रही थी ,,पुलिस सुरक्षा में लगी थी
,,,वहां उपस्थित अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक हर्ष और तहसीलदार से वार्ता की गयी
उन्होंने पुनर्वास और सुरक्षा का पूरा आश्वासन दिया ,,,,,,,,बंजारा समाज
के पदाधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार करने
,,दोषी सरकारी कर्मचारियों ,, पुलिस कर्मियों ,,घटना में लिप्त सभी सरकारी
कर्मचारियों को तुरंत बर्खास्त करने ,,सभी नामज़द अपराधियों को बिना सियासी
दबाव के तुरंत गिरफ्तार करने ,,,,बंजारा समाज के सभी परिवारों को सुरक्षा
उपलब्ध कराने ,,,उन्हें पुनर्वासित करने के लिए पक्के मकान दुबारा से बनाने
के लिए सहायता उपलब्ध कराने ,,,,प्रत्येक परिवार को कमसे कम दस लाख
मुआवज़ा देने की मांग की गयी ,,,वहाँ प्रशासन ने समुचित सहायता का ऐलान किया
,,,तात्कालिक सुरक्षा बढ़ाने का आश्वासन दिया ,,सभी परिवारों को चयनित
परिवार घोषित किया गया ,,,गाँव में आंगनबाड़ी केंद्र खोलने की मांग पर
प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया ,,दोषी लोगों को गिरफ्तार कर ज़ेवर वगेरा
बरामदगी का आश्वासन दिया ,,,बंजारों को पुरे गांव ने तिरस्कृत और बेसहारा
समझ कर तबाह और बर्बाद करने की ठानी थी लेकिन बंजारा समाज की एकता और
राष्ट्रीय पदाधिकारी कैलाश बंजारा के नेतृत्व में गयी टीम ने बंजारों में
एक आत्मविश्वास का जागरण क्या है और उन्हें पुनर्वासित करने के लिए विशेष
पैकेज की मांग को लेकर आंदोलन की धमकी दी है ,,अफसोसनाक बात यह है के इस
गाँव में बंजारों के आंसू पोंछने के लिए कोई भी कोंग्रेसी या भाजपाई नहीं
गया खुद कांग्रेस के सचिन पायलेट ,,अशोक गेहलोत अगल बगल होते रहे
,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान