फाइल फोटो: इराक की मानवाधिकार कार्यकर्ता समीरा सालिह अल-नुऐमी।
बगदाद। आईएसआईएस के आतंकवादियों ने फेसबुक पर अपनी आलोचना करने वाली इराक
की एक महिला मानवाधिकार कार्यकर्ता को सरेआम मौत के घाट उतार दिया। समीरा
सालिह अल-नुऐमी की हत्या करने से पहले करीब एक हफ्ते तक उनको यातना दी गई।
बताया जा रहा है कि आतंकवादियों ने अल-नुऐमी की हत्या के बाद उनके फेसबुक
पेज को भी डिलीट कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादियों के इस कदम
की कड़ी आलोचना की है।
पति-बच्चों के सामने घर से उठाया
अल-नुऐमी इराक के शहर मोसुल की निवासी थीं और वह फेसबुक पर आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चला रही थीं। आतंकवादियों ने इराकी शहरों पर कब्जे के बाद जिस तरह धार्मिक स्थलों को तबाह कर दिया था, अल-नुऐमी ने उसके विरोध में फेसबुक पर टिप्पणी की थी और आईएसआईएस को कट्टर बताया था। इसके बाद 17 सितंबर को उन्हें घर से अगवा कर लिया गया। उस वक्त उनके पति और बच्चे भी वहीं थे।
अल-नुऐमी इराक के शहर मोसुल की निवासी थीं और वह फेसबुक पर आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चला रही थीं। आतंकवादियों ने इराकी शहरों पर कब्जे के बाद जिस तरह धार्मिक स्थलों को तबाह कर दिया था, अल-नुऐमी ने उसके विरोध में फेसबुक पर टिप्पणी की थी और आईएसआईएस को कट्टर बताया था। इसके बाद 17 सितंबर को उन्हें घर से अगवा कर लिया गया। उस वक्त उनके पति और बच्चे भी वहीं थे।
शरिया कोर्ट ने सुनाया मौत का फरमान
अगवा करने के बाद उन्हें एक गुप्त जगह पर ले जाया गया, जहां पांच
दिनों तक उन्हें काफी यातना दी गई। इसके कुछ दिनों बाद अल-नुऐमी को शरिया
कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें सार्वजनिक तौर पर मौत की सजा का
फरमान सुनाया गया। अल-नुऐमी की हत्या 22 सितंबर को की गई, लेकिन मामले की
जानकारी 25 सितंबर को तब सामने आई, जब अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने आतंकियों
के खिलाफ बमबारी की।
यूएन ने की निंदा
अल-नुऐमी की मौत के बाद उनके फेसबुक पेज को डिलीट कर दिया गया है। संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, "एक महिला मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील की हत्या कर आईएसआईएस ने एक बार फिर अपने नापाक इरादे का परिचय दिया है। एक सभ्य समाज में ऐसे आतंकवादियों के लिए कोई जगह नहीं है।"
अल-नुऐमी की मौत के बाद उनके फेसबुक पेज को डिलीट कर दिया गया है। संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, "एक महिला मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील की हत्या कर आईएसआईएस ने एक बार फिर अपने नापाक इरादे का परिचय दिया है। एक सभ्य समाज में ऐसे आतंकवादियों के लिए कोई जगह नहीं है।"