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26 सितंबर 2014

फेसबुक पर ISIS की निंदा करने वाली महिला को सप्‍ताह भर तड़पाया, फिर कत्‍ल कर डाला

फाइल फोटो: इराक की मानवाधिकार कार्यकर्ता समीरा सालिह अल-नुऐमी।
 
बगदाद आईएसआईएस के आतंकवादियों ने फेसबुक पर अपनी आलोचना करने वाली इराक की एक महिला मानवाधिकार कार्यकर्ता को सरेआम मौत के घाट उतार दिया। समीरा सालिह अल-नुऐमी की हत्‍या करने से पहले करीब एक हफ्ते तक उनको यातना दी गई। बताया जा रहा है कि आतंकवादियों ने अल-नुऐमी की हत्‍या के बाद उनके फेसबुक पेज को भी डिलीट कर दिया है। संयुक्‍त राष्‍ट्र ने आतंकवादियों के इस कदम की कड़ी आलोचना की है।
 
पति-बच्‍चों के सामने घर से उठाया
अल-नुऐमी इराक के शहर मोसुल की निवासी थीं और वह फेसबुक पर आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चला रही थीं। आतंकवादियों ने इराकी शहरों पर कब्‍जे के बाद जिस तरह धार्मिक स्‍थलों को तबाह कर दिया था, अल-नुऐमी ने उसके विरोध में फेसबुक पर टिप्‍पणी की थी और आईएसआईएस को कट्टर बताया था। इसके बाद 17 सितंबर को उन्‍हें घर से अगवा कर लिया गया। उस वक्‍त उनके पति और बच्‍चे भी वहीं थे।
 
शरिया कोर्ट ने सुनाया मौत का फरमान
अगवा करने के बाद उन्‍हें एक गुप्‍त जगह पर ले जाया गया, जहां पांच दिनों तक उन्‍हें काफी यातना दी गई। इसके कुछ दिनों बाद अल-नुऐमी को शरिया कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्‍हें सार्वजनिक तौर पर मौत की सजा का फरमान सुनाया गया। अल-नुऐमी की हत्‍या 22 सितंबर को की गई, लेकिन मामले की जानकारी 25 सितंबर को तब सामने आई, जब अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने आतंकियों के खिलाफ बमबारी की।
 
यूएन ने की निंदा
अल-नुऐमी की मौत के बाद उनके फेसबुक पेज को डिलीट कर दिया गया है। संयुक्‍त राष्‍ट्र की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, "एक महिला मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील की हत्‍या कर आईएसआईएस ने एक बार फिर अपने नापाक इरादे का परिचय दिया है। एक सभ्‍य समाज में ऐसे आतंकवादियों के लिए कोई जगह नहीं है।"

मोदी के खिलाफ अमेरिकी कोर्ट का समन- 21 दिन में जवाब दें, वरना खिलाफ सुना देंगे फैसला


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फोटो: 25 सितंबर को न्‍यूयॉर्क की अदालत से मोदी को जारी समन की कॉपी। 
 
वॉशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस दिन भारत से अमेरिका रवाना हुए, उसी दिन न्‍यूयॉर्क की एक अदालत ने उन‍के खिलाफ समन जारी किया। 2002 के गुजरात दंगा मामले में बतौर मुख्‍यमंत्री मोदी की भूमिका को लेकर दायर एक केस में न्‍यूयॉर्क की अदालत ने यह समन जारी किया है। प्रधानमंत्री को 21 दिनों के भीतर जवाब देना होगा। अगर तय वक्‍त के भीतर जवाब नहीं दिया गया तो उनके खिलाफ 'डिफॉल्‍ट जजमेंट' सुनाने की बात समन में कही गई है (ऊपर देखें समन की कॉपी)।

 
मोदी के खिलाफ याचिका
न्‍यूयॉर्क के सदर्न डिस्ट्रिक्ट की संघीय अदालत ने मानवाधिकार संगठन अमेरिकन जस्टिस सेंटर (एजेसी) की याचिका पर मोदी के खिलाफ समन जारी किया है। 28 पन्‍नों की इस याचिका में मोदी पर मानवता के खिलाफ अपराध, हत्‍याएं, टॉर्चर और दंगा पीड़ितों पर मानसिक और शारीरिक यंत्रणा पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। संगठन ने नरेंद्र मोदी पर कार्रवाई करने के साथ-साथ दंगा पीड़ि‍तों को मुआवजा दिए जाने की भी मांग की है।
 
जवाब नहीं देने पर हो सकती है कार्रवाई
मोदी के खिलाफ जो समन जारी किया गया है, उसमें कहा गया है कि 21 दिनों के भीतर जवाब दाखिल नहीं करने की सूरत में 'डिफॉल्‍ट जजमेंट' का इस्‍तेमाल किया जाएगा। गौरतलब है कि इस तरह के जजमेंट का प्रयोग तब होता है, जब किसी मामले में कोई एक पार्टी तय वक्‍त के भीतर जवाब नहीं दे पाती है। ज्‍यादातर मामलों में जब प्रतिवादी समन का जवाब देने में नाकाम रहता है तो फैसला वादी के पक्ष में जाता है।

वडोदराः सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक तस्वीरों को लेकर दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प

फोटोः उग्र लोगों ने शहर में जमकर पत्थरबाजी की। कई वाहनों और दुकानों को भी नुकसान पहुंचाया गया।  

वडोदरा. गुजरात के वडोदरा में दो समुदायों के बीच हुए हिंसक टकराव के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया है। शहर में रिजर्व पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स समेत भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। गुरुवार को बाइक भिड़ जाने की घटना को लेकर दो समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। इसके बाद सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर वायरल हो रही एक सुमदाय विशेष को आहत करने वाली तस्वीरों ने घटना को सांप्रदायिक रंग दे दिया। एक गुट के लोगों ने सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों को पोस्ट करने के आरोपी संजय रावजी के घर पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। 
 
दोपहर बाद कुछ युवकों की लहरीपुरा दरवाजे इलाके में एक वकील से बहस के बाद मामला फिर गरमा गया। इसके बाद उग्र भीड़ ने एक-दूसरे समुदाय के घरों पर पत्थरबाजी की और कई वाहनों और दुकानों को आग लगा दी। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। फायर फाइटर ने मौके पर पहुंच आग पर काबू पाया।
  
वडोदरा के पुलिस कमिश्नर ई राधाकृष्णन का कहना है, "घटना के कारणों का अब तक पता नहीं चल सका है। लेकिन बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रही कुछ आपत्तिजनक तस्वीरों को लेकर ऐसा हुआ।"

महाराष्ट्र के सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने इस्तीफा दिया, उद्धव ने राज को फोन किया


फाइल फोटो: पृथ्वीराज चव्हाण। 
नई दिल्ली. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। महाराष्ट्र के राज्यपाल की तरफ इस्तीफा मिलने की पुष्टि कर दी गई है। गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल ने कानूनी राय मांगी है। इस बीच, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे को फोन किया है। बताया जा रहा है कि राज ठाकरे बीमार हैं और उद्धव ने राज से उनका हालचाल पूछा। इस खबर के सामने आने के बाद शिवसेना और एमएनएस के बीच गठबंधन की सुगबुगाहट तेज होने लगी है।  
 
चव्हाण 11 नवंबर, 2010 से मुख्यमंत्री के पद पर थे। कांग्रेस की अगुआई वाली सरकार से एनसीपी के समर्थन वापस लेने से सरकार अल्पमत में आ गई थी। गुरुवार को ही एनसीपी नेता अजित पवार ने कांग्रेस से गठबंधन तोड़ने का एलान किया था। महाराष्ट्र में 15 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के तहत वोट डाले जाएंगे। 19 अक्टूबर को नतीजा आ जाएगा। 
 
एनसीपी के समर्थन वापस लेने के बाद कांग्रेस का रुख 
एनसीपी से गठबंधन टूटने के बाद कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि 174 सीटों पर हमारी तैयारी पूरी हो गई है और बाकी की सीटों पर अपने उम्मीदवारों का एलान जल्द किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक एनसीपी ने कांग्रेस से आधी आधी 144 सीटें मांगी थी, लेकिन कांग्रेस को एनसीपी का यह प्रस्ताव मंजूर नहीं था। कांग्रेस ने सपा को 8 सीटें देने का फैसला किया है।
 
महाराष्ट्र विधानसभा की मौजूदा स्थिति  
कांग्रेस 82
एनसीपी 62
बीजेपी 46
शिवसेना 44
अन्य पार्टियां 54
विधानसभा सीटें 288

क़ुरआन का सन्देश

 
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