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27 सितंबर 2014

पार्षद पर हमले के बाद बजरंग दल के नेता की हत्या, रतलाम में लगा कर्फ्यू

फोटो: घायल यास्मीन शेरानी को ले जाते कांग्रेसी नेता। 
 
रतलाम/इंदौर. पार्षद यास्मीन शेरानी पर जानलेवा हमले और बजरंग दल के जिला सहसंयोजक कपिल राठौर की हत्या के बाद शनिवार को शहर में बेमियादी कर्फ्यू लगा दिया गया। हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई और दो घायल हैं। आईजी वी. मधुकुमार, कमिश्नर रवींद्र कुमार पस्तौर कैंप कर रहे हैं। शहर में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। कर्फ्यू के कारण कालिकामाता मेले में होने वाले कार्यक्रम निरस्त कर दिए हैं।
 
शहर में हिंसा की शुरुआत शनिवार को दोपहर 12.45 बजे हुई जब नगर निगम कार्यालय परिसर में पार्षद यास्मीन शेरानी को गोली मार दी गई। अज्ञात नकाबपोश ने शेरानी पर गोली दागी। उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया। यहां हालत गंभीर होने पर उन्हें इंदौर रेफर कर दिया गया। घटना से शेरानी समर्थक आक्रोशित हो गए। उन्होंने हंगामा कर दिया। बड़ी तादाद में समर्थक दुकानें बंद कराने निकल पड़े। बलपूर्वक दुकानें बंद करवाईं और सामने जो आया उसे पीटते गए।
 
उत्पातियों का एक समूह दोपहर करीब 2.20 बजे महू रोड बस स्टैंड पहुंचा और यहां विहिप नेता कपिल राठौर की दुकान बंद करा दीं। इसी बीच मुंह पर कपड़ा डालकर आए करीब 5 लोगों  ने कपिल पिता शांतिलाल राठौर (33) और उनके भाई विक्रम (30) व नौकर पुखराज (35) पर  देसी कट्टे से गोलियां दाग दीं। कपिल व पुखराज की जिला अस्पताल में मौत हो गई। जबकि विक्रम को इंदौर रेफर कर दिया है। राठौर की मौत की खबर जब हिंदूवादी संगठनों तक पहुंचा तो वे आक्रोशित हो गए और हंगामा मच गया। पाकीजा शोरूम में तोड़फोड़ कर दी गई। हालांकि दोपहर 3 बजे अनियंत्रित होने पर प्रभारी कलेक्टर व एडीएम अर्जुन सिंह डाबर ने शहर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया। कपिल और पुखराज के शवों का पोस्टमार्टम व अंतिम संस्कार रविवार को होगा।
 
हमले की वजह अज्ञात : पार्षद यास्मीन शेरानी व हिंदूवादी नेता कपिल राठौर पर हमले की वजह पता नहीं चली है। पुलिस इसे जमीन की खरीद फरोख्त, लेन-देन को वजह मानकर चल रही है। फिलहाल पुलिस का ध्यान कानून व्यवस्था बनाए रखने पर है। शहर में पुलिस बल तैनात किया गया है।
 
एसपी, डीआईजी नए, कलेक्टर छुट्टी पर : शहर में तनाव रोकने में देरी का कारण प्रशासनिक अधिकारियों की ढिलाई भी रहा। एसपी, डीआईजी शहर के लिए नए हैं। कलेक्टर डॉ. संजय गोयल छुट्टी पर हैं। प्रभार जिला पंचायत सीईअो अर्जुन सिंह डावर के पास है। शहर करीब दो घंटे तक अराजक तत्वों के हवाले रहा और वह कठोर फैसला नहीं ले सके।

2002 गुजरात दंगा: AJC का एलान- अमेरिका में मोदी को समन सौंपने वाले को देंगे 6 लाख रुपए

फोटो: अमेरिकन जस्टिस सेंटर के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्‍नून।
 
न्यूयॉर्क। 2002 के गुजरात दंगा मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ याचिका दाखिल कर कोर्ट द्वारा समन जारी करवाने वाले मानवाधिकार संगठन अमेरिकन जस्टिस सेंटर (एजेसी) ने कहा है कि जो भी शख्‍स मोदी को यह समन सौंपेगा, उसे 10 हजार डॉलर (करीब 6 लाख रुपए) का इनाम दिया जाएगा। हालांकि, संगठन ने शर्त रखी है कि बतौर सबूत उस शख्‍स को समन सौंपने के दौरान का वीडियो भी पेश करना होगा। उधर, अमेरिका मोदी के बचाव में उतर आया है और उसने कहा है कि राजनयिक छूट हासिल होने की वजह से मोदी के खिलाफ किसी भी अमेरिकी कोर्ट में मामला नहीं चलाया जा सकता है। 
 
मोदी को समन सौंपने पर इनाम
गुजरात दंगा मामले में बतौर मुख्‍यमंत्री मोदी की भूमिका पर एजेसी द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद न्‍यूयॉर्क के सदर्न डिस्ट्रिक्ट की संघीय अदालत ने समन जारी किया था। इसमें 21 दिनों के भीतर जवाब देने की बात कही गई थी। कोर्ट का यह फैसला मोदी के अमेरिका पहुंचने से ठीक पहले आया था। एजेंसी ने अब एक बयान जारी कर समन सौंपने वाले शख्‍स को इनाम देने की बात कही है। एजेंसी के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्‍नून ने कहा, "संगठन अगले दो दिनों में शहर में मोदी के विभिन्न सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान उन तक अदालत का समन पहुंचाने वाले शख्‍स को 10 हजार डॉलर का इनाम देने की पेशकश करता है। इनाम उसी को दिया जाएगा जो बतौर सबूत समन सौंपने की तस्वीर और वीडियो ला कर देगा।"
 
बताया जा रहा है कि एजेंसी ने इस काम के लिए कुछ लोगों को भाड़े पर भी नियुक्त किया है। संगठन का कहना है कि जो कुछ भी किया जा रहा है, वह न्‍यूयॉर्क के कानून के अनुसार किया जा रहा है और इसके मुताबिक, समन सौंपने का काम कम से कम 10 फुट की दूरी से भी किया जा सकता है और संबद्ध व्यक्ति पर दस्तावेज फेंके भी जा सकते हैं।
 
अमेरिका ने किया बचाव
ओबामा प्रशासन ने मोदी के खिलाफ समन जारी किए जाने पर एतराज जताया है। अमेरिकी सरकार की तरफ से कहा गया कि बतौर एक राष्ट्राध्यक्ष, अमेरिकी यात्रा के दौरान मोदी को कानूनी कार्यवाहियों से छूट हासिल है और न तो उन्‍हें कोई समन सौंपा जा सकता है और न ही किसी अदालत में उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है। एक सीनियर अधिकारी ने कहा, "मैं विशेष तौर पर इस समन के खिलाफ कुछ नहीं कह सकता, लेकिन सामान्‍य कानूनी सिद्धांतों के मुताबिक, अमेरिकी अदालतों में मुकदमों से राष्‍ट्राध्‍यक्षों को पूरी छूट प्राप्‍त है।"

नेता ने बदला लेने के लिए पुलिसवालों से कराया दो सगे भाइयों का एनकाउंटर

(एनकाउंटर में मारे गए हरिंदर और जतिंदर।)
 
लुधियाना। पिछले महीने हुए एक झगड़े का बदला अकाली सरपंच के पति ने पुलिस की मदद से लिया। एनकाउंटर कराकर। पहले उसने केस दर्ज कराया और फिर पुलिस टीम को साथ लेकर दो सगे भाइयों हरिंदर (25) और जतिंदर (23) को मरवा डाला। पुलिस जब ये हत्याएं कर रही थी तो सरपंच का पति भी साथ था। दोनों भाई जमालपुर की आहलूवालिया कॉलोनी की एक कोठी में छिपे थे। दोनों ही कॉलेज स्टूडेंट थे।
 
सुबह 9.30 बजे खन्ना जिले के माछीवाड़ा थाने की पुलिस ने कोठी नंबर-177ए में रेड की और ताबड़तोड़ फायरिंग कर दोनों युवकों मार डाला। गोलियां सिर में मारी गईं। पहले अफसर एनकाउंटर बताते रहे, लेकिन देर शाम डीआईजी जीएस ढिल्लों ने इसे हत्या का मामला बताया। टीम में शामिल हेड कॉन्स्टेबल यादिवंदर, दो होमगार्ड और सरपंच राजविंदर कौर के पति गुरजीत के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है। चारों को अरेस्ट भी कर लिया गया है। माछीवाड़ा के एसएचओ मनजिंदर को सस्पेंड कर दिया गया है।
 
21 अगस्त को हुआ था झगड़ा
 
21 अगस्त को भौपुर में दंगल के दौरान दो गुटों में झगड़ा हुआ था। इस मामले में पुलिस ने दोनों भाइयों के खिलाफ केस दर्ज कर रखा है। गिरफ्तारी से बचने के लिए वे लुधियाना में छिपे थे। शिकायत करने वाले गुट में वहां की सरपंच का पति गुरजीत था। जमालपुर पुलिस थाने में बयान दर्ज कराने आए मरने वाले युवकों के पिता सतपाल सिंह ने कहा कि पुलिस ही दोनों लड़कों को जान से मारने की धमकी दे रही थी।
 
कुल 6 दो मारे-दो पकड़े-दो भागे
 
आहलूवालिया कॉलोनी की कोठी से गोलीबारी के दौरान भागने की कोशिश कर रहे दो युवकों को पुलिस ने दबोच लिया, जबकि एक युवक भाग निकला। कोठी की मालकिन वहां मौजूद छठे युवक की कार में सवार होकर फरार हो गई।

प्रेमी ने महिला व उसके 10 साल के बेटे को जिंदा जलाया

मृतका सीमा की बेटी प्रीति घर में जले सामान को देखकर रोती हुई।
 
पानीपत. शहर के सनौली रोड स्थित कश्यप कॉलोनी में एक कथित प्रेमी ने 27 साल की महिला और उसके 10 साल के बेटे को जलाकर मार डाला। आरोपी पप्पू (32 साल) ने दोनों को पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। फिर उसने खुद भी आत्मदाह की कोशिश की। आग की चपेट में घर भी आ गया और सामान जल गए। 

महिला की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, बच्चे ने पीजीआई के रास्ते में दम तोड़ दिया। प्रेमी को भी पीजीआई, रोहतक रेफर किया गया है। वारदात शनिवार दोपहर बाद 2 बजे की है। कश्यप कॉलोनी में धर्मवीर पत्नी सीमा सिंह, 12 वर्षीय बेटी प्रीति और बेटा विशाल उर्फ बीरू के साथ रहता था। वारदात के समय धर्मवीर सिंह फैक्टरी में था। 
 
हरिद्वार जाने से मना किया तो तेल छिड़क लगाई आग
धधकती आग के बीच मां और भाई की मौत के मंजर को 12 वर्षीय प्रीति ने अपनी आंखों से देखा। अकसर उनके घर आने वाले 32 वर्षीय ट्रक चालक पप्पू ने उसकी मां सीमा से हरिद्वार चलने की जिद की। उसके हाथ में तेल से भरी कैन थी। सीमा ने जाने इनकार किया तो कहासुनी बढ़ी और पप्पू ने उसकी मां, भाई और खुद पर तेल छिड़कर घर में आग लगा दी। प्रीति मुश्किल से खुद को बचाकर बाहर भागी और शोर मचाया। 

पड़ोसियों ने आग से सभी को बाहर तो निकाला, लेकिन महिला सीमा की मौके पर, 10 वर्षीय बच्चे विशाल की पीजीआई ले जाते समय मौत हो गई। आरोपी पप्पू भी गंभीर हालत में पीजीआई रेफर किया है। 

इकट्ठे बैठकर खाया खाना
सानौली रोड पर कश्यप कॉलोनी में रहने वाला धर्मवीर धागा फैक्टरी में नौकरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था। पत्नी सीमा घर पर ही रहती थी। छोटा बेटा 10 वर्षीय विशाल उर्फ बीरू और बड़ी बेटी 12 वर्षीय प्रीति कॉलोनी के नजदीक लगते एक स्कूल में पढ़ती थी। विशाल यूकेजी में था और प्रीति पहली कक्षा में है। शनिवार को स्कूल में पेरेंट्स मीटिंग थी।
 
सीमा दोनोंं बच्चों के स्कूल में गई थी। स्कूल से आते ही दोनों बच्चे कॉलोनी में ही ट्यूशन पढ़ने जाते थे। शनिवार को वे ट्यूशन पढ़ने गए तो मेडम ने किसी कारण से चार बजे आने बात कही। बच्चे वापस घर आ गए। दोपहर को डेढ़ बजे के करीब धर्मवीर फैक्टरी से खाना खाने घर पर आया। बच्चों ने अपने पापा के साथ खाना खाया। धर्मवीर खाना खाने के बाद वापस फैक्टरी चला गया। धर्मवीर को एहसास नहीं था कि बीवी और बच्चे के साथ उसका आखिरी खाना होगा। 
 
आरोपी अपने साथ ही लाया था तेल से भरी कैन
लड़की प्रीति ने बताया कि खाना-खाने के बाद वह अपने भाई के साथ घर पर खेल रही थी। उसकी मां बेड पर लेटी थी। ढाई बजे के करीब ट्रक चालक पप्पू उनके घर आया। उसने प्रीति की मां सीमा को उसके साथ हरिद्वार चलने की जिद की। इस पर दोनों की कहासुनी हुई। इस पर गुस्से में भरे पप्पू ने घर में उसकी मां सीमा, भाई विशाल और खुद पर तेल छिड़क लिया। घबराई प्रीति घर से बाहर भाग आई और शोर मचा दिया। तब तक पप्पू ने सबको आग के हवाले कर दिया।
 
महिला ने बाथरूम की तरफ भागकर आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाई। आग लगते ही पप्पू भी बाहर की तरफ भागा। मौके पर लोग जमा हो गए। पास में रहने वाले धर्मवीर के भतीजे धारासिंह ने आग के बीच से विशाल को बाहर निकाला। तब तक वह बुरी तरह झुलस चुका था। इसके बाद महिला को बाहर निकाला, लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। पप्पू और बच्चे विशाल को प्रेम अस्पताल में दाखिल किया गया। दोनों को बाद में पीजीआई रेफर कर दिया। विशाल की भी रास्ते में मौत हो गई।

क़ुरआन का सन्देश

 
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