शनिवार को जम्मू की तवी नदी कुछ वैसी ही उफनी और हर की पैड़ी मंदिर पानी में डूब गया।
जम्मू/श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में लगातार छठे दिन भी बारिश होती
रही। इससे हालात और बिगड़े। शनिवार को कई इलाकों में मकान ढहने से 24
लोगों की मौत हो गई। अब तक 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। 2100 गांवों
में पानी भरा है। शनिवार को कश्मीर के पुलवामा में बचाव के काम में लगे
सेना के नौ जवान बह गए थे, जिनमें से सात को बचा लिया गया।
सेना का कहना है कि जम्मू-कश्मीर की हालत वैसी ही हो चुकी है जैसी पिछले
साल उत्तराखंड की थी। जम्मू-कश्मीर सरकार ने बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित
करने की मांग की है। इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य का
दौरा किया। सीएम उमर अब्दुल्ला ने उनसे राज्य में राष्ट्रीय आपदा घोषित
करने की मांग की।
खतरे के निशान से आठ फीट ऊपर बह रहा पानी
जम्मू. जम्मू को देश से जड़ने वाले पांचों पुल खतरे में हैं। इन पर
वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। लेकिन, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर
पहुंचने के लिए पुलों से ही गुजरना पड़ रहा है। तवी शनिवार को खतरे के निशान
से आठ फीट ऊपर बह रही थी। विक्रमनगर में बने ड्यूल पुल और नदी के बीच
सिर्फ चार फीट का फासला बचा है। इस नदी पर पांच पुल बने हैं। इन पुलों से
होकर ही श्रीनगर, कटड़ा, राजौरी, पुंछ, उधमपुर की तरफ जाया जा सकता है। अगर
पंजाब से जाना हो तो इन पुलों से जम्मू में दाखिल होते हैं। क्योंकि ये अब
बंद है, इसलिए वैष्णोदेवी मार्ग पर फंसे 25000 लोगों को निकलने में एक-दो
दिन लग सकते हैं।
बद से बदतर होती स्थिति
1. राज्य की सभी नदियां-झेलम, चिनाव, तवी और अखनूर उफान पर। तवी पर बना नया पुल बहा।
2. जम्मू में उधमपुर, रामनगर, रखबटला समेत कई स्थानों पर मकान ढहे। मरने वालों में महिला और बच्चे ज्यादा।
3. कश्मीर के पुलवामा में सेना की नाव पलटी। बारामूला में सेना और बीएसएफ
के 50 जवान फंसे। पुंछ, श्रीनगर और राजौरी में सैकड़ों लोग फंसे हैं।
4. दिल्ली से कटड़ा जाने वाली श्री शक्ति एक्सप्रेस रामनगर स्टेशन पर रोकी
गई। जम्मू से उधमपुर कटड़ा आने-जाने वाली सभी ट्रेनें रद्द। कई सुरंगों में
पानी भरा।
5. वैष्णोदेवी की यात्रा तीसरे दिन भी रुकी रही। जो भवन में फंसे हुए हैं, उन्हें नीचे जाने की इजाजत नहीं है।
इधर कादियां में छत गिरने से एक ही परिवार में आठ मौतें
कादियां/बटाला. बुधवार से लगातार हो रही बारिश के कारण कादियां
के निकट डल्ला गांव में एक कच्चे घर की छत गिरने से एक ही परिवार के आठ
लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में दो महिलाएं और दो बच्चे शामिल हैं।
मलबे में दबी एक महिला की सांसें चल रही थीं। पड़ोसियों ने उसे निकालकर
अस्पताल में भर्ती कराया। मरने वालों में घर का मुखिया मंगल मसीह, उसकी
पत्नी तोशी, बड़ा बेटा विक्रमजीत मसीह, छोटा बेटा थॉमस, बेटी मोनिका, पोती
आंचल, पोता अंशदीप और दोहती अंजु शामिल हैं। हादसे में विक्रमजीत की पत्नी
सर्बजीत बच गई। शुक्रवार को भी इसी तरह की अलग-अलग घटनाओं में नौ लोगों की
जान गई थी।
मालवा एक्सप्रेस कैंसिल, बस सर्विस भी प्रभावित
जम्मू-पठानकोट के बीच रेल और बस सेवा दो घंटे प्रभावित हुई। सांबा के
पास रेलवे लाइन पर पानी भर जाने के कारण ऊधमपुर से इंदौर जाने वाली मालवा
एक्सप्रेस को रद्द करना पड़ा, जबकि जम्मू तवी-वाराणसी सुपरफास्ट डेढ़ घंटा
लेट पहुंची। इसी तरह बस सर्विस भी प्रभावित रही।
राजनाथ बोले-एसी तबाही मैंने पहले कभी नहीं देखी
राजनाथ को उमर कई जगह लेकर गए। दिल्ली लाैटते वक्त राजनाथ ने कहा कि ऐसी तबाही उन्होंने कभी नहीं दखी।