फोटो: घायल यास्मीन शेरानी को ले जाते कांग्रेसी नेता।
रतलाम/इंदौर. पार्षद यास्मीन शेरानी पर जानलेवा हमले और बजरंग
दल के जिला सहसंयोजक कपिल राठौर की हत्या के बाद शनिवार को शहर में
बेमियादी कर्फ्यू लगा दिया गया। हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई और दो
घायल हैं। आईजी वी. मधुकुमार, कमिश्नर रवींद्र कुमार पस्तौर कैंप कर रहे
हैं। शहर में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। कर्फ्यू के कारण
कालिकामाता मेले में होने वाले कार्यक्रम निरस्त कर दिए हैं।
शहर में हिंसा की शुरुआत शनिवार को दोपहर 12.45 बजे हुई जब नगर निगम
कार्यालय परिसर में पार्षद यास्मीन शेरानी को गोली मार दी गई। अज्ञात
नकाबपोश ने शेरानी पर गोली दागी। उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया। यहां
हालत गंभीर होने पर उन्हें इंदौर रेफर कर दिया गया। घटना से शेरानी समर्थक
आक्रोशित हो गए। उन्होंने हंगामा कर दिया। बड़ी तादाद में समर्थक दुकानें
बंद कराने निकल पड़े। बलपूर्वक दुकानें बंद करवाईं और सामने जो आया उसे
पीटते गए।
उत्पातियों का एक समूह दोपहर करीब 2.20 बजे महू रोड बस स्टैंड पहुंचा
और यहां विहिप नेता कपिल राठौर की दुकान बंद करा दीं। इसी बीच मुंह पर कपड़ा
डालकर आए करीब 5 लोगों ने कपिल पिता शांतिलाल राठौर (33) और उनके भाई
विक्रम (30) व नौकर पुखराज (35) पर देसी कट्टे से गोलियां दाग दीं। कपिल व
पुखराज की जिला अस्पताल में मौत हो गई। जबकि विक्रम को इंदौर रेफर कर दिया
है। राठौर की मौत की खबर जब हिंदूवादी संगठनों तक पहुंचा तो वे आक्रोशित
हो गए और हंगामा मच गया। पाकीजा शोरूम में तोड़फोड़ कर दी गई। हालांकि
दोपहर 3 बजे अनियंत्रित होने पर प्रभारी कलेक्टर व एडीएम अर्जुन सिंह डाबर
ने शहर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया। कपिल और पुखराज के शवों का
पोस्टमार्टम व अंतिम संस्कार रविवार को होगा।
हमले की वजह अज्ञात : पार्षद यास्मीन शेरानी व हिंदूवादी नेता
कपिल राठौर पर हमले की वजह पता नहीं चली है। पुलिस इसे जमीन की खरीद
फरोख्त, लेन-देन को वजह मानकर चल रही है। फिलहाल पुलिस का ध्यान कानून
व्यवस्था बनाए रखने पर है। शहर में पुलिस बल तैनात किया गया है।
एसपी, डीआईजी नए, कलेक्टर छुट्टी पर : शहर में तनाव रोकने में
देरी का कारण प्रशासनिक अधिकारियों की ढिलाई भी रहा। एसपी, डीआईजी शहर के
लिए नए हैं। कलेक्टर डॉ. संजय गोयल छुट्टी पर हैं। प्रभार जिला पंचायत
सीईअो अर्जुन सिंह डावर के पास है। शहर करीब दो घंटे तक अराजक तत्वों के
हवाले रहा और वह कठोर फैसला नहीं ले सके।