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06 सितंबर 2014

एक प्रेमी द्वारा तेज़ाब से जलाई गयी प्रेमिका की कविता


Ali Sohrab,,,,

चलो,!फेंक दिया
सो फेंक दिया ....
अब कुसूर भी,बता दो मेरा
तुम्हारा इज़हार था
मेरा इनकार था
बस इतनी सी बात पर
फूँक दिया चेहरा ......
गलती शायद मेरी थी
प्यार तुम्हारा देख न सकी
इतना पाक प्यार था
के उसको समझ न सकी ....
अब अपनी गलती मानती हूँ
क्या ...अब तुम अपनाओगे
मुझको ?
क्या ...अब अपना बनाओगे
मुझको ?
क्या ...लबो से चूमोगे मेरे
होठों को ?
जो अब दिखाई नहीं देते
क्या ...सहलाओगे मेरे चेहरे को ?
जिन पर अब फफोले हैं
मेरी आँखों में देखोगे ,आँखें डाल
कर ?
जो अब अन्दर धस चुकी है
जिनकी पलके सारी जल चुकी हैं
चलाओगे अपनी उंगलिया,मेरे
गालो पर ?
जिन पर पड़े छालो से अब
पानी निकलता है ....
हाँ ! शायद तुम कर लोगे ...
तुम्हारा प्यार तो सच्चा है
है ना ???
अच्छा ! एक बात तो बताओ
ये ख्याल तेज़ाब का,कहाँ से
आया ?
किसी ने बताया ?
या ज़ेहन में तुम्हारे,खुद ही आया ?
अब कैसा महसूस करते हो तुम
मुझे जला कर ?
गौरवन्वित ???
या पहले से ज्यादा
और मर्दाना ???
तुम्हे पता है
सिर्फ मेरा चेहरा जला है
जिस्म अभी पूरा बचा है
एक सलाह दूँ !
एक तेजाब का तालाब बनवाओ
फिर उसमे मुझसे छलांग लगवाओ
जब पूरी जल जाउंगी मैं
फिर प्यार तुम्हारा गहरा होगा
और सच्चा होगा ...

गर्व से कहो हम असामाजिक हैं

गर्व से कहो हम असामाजिक हैं । ...अगर समाज में प्रेम छिप कर और हिंसा खुले आम हो ...अगर समाज में दहेज़ के नाम पर पुरुष देह व्यापार हो रहा हो ...अगर समाज में प्रेम पर पाबंदी हो और चकला घर खुलेआम चल रहे हों ...अगर समाज में स्त्री -पुरुष के बीच परस्पर आकर्षण के अवसर नहीं घृणा के अवसर बढाए जा रहे हों ...अगर समाज में स्त्री असुरक्षित हो तो चुप क्यों हो ? ...गर्व से कहो हम असामाजिक हैं ।"---- राजीव चतुर्वेदी

आर्मी ट्राइब्यूनल की वी के सिंह के खिलाफ कड़ी टिप्पणी नवभारतटाइम्स.कॉम | Sep 6, 2014, 08.00AM IST 1 नई दिल्ली नरेंद्र मोदी सरकार के लिए एक मंत्री की वजह से शर्मिंगदी की स्थिति पैदा हो गई है। आर्म्ड फोर्सेज ट्राइब्यूनल (एएफटी) ने कहा है कि पूर्व आर्मी चीफ और वर्तमान में स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री वी. के. सिंह ने नियम का उल्लंघन करते हुए मिलिटरी कोर्ट को अपने हिसाब से प्रभावित किया। एएफटी ने कहा कि उन्होंने बदले की भावना से सीनियर ऑफिसरों को प्रताड़ित कर इंडियन आर्मी की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाई है। लेफ्टिनेंट जनरल पी. के. रथ को कोर्ट मार्शल से मुक्त कर दिया गया है। वह 33वीं कोर में तैनात थे। एएफटी ने सम्मान को चोट पहुंचाने के एवज में इन्हें इंडियन आर्मी को 1 लाख रुपये देने का निर्देश दिया है। एएफटी ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा, 'याचिकाकर्ता को अनुचित प्रताड़ना का सामना करना पड़ा है। इस वजह से सम्मान को काफी चोट पहुंची है। इंसाफ का जिस तरह से मजाक उड़ाया गया उसकी भारपाई नहीं की जा सकती।'


नई दिल्ली

नरेंद्र मोदी सरकार के लिए एक मंत्री की वजह से शर्मिंगदी की स्थिति पैदा हो गई है। आर्म्ड फोर्सेज ट्राइब्यूनल (एएफटी) ने कहा है कि पूर्व आर्मी चीफ और वर्तमान में स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री वी. के. सिंह ने नियम का उल्लंघन करते हुए मिलिटरी कोर्ट को अपने हिसाब से प्रभावित किया। एएफटी ने कहा कि उन्होंने बदले की भावना से सीनियर ऑफिसरों को प्रताड़ित कर इंडियन आर्मी की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाई है।

लेफ्टिनेंट जनरल पी. के. रथ को कोर्ट मार्शल से मुक्त कर दिया गया है। वह 33वीं कोर में तैनात थे। एएफटी ने सम्मान को चोट पहुंचाने के एवज में इन्हें इंडियन आर्मी को 1 लाख रुपये देने का निर्देश दिया है। एएफटी ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा, 'याचिकाकर्ता को अनुचित प्रताड़ना का सामना करना पड़ा है। इस वजह से सम्मान को काफी चोट पहुंची है। इंसाफ का जिस तरह से मजाक उड़ाया गया उसकी भारपाई नहीं की जा सकती।'

इंद्र की एक भूल के कारण मथना पड़ा समुद्र, निकली ये 14 अनोखी चीजें

उज्जैन। हिन्दू धर्म की पौराणिक मान्यताओं में देव-दानवों द्वारा किया गया समुद्र मंथन का प्रसंग, भगवान विष्णु द्वारा मोहिनी रूप में देवताओं को अमृत पान कराने के लिए जाना जाता है। दरअसल, हजारों सालों से यह प्रसंग केवल धार्मिक नजरिए से ही नहीं बल्कि इसमें समाए जीवन को साधने वाले सूत्रों के लिए भी अहमियत रखता है।
आज भी कई धर्म परंपराएं इसी प्रसंग से जुड़े कई पहलुओं के इर्द-गिर्द ही घूमती हैं। महाकुंभ में उमड़ने वाला जनसैलाब हो या धन कामना के लिए लक्ष्मी पूजा, सभी के सूत्र समुद्र की गहराई से निकले इन अनमोल रत्नों व उनमें समाए प्रतीकात्मक ज्ञान से जुड़े हैं।
 
आप इस प्रसंग को धार्मिक रीति-रिवाजों या अन्य किसी जरिए से सुनते हैं, लेकिन कई लोग खासतौर पर युवा पीढ़ी समुद्र मंथन की वजह, उससे निकले अनमोल रत्नों व उनकी अनूठी खूबियों और रोचक बातों से अनजान है। यहीं नहीं, इस दौरान भगवान विष्णु के मोहिनी रूप पर भगवान शिव का मोहित होने का पूरा प्रसंग भी बहुत कम लोगों को ही मालूम हैं। 
 
इस कारण करना पड़ा था देवताओं को समुद्र मंथन 
 
विष्णु पुराण के मुताबिक एक बार ऋषि दुर्वासा वैकुंठ लोक से आ रहे थे। रास्ते में उन्होंने ऐरावत हाथी पर बैठे इन्द्र को त्रिलोकपति समझ कमल फूल की माला भेंट की। किंतु वैभव में डूबे इन्द्र ने अहंकार में वह माला ऐरावत के सिर पर फेंक दी। हाथी ने उस माला को पैरों तले कुचल दिया।
 
दुर्वासा ऋषि ने इसे स्वयं के साथ कमल फूलों पर बैठने वाली कमला यानी लक्ष्मी का भी अपमान माना और इन्द्र को श्रीहीन होने का शाप दिया। पौराणिक मान्यता यह भी है कि इससे इन्द्र दरिद्र हो गया। उसका सारा वैभव गिरकर समुद्र में समा गया। दैत्यों ने स्वर्ग पर अधिकार कर लिया।
 
स्वर्ग का राज्य और वैभव फिर से पाने के लिए भगवान विष्णु ने समुद्र मंथन करने और उससे निकलने वाले अमृत को खुद देवताओं को पिला अमर बनाने का रास्ता सुझाया। साथ ही कहा कि यह काम दैत्यों को भी मनाकर ही करना संभव होगा।
 
इन्द्रदेव ने इसी नीति के साथ दैत्य राज बलि को समुद्र में समाए अद्भुत रत्नों व साधनों को पाने के लिए समुद्र मंथन के लिए तैयार किया। देव-दानवों ने समुद्र मंथन के लिए मंदराचल पर्वत को मथनी और वासुकि नाग को रस्सा (नेति या सूत्र) बनाया। स्वयं भगवान ने कच्छप अवतार लेकर मंदराचल को डुबने से बचाया।
 
दरअसल, व्यावहारिक नजरिए से इस घटना से जुड़े प्रतीकात्मक सबक हैं। मसलन, संसार समुद्र हैं, इसमें मंदराचल पर्वत की तरह मन को स्थिर करने के लिए कछुए रूपी भगवान की भक्ति के सहारे, वासुकि नाग के प्रेम रूपी सूत्र से जीवन का मंथन करें। इस तरह इससे निकला ज्ञान रूपी अमृत पीने वाला ही अमर हो जाता है।
हलाहल (विष) - समुद्र मंथन के दौरान सबसे पहले मंदराचल व कच्छप की पीठ की रगड़ से समुद्र में आग लगी और भयानक कालकूट जहर निकला। सभी देव-दानवों और जगत में अफरा-तफरी मच गई। कालों के काल शिव ने इस विष को गले में उतारा और नीलकंठ बने।
असल में, इसमें भी छुपा संकेत है। शिव के सिर पर गंगा ज्ञान का ही प्रतीक है यानी जो ज्ञानी होता है, उसमें जीवन के सारे क्लेशों का सामना करने व बाहर निकलने की शक्ति होती है। यही नहीं, इसमें दूसरों के सुख के लिए जीने की भी प्रेरणा हैं।

कामधेनु - कामधेनु की सबसे बड़ी खासियत उपयोगी यज्ञ सामग्री देना थी। ब्रह्मलोक तक पहुंचाने वाली जरूरी चीजें जैसे दूध, घी आदि चीजें पाने के लिए ऋषियों को दान की गई। ऋषियों को दान के पीछे यही सीख है कि मेहनत से कमाई धन-दौलत का पहले भलाई में उपयोग करें और संतोष रखें। कामधेनु संतोष का भी प्रतीक है।रवा घोड़ा - समुद्र मंथन से अश्वजाति में श्रेष्ठ, चन्द्रमा की तरह सफेद व चमकीला, मजबूत कद-काठी का दिव्य घोड़ा उच्चै:श्रवा प्रकट हुआ, जो दैत्यों के हिस्से गया और इसे दैत्यराज बलि ने ले लिया। 
उच्चै:श्रवा में श्रवा का मतलब ख्याति या कीर्ति भी है। यानी जो मन का स्थिर रख काम करे वह मान व पैसा भी कमाता है। किंतु जो केवल कीर्ति के पीछे भागे उसे फल यानी अमृत नहीं मिलता। दैत्यों के साथ भी ऐसा ही हुआ।
 
ऐरावत हाथी - चार दांतों वाला अद्भुत हाथी, जिसके दिव्य रूप व डील-डौल के आगे कैलाश पर्वत की महिमा भी कुछ भी नहीं। स्कन्दपुराण के मुताबिक ऐरावत के सिर से मद बह रहा था और उसके साथ 64 और सफेद हाथी भी मंथन से निकले। ऐरावत को देवराज ने प्राप्त किया।  

असल में हाथी की आंखे छोटी होती है। इसलिए ऐरावत, पैनी नजर या गहरी सोच का प्रतीक है। संकेत है कि शरीर सुख ही नहीं आत्मा की और भी ध्यान दें।
महालक्ष्मी - समुद्र मंथन से निकली साक्षात मातृशक्ति व महामाया महालक्ष्मी के तेज, सौंदर्य व रंग-रूप ने सभी को आकर्षित किया। लक्ष्मीजी को मनाने के लिए सभी जतन करने लगे। किसे अपनाएं यह सोच लक्ष्मीजी ऋषियों के पास गई, किंतु ज्ञानी व तपस्वी होने पर भी क्रोधी होने से उन्हें नहीं चुना। 
इसी तरह देवताओं को महान होने पर भी कामी, मार्कण्डेयजी को चिरायु होने पर भी तप में लीन रहने, परशुराम जी को जितेन्द्रिय होने पर भी कठोर होने की वजह से नहीं चुना।
 
आखिर में लक्ष्मीजी ने शांत, सात्विक, सारी शक्तियों के स्वामी और कोमल हृदय होने से भगवान विष्णु को वरमाला पहनाई। संदेश यही है कि जिनका मन साफ और सरल होता है उन पर लक्ष्मी प्रसन्न होती है।

ये है अमेरिका का सबसे महंगा स्टेडियम, यहां होगा MODI का मेगा-शो

नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी इसी महीने के अंत में अमेरिका जा रहे हैं। ओबामा से मुलाकात के अलावा उनके जिस कार्यक्रम की सबसे ज्यादा चर्चा है, वह है न्यूयॉर्क में मैनहैटन के मेडिसन स्क्वेयर गार्डन में 28 सितंबर को उनके भाषण की। वे ऐसा करने वाले पहले विदेशी शासनाध्यक्ष होंगे। 20 हजार की क्षमता वाले इस स्टेडियम को दुनिया के सबसे महंगे और लोकप्रिय वेन्यू के रूप में जाना जाता है। जानिए, मोदी के लिए क्यों खास है वहां भाषण देना और इसके लिए भारतीय समुदाय क्या तैयारी कर रहा है?
 
 
मोदी के लिए क्यों अहम है यह भाषण?
 
  • एनआरआई बड़े सपोर्टर हैं मोदी के। वे पहले भी व्हार्टन आदि में उन्हें बुलाते रहे हैं। ये मौका है उन्हें साथ लाने का।
  • अमेरिका खासकर न्यूयॉर्क के आसपास क्वींसबरो, न्यूजर्सी में एडिसन सिटी में गुजराती लोग खासी तादाद में हैं। वे मोदी को प्रत्यक्ष देख पाएंगे। 
  • अमेरिका में भारतीय समुदाय का बड़ा हिस्सा मोदी के वीज़ा विवाद को लेकर अमेरिकी सरकार पर दबाव डालता रहा है। वे उन्हें भी शुक्रिया अदा कर सकेंगे।
  • भारतीय जनसमूह के बीच से पूरे अमेरिका को संबोधित करने के लिए ऐतिहासिक मेडिसन स्क्वायर गार्डन से बढ़िया जगह कोई नहीं।
 
फिर मना क्यों किया था? 

जैसी कि अमेरिका से रिपोर्ट आई है-
  • महंगा टिकट बेचने का सुझाव था, लेकिन मोदी ने इनकार कर दिया।
  • कैश फॉर डिनर (पैसा लेकर प्रधानंत्री के साथ भोज का अवसर)। मोदी ने कहा यह अमेरिका में चलन है, भारत के प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता।
  • डोनर्स के साथ फोटो। मोदी ने कहा, वे पैसे के बदले कुछ नहीं करेंगे।
आज आखिरी दिन है रजिस्ट्रेशन के लिए
 
इंडियन-अमेरिकन कम्युनिटी फाउंडेशन मोदी के मेडिसन स्क्वायर गार्डन कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। करीब दो हजार पास सीनेटर, बुद्धिजीवियों और बिजनेस कम्युनिटी के लोगों को भेजे गए हैं। जबकि बाकी 18 हजार लोगों काे फ्री पास देने के लिए रविवार तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया जा रहा है। उसके बाद लॉटरी के आधार पर टिकट दिए जाएंगे। आयोजन पर करीब 4 करोड़ रु. खर्च होंगे। कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर चंद्रकांत पटेल ने अमेरिका से फोन पर "भास्कर' को बताया कि यह पैसा डोनेशन और स्पाॅन्सरशिप से जुटाया जा रहा है। इस स्थान के चयन से पहले भाजपा नेता विजय जॉली और सांसद राज्यवर्धन राठौर ने अमेरिका के 20 शहरों का दौरा किया। लेकिन सबसे सुविधाजनक मेडिसन स्क्वेयर गार्डन ही लगा।
 
लाइव टेलिकास्ट भी थ्री-डी होगा: मेडिसन स्क्वेयर गार्डन की क्षमता सीमित है, इसलिए भाषण के लाइव थ्री-डी टेलिकास्ट के राइट्स सैटेलाइट चैनलों को दिए हैं।
 
4 करोड़ खर्च
20 हजार लोगों की बैठने क्षमता
2 हजार लोगों को दिया निमंत्रण
18 हजार फ्री पास लॉटरी से
 
इसलिए मशहूर है मेडिसन स्क्वायर गार्डन
 
1969 में मोहम्मद अली और जो फ्रेज़र के बीच ऐतिहासिक बॉक्सिंग मुकाबला यहीं हुआ। 
1972 में एल्विस प्रेस्ले ने लगातार चार हाउसफुल परफॉर्मेंस दी थीं।
नामी पॉप गायक एल्टन जॉन इस एरिना में 64 शो कर चुके हैं।
1979 में पोप जॉन पॉल द्वितीय ने भी यहां से भाषण दिया था।
1968 में बनाए गए इस एरिना से पहले मेडिसन स्क्वायर गार्डन थिएटर न्यूयॉर्क सिटी में था।
1925 में बनी वह इमारत पॉप बैंड बीटल्स के शो के लिए चर्चित रही।
...और अब मोदी होंगे पहले विदेशी शासनाध्यक्ष जो यहां भाषण देंगे।

लंदन में प्यार, देश में मचा बवाल, पढ़ें सचिन पायलट की LOVE STORY

अजमेर. प्रतिष्ठित कांग्रेस नेता राजेश पायलट के बेटे सचिन पायलट की प्रेम कहानी पूरी तरह फिल्मी है। यह इसलिए क्योंकि इस कहानी में लड़का हिंदू है, लड़की मुस्लिम है। दोनों की पढ़ाई के दौरान विदेश में हुई मुलाकात प्रेम में बदल जाती है। फिर दोनों मिलकर शादी का फैसला करते हैं। लेकिन यह फैसला एक नई मुसिबत को आवाज देने जैसा लगता है। जब ये दोनों अपनी शादी की बात परिवार वालों को बताते हैं तो कोहराम मच जाता है। लड़का अगर एक बड़े राजनेता का बेटा है तो लड़की भी उस परिवार से जहां से एक, दो नहीं, तीन-तीन लोग मुख्यमंत्री बने। हम बात कर रहे हैं जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री की बहन सारा की जो अब सारा से सारा पायलट बन चुकी हैं।
 
दरअसल आज कद्दावर गुर्जर नेता सचिन पायलट का जन्मदिन है। इस मौके पर हम बता रहे हैं उनकी अद्धुत LOVE STORY के बारे में...
 
भारत की राजनीति में दो बड़े राजनीतिक घराने। जब दोनों ने अपने प्रेम के बारे में परिवार वालों को बताया तो इस हाइप्रोफाइल प्यार का विरोध करने वाले भी सामने आए। केन्द्रीय मंत्री और सांसद रहे सचिन पायलट जब विदेश में पढ़ाई कर रहे थे तब उनकी दोस्ती जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की बहन सारा से हुई। ये दोस्ती ने आगे चलकर प्यार का रूप ले लिया। उमर अब्दुल्ला का परिवार सचिन और सारा की शादी के खिलाफ था, लेकिन सचिन ने धर्म, राजनीति और सामाजिक बंधनों को ठेंगा दिखाते हुए कश्मीर की सारा को अपना बनाने की ठानी। 
 
 
सचिन ने तो अपने परिवार को इस शादी के लिए तैयार कर लिया। लेकिन लेकिन सारा का परिवार इसके लिए तैयार नहीं था। दोनों ने सादे समारोह में जनवरी 2004 में शादी की। इस शादी का अब्दुल्ला परिवार ने विरोध किया और शादी को मान्यता देने से ही इंकार कर दिया। शादी के कुछ महीनों बाद ही सचिन ने राजनीति के मैदान में अपनी किस्मत आजमाई। सचिन मात्र 26 साल में 2004 के लोकसभा चुनावो में दौसा से मैदान में उतरे और बड़ी जीत हासिल की। इसके बाद सचिन-सारा की शादी का विरोध करने वाले फारुख अब्दुल्ला ने बाद में सचिन पायलट को अपने दामाद के रूप में स्वीकर कर लिया।
 
इसके बाद दोनों कई बार सार्वजनिक सामरोह में साथ भी नजर आए। जब सचिन पायलट मनमोहन सिंह मंत्रिमंडल में शामिल हुए तो फारुख अब्दुल्ला काफी खुश नजर आए। सारा के पिता फारुख अब्दुल्ला ने भले अपनी बेटी की शादी का विरोध किया, लेकिन उन्होंने भी एक कैथोलिक धर्म मानने वाली महिला से विवाह किया था। फारुख के बेटे उमर अब्दुल्ला ने भी एक आर्मी ऑफिसर की बेटी पायल नाथ से विवाह किया है। सचिन पायलट देश के पहले ऐसे केंद्रीय मंत्री हैं, जिन्हें प्रादेशिक सेना (टीए) का एक नियमित अधिकारी नियुक्त किया गया।

पत्रकार वैदिक का विवादित बयान: सांसद मुझे देशद्रोही कहेंगे तो संसद पर थूक दूंगा

पत्रकार वैदिक का विवादित बयान: सांसद मुझे देशद्रोही कहेंगे तो संसद पर थूक दूंगा
अजमेर. पत्रकार वेदप्रताप वैदिक ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। शनिवार को अजमेर लिटरेचर फेस्टिवल में शिरकत करने पहुंचे वैदिक ने कहा कि जब वे पाक में हाफिज से मिलकर भारत लौटे तो सिर्फ दो-तीन सांसद संसद में चिल्ला-चिल्लाकर उन्हें देशद्रोही कहने लगे। वो जेल में डालने की बात कर रहे थे। वैदिक ने कहा, देशभर में 543 सांसद हैं, यदि वे सर्व सम्मति नहीं, सर्व कुमति से एकमत होकर ऐसा कहें तो मैं ऐसी संसद पर थूक दूंगा।  

वैदिक ने कहा, पाक आतंकी हाफिज सईद से सौ गुना ज्यादा खतरनाक परवेज मुशर्रफ है। भारत द्वारा कई बार शांति वार्ता के बाद भी मुशर्रफ ने देश को नुकसान ही पहुंचाया था। मैं कहना चाहता हूं कि मेरे साथ पूर्व पीएम मनमोहन को भी जेल में डाल दो। उन्होंने भी तो परवेज मुशर्रफ से बात की थी।
 
वैदिक ने कहा, मैं हाफिज से मिला, प्रभाकरन से मिला आैर देशद्रोह फैलाने वाले न जाने कैसे-कैसे लोगों से मिला। मैं ऐसे तमाम लोगों से मिलना चाहूंगा जो भारत विरोधी हैं। ऐसी सोच का जन्म कहां से हुआ, यह उनसे बातचीत करके ही तो जाना जा सकता है।

मोदी के भाषण के बीच में टीचर ने बच्‍चे को पेशाब तक करने की नहीं दी इजाजत

फोटोः बेंगलुरु के एक स्कूल में मोदी के भाषण के दौरान बच्चे ने टीचर से टॉयलेट जाने की अनुमति मांगी, लेकिन उसे बैठे रहने के लिए कहा गया। हालांकि, कुछ देर बाद उसे क्लासरूम से बाहर जाने के लिए कहा गया।
 
नई दिल्ली. टीचर्स डे के मौके पर शुक्रवार को देश भर के स्कूली बच्चों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुनवाया गया और सवाल-जवाब भी कराया गया। लेकिन इस दौरान कई जगहों पर बच्‍चों को परेशानी का सामना करना पड़ा और अव्‍यवस्‍था का भी आलम दिखा। बेंगलुरु के एक स्‍कूल में तो टीचर ने बच्‍चे को मोदी के भाषण के दौरान पेशाब करने तक की अनुमति नहीं दी।
 
कई स्कूलों में मोदी के भाषण के दौरान बच्चे ऊंघते नजर आए तो कई स्कूलों में कुछ बच्चों को नींद आ गई। कहीं लाइट गुल हुई तो कहीं चैनल बदलने से भाषण की जगह क्रिकेट चलता रहा। कई स्कूलों में बच्चों को अतिथियों के स्वागत और खातिरदारी में लगा दिया गया। पीएम का यह कार्यक्रम कई जगह बच्चों के लिए मुश्किल का सबब बना।
 
पंजाब के लुधियाना के एक स्कूल में बारिश से टीवी और बच्चों के बचाना सबसे कठिन काम साबित हुआ। दिल्‍ली और तमाम दूसरे शहरों में बच्‍चों को देर तक स्‍कूल में रुकना पड़ा। इस वजह से माता-पिता भी इंतजार करते रहे। दिल्‍ली में शाम के वक्‍त स्‍कूलों में अचानक छुट्टी होने के चलते कई जगह ट्रैफिक जाम की समस्‍या भी आई।

शाह ने उठाया मोदी लहर पर सवाल, बोले- बदलते जनमत के चलते फीकी पड़ सकती है चमक

शाह ने उठाया मोदी लहर पर सवाल, बोले- बदलते जनमत के चलते फीकी पड़ सकती है चमक
फोटो: मुंबई में बीजेपी के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह। 
 
मुंबई. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'लहर' पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के कोर कमिटी के नेताओं को संबोधित करते हुए बीजेपी के अध्यक्ष ने कहा कि जनमत के अस्थिर चरित्र के चलते हो सकता है कि मोदी लहर कमजोर पड़ रही हो। शाह ने कहा कि इसी मोदी लहर के चलते लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में बीजेपी को 48 में से 23 सीटें मिली थीं।   
 
महाराष्ट्र के लिए दिया मंत्र 
शाह ने कहा कि पार्टी अपनी चुनावी रणनीति प्रधानमंत्री के करिश्मे के इर्द-गिर्द न बुनें, बल्कि उसकी जगह कांग्रेस-एनसीपी के गठबंधन के गलत कामों और नाकामियों को जनता के सामने उजागर करें। शाह ने कोर कमिटी के सदस्यों को अगले दो हफ्तों में महाराष्ट्र का दौरा करने का निर्देश भी दिया। बीजेपी के नेता विनोद तावड़े ने शाह की मीटिंग के बारे में कहा, "हम लोगों से बात करते हुए अमितजी बहुत फोकस्ड नजर आए। महाराष्ट्र की राजनीति की उनकी समझ बहुत सटीक है।"   
 
बीजेपी कार्यकर्ताओं का हौसला बुलंद 
 
बीजेपी के कार्यकर्ता अमित शाह के मुंबई दौरे से खासे उत्साहित हैं। पार्टी के नेता ने कहा, "एक पार्टी के रूप में हम पहली बार मातोश्री (शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का आवास) के सामने खड़े हुए हैं। अमित जी ने शिवसेना को संदेश दिया है कि बदली हुई सियासी परिस्थिति में मातोश्री जाने के रिवाज को वह नहीं मानते हैं।"

ममता बनर्जी की आवाज बनाकर TMC नेताओं से पांच लाख की मांग करने वाली अरेस्ट

ममता बनर्जी की आवाज बनाकर TMC नेताओं से पांच लाख की मांग करने वाली अरेस्ट
फाइल फोटोः  टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम बनर्जी।  
 
कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आवाज की नकल उतारकर दो टीएमसी नेताओं से ही पैसे की मांग करने वाली महिला को 24 परगना जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बैरकपुर के डिप्टी कमिश्नर (जासूसी विभाग) सी सुधाकर ने बताया कि आरोपी महिला खारदा की रहने वाली है जिसका नाम अनन्या बिश्वास है। आरोपी को दो दिन पहले गिरफ्तार किया गया है। 
 
चौधरी ने पुलिस शिकायत में कहा है कि बिश्वास ने फोन पर 'दीदी' बनकर समाज सेवा के नाम पर पांच लाख रुपए की मांग की थी।  टीटागढ़ नगर पालिका के अध्यक्ष प्रशांता चौधरी को फोन कर इस महिला ने कहा, 'दीदी बोलची...' चौधरी ने इस घटना का जिक्र अपने साथी नेता से किया जिन्होंने इस महिला से दोबारा बात की और जिसके बाद उन्हें किसी साजिश का संदेह हुआ। पुलिस जांच में मोबाइल नंबर की पहचान के सहारे आरोपी महिला को अरेस्ट कर लिया गया।

जम्मू कश्मीर में बारिश से तबाही जारी, मरने वाले 200 के पार, 2100 गांव प्रभावित

शनिवार को जम्मू की तवी नदी कुछ वैसी ही उफनी और हर की पैड़ी मंदिर पानी में डूब गया। 
 
जम्मू/श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में लगातार छठे दिन भी बारिश होती रही। इससे हालात और बिगड़े। शनिवार को कई इलाकों में मकान ढहने से 24 लोगों की मौत हो गई। अब तक 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। 2100 गांवों में पानी भरा है। शनिवार को कश्मीर के पुलवामा में बचाव के काम में लगे सेना के नौ जवान बह गए थे, जिनमें से सात को बचा लिया गया।

सेना का कहना है कि जम्मू-कश्मीर की हालत वैसी ही हो चुकी है जैसी पिछले साल उत्तराखंड की थी। जम्मू-कश्मीर सरकार ने बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य का दौरा किया। सीएम उमर अब्दुल्ला ने उनसे राज्य में राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की। 
 
खतरे के निशान से आठ फीट ऊपर बह रहा पानी
जम्मू. जम्मू को देश से जड़ने वाले पांचों पुल खतरे में हैं। इन पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। लेकिन, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए पुलों से ही गुजरना पड़ रहा है। तवी शनिवार को खतरे के निशान से आठ फीट ऊपर बह रही थी। विक्रमनगर में बने ड्यूल पुल और नदी के बीच सिर्फ चार फीट का फासला बचा है। इस नदी पर पांच पुल बने हैं। इन पुलों से होकर ही श्रीनगर, कटड़ा, राजौरी, पुंछ, उधमपुर की तरफ जाया जा सकता है। अगर पंजाब से जाना हो तो इन पुलों से जम्मू में दाखिल होते हैं। क्योंकि ये अब बंद है, इसलिए वैष्णोदेवी मार्ग पर फंसे 25000 लोगों को निकलने में एक-दो दिन लग सकते हैं।
 
बद से बदतर होती स्थिति
1. राज्य की सभी नदियां-झेलम, चिनाव, तवी और अखनूर उफान पर। तवी पर बना नया पुल बहा। 

2. जम्मू में उधमपुर, रामनगर, रखबटला समेत कई स्थानों पर मकान ढहे। मरने वालों में महिला और बच्चे ज्यादा।

3. कश्मीर के पुलवामा में सेना की नाव पलटी। बारामूला में सेना और बीएसएफ के 50 जवान फंसे। पुंछ, श्रीनगर और राजौरी में सैकड़ों लोग फंसे हैं।

4. दिल्ली से कटड़ा जाने वाली श्री शक्ति एक्सप्रेस रामनगर स्टेशन पर रोकी गई। जम्मू से उधमपुर कटड़ा आने-जाने वाली सभी ट्रेनें रद्द। कई सुरंगों में पानी भरा।

5. वैष्णोदेवी की यात्रा तीसरे दिन भी रुकी रही। जो भवन में फंसे हुए हैं, उन्हें नीचे जाने की इजाजत नहीं है।
 
इधर कादियां में छत गिरने से एक ही परिवार में आठ मौतें
 
कादियां/बटाला. बुधवार से लगातार हो रही बारिश के कारण कादियां के निकट डल्ला गांव में एक कच्चे घर की छत गिरने से एक ही परिवार के आठ लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में दो महिलाएं और दो बच्चे शामिल हैं। मलबे में दबी एक महिला की सांसें चल रही थीं। पड़ोसियों ने उसे निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया। मरने वालों में घर का मुखिया मंगल मसीह, उसकी पत्नी तोशी, बड़ा बेटा विक्रमजीत मसीह, छोटा बेटा थॉमस, बेटी मोनिका, पोती आंचल, पोता अंशदीप और दोहती अंजु शामिल हैं। हादसे में विक्रमजीत की पत्नी सर्बजीत बच गई। शुक्रवार को भी इसी तरह की अलग-अलग घटनाओं में नौ लोगों की जान गई थी।
 
मालवा एक्सप्रेस कैंसिल, बस सर्विस भी प्रभावित
जम्मू-पठानकोट के बीच रेल और बस सेवा दो घंटे प्रभावित हुई। सांबा के पास रेलवे लाइन पर पानी भर जाने के कारण ऊधमपुर से इंदौर जाने वाली मालवा एक्सप्रेस को रद्द करना पड़ा, जबकि जम्मू तवी-वाराणसी सुपरफास्ट डेढ़ घंटा लेट पहुंची। इसी तरह बस सर्विस भी प्रभावित रही। 
 
राजनाथ बोले-एसी तबाही मैंने पहले कभी नहीं देखी
राजनाथ को उमर कई जगह लेकर गए। दिल्ली लाैटते वक्त राजनाथ ने कहा कि ऐसी तबाही उन्होंने कभी नहीं दखी।

क़ुरआन का सन्देश

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