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13 सितंबर 2014

गांधी परिवार पर पहली बार कांग्रेसी ही उठा रहे सवाल, मोदी के हुए मुरीद

ग्राफिक: राहुल गांधी या उनकी नेतृत्व क्षमता के बारे में कांग्रेसी नेताओं के बयान। 
 
 
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव में 44 सीटों पर सिमटने के बाद कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। आजाद भारत में कांग्रेस के इतिहास में शायद यह पहला मौका है जब पार्टी के नेता गांधी परिवार की नेतृत्व क्षमता पर सीधे-सीधे हमला बोल रहे हैं। यही नहीं, वे विरोधी नेता (मोदी) और उनकी पार्टी (बीजेपी) की भी जमकर तारीफ कर रहे हैं।   
 
संकट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गुजरात, हरियाणा और महाराष्ट्र में पार्टी को छोड़कर जा रहे नेताओं-कार्यकर्ताओं के सिलसिले के बीच पार्टी के कई छोटे-बड़े नेता राहुल या सोनिया के नेतृत्व की आलोचना कर रहे हैं या फिर मोदी या बीजेपी की तारीफ। कांग्रेस के लिए दिक्कत की बात यह है कि पार्टी के ज्यादातर नेता राहुल गांधी में ही संगठन का भविष्य देखते रहे हैं। लेकिन पार्टी के ही नेता लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से उपाध्यक्ष पर उंगलियां उठा रहे हैं। दिग्विजय सिंह, शशि थरूर, गुफरान-ए-आजम, भंवर लाल शर्मा, टीएच मुस्तफा जैसे नेता लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाते रहे हैं। राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाने वाले वरिष्ठ कांग्रेसी दिग्विजय सिंह ने तो यहां तक कह दिया था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक 63 साल के नेता (इशारा मोदी की तरफ) ने देश के युवाओं को आकर्षित कर लिया लेकिन एक 44 साल का नेता (इशारा राहुल गांधी की तरफ) ऐसा नहीं कर सका।  
 
मामला सिर्फ राहुल तक सीमित रहता तो भी गनीमत थी। लेकिन पार्टी के ही नेताओं की आलोचना से खुद कांग्रेस की सर्वोच्च नेता मानी जाने वाली सोनिया गांधी भी नहीं बच पाईं। सोनिया गांधी के भी नेतृत्व क्षमता पर कांग्रेसी सवाल उठा रहे हैं। पंजाब से आने वाले नेता जगमीत सिंह बराड़ तो राहुल के साथ-साथ सोनिया को भी छुट्टी पर चले जाने की नसीहत दे चुके हैं। कांग्रेस के पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा ने सोनिया का नाम न लेते हुए इसी साल मई में कहा था कि हार के लिए सिर्फ राहुल गांधी को ही दोषी नहीं ठहराया जा सकता है, बल्कि यह चुनाव एक शख्स के लिए नहीं बल्कि उसके आस-पास के कई लोगों के बारे में था। 
 
कांग्रेस में नेतृत्व का संकट इसलिए भी गहरा हो गया है कि क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले पानी पी-पीकर नरेंद्र मोदी को कोसने वाले कांग्रेस के कई धुरंधर नेता अब मोदी के मुरीद बन गए हैं। इनमें राहुल गांधी के करीबी दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश जैसे नेताओं के अलावा सलमान खुर्शीद, गुलाम नबी आजाद और शशि थरूर भी शामिल हैं। सवा सौ साल से ज्यादा पुरानी कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी इसलिए भी बजती दिख रही है क्योंकि कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देख रही बीजेपी या उसके अन्य नेताओं की भी शंकर सिंह वाघेला या पी. चिदंबरम जैसे वरिष्ठ राजनेता तारीफ कर रहे हैं। 

मोदी तोड़ेंगे चीनी राष्‍ट्रपति के लिए प्रोटोकॉल, खिलाएंगे बाजरे की रोटी और मसाला खिचड़ी

फोटो: नरेंद्र मोदी और चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग इस साल जुलाई में ब्रिक्‍स सम्‍मेलन के दौरान ब्राजील में मिले थे।
 
नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्‍मदिन 17 सितंबर को जब चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग अहमदाबाद पहुंचेंगे तो उनका जोरदार स्‍वागत किया जाएगा। मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर अहमदाबाद एयरपोर्ट पर खुद उनकी अगवानी करने पहुंचेंगे। मेहमाननवाजी में कोई कमी नहीं रह जाए इसलिए जिनपिंग के ठहरने के इंतजाम से लेकर लंच और डिनर तक का सारा कार्यक्रम मोदी द्वारा खुद तय किया गया है। खाने में चीनी राष्‍ट्रपति को बाजरे की रोटी और मसाला खिचड़ी सहित 100 से ज्‍यादा गुजराती व्‍यंजन परोसे जाएंगे। इस यात्रा के मद्देनजर शहर की साफ-सफाई पर भी खास ध्‍यान दिया गया है। राज्‍य सरकार के कई मंत्रियों को यह जिम्‍मेदारी दी गई है कि जिनपिंग का पूरा ख्‍याल रखा जाए। 
 
चीनी राष्‍ट्रपति का कार्यक्रम
एयरपोर्ट से जिनपिंग वस्‍त्रपुर स्थित हयात होटल जाएंगे। यहां पर अहमदाबाद नगर निगम और चीन के ग्‍वांगदोंग प्रांत की सरकार के बीच आपसी सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर होंगे। इस दौरान मोदी और जिनपिंग वहां पर मौजूद होंगे। हयात होटल में चीनी राष्‍ट्रपति को गुजराती थाली लंच के लिए परोसी जाएगी। इसके बाद मोदी जिनपिंग को अपनी महत्‍वकांक्षी योजनाओं में से एक साबरमती रिवर फ्रंट के दौरे पर ले जाएंगे। चीनी राष्‍ट्रपति के दौरे के मद्देनजर शहर की साफ-सफाई पर भी खासा ध्‍यान दिया गया है। यह सुनिश्चित किया गया है कि कहीं भी कूड़ा-कचरा नहीं रहे। मोदी और जिनपिंग महात्‍मा गांधी के साबरमती आश्रम का भी दौरा करेंगे।
 
 
गुजराती व्‍यंजन परोसे जाएंगे
शी जिनपिंग अहमदाबाद में साबरमती रिवर फ्रंट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ डिनर करेंगे। इस दौरान एक भी चाइनिज या नॉन वेज डिश नहीं परोसा जाएगा, बल्कि चीनी राष्‍ट्रपति को गुजराती व्‍यंजन खिलाएं जाएंगे। जिनपिंग को बाजरे की रोटी और मसाला खिचड़ी सहित 100 से ज्‍यादा चीजें सर्व की जाएंगी। डिनर में सूप से लेकर डेजर्ट तक सभी कुछ होगा। कुल 250 से अधिक मेहमानों के लिए गुजराती-काठियावाड़ी व्यंजन का इंतजाम किया जा रहा है।
 
डिनर में ये चीजें सर्व की जाएंगी: 
 
- आम रस, पूरण पूरी, श्रीखंड-मठो, ड्राइफ्रूट हलवा, रस मलाई।
- भाखरी, बिस्किट, रोटला, वघारेलो रोटला, हांडवा, ढोकला, पात्रा, लीलवानी की कचौड़ी।
- बैंगन का भरता, लहसुन-आलू की सब्जी, सेव-टमाटर की सब्जी, ढोकली की सब्जी, थेपला, केरी का अचार।
- दाल-चावल, कढ़ी, मसाला खिचड़ी, पुलाव।
- 10 से अधिक स्‍वाद की आइसक्रीम, पहाड़ी खीर, लस्सी, मसाला छांछ और फ्रेश फ्रूट जूस।
 
ये हैं तैयारियां:
 
- VVIP मेहमानों के लिए वॉटर और फायर प्रूफ टेंट तैयार किए गए हैं।
- गुजरात सरकार के तीन प्रमुख मंत्री- नितिन पटेल, भूपेंद्रसिंह चूड़ास्‍मा और सौरभ पटेल हर जगह जिनपिंग का ख्‍याल रखेंगे।
- डिनर का जिम्‍मा होटल ताज उमेद को दिया गया है।
- रिवर फ्रंट पर मोदी और जिनपिंग एक किलोमीटर तक टहलते हुए बातचीत करेंगे।

जी हाँ ..में हिंदी यानी भारत माता की राष्ट्र भाषा हूँ

जी हाँ ..में हिंदी यानी भारत माता की राष्ट्र भाषा हूँ .....में संविधान की अनुसूची में शामिल हूँ .मुझे बोलना ..मुझे लिखना .मेरे साहित्य का प्रकाशन करना ..मेरे शब्दों में देश के सभी कानून कायदे प्रकाशित करना देश की सरकार की संवेधानिक ज़िम्मेदारी है .....आज़ादी से आज तक मुझे देश भर में लागू करवाने के लियें अरबों नहीं अरबों नहीं खरबों रूपये खर्च किये जा चुके हैं ...............लेकिन अफ़सोस में सिर्फ और सिर्फ सितम्बर महीने की १४ तारीख की एक यादगार बन गयी हूँ .मेरी भाषा में चलने वाले स्कूलों को सभी शिक्षाबोर्ड खासकर केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड में उपेक्षित रखा गया है . विदेशी भाषा में गिटपिट करने वाले लोगों के बीच में अगर में फंस जाऊं तो मेरा ही नाम लेकर मेरी खिल्ली उडाई जाती है लोगों का उपहास और मजाक उढ़ाने पर मेरा नाम लेकर कहावत बनाई गयी है ..दोस्तों आपको तो सब पता है आप से क्या छुपाऊं जब किसी का मजाक उढ़ाया जाता है तो साफ तोर पर कहा जाता है के इसकी हिंदी हो गयी है .मेरे दुःख दर्द को न तो मेरे प्रधानमन्त्री ने समझा ना मेरे देश के राष्ट्रपति ने और नहीं सांसद विधायक मेरी तकलीफ समझ पाए हैं जनता का क्या कहें महाराष्ट्र में मुझे उपेक्षित किया है दक्षिण में अगर मुझे बोला जाये तो कोई बात नहीं करता बेल्लारी में अगर मुझे लागू करने की बात की जाए तो दंगे फसादात किये जाकर कत्ले आम हो जाते हैं .संविधान के रक्षकों की सांसदों वकीलों और जजों की बात करें तो वहां तो मेरा कोई वुजूद ही नहीं है ....मेरे देश मेरे भारत महान में सवा करोड़ लोग हैं और यकीन मानिये तीस करोड़ भी मुझे ठीक से बोलने और लिखने का दावा नहीं कर सकते हैं मेरा इस्तेमाल अगर केवल तीस करोड़ लोग करते हैं तो फिर में केसी राष्ट्रिय भाषा मेने देखा अल्पसंख्यक कल्याण के नाम पर देश में कथित योजनायें बनाकर अल्पसंख्यकों का जेसे शोषण हो रहा है धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र का देश में जेसे ढिंढोरा पीट कर मनमानी की जा रही है गरीबी उन्मूलन का नारा देकर गरीबों पर जो अत्याचार क्या जा रहा है बस उसी तरह से देश में मेरे नाम पर राजनीति की जा रही है .अफ़सोस तो मुझे इस बात पर है के संसद में ५४४ सांसद और २७२ राज्यसभा सदस्यों में से गिनती के लोग हैं जो मुझे समझते हैं .सांसद में भाषण होता है तो अंग्रेजी में मशीने कन्वर्टर लगी हैं आम आदमी से हिंदी इस्तेमाल की बात की जाती है विधान में सातवीं अनुसूची की भाषा बना कर मेरा उपयोग आवश्यक किया जाता है लेकिन सांसद में न तो मेरी भाषा में शपथ ली जाती है और ना ही लिखा पढ़ी बात चीत की जाती है ..जितने भी लोग मेरे प्रचारक हैं सभी के बच्चे पैदा होते ही विदेशी भाषा अंग्रेजी के स्कूलों में पढने जाते हैं मेरी भाषा में चल रहे स्कुल बंद हों इसके लियें देश के सभी कोर्स की किताबें मेरी भाषा में छपवाना बंद कर दी गयीं है चाहे डॉक्टरी हो चाहे इंजीनियरिंग चाहे वैज्ञानिक हो चाहे कानून की पढाई..चाहे प्रबंधन की पढाई हो सभी तो विदेशी भाषा अंग्रेजी और अंग्रेजी में है फिर मुझे कोन और क्यूँ पसंद करेगा जब मुझे सांसद में बोलने के लियें पाबन्द नहीं किया जाता ..जब मुझे अदालतों में बोलने और लिखने के लियें पाबन्द नहीं किया जाता जब मुझे आधे से भी कम राज्यों और जिलों में बोला जाता है जब मेरे वित्तमंत्री ..कानून मंत्री ..मेरे देश को चलाने वाली सोनिया गाँधी मुझे नहीं समझती मुझे नहीं जानतीं मेरे देश के कोंग्रेस भाजपा या दुसरे कोई भी दल हो उनकी कार्यालय भाषा विदेशी अंग्रेजी है तो भाइयो क्यूँ मुझे हर साल यह दिवस बनाकर अपमानित करते हो या यूँ कहिये के कियूं मेरी हिंदी की और हिंदी करते हो ......अगर तुम्हे मुझसे प्यार हिया ....मुझे तुम इमानदारी से देश में लागू करना चाहते हो तो सबसे पहले देश में एक कानून हो जिसमें किसी भी चुनाव लड़ने वाले के लियें हिंदी जानना आवश्यक रखा जाए सभी प्रकार के चुनाव चाहे वोह लोकसभा हों .चाहे राज्यसभा ..चाहे विधानसभा चाहे पंच सरपंच चाहे पालिका चाहे कोलेज स्कूलों के चुनाव हों सभी के आवेदन पत्र हिंदी में हों और प्रत्याक्षी के द्वारा स्वयंम भरकर देना आवश्यक किया जाए सांसद और राज्यसभा .विधानसभाओं की भाषा केवल हिंदी हो और सुप्रीम कोर्ट से लेकर निचली अदालतों की भाषा हिंदी की हो ....देश में केंद्र और राज्य सरकार से सम्बंधित विभागों में हिंदी का ही चलन हो और सभी कर्मचारियों अधिकारीयों के लियें पाबंदी हो के वोह हिंदी के जानकर होंगे सभी प्रतियोगी परीक्षाएं हिंदी भाषा में ही ली जाएँ तब कहीं में थोड़ी बहुत जी सकूंगी वरना मुझे सिसका सिसका कर राजनीती का शिकार न बनाओ यारों ॥ मेरे देश के नोजवानों .मेरे देश के नेताओं ..मेरे देश के अन्ना ..मेरे देश के अन्ना समर्थकों ...मेरे देश के कथित राष्ट्रवादी लोगों .पार्टियों क्या तुम ऐसा कर सकोगे नहीं ना इसिलियिएन में कहती हूँ के मुझे बख्शो मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो मेरे नाम पर हर साल करोड़ों रूपये बर्बाद कर गरीबों का गला मत काटो .......या तो मुझे इमादारी से लागू करो वरना दोहरा चरित्र निभाने वालों तुम चुल्लू भर पानी में ड़ूब मरो ....जय हिंदी .......जय भारत .......हम हिंदी है हिंदुस्तान हमारा क्योंकि सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा और सारे जहां से चोर बेईमान दगाबाज़ नेता हमारा .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कफ़न उड़ा दिया है लोगों ने

लो मेरी आखरी रस्म
आखरी मुंह दिखाई है
कफ़न उड़ा दिया है लोगों ने
गहवारा बिछा दिया है लोगों ने
देखना चाहो तो देख लो
फिर ना कहना
यह उदास
यह गुमसुम
यह मासूम
यह मोहब्बत बाँटने वाला
यह प्यार करने वाला चेहरा
हम देख न सके ,,अख्तर

एमपी की जेल से भागे पांच सिमी आतंकी यूपी में बना रहे थे बम, ब्लास्ट के बाद खुला राज

खंडवा जेल से फरार सिमी आतंकी। 
 
इंदौर/खंडवा. उत्तर प्रदेश के बिजनौर में शुक्रवार को एक घर में बम बनाने के दौरान हुए विस्फोट में सिमी के उन्हीं आतंकियों का हाथ बताया जा रहा है जो एक अक्टूबर, 2013 को खंडवा जेल से भागे थे। विस्फोट के बाद यूपी एटीएस और आईबी की टीम सक्रिय हो गई। जांच के दौरान आतंकियों से कमरे से मिले आईडी व सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की शिनाख्त खंडवा जेल से भागे आतंकी एजाजुद्दीन, असलम अय्यूब, जाकिर बदरुल, अमजद रमजान, मेहबूब और सलीक के रूप में की है।

बिजनौर के जाटान मोहल्ला में पिछले चार माह से ये सभी आतंकी नाम बदलकर रह रहे थे। पुलिस ने मौके से 9 एमएम की पिस्टल, लैपटॉप, छोटा गैस सिलेंडर, मोबाइल, सिम कार्ड, बम बनाने की सामग्री और तीन आईडी की बरामद किए। बिजनौर के एसपी सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कमरे से मिली आईडी के आधार पर हुई जांच में यह स्पष्ट है कि आरोपी खंडवा जेल से फरार सिमी के आतंकी है। वह यूपी में बड़ा बम धमाका करने की तैयारी में थे। एसपी, बिजनौर ने बताया कि इस मामले में मध्य प्रदेश एटीएस के आईजी से भी संपर्क किया गया था। बिजनौर के एसपी ने बताया कि मध्य प्रदेश एटीएस ने आईडी व सीसीटीवी में आतंकियों के फोटो-वीडियो देख पुष्टि की।
 
एटीएस व एनआईए जुटी जांच में
विस्फोट के बाद यूपी एटीएस व एनआईए जांच में जुट गई है। एसपी सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया घटना के बाद तीन आतंकी अपने एक साथी को घायल अवस्था में शहर के डॉ. शमीम के यहां ले गए थे। डॉक्टर के अनुसार एक आतंकी जिसका नाम मेहबूब बताया जा रहा है, वह 70 फीसदी जला है। उसे उसके साथी बगैर उपचार के लिए ले गए। शहर के सभी अस्पताल व आसपास के शहरों में आतंकियों की तलाश की जा रही है।
 
कुकर फट गया है, यह कहकर निकले
खंडवा जेल से भागे पांच आतंकी और उनका एक साथी बिजनौर के मोहल्ला जाटान में विधवा महिला लीलो देवी के मकान में पिछले ढाई माह से किराए पर रह रहे थे। उन्होंने खुद को मजदूर बताकर कमरा लिया था। क्षेत्रवासियों के मुताबिक दिन में 11 बजे उनके कमरे में एक जोरदार धमाका हुआ। विस्फोट के बाद एक झुलसे हुए युवक को लेकर उसके बाकी साथी यह कहते हुए घर से निकल गए कि कुकर फट गया है।

ऐसे भागे थे खंडवा जेल से 
सिमी के छह कुख्यात आतंकी अमजद पिता रमजान, डॉक्टर अबू फैजल, जाकिर पिता बदरुल, एजाजुद्दीन, असलम और मेहबूब उर्फ गुड्डू को प्रदेश की विभिन्न जेलों से पेशी पर खंडवा जेल लाया गया था। सभी आरोपी एटीएफ जवान सीताराम यादव हत्याकांड में शामिल थे। इस मामले की ट्रायल पूरी हो चुकी थी और इस पर अंतिम फैसला होना था। रात में तीन बजे सभी छह सिमी आतंकी व फिरौती कांड में शामिल सजायाफ्ता कैदी आबिद मिर्जा शौचालय की खिड़की तोड़कर बाहर निकले और उसके बाद चादरों से रस्सी बनाकर सभी ने जेल की दीवार फांद ली। जेल के बाहर निकलते ही सभी सातों आरोपियों का सामना गश्त कर रहे जेल प्रहरियों-लोकेश हिरवे, कुंदन मंडलोई, नरेन्द्र सोनी और होमगार्ड जवान सुरेश गुप्ता से हुआ। आमना-सामना होने पर हाथापाई के दौरान आरोपियों ने सिपाही लोकेश हिरवे और होमगार्ड जवान सुरेश तिवारी पर चाकुओं से हमला बोल दिया। इनमें से लोकेश पर लगभग सात वार किए गए। इसके बाद अंधेरे का फायदा उठाकर सभी आरोपी वायरलेस सेट व रायफल लेकर भाग निकले। इनमें से आबिद को सुबह 7 बजे जेल के पीछे सर्वोदय कॉलोनी से गिरफ्तार कर लिया गया। बाकी सभी सिमी आतंकी फरार हैं।

हिंदुस्तान का कोई भी वकील ,,न्यायधीश ,

हिंदुस्तान का कोई भी वकील ,,न्यायधीश ,,पूर्व न्यायधीश ,,नेता या कोई भी हो प्लीज़ बताये ,,,किसी जज के खिलाफ शिकायत होने के बाद क्या राजयभर के जज एक साथ मीटिंग कर योजनाबद्ध तरीके से दबाव बनाने के लिए वकीलों के खिलाफ टिप्पणी कर सकते है ,,,क्या यह जजों की नौकरी का हिस्सा है ,,क्या भारत का क़ानून उन्हें ऐसी हरकत करने की इजाज़त देता है ,,,ऐसे जजों की पैरवी अगर एक पक्षीय रूप से न्यायिक प्रशासन द्वारा पक्षकार बन कर की जाए क्या देश में ऐसा कोई क़ानून है ,,,,क़ानून तो है के शिकायत करता को भी सुनो ,,निष्पक्ष सुनवाई करो पक्षकार बनकर बायस्ड होकर एकतरफा सोच रख कर क्या देश ,,क्या न्यायिक व्यवस्था चल सकती है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

,कोटा दक्षिण के चुनाव परिणाम कुछ भी हो लेकिन,,,,

खुदा का शुक्र है के राजस्थान की कोटा दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में आज छुटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण रहा ,,मुक़ाबला रोचक है ,,,कोटा दक्षिण के चुनाव परिणाम कुछ भी हो लेकिन इस दंगल में कांग्रेस के शिवकांत नंदवाना ने भी अपना चुनाव प्रबंधन बताने की पूरी कामयाब कोशिश की है ,,यह बात और है के चुनाव प्रबंधन में ओम बिरला कई गुना भारी साबित हुए है ,,लेकिन विकट परिस्थतियों में भी शिवकांत नंदवाना ने ओम बिरला को चुनौती देकर खुद को कांग्रेस में स्थापित कर लिया है ,,,एक तरफ चुनाव प्रबंधन में भाजपा के महागुरु ओम बिरला का चुनाव था ,,इस चुनाव को प्रयोगशाला बना कर सभी नए आधुनिक तरीके ईजाद किये गए थे ,,,ओम बिरला के इस लगातार जीतने और हर बार जीत का आंकड़ा बढ़ाने के चुनाव प्रबंधन को सीखने के लिए कोचिंग वास्ते कई भाजपा के नेता कोटा में थे ,,,,सभी जानते है के हर बार जब भी ओम बिरला चुनाव लड़ते है वोह अकेले सिर्फ अकेले होते है ,,उनके साथ भाजपा की रीढ़ की हड्डी ,,भाजपा कैडर के ब्राह्मण लीडर ,,,आस पास के भाजपा विधायक और कई वरिष्ठ भाजपा नेता नहीं होते है ,,लेकिन फिर भी ओम बिरला अपने खुद के चुनावी प्रबंधन से हर बार लगातार उम्मीद से कहीं ज़्यादा वोटों से जीत कर खुद को स्थापित करते है ,,इसी प्रबंधन और तोर तरीकों को सीखने के लिए ओम बिरला को भाजपा हाईकमान ने चुनाव प्रबंधन का कोचिंग गुरु बना दिया ,,और इसी चुनावी को कोचिंग में प्रेक्टिकल ज्ञान लेने भाजपा के कई नेता यह सीखने आये थे ,,उन्होंने बहुत कुछ सीखा भी ,,,चुनाव प्रचार में बाहर से आने वाले को एक गाडी की चाबी ,,ड्राइवर ,,,रहने के लिए कमरे की चाबी ,,,एक अटेंडेंट और साथ में एक बेग ,,बेग में विधानसभा क्षेत्र की समस्त जानकारियां ,,भाग संख्या ,,समाज वाइज़ वोटर लिस्ट ,,,आने वाला प्रचारक किस समाज और किस कैडर के है ,,किसको प्रभावित कर सकते है ,,,उनके नाम ,,मोबाइल नंबर ,,,कितने वार्ड है ,,वार्ड में कितने हिन्दू मुस्लिम धार्मिक स्थल हिअ ,,उनकी देखरेख करने वाले व्यस्थापक कोन है ,,उनके मोबाइल नबंर क्या है ,,,,समाज के प्रतिनिधि कोन ,,वोह किस से प्रभावित हो सकते है ,,सारी जानकारिया ,,उनकी ज़रूरते क्या है ,,सभी मुद्दे उस बेग में रखे किट में शामिल होते है ,,,,विपक्ष के प्रत्याक्षी और उनके समर्थक प्रचारकों को कैसे प्रभावित किया जा सकता है ,,उन्हें भर्मित कैसे किया जा सकता है ,,,किन मुद्दों को अफवाहों के ज़रिये भुनाया जा सकता है ,,वोटर से सीधा कैसे सम्पर्क स्थाई रूप से पारिवारिक माहोल में बनाकर रखा जाता है ,,,,,,,लेकिन इस बार शिवकांत नंदवाना उनके प्रत्याक्षी संदीप शर्मा के खिलाफ चुनाव मैदान में कांग्रेस के प्रत्याक्षी थे ,,शिवकांत युवा नेता ,,,हंसमुख स्वभाव ,,,महनत लगन के साथ समर्पण भाव से अपने साथियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ देना ,,बुज़ुर्गों के साथ विनम्र व्यवहार ,,चाक चौबंद व्यवस्था ,,,,इरादे बुलंद ,,,वित्तीय चुनावी खर्च प्रबंधन ,,,,,,कार्यकर्ताओं की टीम ,,,सभी कुछ इनके पास था ,,इनक साथ भी वही हाल ,,,,समर्थकों की भारी भीड़ ,,,,जीत की झूंठी कहानिया ,,,,कार्यकर्ताओं ,,नेताओं की भीतर घात ,,,इसके बावजूद भी हौसले से ,,हिम्मत से ,,कुशल प्रबंधन से चुनाव लड़कर चुनावी हिम्मत में चेले ने गुरु को पीछे छोड़ दिया ,,,,,,चुनाव नतीजे कुछ भी रहे लेकिन हारकर भी शिवकांत नंदवाना खुद को एक स्थाई ,,मज़बूत ,,हर दिल अज़ीज़ ,,नेता के रूप में स्थापित करने में सफल साबित हुए है ,,,,,,,,आधुनिक चुनावी प्रबंध में वोह भी पीछे नहीं रहे ,,,,,,,,,,,,अब इन्तिज़ार है १६ दिसम्बर के नतीजों का आपको भी हमे भी ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

तो क्या हुआ,,

तो क्या हुआ अगर आज वो मेरे साथ नही है
मे आज भी उससे उतनी ही मौहब्बत करता हुं
इसलिये नही कि कोई ओर नही मिली बल्कि इसलिये
कि उससे मौहब्बत करने से फुर्सत ही नही मिली
जब भी मे अपनी आँखे बंद करता हु वो मेरे सामने आ जाती है

क़ुरआन का सन्देश

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