आपका-अख्तर खान

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29 अगस्त 2014

सुवि आई हॉस्पिटल के डॉक्टर सुदेश पांडे ,,डॉक्टर विदुषी शर्मा पांडे और उनकी टीम कोटा में आँखों की बीमारी के मसीहा है

दोस्तों कहते है ,,आँख का आना भी बुरा ,,आँख का जाना भी बुरा ,,आँखे दिखाना भी बुरा ,,,,आँख से आंसू गिरना भी बुरा ,,,,,ज़िंदगी को रौशनी के साथ जीने का पूरा मज़ा देने वाले शरीर के अंग आँख की तकलीफ असहनीय दुखदायी होती है ,,लेकिन दोस्तों  कोटा में आँखों की सभी बीमारियों ,,दुःख तकलीफों को दूर करने के लिए सुवि आई हॉस्पिटल एंड लेसिक सेंटर तलवंडी कोटा राजस्थान के  डॉक्टर सुरेश कुमार पांडे ,,उनकी पत्नी डॉक्टर श्रीमती विदुषी शर्मा पांडे और उनकी टीम विश्व के आधुनिक सूक्ष्म यंत्रों से आँखों की सभी असाध्य बीमारिया चुटकियों में दूर करने की कामयाब कोशिशे कर लोगों की इस दुःख तकलीफ के मसीहा बन गए है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,चंडीगढ़ से पी जी करने के बाद डॉक्टर सुदेश पांडे पहले अमेरिका फिर आस्ट्रेलिया में आँखों के मर्ज़ और उनके इलाज का हुनर सीखते रहे ,,,,डॉक्टर सुदेश की पत्नी श्रीमती विदुषी पहले आल इंडिया मेडिकल साइंस इंस्टीट्यूट दिल्ली में आँखों की असाध्य बीमारी का रोग और उनके इलाज के तोर तरीके सीखती रही वहा  उन्होंने वाहवाही लूटी फिर उसके बाद आँखों की प्लास्टिक सर्जरी का हुनर सीखा और सिडनी आस्ट्रेलिया में इस हुनर में और विशेषज्ञता हांसिल की ,,,,डॉक्टर विदुषी राजस्थान में अकेली आँखों की सर्जरी की विशेषज्ञ है ,,,दोनों  पति पत्नी   आँखों की डॉक्टर विशेषज्ञों ने रुपया कमाने को दरकिनार करते हुए सिर्फ सेवाभाव से इस काम को अपने हाथों  में लिया ,,,,,,और अमेरिका ,,आस्ट्रेलिया ,,भारत की राजधानी दिल्ली की चकाचोंध को छोड़कर अपने वतन अपनी मिटटी के लोगों की आँखों की असाध्य ला इलाज बिमारियों के इलाज के लिए कोटा में सुवि आई हॉस्पिटल के रूप में तलवंडी में अपना काम शुरू किया ,,,,दृष्टी दोष ,,मायोपिया ,,हाइपरमेट्रोपिया ,,कॉन्टेक्ट लेंस ,,लेसिक लेज़र शल्य चिकित्सा ,,आँखों की प्लास्टिक सर्जरी ,,एस्टिग्मेटिज़्म ,,,अमलायोपिया कन्वर्जेंस इंसफिसेंसी आँखों का ड्राई होना ,,,,,विटरस हेमरेज सहित आँखों की सभी बीमारिया जिसमे पुतली की बीमारी ,,परदे की बीमारी ,,गुलूकोमा ,,,रेटिना की बीमारी सहित आँखों के सभी बहरी और अंदरुनी अंगों की लाइलाज बिमारियों का कोटा में इलाज शुरू किया ,,इसके लिए इस डॉक्टर दम्पत्ति को थोड़ी समस्या ज़रूर आई लेकिन इन्होने हिम्मत नहीं हारी और विश्व की बहतरीन महंगी से महंगी आँखों के इलाज के लिए सभी प्रकार की मशीने मंगवाई ,,तलवंडी में अस्पताल बनाकर वहां अपनी सेवाएं शुरू की ,,,आज इस डॉक्टर दम्पत्ति ने  आँखों के इलाज का काम समर्पण और सेवाभाव से शुरू किया है ,,रुपया कमाना इनके लिए अहमियत की बात नहीं है ,,इनका मरीज़ जो अपनी बीमारी से तड़पता रोता बिलखता आता है वोह खुश होकर हँसता हुआ ठीक और तंदरुस्त होकर जाए यही इनकी कमाई है ,,सुवि नेत्र चिकत्सालय की खूबी है के यहां अंतर्राष्ट्र्रीय स्तर के असाध्य बीमारी से ग्रसित रोगी भी आकर इलाज  कराते है ,,सरहद पार भारत पर दुश्मनी से आक्रमण करने वाला नफरत फैलाने वाला पाकिस्तान का नागरिक जब भारत आता है तो उसकी आँखों की रौशनी सुवि चिकित्सालय के यही दम्पत्त्ति डॉक्टर वापस लौटाकर देते है ,,,,छोटा हो ,, बच्चा हो ,,,,बूढ़ा हो ,,महिला हो जो भी हो वोह इनके चिकित्सालय में असाध्य आँखों की बीमारी के इलाज के लिए आता है और मुस्कुराता हुआ खुश होकर  जाता है ,,,,,वर्ष 2006 से इनकी सेवाकाल में इस दम्पत्ति ने अपनी विशेषज्ञ टीम के साथ हज़ारों हज़ार ऑपरेशन कर कमाल किया है ,,,कल गणेश चतुर्थी थी इसी दिन इस दम्पत्ति ने एक मासूम बच्ची की आँख की प्लास्टिक सर्जरी कर उसे नई रौशनी नया जीवनदान दिया है ,,,,,,कम फीस ,,कम खर्च ,,गरीबों के लिए विशेष सुविधा ,,अगर कहीं है तो वोह इस  नेत्र चिकत्सालय में देखने को मिलती है ,,,,,,,आँखों की बीमारी का प्राथमिक उपचार कैसे हो ,,,आँखों का बिमारियों से बचाने के लिए पूर्व उपाय कैसे हो इसके लिए विशेष अभियान चलकर सुवि नेत्र चिकित्सालय की टीम समाज सेवी कार्यों में भी जुटी है ,,इनकी मोबाइल वें बुज़ुर्ग मरीज़ों को घरों पर भी जाकर देखती है और उनका घर बैठे इलाज करने की सुविधा देती है ,,,,,,,,,,आधुनिक कहावत हो गयी है के डॉक्टर भगवान से शैतान बन गए है ,,लेकिन दोस्तों सुवि आई हॉस्पिटल एंड लेज़र सेंटर के यह दम्पति डॉक्टर सुदेश कुमार पांडे ,,विदुषी शर्मा पांडे और इनकी पूरी टीम ने डॉक्टरों के खिलाफ इस दुष्प्रचार को अपने आचरण ,,अपने समर्पण ,,चिकत्सक बनने  के पूर्व एम सी आई विधि नियमों के तहत ली गयी शपथ के तहत काम करके चिकितसकों के खिलाफ सभी दुष्प्रचार को गलत साबित करते हुए लोगों के ज़हन में एक बात फिर से बिठाई है के अगर भगवान के बाद इस पृथ्वी पर कोई दुसरा भगवान है तो वोह डॉक्टर है वोह डॉक्टर है ,,और ऐसे डॉक्टर ,,सुवि आई हॉस्पिटल के डॉक्टर सुदेश पांडे ,,डॉक्टर विदुषी शर्मा पांडे और उनकी टीम के रूप में कोटा की धरती पर नज़र आते है ,,,,,,,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

"पेड़ बादल घटाएं

"पेड़ बादल घटाएं
गुफ्तगू सी करती यह बहती हवाएं
चाँद तारे और सूरज
जहन में झांकती सी सूरत कई
आत्मा की तलहटी में यादें तेरी
छूटती है तो छटपटाहट होती ही है
इस सफ़र में हमसफ़र किसको कहूं
रस्ते में छूटते हैं रिश्ते सभी
मैं भी चलता गया
तुम भी चलते बने
यह सफ़र है और तुम परिदृश्य हो केवल
जिस्म मेरा था, जज्वात मेरे थे,
मरा भी मैं ही था हर बार रिश्तों में
मरा भी मैं ही था हर बार किश्तों में
स्नेह के ये सारे शब्द अपने पास रख लो
मुझे मरना ही होगा एक दिन अपने अकेले में ." ----- राजीव चतुर्वेदी

हर बार तुम्हे संवारा है

मेने आयना बनकर
हर बार तुम्हे संवारा है
तुमने मुझ में ही
खुद को
हर बार निहारा है
तुम्हारे चेहरे पर लगे हर दाग को
मुझ में ही देख कर
तुमने उस दाग को हटाया है ,,
तुम्हारी खूबसूरती की झलक
तुमने मुझमे देखी
तभी तो तुम्हे
तुम्हारी खूबसूरती का भ्रम भरमाया है
में आयना हूँ
मेने तुम्हे
तुम्हारे होने का अहसास दिलाया है
फिर भी देखो
तुमने मुझे ही तोड़ दिया
देख लो मेरे टुकड़ो टुकड़ों में भी
सिर्फ और सिर्फ तुम्हारा अक्स ही
तुम्हारे सामने आया है ,,
में तो आयना था
फिर भी देखो मेने वफ़ा की है
तुम तो इंसान हो
फिर तुम क्यों जफ़ा पर जफ़ा कर रहे हो ,,

उनकी मसरुफ़ियात

उनकी मसरुफ़ियात
देखो मुझ से बढ़कर हो गयी है ,,
में बेकार ,,में बेक़रार हूँ फिर भी देखो
उनकी मसरुफ़ियात
मुझ से बढ़कर हो गयी है
यह उनकी बेरुखी कहूँ
फिर उनके धोखे का एक पैगाम
उनकी मसरुफ़ियात
मुझ से बढ़कर हो गयी है
देखते है
उनकी मसरुफ़ियात
हम से बढ़कर है
या हम उनकी मसरुफ़ियात से
बढ़कर है ,,देखते है ,,देखते है ,,,

कहाँ हो मसरूफ तुम

कहाँ हो मसरूफ तुम
मेरी धड़कनो को
मेरी साँसों को
मेरे रोम रोम को
मेरी आस को
मेरे इन्तिज़ार को
मेरी ज़िंदगी को
मुझे मेरी ख्वाहिशोः को
सिर्फ और सिर्फ
तुम्हारा ही इन्तिज़ार है
जान निकलने को
दिल बेक़रार है
कहाँ मसरूफ हो तुम
कहाँ मसरूफ हो तुम
मुझ से बढ़कर
पहले कोई और
फिर मसरूफियत तुम्हारी
वाह वाह
मुझ से अच्छी तो
मसरूफियत तुम्हारी ,,,,

एक अधेड़ ने आज

एक अधेड़ ने आज
आत्म हत्या करली
सुसाइड नोट में लिखा था ,,
मेरी मोहब्बत तुमसे
कम हो नहीं सकती
तुम मुझ से नफरत के सिवा
मोहब्बत कर नहीं सकती
बस इसीलिए यूँ ही
बेसबब में अपनी ज़िंदगी
तुझे दिए जा रहा हूँ ,,अलविदा अलविदा ,,

आपस में भिड़े बीजेपी कार्यकर्ताओं में चले लात-घूंसे, प्रदेश अध्‍यक्ष को दिखाए काले झंडे

तस्वीर में: हाथों में कुर्सी उठाकर फेंकते बीजेपी कार्यकर्ता। 

सहारनपुर. शहर में आयोजित बीजेपी के कार्यक्रम में शुक्रवार को भाजपा कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए। दो गुटों ने एक-दूसरे पर जमकर लात-घूंसे चलाए और कुर्सियां भी फेंकी। इसके अलावा, वहां मौजूद प्रदेश अध्‍यक्ष लक्ष्‍मीकांत वाजपेयी को काले झंडे भी दिखाए। मौके पर पुलिस के पहुंचने के बाद हालात काबू में आए। 
 
शुक्रवार दोपहर करीब 1 बजे वाजपेयी विधानसभा उप चुनाव के लिए बीजेपी प्रत्याशी राजीव गुंबकर के चुनाव कार्यालय के उद्घाटन के लिए पहुंचे। कोर्ट रोड स्थित कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद जब वह सभा को संबोधित करने लगे तो दर्जनों पार्टी कार्यकर्ता हाथों में काले झंडे लेकर पहुंचे और विरोध जताने लगे। इस वजह से राजीव गुंबर के खेमे के कार्यकर्ता उग्र हो गए और काले झंडे दिखाने वालों से भिड़ गए। कुछ कार्यकर्ताओं ने दोनों ही पक्षों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नाकाम रहे। देखते ही देखते कार्यकर्ताओं ने समारोह स्थल पर रखी कुर्सियों को उठा लिया और एक-दूसरे पर फेंकने लगे। मौके पर मौजूद महिला कार्यकर्ता भी भड़क गईं और उन्होंने भी एक-दूसरे पर कुर्सियां तान दी।  
 
प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ था गुस्सा
पार्टी कार्यकर्ता कमलजीत सिंह का कहना था कि उपचुनाव के लिए उन्‍होंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी से टिकट मांगा था। कमलजीत ने आरोप लगाया कि प्रदेश अध्यक्ष ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। इसी वजह से उनके समर्थकों में लक्ष्मीकांत वाजपेयी के प्रति गुस्सा था। बता दें कि कमलजीत सिंह इलाके के सांसद राघव लखनपाल शर्मा के गुट के माने जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक, सांसद अपने भाई राहुल और कमलजीत को विधानसभा उप चुनाव में टिकट दिए जाने की मांग कर रहे थे। 

दोस्तों में सोचता हूँ ,,जो भी सोचता हूँ शायद गलत सोचता हूँ

दोस्तों में सोचता हूँ ,,जो भी सोचता हूँ शायद गलत सोचता हूँ ,,,ऐसा आप समझोगे लेकिन ,,जो सोचता हूँ वोह बताना पढ़ेगा ,,,,मेरा सोचना है के अगर हमारे भारत में एक भी मुसलमान इस्लाम पर चलने वाला होता ,,एक भी हिन्दू भाई अपने सनातन धर्म या धर्म पर चलने वाला होता तो शायद वोह अपने भाइयों से फसाद नहीं प्यार सिर्फ प्यार करता ,,,बात फ़लसफ़े की है ,,,,,हिन्दू माइथोलॉजी में शिव पार्वती के सभी पुत्र पुत्रिया है अगर हिन्दू अपने भगवान को मानता है तो सभी जो भी लोग है वोह भाई भाई ,,भाई बहन हुए ,,,,,,,मुस्लिम माइथोलॉजी में आदम और हव्वा की ही सभी औलादे है तो फिर हम सभी भाई भाई ,,,,भाई बहन हुए ना ,,,फिर बताओ भाइयों में केसा झगड़ा ,,,छोडो झगड़े फसादात ,,,छोड़ों नफरत ,,हिंसा ,,जिहाद ,,,षड्यंत्र ,,आओ सब भुलाकर गले मिल जाए ,,अपने अपने धर्म ,,अपने अपने मज़हब में लिखा सही मानकर भाई को भाई से गले लगाये ,,,,,,,,,,,,,,अख्तर

अफ़सोस और शर्म की बात है ,,,,,,,

राजस्थान के भीलवाड़ा ज़िले की तहसील शाहपुरा के गाँव ढीकोला की ढाँडी में बयालीस बंजारा परिवार पर जानलेवा हमला कर उनकी बस्ती को तहस नहस करने के बावजूद भी कोई भी कोंग्रेसी नेता उनके आंसू पोंछने नहीं गया ,,उन्हें कोई मदद नहीं दी इसलिए बंजारा समाज कांग्रेस से ज़बरदस्त खफा है और अब लगता है के बंजारा समाज की अंदरुनी नाराज़गी के कारण राजस्थान की चारो विधानसभा सीटों के उपचुनाव में बंजारा समाज कांग्रेस के खिलाफ वोट डालेगा जिससे कांग्रेस को फिर बढ़ा नुकसान होने जा रहा है ,,विपक्ष में रहकर भी कांग्रेस को उजड़े और बर्बाद लोगों के दुःख दर्द में काम आना नहीं आ पाया यह अफ़सोस और शर्म की बात है ,,,,,,,,,अख्तर

चाची को भगा ले गया भतीजा तो पंचायत ने चाचा को दिया आदेश- रख लो उसकी बीवी

प्रतीकात्मक तस्वीर।
 
हापुड़/मेरठ. हापुड़ जिले स्थित एक गांव की पंचायत ने अजीबोगरीब फरमान सुनाया है। यहां एक शख्‍स कथित तौर पर अपनी चाची को भगा ले गया, जिसके बाद पंचायत ने चाचा को आदेश दिया कि वह भतीजे की बीवी को अपने पास रख ले। पंचायत ने यह भी कहा कि अगर चाचा ने यह आदेश नहीं माना तो उसे गांव छोड़ना होगा। इसके बाद चाचा ने पुलिस के पास जाकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस का कहना है कि अगर ऐसा आदेश दिया गया है, तो पंचायत सदस्‍यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उधर, पुलिस ने शुक्रवार को चाची और भतीजे को मेरठ में पकड़ लिया। चाची को मेडिकल के लिए भेजा गया है।
 
मामला यूपी के बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के आजमपुर गांव का है। यहां सतीश सैनी नाम के युवक की शादी मेरठ की एक युवती से हुई थी। शादी के बाद से ही दोनों के बीच अक्सर लड़ाई-झगड़े होते रहते थे। युवती को कथित तौर पर सतीश के भतीजे सोनू से प्‍यार हो गया था। सोनू शादीशुदा है। सोनू और सतीश की पत्‍नी 3 अगस्‍त को फरार हो गए। सतीश की पत्‍नी अपने साथ पांच साल के बेटे को भी साथ ले गई। गांव की पंचायत ने इस मामले में 26 अगस्त को यह अजीबोगरीब फैसला दिया। पंचों ने कहा कि सतीश अपनी पत्नी के बदले साेनू की पत्नी को अपने पास रखेगा। पंचायत ने इस बात का भी आश्‍वासन दिया कि सोनू का परिवार सतीश को 10 हजार रुपए का मुआवजा भी देगा।

क़ुरआन का सन्देश

 
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