दोस्तों लोकतंत्र का गला घोंटना ,,,,,स्वतंत्र पत्रकारिता को पीट पीट कर
अपने पक्ष में करवाना ,,,जो बिक जाए वोह अपना ,,जो नहीं बिके उसे पीटो
,,डराओ ,,धमकाओ और अपने पक्ष में कर लो ,,यह सिफत मोदी भक्तों में केवल
भारत में ही नहीं ,,,अमेरिका में बैठे गुजरात के अमेरिकन गुजरती बाहुबलियों
में भी है ,,जो अपने आक़ा के खिलाफ सच छपना ,,सच दिखाना ,,सच लिखना
बर्दाश्त नहीं कर सकते ,,,,,सोशल मिडिया पर भी यही हाल है ,,,लेकिन नरेंद्र
मोदी खुद इस गुंडा गर्दी से तंग आ गए है वोह शायद जल्दी ही ऐसे लोगों
से अब किनारा कर लेंगे ,,क्योंकि नरेंद्र मोदी खुदी को बुलंद करते है वोह
किसी की आलोचना ,,समालोचना से नहीं डरते ,,लेकिन जो लोग नरेंद्र मोदी की
ख्याति ,,नामवरी से डर गए है उन्ही की पार्टी के लोग आस्तीन के सांप बन कर
नरेंद्र मोदी को बदनाम करने के लिए उनके प्रशंसकों के नाम पर उनके
दुश्मनो की फौज खड़ी हो गयी है और उनमे भारत में योगी आदित्यनाथ ,,,,
साक्षी महाराज जैसे लोग है ,,,,,,,,,,,,,,तो विदेशों में भी एजेंट है
,,,,महाराष्ट्र का गठबंधन एक योजना के तहत नरेंदर मोदी को निपटाने के लिए
तोडा गया है लेकिन नरेंद्र मोदी के आने के बाद महाराष्ट्र में जब चमत्कार
होगा तब मोदी की आस्तीन में उन्हें ढस्ने के लिए मचल रहे ज़हरीले सांप
मोदी की बीन पर मदमस्त होकर नाचने लगेंगे ,,,,,,,,अख्तर
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
29 सितंबर 2014
लिख कर
कही लिख कर
किसी कागज़ पर
मेहफुज़ रख लो हमे
शायद
तुम्हारी यादो से
निकलते जा रहे हैं हम..
किसी कागज़ पर
मेहफुज़ रख लो हमे
शायद
तुम्हारी यादो से
निकलते जा रहे हैं हम..
नरेंद्र मोदी तो देश के सभी कथित गांधी समर्थकों से भी ज़्यादा गांधी भक्त निकले
नरेंदर भाई मोदी जिसे महात्मा गांधी का हत्यारों का समर्थक समझ कर कुछ
कोंग्रेसी आरोपित कर रिजेक्ट करने का दुष्प्रचार करते थे ,, नरेंद्र मोदी
तो देश के सभी कथित गांधी समर्थकों से भी ज़्यादा गांधी भक्त निकले
,,,,शुरूआती दौर में चुनाव के वक़्त ,,,नरेंद्र मोदी गुजरात में गांधी आश्रम
गए ,,,समाधि स्थल पर गए ,,शहीद स्मारक पर गए ,,,गांधीवादी तरीके से उपवास
रखा ,,,सभी छदम कोंग्रेसियों ने और खुद मेने भी नरेंद्र मोदी की इन हरकतों
को सिर्फ ड्रामा क़रार दिया ,,खेर नाथू राम गोडसे के समर्थक के रूप
में प्रचारित किये जाने क बाद भी अपने लक्ष्य को अर्जित करने का हुनर रखने
वाले नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बन गए ,,प्रधानमंत्री बनने के बाद
भी वोह गांधी और विचारधारा को नहीं भूले ,,,,चीन के राष्टपति आये
,,,,,,,,शहीद स्मारक ,, गांधी आश्रम उन्हें दिखाया गया ,,,ऐसा लगता नहीं अब
तो विश्वास हो गया है के नरेंदर मोदी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से पूरी
तरह प्रभावित है और शायद देश में वोह ऐसे पहले प्रधानमंत्री है जिन्होंने
सही मायने में गांधी की विचारधारा देश में ही नहीं विश्व में प्रचारित करने
का प्रयास क्या है ,,,गांधी जयंती पर समाज कल्याण विभाग सप्ताह बनाता है
सिर्फ दिखावा होता है लेकिन नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी की जयंती को
क्लीन इणिडया से जोड़ कर खुद को देश का ही नहीं विश्व का सबसे बढ़ा गांधी
भक्त साबित कर दिया है ,,भारत की कोई बात नहीं लेकिन अमेरिका ,,चीन ,,नेपाल
सभी जगह महात्मा गांधी के विचारो की प्रेरणा का बखान यूँ ही दिखावा नहीं
,,दिल से दिल की बात है और अगर नरेदंर मोदी की गांधी भक्ति का यही हाल रहा
तो इनकी ही पार्टी में इनके ही लोगों में से कई गोडसे इनके खिलाफ पैदा हो
जाएंगे लेकिन अब गांधी मरेगा नहीं ,,गांधी ऐसे लोगों की आत्मा की गंदगी
मारेगा उन्हें क्लीन इण्डिया में शामिल कर देश की मुख्यविचारधारा में शामिल
करेगा अपने घर में तुम रहो हिन्दू या फिर रहो मुसलमान लेकिन घर से जब
निकलो तो सिर्फ और सिर्फ भारतीय ,,हिन्दुस्तानी बनकर रहो यह संदेश इस गांधी
ने देना शुरू कर दिया है ,,और यक़ीनन नरेंद्र मोदी की गांधीवादी विचारधारा
,,,गांधी प्रेम उन्हें ,,उनकी नीतियों को विश्वभर में बुलंद कर देगा और
भारत को विश्व में आकाश करके दिखा देगा ,,देश उनके साथ है ,,,,,अख्तर खान
अकेला कोटा राजस्थान
जिंदगी सुंदर
जिंदगी सुंदर है पर मुझे...
जीना नहीं आता,
हर चीज में नशा है पर मुझे..
पीना नहीं आता,
सब मेरे बिना जी सकते हैं,
र्सिफ मुझे आपके बिना....
जीना नहीं आता....!
जीना नहीं आता,
हर चीज में नशा है पर मुझे..
पीना नहीं आता,
सब मेरे बिना जी सकते हैं,
र्सिफ मुझे आपके बिना....
जीना नहीं आता....!
एक अकेले पत्रकार को
एक अकेले पत्रकार को सैकड़ों लोगों द्वारा घेर कर सिर्फ और सिर्फ उसकी
लोकतांत्रिक आवाज़ घोटने के लिए पीटा जाता है ,,कहावत याद आती है अपनी गली
में तो कुत्ता भी शेर होता है ,,लेकिन वोह शेर होने का भान तो करता है
लेकिन रहता कुत्ता का कुत्ता है ,,,,,यह पत्रकार जी भी बहुत गुलामी करते थे
जिनकी गुलामी की उन्ही के सामने उनके ही कार्यक्रम में उनके ही लोगों ने
पीटा वैसे अमेरिकन अदालत में इन्हे मुक़दमा दर्ज कराना चाहिए वरना भारत में
इन के खिलाफ ऍन आर आई होने के कारण मुक़दमा चलाया जा सकता है
जब एक अदालत की फटकार लगेगी तो हवा निकल जाएगी इन सभी जांबाजों की
,,,,,,,,,,भारत के दूसरे पत्रकार तो गुलाम है ही सही उनकी क्या मजाल जो
पत्रकारिता के हित और स्वतंत्रता पर कुठाराघात करने वालों के खिलाफ कोई एक
जुट होकर आवाज़ उठाए ,,,कहाँ है दिल्ली प्रेस क्लब ,,कहाँ है पत्रकारों की
आवाज़ की सुरक्षा की बात करने वाले संगठन सभी मालिकों की जेब में है और
मालिक किसकी जेब में है सारा देश और देश का बच्चा बच्चा जानता है ,,,,,,
दस साल ही रही ORKUT की जिंदगी, FACEBOOK TWITTER पर 'श्रद्धांजलि'
नई दिल्ली: गूगल
की सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ऑर्कुट 30 सितंबर से बंद हो जाएगी। हालांकि,
पुराने यूजर्स सितंबर 2016 तक अपने प्रोफाइल डेटा, पोस्ट और तस्वीरों का
बैकअप बना सकेंगे, लेकिन अब नया अकाउंट बनाना मुमकिन नहीं होगा। दस साल
पहले शुरू हुए ऑर्कुट के बंद होने की तयशुदा तारीख से एक दिन पहले सोमवार
को लोगों ने फेसबुक और टि्वटर पर इसे विदाई दी। कुछ ने इसके साथ जुड़ी पुरानी यादों को साझा किया तो कुछ ने मजाकिया अंदाज में इस साइट को अलविदा कहा।
क्या रही वजह
बता दें कि फेसबुक और टि्वटर से पहले यह साइट भारतीय यूजर्स के बीच काफी मशहूर हुआ करती थी। गूगल ने इस सर्विस को बंद करने के पीछे यूट्यूब, ब्लॉगर और गूगल प्लस को जिम्मेदार बताया था। कंपनी का कहना था कि उसके अन्य प्लेटफॉर्म्स के लोकप्रिय होने से ऑर्कुट चलन के बाहर हो गया।
बता दें कि फेसबुक और टि्वटर से पहले यह साइट भारतीय यूजर्स के बीच काफी मशहूर हुआ करती थी। गूगल ने इस सर्विस को बंद करने के पीछे यूट्यूब, ब्लॉगर और गूगल प्लस को जिम्मेदार बताया था। कंपनी का कहना था कि उसके अन्य प्लेटफॉर्म्स के लोकप्रिय होने से ऑर्कुट चलन के बाहर हो गया।
फेसबुक की मौत की भी हो चुकी है भविष्यवाणी
वर्तमान जनरेशन के बीच सबसे लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट के तौर पर उभरे फेसबुक के मौत की भी भविष्यवाणी कर दी गई है। प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने कहा है कि 2017 तक इसके अधिकतर यूजर्स साइट को छोड़ देंगे। रिसर्चरों के मुताबिक, यूजर्स के साइट के उब जाने की वजह से ऐसा होगा। बता दें कि अक्टूबर महीने में फेसबुक के करीब 1.2 अरब एक्टिव यूजर थे।
वर्तमान जनरेशन के बीच सबसे लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट के तौर पर उभरे फेसबुक के मौत की भी भविष्यवाणी कर दी गई है। प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने कहा है कि 2017 तक इसके अधिकतर यूजर्स साइट को छोड़ देंगे। रिसर्चरों के मुताबिक, यूजर्स के साइट के उब जाने की वजह से ऐसा होगा। बता दें कि अक्टूबर महीने में फेसबुक के करीब 1.2 अरब एक्टिव यूजर थे।
मोदी का भाषणः गांधी का लिया गलत नाम, नर्स एक्सपोर्ट करने के एजेंडे पर भी उठे सवाल
न्यूयॉर्क. पांच दिवसीय अमेरिकी दौरे पर गए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वाशिंगटन जाएंगे। मोदी यहां अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात करेंगे। इससे पहले मोदी ने मैडिसन स्क्वेयर पर करीब 20 हजार लोगों को संबोधित किया।
लेकिन यहां दिए गए मोदी के भाषण की अब सोशल मीडिया पर आलोचना भी शुरू हो
गई है। मोदी ने भाषण में ज्यादातर पुरानी बातें ही दोहराईं, वहीं गांधी के
नाम के संबोधन में भी गलती कर बैठै। इन तीन कारणों से हो रही मोदी के भाषण की आलोचना...
1-मोहनदास करमचंद गांधी को कह गए मोहन लाल गांधी
भाषण में प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को मोहनदास
करमचंद गांधी के बजाय मोहन लाल गांधी कह गए। मोदी नाम में इस के गलती के
कारण सोशल मीडिया पर आलोचना के घेरे में आ गए। हालांकि, बीजेपी की एक महिला
नेता ने सोशल मीडिया पर मोदी का यह कहकर बचाव भी किया कि गांधी जी को कुछ
डॉक्युमेंट्स में 'मोहनलाल गांधी' भी लिखा गया है।
2- मोदी के 'नर्स एक्सपोर्ट करने' के एजेंडे की भी आलोचना
वरिष्ठ पत्रकार और मोदी की प्रशंसक रहीं मधु किश्वर ने मोदी के शिक्षक
और नर्स एक्सपोर्ट करने के एजेंडे की आलोचना की है। किश्वर ने ट्वीट किया,
"नरेंद्र मोदी का नर्स, टीचर्स एक्सपोर्ट करने का विचार अपरिपक्व है।
हमारे पास अपनी जरूरत पूरा करने के लिए भी टीचर्स और नर्स नहीं हैं।"
दरअसल, प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा, "2020 तक दुनिया में वर्कफोर्स
की जरूरत सिर्फ भारत ही सप्लाई कर पाएगा। दुनिया को गणित, विज्ञान के
शिक्षक चाहिए, नर्स चाहिए। भारत दुनिया को इनका एक्सपोर्ट कर सकता है।"
3- भाषण की ज्यादातर बातें पुरानी
- मोदी ने मैडिसन स्क्वेयर पर दिए गए भाषण
में ज्यादातर पुरानी ही बातें बोलीं। मोदी ने कहा, "हमारे पूर्वज सांपों
से खेलते थे, हम 'माउस' के साथ खेलते हैं। हमारे युवा 'माउस' को हिलाकर
दुनिया को घूमाते हैं।" लोकसभा चुनाव में दिए भाषणों में मोदी कई बार इस
जुमले को इस्तेमाल करते रहे।
- डेमोक्रेसी, डेमोग्राफिक डिविडेंड और डिमांडः मोदी ने कहा
हमारे पास डेमोक्रेसी, डेमोग्राफिक डिविडेंड और डिमांड तीनों चीजें हैं, जो
दुनिया में किसी के पास नहीं है। यही बात मोदी ने हाल ही में दिल्ली में
'मेक इन इंडिया' कैंपेन शुरू करने के दौरान कही थी।
- दुनिया को गणित औऱ विज्ञान के शिक्षक एक्सपोर्ट करने की बात
भी मोदी ने मैडिसन स्क्वेयर पर कही। मोदी अकसर युवाओं पर केंद्रित अपने
भाषणों में इस बात को शामिल करते रहे हैं।
-मोदी मैडिसन स्क्वेयर पर भी खुद को चाय बेचने वाला बताने से
नहीं चूके। मोदी ने अपने चुनावी कैंपेन में इस बात का जमकर प्रचार किया
था।
17 साल की दलित लड़की का नहाते हुए वीडियो बनाया और चार महीने तक करते रहे गैंगरेप
फाइल फोटोः महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को लेकर प्रदर्शन करते लोग।
हैदराबाद.
आंध्र प्रदेश के विजिंग्राम में 17 साल की दलित लड़की का पांच लोगों
द्वारा 4 महीने तक ब्लैकमेल कर रेप किए जाने का मामला सामने आया है। पुलिस
के मुताबिक, मामला रविवार को तब उजागर हुआ जब पीड़ित युवती की मां ने इस
मामले की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
क्या है मामला
पुलिस का कहना है 20 वर्षीय आरोपी पड़ोसी शिवाजी ने करीब चार महीने
पहले युवती की नहाते हुए वीडियो बना ली थी। आरोपी युवक पीड़िता को वीडियो
इंटरनेट और सोशल साइट पर अपलोड करने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर रहा था।
आरोपी लड़की को डराकर अपने दोस्त के कमरे पर ले गया। आरोपी शिवाजी के दो
दोस्त प्रसन्न कुमार और श्रीकांत पहले से ही कमरे पर मौजूद थे। तीनों ने
मिलकर लड़की का रेप किया। अगले कई महीनों में शिवाजी के दो और दोस्त भानू
प्रसाद और जितेंद्र ने भी लड़की का रेप किया। आरोपियों ने लड़की के साथ
दुष्कर्म की वीडियो भी बनाई।
परेशान होकर अपने ही घर से भाग गई लड़की
लगातार हो रहे इस यौन शोषण से परेशान लड़की तीन दिन पहले अपने घर से
भाग गई और रविवार को वापस आई। घर पहुंचकर उसने मां और दादी को आपबीती
सुनाई।
बोबली सब डिवीजन के डीएसपी का कहना है, "आरोपियों के खिलाफ आईपीसी,
POCSO और एससी-एसटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। सभी
आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पीड़िता
को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है।
अचानक पोस्ट ऑफिस पहुंचे मंत्री, गंदगी देख अफसरों को डांटा, सॉरी कहने पर और भड़के
फोटोः नई दिल्ली स्थित गोल डाकखाना पहुंचे केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद।
नई दिल्ली. केंद्रीय टेलिकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार
को दिल्ली के गोल डाकखाना का औचक निरीक्षण किया। केंद्र सरकार के 'स्वच्छता
अभियान' चलाए जाने के बावजूद पोस्ट ऑफिस में फैली गंदगी को देखकर मंत्री
ने डाकखाने के वरिष्ठ अधिकारियों को जमकर डांट लगाई। प्रसाद ने पोस्ट ऑफिस
के अलग-अलग कोने में रखी अलमारियां खोल कर फाइलों की खुद जांच की। खुद
दीवारों को छूकर धूल और सीलन कर्मचारियों को दिखाई।
गंदगी देखते ही प्रसाद भड़क गए। उन्होंने अधिकारियों को बुला कर
पूछा- क्या है ये? कौन देखता है यहां की सफाई का काम? आप देखते हैं? क्या
देखते हैं? प्रधानमंत्री के निर्देश के बावजूद ये हाल है?
वरिष्ठ अधिकारियों के 'सॉरी सर' बोलने पर मंत्री और भड़क गए। बोले-
'सॉरी क्या होता है?' गोल डाकखाना के हैरिटेज बिल्डिंग में होने के बावजूद
यहां सफाई की हालत बदतर मिली।
ग्राहकों से पूछा- कोई दिक्कत तो नहीं?
मंत्री जी ने डाकखाना में मौजूद आम ग्राहकों से भी बातचीत की और पूछा, "कोई दिक्कत तो नहीं?" इस पर लोगों का जवाब सकारात्मक रहा। निरीक्षण के बाद मीडिया से बात करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, "यहां सफाई व्यवस्था का जायजा लेने से लोगों को संदेश जाएगा कि मंत्री और सरकार इसे लेकर सख्त है। हम खुद भी साफ सफाई कर रहे हैं।"
मंत्री जी ने डाकखाना में मौजूद आम ग्राहकों से भी बातचीत की और पूछा, "कोई दिक्कत तो नहीं?" इस पर लोगों का जवाब सकारात्मक रहा। निरीक्षण के बाद मीडिया से बात करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, "यहां सफाई व्यवस्था का जायजा लेने से लोगों को संदेश जाएगा कि मंत्री और सरकार इसे लेकर सख्त है। हम खुद भी साफ सफाई कर रहे हैं।"
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