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05 अक्तूबर 2014

ईद-उल-अजहा : त्याग और समर्पण का त्योहार..


इब्रा‍हीम अलैय सलाम एक पैगंबर गुजरे हैं, जिन्हें ख्वाब में अल्लाह का हुक्म हुआ कि वे अपने प्यारे बेटे इस्माईल (जो बाद में पैगंबर हुए) को अल्लाह की राह में कुर्बान कर दें। यह इब्राहीम अलैय सलाम के लिए एक इम्तिहान था, जिसमें एक तरफ थी अपने बेटे से मुहब्बत और एक तरफ था अल्लाह का हुक्म। इब्राहीम अलैय सलाम ने सिर्फ और सिर्फ अल्लाह के हुक्म को पूरा किया और अल्लाह को राजी करने की नीयत से अपने लख्ते जिगर इस्माईल अलैय सलाम की कुर्बानी देने को तैयार हो गए।
अल्लाह रहीमो करीम है और वह तो दिल के हाल जानता है। जैसे ही इब्राहीम अलैय सलाम छुरी लेकर अपने बेटे को कुर्बान करने लगे, वैसे ही फरिश्तों के सरदार जिब्रील अमीन ने बिजली की तेजी से इस्माईल अलैय सलाम को छुरी के नीचे से हटाकर उनकी जगह एक मेमने को रख दिया। इस तरह इब्राहीम अलैय सलाम के हाथों मेमने के जिब्हा होने के साथ पहली कुर्बानी हुई। इसके बाद जिब्रील अमीन ने इब्राहीम अलैय सलाम को खुशखबरी सुनाई कि अल्लाह ने आपकी कुर्बानी कुबूल कर ली है और अल्लाह आपकी कुर्बानी से राजी है।
>क्या हैं कुर्बानी का मकसद : -
बेशक अल्लाह दिलों के हाल जानता है और वह खूब समझता है कि बंदा जो कुर्बानी दे रहा है, उसके पीछे उसकी क्या नीयत है। जब बंदा अल्लाह का हुक्म मानकर महज अल्लाह की रजा के लिए कुर्बानी करेगा तो यकीनन वह अल्लाह की रजा हासिल करेगा, लेकिन अगर कुर्बानी करने में दिखावा या तकब्बुर आ गया तो उसका सवाब जाता रहेगा। कुर्बानी इज्जत के लिए नहीं की जाए, बल्कि इसे अल्लाह की इबादत समझकर किया जाए। अल्लाह हमें और आपको कहने से ज्यादा अमल की तौफीक दे।
>कौन करें कुर्बानी : -
शरीयत के मुताबिक कुर्बानी हर उस औरत और मर्द के लिए वाजिब है, जिसके पास 13 हजार रुपए या उसके बराबर सोना और चांदी या तीनों (रुपया, सोना और चांदी) मिलाकर भी 13 हजार रुपए के बराबर है।
>गर कुर्बानी नहीं दी तो... : -
ईद उल अजहा पर कुर्बानी देना वाजिब है। वाजिब का मुकाम फर्ज से ठीक नीचे है। अगर साहिबे हैसियत होते हुए भी किसी शख्स ने कुर्बानी नहीं दी तो वह गुनाहगार होगा। जरूरी नहीं कि कुर्बानी किसी महँगे जानदार की जाए। हर जगह जामतखानों में कुर्बानी के हिस्से होते हैं, आप उसमें भी हिस्सेदार बन सकते हैं।
अगर किसी शख्स ने साहिबे हैसियत होते हुए कई सालों से कुर्बानी नहीं दी है तो वह साल के बीच में सदका करके इसे अदा कर सकता है। सदका एक बार में न करके थोड़ा-थोड़ा भी दिया जा सकता है। सदके के जरिये से ही मरहूमों की रूह को सवाब पहुंचाया जा सकता है।
>कुर्बानी का हिस्सा : -
कुर्बानी के गोश्त के तीन हिस्से करने की शरीयत में सलाह है। एक हिस्सा गरीबों में तकसीम किया जाए, दूसरा हिस्सा अपने दोस्त अहबाब के लिए इस्तेमाल किया जाए और तीसरा हिस्सा अपने घर में इस्तेमाल किया जाए। तीन हिस्से करना जरूरी नहीं है, अगर खानदान बड़ा है तो उसमें दो हिस्से या ज्यादा भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं। गरीबों में गोश्त तकसीम करना मुफीद है।

मोदी बोले- कांग्रेस को सिर्फ गांधी छाप नोटों से प्‍यार, शिवसेना पर हमला नहीं करने की बताई वजह

फोटो: सांगली में जनसभा को संबोधित करते नरेंद्र मोदी 
सांगली/ गाेंडिया: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनावों के मद्देनजर रविवार को राज्‍य में तीन रैलियों को संबोधित किया। इनमें उन्‍होंने कांग्रेस और एनसीपी पर जमकर हमला बोला और शिवसेना के खिलाफ कुछ नहीं कहने की वजह बताई। मोदी ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के बीच का रिश्‍ता चोर-लुटेर भाई-भाई वाला है और एक ही चरित्र वाली इन दोनों पार्टियों ने महाराष्‍ट्र की आशाओं और अपेक्षाओं पर पानी फेर दिया है। कांग्रेस के बारे में पीएम ने कहा कि ये वो लोग हैं जिन्‍होंने कारगिल की विधवाओं के घर छीन लिए। इन्‍होंने गांधी को छोड़ दिया मगर इन्‍हें उस गांधी से प्‍यार है जो नोटों पर छपे हैं। शिवसेना के खिलाफ कुछ नहीं बोलने के बारे में मोदी ने कहा कि बाला साहेब ठाकरे के सम्‍मान के लिए वह ऐसा कर रहे हैं।
कांग्रेस ने गांधी को छोड़ा

मोदी ने कहा कि मैंने अखबारों में पढ़ा कि कांग्रेस के लोग कहते हैं कि मैंने गांधी जी को उनसे छीन लिया है। मेरे में हिम्‍मत नहीं है कि मैं किसी से गांधी जी को छीन लूं, पर यह सच है कि इन्‍होंने (कांग्रेसियों) गांधी जी को जरूर छोड़ दिया है। उन्‍होंने कहा, 'एक गांधीजी को वे (कांग्रेस के लोग) पसंद करते हैं, और वह गांधी नोटों पर छपे हैं। इसके बिना उनकी राजनीति नहीं चल सकती।'
 
कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन पर हमला
 
मोदी ने कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को आड़े हाथ लिया। उन्‍होंने कहा- 'कांग्रेस और एनसीपी का मकसद एक है, सोच एक है। ये राष्ट्रवादी नहीं भ्रष्टाचारवादी हैं। अब महाराष्ट्र को इस युति (गठबंधन) के चक्कर से निकालना है। शरद पवार कृषि मंत्री रह चुके हैं, लेकिन पिछले 10 साल में 3700 किसानों ने औसतन हर साल आत्महत्या की। मैं शरद पवार को कहना चाहता हूं कि छत्रपति शिवाजी महाराज की जितनी बड़ी मूर्ति बारामती में है, उससे बड़ी मूर्ति मैंने सूरत में लगाई है। इसलिए आप शिवाजी के नाम पर हमें ललकारना बंद करें।'
'शिवसेना के खिलाफ एक शब्‍द नहीं बोलूंगा'
मोदी ने कहा, ''कुछ अखबारों ने छापा है कि मोदी ने अपने भाषणों में शिवसेना की आलोचना की है। यह पहला चुनाव है, जो बाला साहब ठाकरे की गैर मौजूदगी में हो रहा है। बाला साहेब एक ऐसे शख्‍स थे, जो लोगों के अधिकारों के लिए खड़े रहे। मैं बाला साहब ठाकरे के सम्‍मान में शिवसेना के खिलाफ एक भी शब्‍द भी नहीं बोलूंगा। यह मेरी उनके लिए श्रद्धांजलि होगी।''
गुजरात से जोड़ा रिश्‍ता
पीएम मोदी ने कहा, ''गुजरात का जन्‍म 1960 में हुआ था, उससे पहले यह महाराष्‍ट्र का हिस्‍सा था और मुझे अभी भी लगता है कि महाराष्‍ट्र हमारा बड़ा भाई है। मेरा इस जमीन से खास जुड़ाव है। मैं यहां लोकसभा चुनावों में आया था। मैंने वोटरों से अपील की थी कि मुझ पर एक बार भरोसा करें। आपने मुझे मेरे मांगे से ज्‍यादा दे दिया। मैं यहां आपको धन्‍यवाद देने आया हूं।''
'सेवा करना चाहता हूं'
मोदी ने कहा, ''125 करोड़ देशवासियों के कारण अमेरिका में हिंदुस्‍तान का डंका बज रहा है। मैं आम लोगों, किसानों और पूरे महाराष्‍ट्र के भलाई के लिए काम करना चाहता हूं।''
नासिक की रैली रद्द
पीएम की चार रैलियों में से एक नासिक में होने वाली थी, लेकिन खराब मौसम की वजह से इसे रद्द कर दिया गया। तय कार्यक्रम के मुताबिक, मोदी रात 8:35 बजे नासिक में लोगों को संबोधित करने वाले थे। बाकी की तीन रैलियां सांगली जिले के तसगांव, कोल्‍हापुर के कलाम्‍बा और गोंडिया में हुईं।

क़ुरआन का सन्देश

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