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02 सितंबर 2014

बड़ी बहन को दी किडनी, छोटी को दिल, घरवालों को पता लगा तो ले गए थाने


(सुमिता : बहन के घर अंकेश से परिचय हुआ। कोर्ट में शादी कर ली।)
 
पटना. बोरिंग रोड निवासी अंकेश रंजन। एमबीए-एमसीए करने के बाद दिल्ली के एक हॉस्पिटल में लैब चलाता है। अंगदान के क्षेत्र में भी काम करता है। दिल्ली के मुनिरका में रहता था। उसका परिचय वहीं पड़ोस में रहने वाली पिंकी से हुआ। पिंकी पटना से ही थी और पति के साथ रहती थी। आईबीएम में जॉब करने वाला पिंकी का पति उसे मारता-पीटता था। इस प्रताड़ना से उसकी एक किडनी खराब हो गई। जान-पहचान बढ़ी तो पिंकी ने यह बात अंकेश से साझा की। अंकेश से यह सब देखा नहीं गया। उसने अपनी एक किडनी पिंकी को देने का फैसला बगैर परिजनों को बताए कर लिया। इस कदम ने दोनों के रिश्तों काे काफी मजबूती दी। दोनों परिवार एक-दूसरे को जानने लगे। इन दोनों की कहानी में पिंकी की छोटी बहन सुमिता स्वराज की इंट्री हुई। सुमिता अपनी दीदी के दिल्ली स्थित आवास आई थी। मुलाकात बढ़ी, दोस्ती बढ़ी। पटना में भी अंकेश-सुमिता एक-दूसरे के घर आने-जाने लगे थे। मंगलवार को सुमिता और अंकेश ने पटना में कोर्ट मैरिज कर ली। रिजेंट सिनेमा के पास स्थित एक रेस्त्रां में अंकेश ने अपने दोस्तों को शादी की पार्टी दी। सुमिता की मां और पूरे परिवार को बुलाया गया। सभी आए लेकिन मेहमान बन कर नहीं गुस्से में लाल-पीले होकर। अंकेश को घसीटते हुए महिला थाना ले गए। और वहां शुरू हुआ हंगामा।
 
दरअसल, पिंकी को यह बात नागवार गुजरी कि  अंकेश ने बगैर उसे बताए या भरोसे में लिए उसकी छोटी बहन से शादी कर ली। इस बात पर दो घंटे तक थाने में हंगामा चलता रहा। अंकेश और सुमिता ने एक माह पहले शादी के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी। मंगलवार को डेट पूरा होने के बाद दोनों ने शादी कर ली। लेकिन यह सब घरवालों से छिपाकर हुआ।
 
मैंने किडनी दी है- मेरी मां को मत बताना 
 
हंगामे के दौरान अंकेश के परिजनों को थाने बुलाने की बात हुई। यह सुन अंकेश चिंतित हो गया। पिंकी को किडनी देने की बात उसने अपने घरवालों को नहीं बताई थी। बोला- मेरी मां को मत बताना कि मैंने किडनी दान की है। पता चला तो वह टूट जाएगी। पुलिस वाले भी द्रवित हुए। किसी की जान बचाने को उसने किडनी कुर्बान जो कर दी थी। 
 
दोनों बालिग, साथ रहने को स्वतंत्र  
 
पिंकी ने मामले को थाने जरूर पहुंचा दिया, मगर कानूनन पुलिस के पास करने को कुछ भी नहीं है। महिला थानाध्यक्ष मृदुला कुमारी ने कहा- यह इंटर कास्ट मैरिज है। दोनों ने एक माह पहले अर्जी दी थी। अब दोनों साथ रहने को स्वतंत्र है। शिकायत आई है इसलिए पुलिस दोनों परिवारों में सुलह का प्रयास जरूर करेगी। 
 
पुलिसवाले पिता भी थाने पहुंचे 
 
पिंकी के पिता पुलिस में हैं। वे भी थाने पहुंचे और बड़ी बेटी का साथ दिया। दरअसल इस बात की सबमें नाराजगी दिखी कि सुमिता ने बगैर बताए अंकेश से शादी कर ली। अपने पति से अलग रह रही पिंकी की नाराजगी बाकी सबसे ज्यादा थी।

आईएसआईएस ने एक और अमेरिकी पत्रकार का सिर कलम किया

(ISIS द्वारा जारी वीडियो की तस्वीर)
वाशिंगटन। आतंकी संगठन आईएसआईएस ने एक और अमेरिकी पत्रकार की सिर कलम कर हत्या करने का दावा किया है। उसने मंगलवार को एक सोशल साइट पर पत्रकार स्टीवन सॉटलॉफ का वीडियो जारी किया। ‘ए सेकेंड मैसेज टू अमेरिका’ नाम के  इस वीडियो में आतंकी को सॉटलॉफ का सिर काटते हुए दिखाया जा रहा है। वीडियो में सॉटलॉफ को यह कहते हुए दिखाया गया है कि वह इराक में अमेरिका दखलंदाजी की कीमत चुका रहा है। हालांकि अमेरिका ने इस वीडियो की पुष्टि नहीं की है। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक वीडियो की सत्यता खुफिया एजेंसियों द्वारा जांची जा रही है। वीडियो में आतंकियों ने बंधक बनाए ब्रिटिश नागरिक डेविड हैंस की हत्या की चेतावनी भी दी है। 

40 साल के स्टीवन नवंबर 2013 में सीरिया में लापता हो गए थे। उन्हें जेम्स फोले के हत्या वाले वीडियो में दिखाया गया था। अमेरिका को धमकी दी गई थी कि अगर इराक में हमले बंद नहीं हुए तो अगली बारी दूसरे पत्रकार स्टीवन सॉटलॉफ की होगी। वीडियो के में यह भी कहा गया था, ‘ओबामा, इस अमेरिकी नागरिक की जिंदगी आपके अगले कदम पर निर्भर है’।

यह केसी हठधर्मिता है

यह केसी हठधर्मिता है ,,यह केसी लड़ाई है ,,वकीलों की सबसे बढ़ी संस्था बार कोंसिल ऑफ़ राजस्थान ,,बार कोंसिल ऑफ़ इंडिया बेबस है ,,,,न्यायिक अधिकारीयों और न्याय दिलवाने वाले वकीलों के बीच चली जंग अब आरपार की लड़ाई के मूड में है ,,,हाईकोर्ट ,,सुप्रीमकोर्ट इस मामले में नोटिस जारी कर रही है जबकि वकील महापड़ाव के लिए तैयार हो गए है ,,,समझ में नहीं आता एक वकील जब वकील होता है तो वकीलों के अस्तित्व के लिए जान की बाज़ी लगाकर लड़ता है ,,उन्हें उनका हक़ ,,मान सम्मान दिलवाता है ,,लेकिन वही वकील ,,,वकील होने के कारण जज बना दिया जाता है तो बस फिर हड़ताल और विवादों के बाद समझाइश के सभी रास्ते बंद कर एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो जाते है ,,,,,,,इस मामले में अब वकीलों और न्यायिक अधिकारीयों को बैठकर सम्मानजनक रास्ता निकालना होगा ,,,न्याय के मान सम्मान के लिए बैठकर कुछ फैसले लेना होंगे ,,,,,,, बार कोंसिल ऑफ़ राजस्थान और बार कोंसिल ऑफ़ इण्डिया के पदाधिकारियों को भी यह समझना होगा के वोह वकीलों के वोट से जीतते है तो फिर जजों के एजेंट बनकर क्यों काम करे उनके लिए वकीलों का मान सम्मान पहले है लेकिन वोह जज बनने की कतार में खड़े होकर भूल जाते है के वकीलों ने उन्हें वोट देकर इस लायक बनाया है ,,,सभी पक्षों के लिए आत्मचिंतन का प्रश्न है ,,,,,,,,,जनता और पक्षकारों में हा हाकार है सो प्लीज़ कुछ होना चाहिए ,,झगड़ा हुआ बहुत अब सम्मानजनक समझोता होना चाहिए ,,,अख्तर

"आस बहुत है

"आस बहुत है ,सांस बहुत है,
जीने का विश्वास बहुत है ,
फिर भी मुझको ये लगता है
स्नेह दिया था जिसने मुझको
उसकी आँखें अब भी नम हैं
और सुना है यह भी मैंने
मैं तो खुश हूँ लेकिन वह उदास बहुत है ."
---- राजीव चतुर्वेदी

राज़ - ए - वफा हो तुम ।

Minakshi Pant

राज़ - ए - वफा हो तुम ।
तकरार - ए - अदा भी तुम ।।
अब तो यकीं करो सनम ।
जीने की वजह सिर्फ हो तुम ।।

क़ुरआन का सन्देश

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