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30 अगस्त 2014

देश के सवा सो करोड़ लोगों में से अस्सी करोड़ मतदाताओं को गुमराह किया जाता है

देश के सवा सो करोड़ लोगों में से अस्सी करोड़ मतदाताओं को गुमराह किया जाता है ,,,,देश को स्वर्ग बनाने के सपने दिखाए जाते है और देश जब ,,,,अच्छे दिनों के सपनों में खोकर ,,,,बुरे लोगों की बुराई देखे बगैर ,,,उन्हें चुन लेता है तब ,,,,यह लोग कुर्सी पर बैठते है ,,,,फिर एक अभियान के तहत ,,,,गुमराही का दौर शुरू होता है ,,,कुर्सी पर बैठे लोगों से भारत के लोग ,,,,अच्छे दिन कब आएंगे ,,,,के बारे में सवाल नहीं करे ,,कालाधन वापस कब आएगा ,,भ्रष्टाचार कब खत्म होगा ,,सड़को पर बलात्कार कब रुकेंगे ,,,,सड़कों पर खून से लथपथ लाशें गिरना कब बंद होंगी ,,,,महंगाई कब खत्म होगी ,,,,शिक्षा सस्ती कब होगी ,,,मुफ्त चिकित्सा आम लोगों को कब मिलेगी ,,,,,, हमारे देश की सीमाओ की सुरक्षा में खामिया अब तक क्यों है ,,क्यों चीन ,,पाकिस्तान हमारा और हमारे देश का अपमान कर रहा है ,,,,सटोरियों और मिलावट खोरों पर लगाम कब लगेगी ,,भ्रष्ट नेता वाडरा ,,,, शीला दीक्षित ,,,मनमोहन सिंह ,,प्रणव मुखर्जी ,,,शरदपँवार ,,,मायावती सहित कई नेता जेल कब जाएंगे ,,,लोकपाल कब  और कैसा आएगा ,,,,वगेरा वगेरा ,,,किसी भी इन ज्वलंत मुद्दों पर जनता इन कुर्सी पर बैठे लोगों से सवाल नहीं करे ,,इस बारे में जनता विचार ही नहीं कर पाये बस इसी से बचने के लिए  कुछ सत्ता पक्ष से जुड़े अग्रिम संगठन के लोग और सत्ताधारी ,,,हिन्दू मुस्लिम का खेल शुरू कर देते है ,आप खुद देखिये  अपने दिल पर हाथ रखिये ,, अपने दिल से पूँछिये ,,,आखिर जब यह लोग सत्ता में नहीं रहते तब चुनाव तक खामोशी और चुनाव आते ही मंदिर मस्जिद ,,चुनाव आने के बाद वन्देमातरम ,,,हिन्दू राष्ट्र ,,,हिन्दू मुस्लिम ,,लव जेहाद का यह खेल योजनाबद्ध है केवल देश और देश के वोटर्स ,,,सवा सो करोड़ लोगों का मुद्दों से भटकाने का षड्यंत्र है ,,,,,,,,तो दोस्तों ज़रा समझो ,सोशल मिडिया के भाइयों इन लोगों की चाल में ना आये ,,जितना वक़्त हम और आप हिन्दू मुस्लिम में नफरत फैलाने ,,अपने  अपने धर्म को सही राष्ट्रवादी साबित करने में ,,,,,खुद को प्रोटेक्ट करने में लगाते है अगर उससे आधा भी हम हमारे देश और देश के ज्वलंत मुद्दो पर ध्यान लगाये तो देश में सुधारात्मक क्रान्ति आएगी और सरकार जो जनता को बेवक़ूफ़ बनाकर गुमराह करती है  वोह नहीं हो सकेगा ,,,,,तो दोस्तों आओ हम सब मिलकर शपथ ले हम हमारा ध्यान मज़हबी उन्माद ,,नफरत और पैरोकारी के बदले सिर्फ और सिर्फ देश ,,देश के मुद्दो ,,नवराष्ट्रनिर्माण और सरकार से समस्याओं को दूर कर जनता को भ्रष्टाचार और समस्या मुक्त भारत देने की कोशिशों में जुट जाए ,,एक अभियान चलाये और मज़हब के नाम पर गुमराह करने वाले लोगों के मुख पर  अपनी लेखनी से उनकी उपेक्षा कर उनकी पोल पट्टी खोल उनके बुरे इरादो पर कालिख पोत दे ,,,,,,आओ सोशल मडिया से जुड़े लोगों हम एक राष्ट्रभक्त ,,भारत नवनिर्माण ,,समस्यामुक्त भारत का अभियान चलाये ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

चीन का सबसे अमीर गांव, जहां हर आदमी कमाता है 80 लाख रुपए सालाना

(चीन का सबसे अमीर गांव हुआझी गांव)
 
जियांगयिन। आलीशान बंगला, महंगी कार, अच्छी शिक्षा, हर तरह की सुख-सुविधाएं और वो भी मुफ्त में। ये एक सपना हो सकता है, लेकिन चीन के हुआझी गांव में रहने वाले लोगों के लिए ये कोई सपना नहीं, बल्कि हकीकत है। ये गांव चीन के जियांगयिन शहर के पास है और इसे पूरे देश में सबसे अमीर कृषि गांव कहा जाता है। इस गांव में रहने वाले सभी 2000 रजिस्टर्ड लोगों की सालाना आमदनी एक लाख यूरो (करीब 80 लाख रुपए) है।
 
हुआझी गांव आज एक सफल समाजवादी गांव का मॉडल पेश कर रहा है। हालांकि, शुरुआती दौर में गांव की तस्वीर ऐसी नहीं थी। 1961 में स्थापना के बाद यहां कृषि की हालत बहुत खराब थी, लेकिन गांव की कम्युनिस्ट पार्टी कमिटी के पूर्व अध्यक्ष रहे वू रेनवाओ ने इस गांव की सूरत ही बदल दी। 
 
वू ने कैसे बदली गांव की सूरत
 
वू ने औद्योगिक विकास की योजना के लिए पहले गांव का निरीक्षण किया और फिर एक मल्टी सेक्टर इंडस्ट्री कंपनी बनाई। उन्होंने सामूहिक खेती की प्रणाली का नियम बनाया। इसके साथ ही, 1990 में कंपनी को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराया। गांव के लोगों को कंपनी में शेयरधारक बनाया गया।
 
मुफ्त में मिलती हैं सुविधाएं
 
गांव की स्टील, सिल्क और ट्रैवल इंडस्ट्री खास तौर पर विकसित है और इसने 2012 में मुख्य रूप से 9.6 अरब डॉलर का फायदा कमाया। गांव के लोगों के लाभ का हिस्सा कंपनी में शेयर होल्डर निवासियों के बीच बांटा जाता है। एक वेबसाइट के मुताबिक, उनके सकल वार्षिक आय का एक बड़ा हिस्सा यानी 80 फीसदी टैक्स में कट जाता है, लेकिन इसके बदले में रजिस्टर्ड नागरिकों को बंगला, कार, मुफ्त स्वास्थ्य सुरक्षा, मुफ्त शिक्षा, शहर के हेलिकॉप्टर के मुफ्त इस्तेमाल के साथ ही होटलों में मुफ्त खाने की सुविधा भी मिलती है।
गांव के लोगों को मिलने वाली बाकी सुविधाएं
 
50 साल के ज्यादा उम्र की महिलाओं और 55 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों को हर महीने की पेंशन के साथ ही चावल और सब्जियां भी दी जाती हैं। रजिस्टर्ड लोगों में गांव के वे लोग शामिल हैं, जो इसकी स्थापना के वक्त से ही यहां रह रहे हैं और कंपनी का हिस्सा हैं। इनके पास कंपनी में शेयरधारक होने के सर्टिफिकेट भी हैं। हालांकि, इनके अलावा यहां 20 हजार से ज्यादा शरणार्थी मजदूर भी हैं, जो पड़ोसी गांवों से आकर यहां रह रहे हैं। 
 
हुआझी गांव सिर्फ समृद्ध ही नहीं है, यह देखने में भी बहुत आकर्षक है। देशी-विदेशी तकरीबन 5 हजार लोग रोज इस गांव में घूमने और इसे देखने आते हैं। इन्हें गांव में प्रवेश के लिए एंट्री फीस भी चुकानी पड़ती है। हालांकि, इसके बाद गांव में किसी भी जगह पर घूमने की कोई फीस नहीं है। 
 
हाईटेक शहर से कम नहीं
 
ये गांव हाईटेक शहर से कम नहीं है। यहां 2011 में बनकर तैयार हुआ 74 माले का लॉन्ग्झी इंटरनेशनल होटल यहां की शान को और बढ़ा देता है। इस होटल को बनाने के लिए कोई कर्ज नहीं लिया गया है, बल्कि ये गांव के लोगों के सहयोग से ही तैयार हुआ है। इसके अलावा भी यहां सभी तरह की सुख-सुविधाएं मौजूद हैं।

श्री गणेश का सिर कटने के पीछे ये शाप था कारण, सूर्य को मारा था त्रिशूल

तस्वीरों का प्रयोग प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है
 
उज्जैन। ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार शनि देव शिवजी और पार्वती को पुत्र प्राप्ति की खबर सुनकर उनके घर आए। वहां उन्होंने पूरे समय अपना मुंह नीचे की ओर झुकाया हुआ था। यह देख पार्वती जी ने उनसे कहा कि आप मेरी या मेरे बालक की तरफ देख क्यों नहीं रहे हो? मैं इसका कारण जानना चाहती हूं। यह सुनकर शनिदेव बोले माता मैं आपके सामने कुछ कहने लायक नहीं हूं, लेकिन ये सब कर्मों के कारण है। मैं बचपन से ही श्रीकृष्ण का भक्त था।

मेरे पिता चित्ररथ ने मेरा विवाह कर दिया वह सती-साध्वी नारी बहुत तेजस्विनी हमेशा तपस्या में लीन रहने वाली थी। एक दिन वह ऋतुस्नान के बाद मेरे पास आई। उस समय मैं ध्यान कर रहा था। मुझे ब्रह्मज्ञान नहीं था। उसने अपना ऋतुकाल असफल जानकर मुझे शाप दे दिया। तुम अब जिसकी तरफ दृष्टि करोगे वह नष्ट हो जाएगा। इसलिए मैं हिंसा और अनिष्ट के डर से आपके और बालक की तरफ नही देख रहा हूं।यह सुनकर माता पार्वती के मन में कौतूहल हुआ, उन्होंने शनिदेव से कहा कि आप मेरे बालक की तरफ देखिए। वैसे भी कर्मफल के भोग को कौन बदल सकता है। तब शनि ने बालक के सुंदर मुख की तरफ देखा और बालक का मस्तक उसके शरीर से अलग हो गया।

माता पार्वती विलाप करने लगी। यह देखकर वहां उपस्थित सभी देवता, देवियां, गंधर्व और शिव आश्चर्यचकित रह गए। देवताओं की प्रार्थना पर श्रीहरि गरुड़ पर सवार होकर उत्तर दिशा की और गए और वहां से एक हाथी का सिर लेकर आए। सिर बालक के धड़ पर रखकर उसे जोड़ दिया। तब से भगवान गणेश का सिर हाथी रूपी हो गया।
देवी पार्वती ने एक बार शिवजी के गण नन्दी के द्वारा उनकी आज्ञा पालन में त्रुटि के कारण अपने शरीर के उबटन से एक बालक का निर्माण कर उसमें प्राण डाल दिए और कहा कि तुम मेरे पुत्र हो। तुम मेरी ही आज्ञा का पालन करना और किसी की नहीं।  देवी पार्वती ने यह भी कहा कि मैं स्नान के लिए जा रही हूं। कोई भी अंदर न आने पाए। थोड़ी देर बाद वहां भगवान शंकर आए और देवी पार्वती के भवन में जाने लगे। 

यह देखकर उस बालक ने विनयपूर्वक उन्हें रोकने का प्रयास किया। बालक का हठ देखकर भगवान शंकर क्रोधित हो गए और उन्होंने अपने त्रिशूल से उस बालक का सिर काट दिया। देवी पार्वती ने जब यह देखा तो वे बहुत क्रोधित हो गई। उनकी क्रोध की अग्नि से सृष्टि में हाहाकार मच गया। तब सभी देवताओं ने मिलकर उनकी स्तुति की और बालक को पुनर्जीवित करने के लिए कहा। 

तब भगवान शंकर के कहने पर विष्णुजी एक हाथी का सिर काटकर लाए और वह सिर उन्होंने उस बालक के धड़ पर रखकर उसे जीवित कर दिया। तब भगवान शंकर व अन्य देवताओं ने उस गजमुख बालक को अनेक आशीर्वाद दिए। देवताओं ने गणेश, गणपति, विनायक, विघ्नहरता, प्रथम पूज्य आदि कई नामों से उस बालक की स्तुति की। इस प्रकार भगवान गणेश का प्राकट्य हुआ।
ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार एक बार नारद जी ने श्री नारायण से पूछा कि प्रभु आप बहुत विद्वान है और सभी वेदों को जानने वाले हैं। मैं आप से ये जानना चाहता हूं कि जो भगवान शंकर सभी परेशानियों को दूर करने वाले माने जाते हैं। उन्होंने क्यों अपने पुत्र गणेश की के मस्तक को काट दिया। पार्वती के अंश से उत्पन्न हुए पुत्र का सिर्फ एक ग्रह की दृष्टि के कारण मस्तक कट जाना 
बहुत आश्चर्य की बात है।

यह सुनकर श्रीनारायण ने कहा नारद एक समय की बात है। शंकर ने माली और सुुमाली को मारने वाले सूर्य पर बड़े क्रोध में त्रिशूल से प्रहार किया। सूर्य भी शिव के समान तेजस्वी और शक्तिशाली था। इसलिए त्रिशूल की चोट से सूर्य की चेतना नष्ट हो गई। वह तुरंत रथ से नीचे गिर पड़ा। जब कश्यपजी ने देखा कि  मेरा पुत्र मरने की अवस्था में हैं। तब वे उसे छाती से लगाकर फूट-फूटकर विलाप करने लगे। उस समय सारे देवताओं में हाहाकार मच गया। वे सभी भयभीत होकर जोर-जोर से रुदन करने लगे। अंधकार छा जाने से सारे जगत में अंधेरा हो गया। तब ब्रह्मा के पौत्र तपस्वी कश्यप जी ने शिव जी को शाप दिया वे बोले जैसा आज तुम्हारे प्रहार के कारण मेरे पुत्र का हाल हो रहा है। ठीक वैसे ही तुम्हारे पुत्र पर भी होगा। तुम्हारे पुत्र का मस्तक कट जाएगा। यह सुनकर भोलेनाथ का क्रोध शांत हो गया। उन्होंने सूर्य को फिर से जीवित कर दिया। सूर्य कश्यप जी के सामने खड़े हो गए। जब उन्हें कश्यप जी के शाप के बारे में पता चला तो उन्होंने सभी का त्याग करने का निर्णय लिया। यह सुनकर देवताओं की प्रेरणा से भगवान ब्रह्मा सूर्य के पास पहुंचे और उन्हें उनके काम पर नियुक्त किया।

ब्रह्मा, शिव और कश्यप आनंद से सूर्य को आशीर्वाद देकर अपने-अपने भवन चले गए। इधर सूर्य भी अपनी राशि पर आरूढ़ हुए। इसके बाद माली और सुमाली को सफेद कोढ़ हो गया, जिससे उनका प्रभाव नष्ट हो गया। तब स्वयं ब्रह्मा ने उन दोनों से कहा-सूर्य के कोप से तुम दोनों का तेज खत्म हो गया है। तुम्हारा शरीर खराब हो गया है। तुम सूर्य की आराधना करो। उन दोनों ने सूर्य की आराधना शुरू की और फिर से निरोगी हो गए।

करने आए थे निकाह, सच पता चला तो सबके सामने बना दिया मुर्गा

टंडवा/रांची.  ग्वालियर से झारखंड के कामता गांव में तीन लोग गए तो थे निकाह करने। लेकिन लोगों को जब उनकी असलियत पता चली तो उन्हें मुर्गा बना दिया गया। शनिवार को मोहम्मद शाहरुख अंसारी, शकील अंसारी व वकील अंसारी  हजारीबाग के जैनुल आबेदिन की मार्फत कामता गांव में सुलेमान मियां के घर निकाह करने पहुंचे थे। तीनों का निकाह हो पाता इससे पहले ही अंजुमन कमेटी को उन पर शक हो गया। पूछताछ की तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। अंजुमन के सदस्यों ने चारों से उठा-बैठक कराई, मुर्गा बनने को कहा। इसके बाद दोबारा ऐसा नहीं करने का लिखित में बयान लिया।  
 
अब तक छह लड़कियां ले जा चुके हैं
 
पूछताछ के दौरान चारों ने स्वीकार किया कि वे अब तक छह से अधिक लड़कियों से निकाह कर अपने साथ ले जा चुके हैं। ये लड़कियां  हजारीबाग, सुल्ताना, ओरिया सहित अन्य गांवों की हैं।
 
ग्वालियर से आए थे निकाह करने क्षमा मांग पाई मुक्ति
 
अंजुमन के सदस्यों ने चारों से उठा-बैठक कराई, मुर्गा बनने को कहा। इसके बाद दोबारा ऐसा नहीं करने का लिखित लिया। मौके पर फारूक अंसारी, तस्दीक अालम, रोशन अंसारी, मो. अजीज, मौलाना अब्दुल जलाल, अशरफ अली, एजाजुल अंसारी समेत कई लोग शामिल थे। पूछताछ के दौरान चारों ने स्वीकार किया कि वे अब तक छह से अधिक लड़कियों से निकाह कर अपने साथ ले जा चुके हैं।

अनोखा मामला: पति ने करवाई एफआईआर, पत्नी जबरन दहेज लेने पर अड़ी

 
जोधपुर. जोधपुर के कुड़ी पुलिस थाने में दहेज का एक अनोखा मामला दर्ज हुआ है। इसमें एक युवक अपनी पत्नी, ससुर व साले पर उसे जबरन दहेज देने का आरोप लगाया है। युवक का आरोप है कि उसकी पत्नी व ससुराल वाले उसे झूठे मामले में फंसाने और जान से मारने की धमकी देकर दहेज लेने पर मजबूर कर रहे हैं। जबकि उसने विवाह के समय ही अपनी पत्नी से साफ कह दिया था कि वह दहेज लेने और देने के सख्त खिलाफ है।
 
ससुर और साले ने दबाव बनाया
 
मामले में इंद्रकुमार के ससुर दिनेश गर्ग व साले राहुल ने उस पर दहेज में टीवी, फ्रीज, एसी व अन्य सुविधाएं लेने का दबाव डाला। इंद्रकुमार ने इनकार किया, तो उन्होंने तेजाब पीला कर जान से मारने की धमकी दी। इससे परेशान होकर 28 अगस्त को वह पत्नी से अलग हो गया और शुक्रवार को कुड़ी पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया।
 
प्रेम विवाह के बाद पत्नी बोली- खुलेपन से रहूंगी
 
इंद्रकुमार ने 31 अगस्त 2013 को टीना से लव मैरिज की थी। इंद्रकुमार का आरोप है कि शादी के बाद टीना का व्यवहार एकदम से बदल गया। वह साड़ी के बजाय जींस पहनने और जॉब करने की जिद करने लगी। माता-पिता के खिलाफ भड़काने लगी। इसके बाद इंद्रकुमार न रोज-रोज की लड़ाई से परेशान होकर उसने घर से अलग होने की ठानी। 14 दिसंबर 2013 वह टीना को लेकर कुड़ी हाउसिंग बोर्ड के मकान नं. 8 एफ/48 में किराए पर रहने लगा।
 
एलईडी, फ्रीज, एसी व 50 हजार रु देने की मांग
 
इंद्रकुमार ने आरोप लगाया कि अलग रहने के बाद टीना जींस-टी शर्ट पहनकर रहने लगी। वह दिनभर फोन पर किसी न किसी से बातें करती रहती। दिन में खाना नहीं बनाती और रात में जिद कर रेस्टोरेंट में ही खाना खाती थी। बाद में एलईडी टीवी, फ्रीज व एसी की मांग को लेकर रोज झगड़ा करने लगी, तो मैंने समझाया कि मेरी सैलेरी इतनी नहीं है, फिर भी मैं धीरे-धीरे सभी सुख-सुविधाएं लाकर दूंगा। लेकिन टीना नहीं मानी और 50 हजार रुपए की मांग करने लगी। नहीं देने पर दहेज के मामले में झूठा फंसाने की धमकी दी।

जेड सुरक्षा

हमारे देश की जनता की गाड़ी कमाई का अरबों खरबो टैक्स से एकत्रित किया गया रुपया ,,,अगर जेड सुरक्षा के नाम पर मोदी ,,,उनके मंत्री ,,सांसद ,,कांग्रेस ऑफ़ भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्षों और भाजपा ,,कांग्रेस,,,सपा,,,,,बसपा ,,,, के नेताओं की सुरक्षा पर खर्च न हो तो भाइयो बहनो हमारा देश सोने की चिड़िया ,,खुशहाल हो जाएगा और इस रूपये से देश भी सुरक्षित हो जाएगा लेकिन भगवान पर भरोसा रखने वाले यह लोग भगवान के खिलाफ खुद अपने सुरक्षा पर करोड़ों करोड़ मुफ्त का खर्च करवाकर खुद को धन्य समझ रहे है जनता असुरक्षित है लेकिन खुद को सुरक्षा के लिए अरबों का खर्च चाहिए वहा जनता के लिए जनता के प्रतिनिधि का शासन वाह लोकतंत्र वहा मिडिया बिकाऊ ,,वहां ज़मीर मरे हुए लोगो ,,,,,,,,,,,,

में मक्खी नहीं

में मक्खी नहीं
जो गंदगी पर बैठ जाऊंगा
में मक्खी नहीं
जो लोगों के
ज़ख्मों से रिसती
मवाद को
पीने बैठ जाऊँगा
में तितली हूँ
में सिर्फ और सिर्फ
महकते गुलाबों पर
चहकते फूलों पर
बैठा करता हूँ
में मक्खी नहीं
में तितली हूँ ,,,

सात महीने से आशुतोष महाराज की 'लाश' को Z सिक्युरिटी देने पर कोर्ट ने पूछा सवाल




नई दिल्ली. जालंधर के दिव्य ज्योति जागृति संस्थान नूरमहल के प्रमुख आशुतोष महाराज की देह की जेड श्रेणी सुरक्षा वापस लेने की मांग की गई है। इस मामले को लेकर दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई के बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस आशुतोष मोहंता और जस्टिस एचएस सिद्धू की बेंच ने पंजाब के मुख्य सचिव, डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी। पंजाब सरकार ने इस बारे में हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दायर कर बताया था कि इसी साल 28 जनवरी की रात सवा दो बजे सतगुरु प्रताप सिंह अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों की राय के अनुसार, आशुतोष महाराज क्लीनिकली डेड हो गए थे। लेकिन तब से लेकर आज तक वहां सीआरपीएफ और पंजाब पुलिस के जवान तैनात हैं, जहां आशुतोष महाराज के शरीर को रखा गया है। आशुतोष महाराज की देह को फ्रीजर में रखा गया है। उनके अनुयायियों का कहना है कि आशुतोष महाराज मृत नहीं हैं, बल्कि वे समाधि में हैं।

याचिका दायर करने वाले दिलबाग सिंह और अन्य ने अपनी याचिका में सवाल उठाया है कि एक ओर तो शव को जेड सुरक्षा दी गई है, दूसरी ओर गलियों व सड़कों पर उपयुक्त पैट्रोलिंग के अभाव में आम व्यक्ति असुरक्षित है। याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया कि आशुतोष महाराज के शव की सुरक्षा वापस लेने के लिए सरकार को 17 जुलाई को एक मांग पत्र दिया गया था, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी कारण अब हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

सड़को पर दौड़ा दौड़ा कर मारे

सवा सो करोड़ लोगों का सुख चेन सिर्फ पचास लाख लोगों ने हराम कर रखा है ,,और यह सवा सो करोड़ लोग उनके बहकावे में आकर देश में अराजकता के हालात बना रहे है ,,,,इनके लिए देश से बढ़कर यह पचास लाख उत्पाती लोग है ,,,अगर यह सवा सो करोड़ लोग देश भक्त है तो देश तोड़ने ,,और देश में अराजकता पैदा करने वाले नफरत के सौदागरों को यह लोग सड़को पर दौड़ा दौड़ा कर मारे ताकि यह लोग फिर से इस देश को तोड़ने की साज़िशें ख़्वाबों में भी नहीं सोच सकें ,,,,,,,,,,,अख्तर

दोस्तों सियासत इंसान का ज़मीर मार देती है

दोस्तों सियासत इंसान का ज़मीर मार देती है ,,देखिये ना ,,वरुण गांधी के पिता जनसंघ से नफरत करते थे लेकिन आज उनके पुत्र इसी पार्टी में है ,,,,इन के सामने इनकी दादी ,,दादा ,,भाई ,,,ताई ,,,पर दादा को गालिया देकर अपमानित क्या जाता है लेकिन इनका खून नहीं खोलता ,,हां दिग्विजय सिंह को एक बार किसी भाजपाई ने कहा था तो बस उनके भाई लक्ष्मण सिंह जो भाजपा में थे उन्होंने अपने भाई और पूर्वजों के सम्मान में पूरी भाजपा को ललकार दिया था ,,ऐसे कई क़िस्से है जिसे याद हो बताते जाए भाई ,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर

क़ुरआन का सन्देश

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