अजमेर. नरेंद्र मोदी सरकार के सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट
में शामिल अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने में अमेरिका ने भी मदद के लिए हाथ
आगे बढ़ाया है। प्रधानमंत्री के अमेरिकी दौरे और वहां मंगलवार को
राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात ने अजमेर को विश्व पटल पर खड़ा कर दिया
है। हमारा अजमेर स्मार्ट सिटी बनेगा तो यहां कई ऐसी सुविधाएं होंगी, जो
शायद महानगरों और विदेशों में ही सुनी या देखी गई हैं। शहर में जिसे भी
अजमेर को लेकर की गई इस घोषणा की जानकारी मिली, खुशी से झूम उठा। देर रात
तक सोशल साइट्स और मोबाइल पर बधाइयों का दौर चलता रहा।
जब दोनों मिले
ओबामा ने पूछा- केम छो मिस्टर प्राइम मिनिस्टर?
मोदी ने कहा- थैंक यू वेरी मच, मिस्टर प्रेसिडेंट
व्हाइट हाउस के अंदर
मोदी ने ओबामा को गांधीजी की लिखी गीता और मार्टिन लूथर किंग के स्पीच की क्लीपिंग भी भेंट की। सपरिवार भारत आने का न्योता दिया।
...और बाहर
मोदी प्रशंसक भारतवंशी गरबा खेल रहे थे। नारे लगा रहे थे। इसके लिए ओबामा प्रशासन ने विशेष अनुमति दी थी।
कैसे बदलेगी अजमेर की तस्वीर
हाईटेक होगा यातायात
> पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बेहतर बनाया जाएगा।
> जाम लगते ही ट्रैफिक डायवर्ट होगा।
> लोगों को घर से निकलकर 500 मीटर के फासले पर ही पब्लिक वाहन मिल सकेंगे।
> एक्सीडेंट या वाहन खराब होने पर मिलेगी कैमरों से जानकारी।
> जाम लगते ही ट्रैफिक डायवर्ट होगा।
> लोगों को घर से निकलकर 500 मीटर के फासले पर ही पब्लिक वाहन मिल सकेंगे।
> एक्सीडेंट या वाहन खराब होने पर मिलेगी कैमरों से जानकारी।
स्मार्ट अजमेर में ये होंगी सुविधाएं
> 24 घंटे सुरक्षित होगा शहर
> शहर सुरक्षित होगा। अपराधी सड़क पर आया तो बजेगा अलार्म। इमरजेंसी होने पर एक कॉल पर मिलेगी सहायता।
> फेस स्केन होते ही अपराधी का रिकार्ड मिलेगा। डेटा सेंटर बनेगा। यहीं शहर की सभी सूचनाओं को किया जाएगा इकट्ठा। अपराध, हैल्थ और अन्य सेवाओं के लिए कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे।
> मोबाइल या ऑनलाइन घर पर ही बीमारियों के लिए डॉक्टर की सलाह मिल सकेगी। ऐसा डेटाबेस भी होगा जिससे छात्रों को पता चलेगा कि उन्हें कहां नौकरी मिलेगी।
> फेस स्केन होते ही अपराधी का रिकार्ड मिलेगा। डेटा सेंटर बनेगा। यहीं शहर की सभी सूचनाओं को किया जाएगा इकट्ठा। अपराध, हैल्थ और अन्य सेवाओं के लिए कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे।
> मोबाइल या ऑनलाइन घर पर ही बीमारियों के लिए डॉक्टर की सलाह मिल सकेगी। ऐसा डेटाबेस भी होगा जिससे छात्रों को पता चलेगा कि उन्हें कहां नौकरी मिलेगी।
बिजली-पानी की मांग से जुड़ा सिस्टम बनेगा
> बिजली-पानी की सप्लाई का 100 दिनों का डाटा एकत्रित किया जाएगा। जिसके मुताबिक डिमांड तय होगी आैर सप्लाई प्लान की जाएगी।