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14 सितंबर 2014

जिनपिंग के दौरे से पहले भारतीय सीमा में 500 मीटर भीतर घुसे चीनी सेना के जवान, लगाए टेंट

जिनपिंग के दौरे से पहले भारतीय सीमा में 500 मीटर भीतर घुसे चीनी सेना के जवान, लगाए टेंट
 
फोटो: पिछले साल लद्दाख के दौलत बेग ओल्‍डी इलाके में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की थी।
 
नई दिल्‍ली। चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के 17 सितंबर के भारत दौरे से पहले चीनी सेना द्वारा भारत में घुसपैठ करने का मामला सामने आया है। रिपोर्टों के मुताबिक, चीनी सेना वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पार भारतीय सीमा में 500 मीटर अंदर घुस गई और तंबू गाड़ दिए। पिछले ही महीने पीएलए के सैनिक भारतीय सीमा में 25 किलोमीटर अंदर घुस आए थे।
 
11 सितंबर की है घटना
सूत्रों ने बताया कि घुसपैठ की यह घटना 11 सितंबर को लद्दाख के देमचोक इलाके में हुई। मामले की खबर मिलते ही इंडो-तिब्‍बत बोर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के 70 जवानों को इलाके में तैनात किया गया। गौरतलब है कि सिर्फ 2014 में ही चीनी सैनिक 334 बार भारतीय सीमा में घुसपैठ कर चुके हैं।
 
इससे पहले अगस्‍त में चीनी सेना द्वारा लद्दाख के बुर्तसे क्षेत्र में 25 किलोमीटर अंदर तक घुसने की खबर आई थी। भारतीय सेना के गश्ती दल ने पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के अधिकारियों को अपने बेस कैंप से भारतीय सीमा के 25 से 30 किलोमीटर अंदर चीनी सैनिकों को देखा था। इसके बाद गश्ती दल लौट आया था। अगले दिन जब जवान फिर गश्‍ती पर निकले तब भी चीनी सैनिकों की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आया था और उन्होंने "यह चीनी क्षेत्र है वापस जाओ" लिखा हुआ झंडा ले रखा था। भारतीय गश्ती दल के साथ क्विक रिएक्शन टीम भी गई लेकिन चीनी सैनिकों ने जगह छोड़ने से मना कर दिया।

शिवसेना से BJP नाराज, बोली- उद्धव ने मोदी को नीचा दिखाया, कार्यकर्ता नहीं चाहते गठबंधन

शिवसेना से BJP नाराज, बोली- उद्धव ने मोदी को नीचा दिखाया, कार्यकर्ता नहीं चाहते गठबंधन
 
फाइल फोटो: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और पीएम नरेंद्र मोदी 
 
मुंबई. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा पीएम मोदी के बारे में की गई कुछ टिप्पणियों से नाराज बीजेपी ने रविवार को कहा कि उसके कार्यकर्ता नहीं चाहते कि अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर दोनों पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर और बातचीत हो। पार्टी के महाराष्ट्र यूनिट के  प्रवक्ता माधव भंडारी ने कहा, ''उद्धव ठाकरे की टिप्पणियों का मकसद नरेन्द्र मोदी को नीचा दिखाना था। महाराष्ट्र भाजपा ने उनकी टिप्पणियों की पुरजोर आलोचना की है। हमारे कार्यकर्ता दोनों दलों के बीच बातचीत रोकने और अपनी खुद की राह तलाशने के लिए केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव डाल रहे हैं।'' 
 
गौरतलब है कि उद्धव ने शनिवार को एक टेलीविजन इंटरव्यू में कहा था कि मोदी लहर कई राज्यों में असर दिखाने में असफल रही और हाल के लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत का श्रेय केवल मोदी को नहीं, बल्कि उनके गठबंधन सहयोगियों को भी दिया जाना चाहिए। उद्धव ने कहा था, ''क्या मोदी लहर का असर तमिलनाडु, पंजाब, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में नजर आया? कामयाबी में सहयोगी पार्टियों की भी भूमिका है। मोदी हमारे गठबंधन के पीएम हैं।''
 
सीट बंटवारे पर विवाद गहराया 
भंडारी ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है, जब शिवसेना प्रमुख ने पीएम मोदी के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की हो। भंडारी ने विश्वास जताया कि राज्य में अगली सरकार बीजेपी के नेतृत्व में ही बनेगी। बता दें कि यह भी अटकलें हैं कि सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों सहयोगी पार्टियों के बीच विवाद काफी गहरा चुका है। बीजेपी आधी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, इस वजह से शिवसेना चुनावों में अकेले ही उतरने के बारे में विचार कर रही है। 
 
रूडी ने दी सफाई 
हालांकि, बीजेपी प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि बीजेपी और शिवसेना के बीच कोई विवाद नहीं है। रूडी के मुताबिक, ''दोनों पार्टियों के बीच रिश्ते बेहद मजबूत हैं। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना प्रमुख से मिलकर एक प्रस्ताव दिया है। इसके मुताबिक, छोटी क्षेत्रीय पार्टियों को सीटें आवंटित करने के बाद बाकी बची सीटें शिवसेना और बीजेपी के बीच बंटेंगी। प्रस्ताव पर जवाब का इंतजार है।'

पढ़े लिखे जागरूक दोस्तों

मेरे देश के पढ़े लिखे जागरूक दोस्तों ,,स्वामी आदित्य नाथ और साक्षी महाराज के समर्थको जो भी हो ,,कृपया करके मुझे और देश को बता दे के इन दोनों सांसदों ने अब तक सरकार का करोड़ों रुपया वेतन और सुविधाओ के रूप में प्राप्त कर देश के हित ,,राष्ट्रिय सुरक्षा ,,रोज़गार ,,भुखमरी ,,गरीबी उन्मूलन ,,भ्रष्टाचार ,,कालाधन ,,मिलवर्ट ,,,सत्ता बाज़ार ,,,महंगाई ,,महिलाओं की अस्मत इज़्ज़त के साथ खिलवाड़ मामले में संसद में ज़िम्मेदारी निभा कर एक सवाल भी अगर उठाया हो तो प्लीज़ किस संसद स्तर में किस नंबर का सवाल और सवाल में क्या चाहा गया इसकी जानकारी मुझे और देश को दीजिये वरना संसद में ऐसे लोगों को भेजना बंद कीजिए ,,इनसे संत आसाराम के अपराध के बारे में भी खुली राय जानिए यह उनके साथ है या फिर पीड़िता अबला के साथ जो इस मामले में फरियादिया है ,,अगर वोह स्पष्ट नहीं कर सकते तो उन्हें देश के लोगों के साथ खिलवाड़ करने और उन्हें भड़काने का कोई हक़ नहीं ,,,,

यह जैसे स्वामी ,,यह कैसे संत ,,यह कैसे साधू ,

यह जैसे स्वामी ,,यह कैसे संत ,,यह कैसे साधू ,,,,यह कैसे लोग ,,जो मर्यादाओं ,,संस्कृति ,,विधि नियमों की परम्परा को त्याग कर दुनियादारी में लगे है ,,,,राजनीति में लगे है ,,,सियासी उपभोग कर रहे है ,,ज़रा समझाइये धर्मांध से जुड़े लोगों क्या ऐसे लोग जो दोहरी ज़िंदगी जी रहे हो एक तरफ यह सब और दूसरी तरफ सियासत ,,सियासत वोह लोग किसी भी मज़हब किसी भी संस्कृति को बचा पाएंगे ,,चाहे मोलवी हो ,,मुफ़्ती हो मौलाना हो चाहे साधू ,,स्वामी ,,संत ,,महाराज हो जो दुनियादारी के मोह में है उनसे तो अब जनता को ही एक जुट होकर देश को बचाना होगा ,,वरना यह लोग सिर्फ खुद को स्थापित करने के लिए देश में नफरत का खेल खेल रहे है इसे हमे और आपको मिलकर रोकना होगा ,,समझना होगा के धार्मिक परम्पराओ के खिलाफ यह कथित धर्मगुरु धर्म की शिक्षा देने की जगह नफरत का पाठ पढ़ा रहे है ,,खुद तो धर्म की किताबें छोड़ सियासत कर लोगों को भड़का कर वोट लेकर संसद में मज़े कर रहे है और देश को बचाने के लिए राष्ट्रहित में कालाधन ,,,,जमाखोरी ,,भ्रष्टाचार वगेरा मामले में कुछ नहीं बोल रहे है ,,ज़रा समझो और इन्हे बेनक़ाब करो ,

साक्षी महाराज

बीजेपी के सांसद साक्षी महाराज ने एक नया विवाद खड़ा करते हुए रविवार को आरोप लगाया कि मदरसे आतंकवाद की शिक्षा का गढ़ हैं ,,, चलिए आरोप सही मान लेते है ,,,,इसका हल निकालते है हमारे देश के जितने भी मदरसे ,,जितनी भी पाठशालाएं ,,,जितने भी अखाड़े ,,,जितने भी निजी स्कूल है सभी को सरकारी ज़िम्मेदारी बनाते है और सरकार के अधिकारी सरकार के बजट से इन मदरसो और पाठशालाओं का संचालत इनका स्वरूप जीवित रखते हुए करना शुरू करदे ,,मदरसो ,,पाठशालाओं ,,गुरुकुलों ,,,जहां भी धार्मिक शिक्षा होती है सभी जगह सरकार अपना टीचर लगाये ,,,अपना बजट ,,अपना भवन ,,अपनी व्यवस्था रक्खे और मज़हबी देने वालों को भी सरकार वेतन दे तो साक्षी जी बकवास करने से समस्या का हल नहीं होगा ,, गली के बदमाश नहीं जो सड़को पर इस तरह का गैरजिम्मेदाराना बयान देंगे आप सरकार के ,,सत्तापक्ष के सांसद है ,,इसलिए तो निरक्षर लोगों को जनता चुनती है तो खिमियाज़ा देश को भुगतना पढ़ता है ,,,अख्तर

हम चले जाएँगे

एक दिन अचानक
हम चले जाएँगे
तुम से दूर बहुत दूर
ज़मीन में दफनाए जाएंगे
फिर आसमान में समायेंगे
शायद वोह दिन
तुम्हारे लिए
निहायत ख़ुशी का दिन होगा ,,,,,,,,,

संस्कृत उर्दू और हिंदी भाषा की माँ है

संस्कृत उर्दू और हिंदी भाषा की माँ है ,,फिर भी देखिये हम माँ का कभी दिवस नहीं मनाते और उर्दू का भी कोई दिवस नहीं मनाते ,,,,कहीं सियासत तो नहीं ,,कहीं दिखावा तो नहीं ,,वरना एक सरकारी आदेश ,,,चुनाव लड़ने वाले के लिए ,,,,चुनाव का आवेदन सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रभाषा हिंदी में खुद की लेखनी में भरा जाएगा ,,चाहे पंचायत के चुनाव हो ,,चाहे ,,नगरपालिका के ,,चाहे सांसद ,,चाहे विधायक के ,,,इसी तरह देश में कोई भी लाइसेंस प्राप्त करने ,, पासपोर्ट प्राप्त करने ,,नौकरी प्राप्त करने या कोई भी आवेदन पत्र हिंदी में ही खुद आवेदक द्वारा भरने की शर्त हो तो देखिये साक्षरता भी शुरू और हिंदी भाषा का राष्ट्रसम्मान भी शुरू ,,,,,लेकिन तमाशा है ,,हम तमाशा का हिस्सा तो बने है लेकिन रचनात्मक सुझावों के साथ ,,,अख्तर

क़ुरआन का सन्देश

 
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