ऐ कोंग्रेसी सोनिया जी ,,ऐ राहुल जी ,,ऐ सचिन जी ,,ऐ अशोक जी ,,ऐ वगेरा
वगेरा कोंग्रेसियों जो काम मोदी ने किया ,,यह तो आप को हर साल कई बार करना
चाहिए था लेकिन क्या आपने क्या ,,नहीं ना ,,आपके तो कांग्रेस के संविधान
में हर सदस्य के लिए बाध्यता है के वोह साल में एक हफ्ते अपने कामों से
छुट्टी लेकर कार सेवा करेगा जिसमे साफ़ सफाई ,,नालों की सफाई ,,नहरों की
सफाई ,,, पर्यावरण सुरक्षा ,, कुओं की खुदाई वगेरा वगेरा ,,,लेकिन क्या
आपने ,,आपके कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों ने ,,जिला अध्यक्षों
ने पदाधिकारियों ने ऐसा किया नहीं ना ,,उनका वक़्त तो चमचागिरी और चापलूसी
में ही गुज़रा है ,,,,अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा ,,कड़वी बात ,,छोटा मुंह बढ़ी बात
है ,,सभी सदस्यों और खुद पर कांग्रेस का जो लिखा हुआ संविधान है उसे लागू
करले और फिर से जनता के चहेते बन जाए ,,कांग्रेस से चमचे और चापलूसों का
दोहरी नीति अपनाने वालों की साफ़ सफाई कर कांग्रेस का शुद्धिकरण करे ,,वरना
मोदी तो देखो फूल कांग्रेस के संविधान की नीतियों पर चल रहे है ,,अगर नहीं
सुधरों तो फिर दोबारा सत्ता में आने का ख्वाब छोड़ दो मेरे कोंग्रेसियों
,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
03 अक्तूबर 2014
मोदी ने नहीं सोनिया ने चलाया तीर, मनमोहन और प्रसिडेंट भी रहे साथ
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दशहरे के अवसर पर अपने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह
और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ मंच साझा किया। राष्ट्रपति प्रणब
मुखर्जी और उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने मोदी, सिंह और सोनिया की
मौजूदगी में यहां सुभाष मैदान में त्योहार के जश्न का नेतृत्व किया। सभा को
हिंदी में संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि यह दिन बुराई
पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। उन्होंने अपने संक्षिप्त भाषण में कहा,
‘यह हमें कठिनाइयों का सामना करने को प्रेरित करता है। आइए, हमसब साथ मिलकर
विकास के लिए काम करें।’
‘रावण दहन’ से पहले मेघनाद, और कुंभकरण के पुतलों का दहन किया गया। गणमान्य लोगों ने इस दौरान शांति के प्रतीक कबूतरों को आकाश में छोड़ा। मंच पर पहुंचने से पहले नेताओं ने पारंपरिक ज्योतिपुंज को प्रज्ज्वलित किया। उन्हें आयोजकों ने पारंपरिक हथियार यथा तीर और कमान, त्रिशूल और गदा भेंट किया। उन लोगों ने रामलीला के आखिरी चरण का भी आनंद लिया जिसमें युद्ध के मैदान में भगवान राम रावण का वध करते हैं ।
जहां मोदी ने भगवा कुर्ता और हरे रंग का जवाहर जैकेट पहन रखा था, वहीं सिंह ने पारंपरिक सफेद कुर्ता-पायजामा पहन रखा था। मोदी ने जब भीड़ की ओर हाथ लहराया तो लोगों ने मोदी, मोदी के नारे लगाए। लोगों को अपने मोबाइल फोन से उनकी तस्वीरें लेते देखा गया। सिंह और सोनिया, मोदी से पहले आयोजन स्थल पर पहुंच गए थे। बाद में मोदी, सिंह और सोनिया ने मैदान के द्वार पर उप-राष्ट्रपति और राष्ट्रपति की अगवानी की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी वहां मौजूद थे। सुभाष मैदान के जश्न के बाद सोनिया और सिंह ‘रावण दहन’ के एक और कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए रामलीला मैदान पहुंचे। वहां कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी मौजूद थे। कांग्रेस नेता जयप्रकाश अग्रवाल रामलीला मैदान में समारोह के आयोजकों में से एक थे।
पीएम ने राम के साथ हनुमान काे भी लगाया तिलक
सुभाष मैदान में श्री धार्मिक रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित रामलीला में रावण दहन से पूर्व भगवान राम का तिलक और आरती कार्यक्रम शुरू हुआ। इस दौरान मंच पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हमीद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी मौजूद थे। सभी ने भगवान श्रीराम को तिलक लगाया। जबकि हनुमान जी भी भगवान राम और लक्ष्मण के पीछे खड़े हुए थे। जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बारी आई तो उन्होंने हनुमान जी को भी तिलक लगाकर अभिवादन किया।
सभी धर्मों के लोग मौजूद
आयोजकों द्वारा मंच पर एक चर्चा और भी थी कि वहां मौजूद नेताओं में हिंदू (राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी), मुस्लिम (उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी), सिख (पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह) और ईसाई (कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी) सभी धर्मों के नेताओं ने भगवान राम का तिलक और आरती कर अभिनंदन किया है। इससे समाज में सभी धर्मों की एकता का संदेश जाता है।
दबाव के आगे झुकीं पदक ठुकराने वाली बॉक्सर सरिता, बिना शर्त मांगी माफी
फाइल फोटो: पोडियम पर रोतीं एल सरिता देवी।
इंचियोन. भारतीय महिला मुक्केबाज एल. सरिता देवी ने इंटरनेशनल
मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) से बिना शर्त माफी मांग ली है। इसके बाद उनका
ब्रॉन्ज मेडल कायम रखा गया है। इंटरनेशनल मुक्केबाजी संघ ने इस बारे में
कहा, "प्रतिबंध की संभावना का सामना कर रही भारतीय मुक्केबाज एल सरिता देवी
ने एशियाई खेलों के पदक वितरण समारोह के दौरान पदक स्वीकार करने से इनकार करने के लिए ‘बिना शर्त माफी’ मांग ली है।''
इनका था दबाव
भारतीय महिला मुक्केबाज पर विरोध जताने के बाद से लगातार दबाव बन रहा था। भारतीय दल के लिए स्थिति तब शर्मनाक बन गई, जब सरिता द्वारा गलत फैसले के खिलाफ अपील पर इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन ने पल्ला झाड़ लिया। सरिता ने पत्रकारों व साथी खिलाड़ियों की मदद से अपील के लिए जरूरी 500 डॉलर की राशि जमा की थी। उनकी अपील को आयोजकों ने ठुकरा दिया, जिसके बाद सरिता मेडल पोडियम पर छोड़कर रोते हुए बाहर आईं। इसके बाद से लगातार भारतीय अधिकारियों और आयोजकों द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही थी।
भारतीय महिला मुक्केबाज पर विरोध जताने के बाद से लगातार दबाव बन रहा था। भारतीय दल के लिए स्थिति तब शर्मनाक बन गई, जब सरिता द्वारा गलत फैसले के खिलाफ अपील पर इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन ने पल्ला झाड़ लिया। सरिता ने पत्रकारों व साथी खिलाड़ियों की मदद से अपील के लिए जरूरी 500 डॉलर की राशि जमा की थी। उनकी अपील को आयोजकों ने ठुकरा दिया, जिसके बाद सरिता मेडल पोडियम पर छोड़कर रोते हुए बाहर आईं। इसके बाद से लगातार भारतीय अधिकारियों और आयोजकों द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही थी।
एआईबीए ने ये कहा?
एआईबीए ने बयान जारी करके कहा, "भारतीय मुक्केबाज को अपनी इस हरकत पर खेद है।" इंचियोन एशियाई खेल 2014 में भारतीय मिशन प्रमुख आदिले जे सुमारिवाला ने अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष डा. चिंग कुओ वू को 17वें एशियाई खेलों के पदक वितरण समारोह में कांस्य पदक स्वीकार करने से इनकार करने वाली महिला मुक्केबाज सरिता लैशराम देवी (57 से 60 किग्रा) का माफीनामा भेजा है।
एआईबीए ने बयान जारी करके कहा, "भारतीय मुक्केबाज को अपनी इस हरकत पर खेद है।" इंचियोन एशियाई खेल 2014 में भारतीय मिशन प्रमुख आदिले जे सुमारिवाला ने अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष डा. चिंग कुओ वू को 17वें एशियाई खेलों के पदक वितरण समारोह में कांस्य पदक स्वीकार करने से इनकार करने वाली महिला मुक्केबाज सरिता लैशराम देवी (57 से 60 किग्रा) का माफीनामा भेजा है।
क्या लिखा है माफीनामे में?
माफीनामा में उन्होंने लिखा है, "मुझे खेद है और माफी मांगती हूं। भविष्य में कभी दोबारा ऐसी घटना नहीं होगी।" एआईबीए ने सरिता के विरुद्ध कड़ा रुख अपनाते हुए कहा था कि ऐसा लगता है कि यह पूरी घटना मुक्केबाज और उसकी टीम द्वारा काफी अच्छी तरह बनाई गई योजना का हिस्सा है और यह खेदजनक है कि मुक्केबाज ने प्रतियोगिता में जो हुआ, उसके बाद पदक स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
माफीनामा में उन्होंने लिखा है, "मुझे खेद है और माफी मांगती हूं। भविष्य में कभी दोबारा ऐसी घटना नहीं होगी।" एआईबीए ने सरिता के विरुद्ध कड़ा रुख अपनाते हुए कहा था कि ऐसा लगता है कि यह पूरी घटना मुक्केबाज और उसकी टीम द्वारा काफी अच्छी तरह बनाई गई योजना का हिस्सा है और यह खेदजनक है कि मुक्केबाज ने प्रतियोगिता में जो हुआ, उसके बाद पदक स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
पटना में रावण दहन के बाद मची भगदड़ में 33 लोगों की मौत, 100 से ज्यादा घायल
फोटो- पटना के गांधी मैदान पर हुए हादसे के बाद विलाप करते परिजन
प्रधानमंत्री ने की बिहार के सीएम से बात
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख जताया है। प्रधानमंत्री ने हादसे के बाद बिहार के सीएम जीतन राम मांझी से भी बात की। उन्होंने मरने वालों के परिजन को 2-2 लाख की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। वहीं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने भगदड़ में मरे लोगों के परिजनों को तीन-तीन लाख का मुआवजे की घोषणा की है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को फोन करके हादसे की जानकारी ली है। राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भगदड़ के लिए प्रशासनिक लापरवाही को जिम्मेदार बताते हुए घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। बिहार के एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना पर दुख जताते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। पटना से बीजेपी सांसद शत्रुधन सिन्हा ने घटना पर दुख जताते हुए। मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का इस्तीफा मांगा है।
पुलिस छावनी में तब्दील हुआ पटना मेडिकल कॉलेज
हादसे में घायल हुए लोगों को इलाज के लिए पटना मेडिकल कॉलेज लाया गया। पटना मेडिकल कॉलेज पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। घायलों के परिजन गुस्से में है। मेडिकल कॉलेज के बाहर सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी हो रही है। भाजपा सांसद रामकृपाल यादव ने इसके लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। रामकृपाल यादव ने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व छठ के अवसर पर हुई घटना से भी राज्य सरकार ने सीख नहीं ली जिसके कारण आज यह घटना हुई। कांग्रेस नेता शकील अहमद ने भी इस घटना के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया है।
दो साल पहले छठ के दिन भी मची थी भगदड़
2012 में गांधी मैदान से महज ढाई किमी दूर गंगा के घाट पर छठ के दिन भगदड़ मची थी। इसमें 27 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले की जांच भी हुई, लेकिन कोई दोषी नहीं ठहराया गया। रास्ते को पतला बताकर खानापूर्ति कर दी गई। पिछले साल गांधी मैदान में ही मोदी की रैली में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे।
पूरा पुलिस अमला सीएम को निकालने और वीआईपी मूवमेंट में लगा रहा
करीब साढ़े छह बजे रावण दहन का कार्यक्रम खत्म हुआ। उसके फौरन बाद मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी वहां से निकले। पुलिस का पूरा अमला वीआईपी मूवमेंट को कंट्रोल करने में जुट गया। गांधी मैदान में छह गेट हैं। पांच को बंद कर आम लोगों के लिए सिर्फ एक गेट खोला गया था। वह भी आधा ही। गेट पर छोटा गड्ढा था और हाईमास्ट लाइट भी खराब थी। लोगों के निकलते समय एक महिला वहां गिर गई। उसे उठाने को चार-पांच लोग झुके। इतने में पीछे से भीड़ आ गई और भगदड़ मच गई।
अफवाह फैली... और लोग एक-दूसरे पर गिरते चले गए
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक रावण दहन के बाद दो लोग अफवाह फैला रहे थे कि बिजली का हाईटेंशन तार मैदान में गिर गया है और करंट फैलने लगा है। लोग भागने लगे। भीड़ काफी ज्यादा थी ऐसे में लोग एक-दूसरे पर गिरते चले गए।
चार माह के बच्चे को बचाने में मां नहीं बची
रिंटू शर्मा की पत्नी पुष्पा देवी अपने चार माह के बच्चे को लेकर बहनोई के साथ रावण दहन देखने आई थी। वह मैदान से निकलने लगी। तभी किसी ने पीछे से धक्का दे दिया। जब तक वह संभल पाती जमीन पर थी। पुष्पा ने बच्चे को बहनोई के हाथ में दे दिया, लेकिन खुद नहीं निकल सकी। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। ऐसे ही एक डेढ़ साल की बच्ची पीएमसीएच अस्पताल में मौत से लड़ रही है। उसके माता-पिता जिंदा हैं या उनकी मौत हो गई, कुछ पता नहीं।
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