आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

11 सितंबर 2014

सलमान खान पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप, मामला दर्ज

यवतमाल. फिल्म अभिनेता सलमान खान पर बुधवार देर रात शहर पुलिस ने धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामले में अपराध दर्ज कर लिया। पुलिस ने बताया कि विगत दिनों मुंबई में आयोजित फैशन के दौरान सलमान खान द्वारा संचालित बीइंग ह्यूमन संस्था द्वारा आयोजित फैशन शो के दौरान इसमें शामिल सुंदरियों की पोशाक के निचले हिस्से पर अल्लाह शब्द लिखा हुआ था।
 
इसी को आधार मानकर धार्मिक भावनाएं आहत किए जाने का आरोप लगाते हुए यवतमाल शहर पुलिस में ऑल इंडिया कौमी तंजीम के जिला पदाधिकारी आसीम अली ने शिकायत दर्ज कराई थी।
 
इस मामले में मंगलवार दोपहर शिकायत दर्ज करने के बाद पुलिस ने जांच जारी रखी थी। प्राथमिक जांच के बाद शहर पुलिस के थानेदार दिलीप चव्हाण के मार्गदर्शन में 10 सितंबर की शाम फिल्म अभिनेता सलमान सलीम खान तथा अन्य के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में आईपीसी की धारा 295अ 34  के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।

श्रीनगर में बहती लाशों के साथ डूब रही हैं उम्मीदें, पेड़ों पर भी लटके दिखे शव


 
श्रीनगर, जम्मू. जम्मू-कश्मीर में पानी उतरते ही लाशें बाहर आने लगी हैं। गुरुवार को श्रीनगर के अलग-अलग स्थानों से बारह से अधिक शव पानी में मिले। इनमें अधिकतर बच्चों और महिलाओं के हैं। श्रीनगर के पुलिस अफसर फैजल वानी ने बताया कि वायुसेना के कुछ अफसरों ने हवाई दौरे के वक्त महिलाओं और बच्चों के शव देखे हैं। कुछ के शव पेड़ों पर भी लटके हैं। सेना उन शवों को जल्द से जल्द बाहर निकालने की कोशिश कर रही है।

पानी में मिले शवों को पहचान के लिए अस्पतालों में भेजा गया। अभी तो यह सिर्फ दो-तीन इलाकों का हाल है। यहां पर अभी पानी भी पूरी तरह से साफ नहीं हुआ है। आने वाले दिनों में जब टीमें बाकी इलाकों में पहुंचेगी तो और शव बरामद हो सकते है। 2-3 सितंबर की रात को कई इलाकों में अचानक और तेजी से बाढ़ का पानी आया था। उस समय लोग सोए हुए थे। इन इलाकों में कई लोगों के मारे जाने की आशंका है। इसके अलावा कुछ इलाकों में मकानों के अंदर पानी बढ़ने से भी लोगों के मारे जाने की बात कही जा रही है। नौशहरा में बस हादसे का शिकार हुए 21 लोगों की भी तलाश जारी है।

सेना की तरफ से राज्य में अब तक 1.10 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। करीब छह लाख लोग अब भी फंसे हुए हैं। जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग को छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है। जम्मू से श्रीनगर की तरफ 20 वाहन भेजे गए हैं। लेकिन, यात्री वाहनों को अभी नहीं भेजा रहा है।
 
मरीजों के लिए डॉक्टरों को पानी छीनना पड़ रहा है
श्रीनगर के अहमद अस्पताल के डॉ. खान ने कहा, ‘हमें पानी हाइजैक करना पड़ रहा है। हमने 10 लोगों को जल विभाग के दफ्तर भेजा। उन्होंने एक टंकी हाइजैक की। फिर कुछ लोगों के बीच झपट्‌टा मारकर साफ पानी भरा और लेकर आए। हम इसी तरह मरीजों को पानी दे पा रहे हैं।' पठानकोट के पप्पू राम ने बताया कि वे 17 लोग के साथ डलगेेट में फंसे थे। जो भी राहत लेकर आता, लोग बाहर से ही छीनकर ले जाते थे।
 
अब सबसे बड़ी चुनौती; पीड़ित ज्यादा, राहत कम 
पीड़ितों तक राहत पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। बाढ़ में जो लोग मौत से जीत गए, अब उनके सामने रोटी-पानी का संघर्ष है। वॉलेंटियर्स गांव-गांव पहुंचकर राहत सामग्री वितरित कर रहे हैं। जैसे ही कोई गाड़ी पहुंचती है, लोग टूट पड़ते हैं। कई जगह हाथापाई की नौबत भी आई। 
 
खाना लेकर फिर पानी से भरे घरों में पहुंचे लोग
ले. जनरल सुब्रत साहा ने कहा-दक्षिण कश्मीर में कोई भी फंसा हुआ नहीं है। हालांकि हमने जिन लोगों को निकाला वे राहत सामग्री लेकर फिर पानी से घिरे घरों में पहुंच गए।
 
सरकार खुद डूबी हुई थी, बाढ़ में 8 दिन तक फंसे रहे मंत्री, विधायक और 90% कर्मचारी: उमर
सरकार को चलाने वाले सरकारी अफसर भी कई दिनों तक बाढ़ में फंसे रहे। सचिवालय में अतिरिक्त सचिव रामेश्वर कुमार बुधवार को जम्मू पहुंचे। उन्होंने बताया कि वह तुलसी बाग फेस-2 में सचिवालय के कर्मचारियों के साथ रहते थे। सभी फंसे थे। सारा तंत्र खराब था। सीएम ग्रीवेंसेस सेल के नोडल अफसर राम सेवक भी आठ दिन तक फंसे रहे। उनके साथ पत्नी, बच्चे और बहन थी। सेल के अधिकारी होने के चलते उनके पास अाधिकारिक फोन था। जब तक नेटवर्क खराब था, तब तक तो फोन नहीं आए, लेकिन जब नेटवर्क आया तो इस फोन पर हर रोज मदद के लिए हजारों फोन, एमएमएस आने लगे। हर कोई उन्हें मदद के लिए फोन कर रहा था। राज्य के बाहर से फोन आ रहे थे। उन्हें कहना पड़ा कि मैं अपने ही परिजनों को नहीं बचा पा रहा हूं, तो दूसरों को क्या बचाऊंगा। मैं बेबस था। फिर बचाव आपरेशनों में सेना के साथ स्थानीय लोगों को लगाते तो हालात जल्द बेहतर होते। क्योंकि सेना के जवानों से ज्यादा उन्हें इलाके की जानकारी होती है।  
 
मेरी राजधानी (श्रीनगर) ही नहीं, बल्कि मेरी सरकार ही पूरी तरह डूब गई थी।  वित्त मंत्री पांच दिन से फंसे थे। दो-तीन मंत्रियों का अभी भी कोई पता नहीं है। कई विधायकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। सरकार चलाने वाली व्यवस्था बह गई थी।
 -उमर अब्दुल्ला, सीएम

नहीं झुक रहे वकील, 10 अतिरिक्त महाधिवक्ताओं का इस्तीफा



जयपुर। राजस्थान में न्यायपालिका के भ्रष्टाचार को लेकर पिछले 62 दिनों से आंदोलनरत वकीलों के समर्थन में राज्य के दस अतिरिक्त महाधिवक्ताओं ने गुरूवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद आंदोलन के खत्म होने के बजाय हालात और विकट हो गए हैं।

महाधिवक्ता नरपतमल लोढा ने 10 अतिरिक्त महाधिवक्ताओं द्वारा इस्तीफा देने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि इस्तीफा देने वालों में जोधपुर पीठ के दो तथा जयपुर पीठ के आठ अतिरिक्त महाधिवक्ता शामिल हैं।

जयपुर पीठ के अतिरिक्त महाधिवक्ता एस.के.गुप्ता, जगमोहन सक्सेना, राजेन्द्र प्रसाद, अनुराग शर्मा, जी एस गिल, इंद्रजीत सिंह, धर्मवीर ठोलिया एवं श्याम आर्य तथा जोधपुर पीठ से पुष्पेन्द्र सिंह भाटी तथा श्याम सुन्दर ने इस्तीफा दिया हैं।

ऑल राजस्थान एडवोकेट्स संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का मानना है कि अतिरिक्त महाधिवक्ताओं को शुक्रवार को वार्ता के लिए बुलाकर हाईकोर्ट के न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने मामले की पैरवी करने का दबाव डाला तथा सनद समाप्त करने की चेतावनी दी तो गुरूवार को वकील समुदाय की एकजुटता के लिए इन लोगों ने अपने इस्तीफे दिए हैं।

क़ुरआन का सन्देश

 
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...