यह जो देश भक्ति की बढ़ बढ़ कर बाते करते है ,,और धर्म के नाम पर नफरत फैलाते
है ,,सरहदों पर सुरक्षा के लिए अगर सूचीबद्ध करके ऐसे सभी लोगों को
क़ुरबानी के लिए या फिर सरहदों की सुरक्षा के लिए सूचीबद्ध कर पहुंचाने का
फैसला क्या जाए तो क्या हमारे और आपके साथ स्वामी योगी आदित्यनाथ ,,,साक्षी
महाराज ,,परवीन तोगड़िया ,, स्वामी बाबा राम देव ,,,खुद अन्ना हज़ारे
,,,इमाम बुखारी ,,कल्बे सादिक़ ,,असद्दुद्दीन ओवेसी ,,,फारुख अब्दुल्ला
,,,,और न जाने कोन कौन जो धार्मिक विधि नियमों के खिलाफ ज़हर उगलते है क्या
साथ जाने को तैयार होंगे ,,या फिर इनकी पेंट गीली हो जायेगी पीले रंग से
,,,, चलो वीर रस के कवियों ,,भाषण बाज़ों ,,और कथित देश प्रेमियों की सूचि
बनाये और हम सब साथ चलकर उन्हें साथ लेजाकर चीन से अपनी सीमाओं को आज़ाद
कराये ,,,चीन के क़ब्ज़े में जो भारत का हिस्सा है वहां चलकर तिरंगा फहराये
और तिरंगे की शान बढ़ाये ,,,,,,,अख्तर
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
24 सितंबर 2014
हम तो पहले से ही कहते थे के दिग्विजय सिंह ,,,
हम तो पहले से ही कहते थे के दिग्विजय सिंह कांग्रेस में भाजपा के दलाल
और मुखबीर है और एक न एक दिन अपनी प्रेमिका के साथ गुलछर्रे उड़ाते हुए
भाजपा में शामिल होंगे ,,इसीलिए तो अब वोह कांग्रेस और कांग्रेस की
नीतियों के साथ नहीं रहे है वैसे भाजपा पर भी लगातार मध्यप्रदेश में
कांग्रेस को हरवाकर भाजपा की सरकार बनवाने के मामले में दिग्विजय का बहुत
बढ़ा अहसान है ,,,,,,,,
सेक्युलरिज्म पर सोच बदले कांग्रेस, मुस्लिम कट्टरपंथियों पर भी हो हमलावर: दिग्विजय
नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह मानते हैं कि उनकी पार्टी को धर्म निरपेक्षता को लेकर अपना नजरिया बदलने की जरूरत है, ताकि उसकी 'नकारात्मक छवि' बदल सके। दिग्विजय इस छवि को कांग्रेस के राजनीतिक पतन का कारण मानते हैं। एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में दिग्विजय सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी जिस तरीके से हिंदू कट्टरपन का विरोध करती है, ठीक उसी तरह उसे मुस्लिम कट्टरवादियों पर भी हमला बोलना चाहिए। सिंह के मुताबिक, ऐसा न होने की वजह से भगवा पार्टियों को राजनीतिक जमीन मिली और कांग्रेस की लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक हार हुई।
दिग्विजय ने कहा, "हम मुस्लिम कट्टरपंथियों के खिलाफ उस मजबूती से नहीं बोलते, जितनी जरूरत है। हमें हिंदू और मुस्लिम कट्टरपंथियों के खिलाफ एक जैसे बर्ताव करना होगा।" सिंह ने यह भी कहा कि कांग्रेस की तरफ से हिंदू कट्टरपंथियों के खिलाफ लगातार चिंता जताए जाने से आरएसएस को उनकी पार्टी पर 'तुष्टिकरण' नीति पर चलने के आरोप लगाने का मौका मिला। दिग्विजय बोले, ''हमें धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा पर दोबारा से विचार करना होगा। इसे आरएसएस और दूसरे संगठनों ने बुरी तरह दूषित कर दिया है। अब इसे मुस्लिम तुष्टिकरण से जोड़ दिया गया है, जबकि ऐसा नहीं है।
सेक्युलरिज्म पर सोच बदले कांग्रेस, मुस्लिम कट्टरपंथियों पर भी हो हमलावर: दिग्विजय
नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह मानते हैं कि उनकी पार्टी को धर्म निरपेक्षता को लेकर अपना नजरिया बदलने की जरूरत है, ताकि उसकी 'नकारात्मक छवि' बदल सके। दिग्विजय इस छवि को कांग्रेस के राजनीतिक पतन का कारण मानते हैं। एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में दिग्विजय सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी जिस तरीके से हिंदू कट्टरपन का विरोध करती है, ठीक उसी तरह उसे मुस्लिम कट्टरवादियों पर भी हमला बोलना चाहिए। सिंह के मुताबिक, ऐसा न होने की वजह से भगवा पार्टियों को राजनीतिक जमीन मिली और कांग्रेस की लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक हार हुई।
दिग्विजय ने कहा, "हम मुस्लिम कट्टरपंथियों के खिलाफ उस मजबूती से नहीं बोलते, जितनी जरूरत है। हमें हिंदू और मुस्लिम कट्टरपंथियों के खिलाफ एक जैसे बर्ताव करना होगा।" सिंह ने यह भी कहा कि कांग्रेस की तरफ से हिंदू कट्टरपंथियों के खिलाफ लगातार चिंता जताए जाने से आरएसएस को उनकी पार्टी पर 'तुष्टिकरण' नीति पर चलने के आरोप लगाने का मौका मिला। दिग्विजय बोले, ''हमें धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा पर दोबारा से विचार करना होगा। इसे आरएसएस और दूसरे संगठनों ने बुरी तरह दूषित कर दिया है। अब इसे मुस्लिम तुष्टिकरण से जोड़ दिया गया है, जबकि ऐसा नहीं है।
मै तो छोटा हू,,,
मै तो छोटा हू झुका लूगा सर को अपने,
पहले बड़े तय कर लॅ, बड़ा कौन है।
जी हाँ दोस्तों यह चंद लाइने उन कमज़र्फ ,,कम अक़्ल लोगों के लिए है जो फेसबुक पर बुद्धिजीवियों की टीम में तो शामिल हो गए है ,,लेकिन अक़्ल से पैदल है ,,,उनमे ना तो तहज़ीब है ,,ना ख़ुलूस ,,उन्हें इतना भी उनके बढ़ो ने ,,माता पिता ने शिक्षकों ने नहीं सिखाया के अपनी बात को बिना कड़वे अल्फ़ाज़ों ,,बेहूदगी ,,बदतमीज़ी के भी कही जा सकती है ,,लेकिन जनाब बुद्धिजीवियों की टीम में तो शामिल हो गए और बाते मोलवी मेहँदी हसन की तरह बेसिरपैर की करते है ,,ज़रा सा कुछ भी लिखो तो नाराज़ हो जाते है ,,गुस्से हो जाते है ,,तेरी मेरी पर आ जाते है ,,भाई यह लड़ने ,,या फिर नफरत फैलाने का मंच नहीं ,,यह मंच प्यार बांटने के साथ साथ मनोरंजन का मंच है ,,एक दूसरे को समझने का मंच है ,,सो प्लीज़ मेरे भाइयों मुझ सहित आपको हमे सभी को अपने अपने गिरेहबान में झाँक कर देखना होगा और खुद को बदलना होगा एक नया समाज ,,एक नया देश देने के लिए वरना ,,नफरत ,,गुस्से और बेहूदगी बदतमीज़ी की यह फसल हम हमारे छोटों और बच्चो को विरासत में अगर दे गए तो फिर इस देश के हालात सुधरने में हम और पिछड़ जाएंगे भाई ,,सो प्लीज़ गोरो फ़िक्र कीजिये ,,,मेने गलत लिखा हो ,,गलत कहा हो तो मुझे माफ़ कीजिये ,,,अख्तर
पहले बड़े तय कर लॅ, बड़ा कौन है।
जी हाँ दोस्तों यह चंद लाइने उन कमज़र्फ ,,कम अक़्ल लोगों के लिए है जो फेसबुक पर बुद्धिजीवियों की टीम में तो शामिल हो गए है ,,लेकिन अक़्ल से पैदल है ,,,उनमे ना तो तहज़ीब है ,,ना ख़ुलूस ,,उन्हें इतना भी उनके बढ़ो ने ,,माता पिता ने शिक्षकों ने नहीं सिखाया के अपनी बात को बिना कड़वे अल्फ़ाज़ों ,,बेहूदगी ,,बदतमीज़ी के भी कही जा सकती है ,,लेकिन जनाब बुद्धिजीवियों की टीम में तो शामिल हो गए और बाते मोलवी मेहँदी हसन की तरह बेसिरपैर की करते है ,,ज़रा सा कुछ भी लिखो तो नाराज़ हो जाते है ,,गुस्से हो जाते है ,,तेरी मेरी पर आ जाते है ,,भाई यह लड़ने ,,या फिर नफरत फैलाने का मंच नहीं ,,यह मंच प्यार बांटने के साथ साथ मनोरंजन का मंच है ,,एक दूसरे को समझने का मंच है ,,सो प्लीज़ मेरे भाइयों मुझ सहित आपको हमे सभी को अपने अपने गिरेहबान में झाँक कर देखना होगा और खुद को बदलना होगा एक नया समाज ,,एक नया देश देने के लिए वरना ,,नफरत ,,गुस्से और बेहूदगी बदतमीज़ी की यह फसल हम हमारे छोटों और बच्चो को विरासत में अगर दे गए तो फिर इस देश के हालात सुधरने में हम और पिछड़ जाएंगे भाई ,,सो प्लीज़ गोरो फ़िक्र कीजिये ,,,मेने गलत लिखा हो ,,गलत कहा हो तो मुझे माफ़ कीजिये ,,,अख्तर
जिंदगी से
वाबस्ता हैं
जिंदगी से
एक दुसरे की हम
फर्क है तो बस
इतना
तुम्हारी जिंदगी में
मैं "भी" हूँ
और मेरी जिंदगी
तुम "सिर्फ तुम ही" हो....
जिंदगी से
एक दुसरे की हम
फर्क है तो बस
इतना
तुम्हारी जिंदगी में
मैं "भी" हूँ
और मेरी जिंदगी
तुम "सिर्फ तुम ही" हो....
खुदा मानते हैं,
मोहब्बत को जब लोग
खुदा मानते हैं,
तो प्यार करने वालो को
क्युँ बुरा मानते है....!
जब यह जमाना ही
पत्थर दिल है,
तो फिर लोग पत्थरों से
क्युँ दुआ माँगते है.......!!
खुदा मानते हैं,
तो प्यार करने वालो को
क्युँ बुरा मानते है....!
जब यह जमाना ही
पत्थर दिल है,
तो फिर लोग पत्थरों से
क्युँ दुआ माँगते है.......!!
क्या यही है प्यार
क्या यही है प्यार तुम्हारा ?
आलिँगन, चुम्बन और स्पंदन ,
कुछ फूलते पिचकते अंगों का भौंडापन !
तुम टटोलते रहे
मेरे जिस्म के हर हिस्से को . . ,
क्या कभी मेरे दिल को भी टटोल पाए तुम ?
तुम उलझे रहे मेरी साड़ी की सिलवटों में ,
क्या मेरी उलझी जिंदगी को सुलझा पाए तुम ?
नारी देह की ज्ञान भले ही हो तुम्हें !
नारी मन को समझने में अब भी तुम कच्चे हो ,
हाँ प्यार के मामले में अब भी तुम बच्चे हो . . !
आलिँगन, चुम्बन और स्पंदन ,
कुछ फूलते पिचकते अंगों का भौंडापन !
तुम टटोलते रहे
मेरे जिस्म के हर हिस्से को . . ,
क्या कभी मेरे दिल को भी टटोल पाए तुम ?
तुम उलझे रहे मेरी साड़ी की सिलवटों में ,
क्या मेरी उलझी जिंदगी को सुलझा पाए तुम ?
नारी देह की ज्ञान भले ही हो तुम्हें !
नारी मन को समझने में अब भी तुम कच्चे हो ,
हाँ प्यार के मामले में अब भी तुम बच्चे हो . . !
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