आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

06 अक्तूबर 2014

हम धर्मान्धता से जुड़े है एक दूसरे के धर्म पर छीटा कशी ना करे

मेरे भाइयों मेरे मित्रों ,,,,,,परेशान ना हो ,,हम धर्मान्धता से जुड़े है एक दूसरे के धर्म पर छीटा कशी ना करे ,,,अगर कोई अपने अपने घरों में बकरा ज़िबा करता है तो यह उसका धर्म है ,,,अगर कोई सड़कों पर निर्वस्त्र घूमता है तो यह उसका धर्म है ,,अगर कोई हरियाली वनस्पति जिसमे जीव होता है और जो वनस्पति हमे ऑक्सीजन देकर जीवनदान देती है उसे खाता है तो यह उसका धर्म है ,,अगर कोई किसी मंदिर पर जाकर बकरा काट कर बलि चढ़ाता है तो यह उसका धर्म है ,,,अगर कोई महिला अपने पति के साथ ज़िंदा जलकर सती हो जाती है तो यह उसका धर्म है ,,अगर कोई किसी मंदिर के हिस्से में देवदासियों के पास जाकर खुद की वासना को शांत करके आता है तो यह उसका धर्म है ,,अगर कोई चार शादियां करता है ,,,बिना गुज़ारे के महिला को त्याग कर देता है तो यह उसका धर्म है ,,महिलाओं से दहेज़ लेता है उसका महर खा जाता है तो यह उसका धर्म है ,अगर कोई महिला पांच लोगों के साथ एकसाथ वैवाहिक सम्बन्ध रखती है तो यह उसका धर्म है ,,,अगर कोई अपनी बेटी को गर्भ में जन्म देने से पहले ही मार देता है तो यह उसका धर्म है ,, अगर किसी धर्म में माँ अपने बेटे को जंगल में भेज देती है तो यह उसका धर्म है ,,अगर किसी धर्म में कोई महिला रेखा पार करती है तो यह उसका धर्म है , अगर किसी धर्म पुत्र अपने पिता से जंग करते है ,,अपने भतीजों को घेर कर मारते है ,,कोई महिला अपने जेठ को अंधा कहती है ,,,कोई जेठ अपनी बहु का चीर हरण करता है ,,कोई पति अपनी पत्नी को जुएं में हार जाता है तो यह उसका धर्म है अगर किसी धर्म में दूसरे के यहां चोरी करना ,,औरतों को नहाते हुए छेड़ना उनके कपड़े छुपा देना नटखट पना है तो यह उनका धर्म है ,,अगर किसी धर्मे में हम अपना धर्म देख ले उसके बारे में सोचे दूसरों के धर्म के बारे में सोचने वाले उनके अपने अनुयायी है ,,,, इसलिए दोस्तों सभी धर्मो की अपनी फिलॉसफी है अपनी आस्था है आधा धर्म पढ़ने से किसी को भी कुछ समझमे नहीं आएगा ,,आस्थाएं धर्म में छुपी है सभी कथाओं ,,घटनाओं में धार्मिक शिक्षा छुपी है जो नफरत के भाव से किसी दूसरे के धर्म को पढ़ने और उसका बखान करने से हासिल नहीं होता ,,आओ हम शपथ ले के सभी एक दूसरे के धर्मो की इज़्ज़त करेंगे सम्मान करेंगे और अपन धर्म की परम्पराओं के पालन से किसी दूसरे भारतीय आस्थावान को कोई ठेस कोई तकलीफ ना पहुंचे इसका ध्यान रखेंगे ,,अपने अल्फ़ाज़ों से जो बोलकर जो लिखकर हो उनसे किसी के धर्म का मज़ाक नहीं उड़ाएंगे अपमान नहीं करेंगे खुद ब खुद भाईचारा सद्भावना क़ायम हो जाएगा ,,,प्यार मोहब्बत का रिश्ता क़ायम हो जाएगा ,,नफरत फैलाने वाले इक्के दुक्के लोग अकेले अकेले पढ़ जाएंगे और खुद अकेला पाकर अपने बाल नोच कर पागलों की तरह हरकते करने लगेंगे ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

लिखना चाहता हूँ

ऐ जानेमन
में बहुत कुछ
लिखना चाहता हूँ
तुम्हारे हुस्न
तुम्हारी अदाओ पर
लेकिन
मुआफ़ी चाहता हूँ
में मजबूर
में बेबस हूँ
मेरी क़लम
जब भी चलती है
तेरी खूबसूरती
तेरी अदाओं की तारीफ़ में
क़सम से
अल्फ़ाज़ शर्मा जाते है
क़लम झुक जाती है
तुम्हारे हुस्न की ताज़ीम को ,,,,
कैसे लिखू
कैसे लिखूं
में तुम्हारी तारीफ़ में
मजबूर बेबस हूँ
मुझे मुआफ करना ,,,,अख्तर

एडवोकेट कमलेश दवे

दोस्तों एडवोकेट कमलेश दवे आदिवासी इलाक़े डूंगरपुर में पले बढ़े और उदयपुर को अपनी वकालत और समाजसेवा का कर्मक्षेत्र बनाया ,,एक ज़िंदा दिल इंसान ,,दूसरों को ख़ुशी देकर खुश होने वाला इंसान ,,,दूसरों की प्रशंसा कर मुस्कुराने वाला इंसान ,,कमलेश दावे ना जाने कितनी खूबियों के मालिक है ,,दवे साहब वकालत के साथ साथ समाज सेवा क्षेत्र में जुड़े है ,,सोशल मिडिया को एक सकारात्मक मेलमिलाप का मंच बनाने के अभियान में जुटे है ,,,,वोह उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच स्थापित करने के आंदोलन से सक्रिय रूप से जुड़े है और स्थानीय जनता के हित में किये गए हर आंदोलन के साथ मुस्कुरा कर जुडते है ,,यह ना थके है ना हारे है बस इनकी एक मसुकराहट में इनके खिलाफ षड्यंत्र रचने वाले ना जाने कितने दुश्मन हारे है ,,,,जी हाँ दोस्तों यह अज़ीम शख्सियत एक वकील होने के नाते दिन प्रति दिन हर वकील के जन्म दिन की याद उसके फोटो के साथ अपनी वाल पर जन्म दिन मुबारक कहकर उनके जन्म दिन की याद दिलाते है ,,,,और प्यार पाते है ,,दोस्तों दूसरों के जन्म दिन पर सजग और सतर्क रहकर मुस्कुरा कर मृदुल वाणी में सालगिरह मुबारक कहकर सोशल मिडिया में जन्म दिन की यादगार प्रथा को नए आयाम देने वाले भाई एडवोकेट कमलेश दवे का 9 अक्टूबर को जन्म दिन है ,,,,कमलेश जी दुसरो के जन्म दिन की तारीखों और उनके फोटु प्रकाशन में उलझे रहते है अब तक भाई कमलेश हज़ारो वकील साथियों को जन्म दिन की मुबारकबाद देकर ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना चुके है ऐसे हर दिल अज़ीज़ कमलेश दवे का जन्म दिन 9 अक्टूबर को है और इसीलिए उन्हें अग्रिम बधाई ,,मुबारकबाद देखना है उन्होंने जो कुछ अपने साथियों को दिया है वोह उन्हें कैसे वापस लौटाते है ,,कमलेश जी को एक बार फिर सालगिरह मुबारक ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बात हंसी की है ,,,मज़ाक की है ,,दिल पर मत लेना यारों

बात हंसी की है ,,,मज़ाक की है ,,दिल पर मत लेना यारों ,,,मेरे कुछ दोस्तों ने आज ईद के दिन एक छोटा सा कार्यक्रम रखा ,,कार्यक्रम की खबर के मामले में विज्ञप्ति बनाने की बात हुई ,,समाचार में क्या लिखा जाए ,,इस पर चर्चा हो रही थी ,,के अचानक मेरे एक मित्र ने कहा के में कहूँ जो लिख डालो ,,उनका कहना था के लिख दो ,,ईद के इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में देश में सवा सो करोड़ से भी ज़्यादा बकरे क़ुर्बान करने पर चर्चा हुई ,,इससे देश में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा ,,निरंतर बढ़ रही बकरों की तादाद में कमी आएगी और सड़को चौराहो पर इनसे होने वाली दुर्घटनाये रुकेंगी ,,इन जनाब का कहना था के यह भी लिखो के देश में पर्यावरण संतुलन निरंतर फूल ,,पत्तियां ,,सब्ज़ियाँ ,वनस्पति नष्ट होने से बिगड़ रहा है और हरियाली ख़त्म होने से ऑक्सीजन की कमी हो रही है ,,लोगों को असाध्य बीमारियां हो रही है ,,अगर यह बकरे ज़िंदा रहते तो ना जाने कितनी और वनस्पति की यह हत्या करते हरियाली को मटियामेट करते और इससे पर्यावरण संतुलन और बिगड़ता ,,वैसे भी वनस्पति भक्षकों ने वनस्पति जीव की हत्याकर देेश का जीवन असंतुलन बिगाड़ दिया है ,,,,इसलिए आज के दिन पर्यावरण संरक्षण का दिन रहा ,,,यह सुनते ही मेरे मित्र जो खबर बनाने की बात कर रहे थे ,,,हँसे और यह कहते हुए उठकर चल दिए के अगर ऐसी विग्यप्ति गई तो कल मेरी खेर नहीं ,,, इतने में ही एक बढ़े दैनिक समाचार पत्र के संपादक मित्र पत्रकार का फोन ईद मुबारकबाद का आया उन्होंने भी ईद केसी मनी का सवाल क्या मेने दोस्तों के कार्यक्रम में चर्चा के दौरान का यह उपजा क़िस्सा उन्हें भी सुनाया ,,उन्होंने भी मुस्कुरा कर कहा के हाँ हर चीज़ के दो पहलु है ,,विचारणीय प्रश्न है ,,, भाइयों फिर कहता हूँ,,,दिल पे मत लेना यार ,,अख्तर खान अकेला

शंख से मिलती है लंबी उम्र और प्रसन्न होती है लक्ष्मी, ये हैं शंख के कई लाभ

उज्जैन। आज के दौर में लंबी उम्र और स्वस्थ शरीर पाने के लिए दवाओं की मदद काफी लोगों द्वारा ली जा रही है। जबकि पुराने समय में लोगों के द्वारा कुछ काम ऐसे किए जाते थे, जिनसे उन्हें लंबी आयु के साथ ही ताकतवर शरीर की प्राप्ति होती थी। शंख बजाना भी एक ऐसा काम है, जिससे शरीर को कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। यहां जानिए शंख से किस प्रकार स्वस्थ शरीर प्राप्त होता है और कैसे मिलती है लक्ष्मी कृपा...
 
हिंदू धर्म में कई प्रकार के धार्मिक तौर-तरीके और परंपराएं हैं। जिनका हमारे जीवन में गहरा महत्व है। ऐसे सभी कर्मों के पीछे धार्मिक महत्व के साथ ही वैज्ञानिक महत्व भी है।
 
प्राचीन परंपराएं हमारे स्वास्थ्य को अच्छा रखने के उद्देश्य से बनाई गई हैं। ऐसी ही एक परंपरा है शंख बजाना। शंख बजाते समय हमारे फेफड़ों का बहुत अच्छा व्यायाम होता है। इस व्यायाम से फेफड़ों की दूषित वायु बाहर निकल जाती है और शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है। प्रतिदिन ऐसा करने पर शरीर शक्तिशाली बनता है, कार्य करने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है।
शंख की ध्वनि लगातार सुनना हृदय रोगियों के लिए लाभदायक है। इसके प्रभाव से हृदयाघात होने की संभावनाएं काफी कम रहती हैं।
 
शंख में रखा पानी कभी खराब नहीं होता है और इसमें रखे पानी को पीने से कई रोगों में लाभ मिलता है। अत: हमें प्रतिदिन सुबह और शाम को शंख रखा जल पीना चाहिए।
 
शंखनाद पर हुए कई शोधों का यह निष्कर्ष निकाला कि इसकी तरंगें बैक्टेरिया नष्ट करने के लिए एक तरह से श्रेष्ठ व सस्ती औषधि है। इससे हैजा, मलेरिया के कीटाणु भी नष्ट हो सकते हैं। शंख ध्वनि से हमारे भीतर रोगनाशक शक्ति उत्पन्न होती है। मानसिक तनाव (मेंटल टेंशन), ब्लडप्रेशर, मधुमेह, नाक, कान व पाचन संस्थान के रोग होने की संभावनाएं काफी कम हो जाती हैं।
शास्त्रों में शंखनाद का महत्व इस प्रकार है-
यस्य शंखध्वनिं कुर्यात्पूजाकाले विशेषत:।
वियुक्त: सर्वपापेन विष्णुना सह मोदते॥ (रणवीरभक्ति रत्नाकर)
 
अर्थात- पूजा के समय जो व्यक्ति शंख ध्वनि करता है, उसके सभी पाप यानी दु:ख दूर होते हैं। वह व्यक्ति भगवान विष्णु और लक्ष्मी कृपा से आनंद पाता है।
 
जो भी व्यक्ति प्रतिदिन पूजन के समय शंख बजाता है उसे महालक्ष्मी के साथ ही सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।शंखनाद में प्रदूषण को दूर करने की अद्भुत क्षमता होती है। एक वैज्ञानिक खोज के अनुसार शंख की आवाज जहां तक जाती है, वहां तक कई रोगों के कीटाणु ध्वनि स्पंदन से या तो खत्म हो जाते हैं या फिर वे निष्क्रिय हो जाते हैं। रोजाना सुबह-शाम शंख बजाने से वायुमंडल कीटाणुओं से मुक्त हो जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सूर्य की किरणें ध्वनि की तरंगों को फैलने से रोकती है, इसीलिए सिर्फ सुबह और शाम शंख बजाने की परंपरा है
हमारे यहां मंदिरों में सुबह और शाम के समय आरती में शंखनाद किया जाता है यानी शंख बजाया जाता है। धर्मग्रंथों के अनुसार शंखनाद शुभ होता है। इसीलिए पूजा-पाठ के अलावा विवाह, विजय के उत्सव, राज्याभिषेक, हवन और किसी के आगमन के समय आमतौर पर शंख बजाया जाता है।
 
शंख बजाने में हमारी सेहत का राज भी छिपा है। शंखनाद से हम स्वस्थ रहते हैं। कई रोगों के कीटाणु भी दूर हो जाते हैं। प्राचीनकाल में युद्ध का आरंभ और समाप्ति शंखनाद से ही होती थी। ऐसा कहते हैं कि इसकी ध्वनि दुश्मनों को कमजोर करती है। 
हमारे यहां मंदिरों में सुबह और शाम के समय आरती में शंखनाद किया जाता है यानी शंख बजाया जाता है। धर्मग्रंथों के अनुसार शंखनाद शुभ होता है। इसीलिए पूजा-पाठ के अलावा विवाह, विजय के उत्सव, राज्याभिषेक, हवन और किसी के आगमन के समय आमतौर पर शंख बजाया जाता है।
 

यहां नवरात्री का भंडारा बनाते हैं मुस्लिम और रोजा अफ्तारी कराते हैं हिंदू

(धार्मिक भंडारे में मदद करते मुस्लिम धर्मावलंबी।)
 
राजधानी में सांप्रदायिक सौहार्द्र की लोग मिसाल देते हैं। ऐसा हो भी क्यों न, हिंदू हो या मुस्लिम हर तीज-त्योहार पर वे आपस में कुछ ऐसे आयोजन करते हैं, जो दूसरे लोगों के लिए नजीर बन जाते हैं।
 
भोपाल. आज जहां समाज में धर्म के नाम पर लोगों को बांटा जाता है, ऐसे में राजधानी से सटे आनंदनगर कोकता में गांव के कुछ लोगों ने सांप्रदायिक सद्भाव की अनूठी मिसाल पेश की है। इस इलाके में दो मुस्लिम युवक अपने पिता शरीफ अहमद की रवायत को आगे बढ़ाते हुए नवरात्रि में होने वाले भंडारे में हिंदू भाइयों का पूरा-पूरा सहयोग करते हैं। मोहल्ले के सभी हिंदू भाई भी उनकी इस मदद को तहे-दिल से स्वीकार करते हैं। मोहल्ले के लोग भी अपने इन मुस्लम भाइयों की मदद में पीछे नहीं रहते है। वे उनके लिए माह-ए-रमाजन में रोजा अफ्तारी का आयोजन करते हैं। उनके साथ बैठकर शहर, देश और प्रदेश में अमन-ओ-अमान की दुआ मांगते हैं। ईद पर मुबारकबाद देने सपरिवार उनके घर पहुंचते हैं।  
 
निभा रहे हैं परंपरा
 
आनंदनगर निवासी शरीफ अहमद ने 15 वर्ष पूर्व इस नेक कार्य की शुरुआत की थी। उनके इंतकाल के बाद यह सिलसिला उनके बेटों शाहिद और शहरयार अहमद ने जारी रखा है। उनका कहना है कि इस्लाम में मजहब का सम्मान करने को कहा गया है और जरूरतमंद की मदद करना फर्ज बताया गया है। शाहिद और शहरयार ने बताया कि वे हिंदू भाइयों के नवरात्री पर्व में पूरी शिद्दत के साथ मदद करते हैं। 
 
इन दोनों भाइयों के इस नेक काम से प्रेरित होकर मुस्लिम समाज के अन्य लोग भी उनका कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करते हैं। इस बस्ती के हिंदू और मुस्लिम भाई हर साल मजहबी भेद-भाव से ऊपर उठकर इस परंपरा को कायम रखने का संकल्प भी लेते हैं।
 
आपसी भाईचारे से ही देश में अमन-शांति कायम रहेगी
 
इस गांव के लोगों का मानना है कि इस तरह का सांप्रदायिक सौहार्द यदि सभी जगह हो जाए तो हमारे देश में अमन और शांति फैल जाए। सभी को अपनी सोच इस तरह बनाना चाहिए।
 
देश महाशक्ति बन सकता है

हमें इस बात की खुशी है कि हमारे आनंदनगर कोकता में हिंदू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल है। शाहिद और शहरयार जैसे भाइयों ने मिलकर अपने पिता की परंपरा को आगे बढ़ाया है, वह काबिले तारीफ है। आनंदनगर के सभी रहवासी सारे त्योहार मिल-जुलकर मनाते हैं। हम सभी ईद, रोजा-इफ्तार में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। यदि ऐसा माहौल पूरे देश में हो जाए तो भारत एक बड़ी महाशक्ति के रूप में उभरकर दुनिया के सामने आएगा।
मुकेश ठाकुर, लक्ष्मीनारायण, कमल सिंह, चिरौंजीलाल, नरेश, नरेंद्र, शुभम,
सभी रहवासी आनंदनगर कोकता
 
हम मिलकर व्यवस्थाएं देखते हैं
दोनों भाइयों को अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते देखा तो हम भी इनके साथ हो लिए। हम हिंदू भाइयों के त्योहारों पर उनका पूरा-पूरा सहयोग करते हैं।
इस्माइल खान, मो. खान, मुनव्वर खान, मो. नसीम, मो. फारुख, जमील खान, असलम मेहमूद, अकबर खान, रहवासी आनंदपुर कोख्ता

केरनी में पाकिस्तान ने फिर तोड़ा सीजफायर, भारत पर लगाया उकसाने का आरोप

 
अमृतसर/जम्मूसीमा पर जारी तनाव के बीच सोमवार शाम 5.40 से 6 बजे तक 20 मिनटों तक पाकिस्तान ने केरनी सेक्टर में सीजफायर को तोड़ते हुए फायरिंग की।  इसी बीच, पाकिस्तान ने फायरिंग के लिए भारत से शिकायत की है। पाकिस्तान ने भारत पर उकसाने का आरोप लगाते हुए पूछा है कि बकरीद के मौके पर फायरिंग क्यों की गई?
 
इससे पहले पाकिस्तान ने ईद पर भारत द्वारा भेजी गई मिठाई लेने से इनकार कर दिया, जिसके चलते वाघा बार्डर के दरवाजे नहीं खुले। अभी तक ईद और दूसरे त्यौहारों के मौके पर दोनों देशों के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान होता था, लेकिन इस बार सीजफायर उल्लंघन पर भारत के कड़े रुख को देखते हुए पाकिस्तानी सेना ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। ईद-उल-जुहा से एक रात पहले पाकिस्तान ने जम्मू के अरनिया सेक्टर में फायरिंग की, जिसमें एक बच्ची समेत 5 लोगों की मौत हो गई है, वहीं 30 लोग घायल हो गए हैं। घटना के बाद सरकार ने सेना को निर्देश दिए हैं कि वह पाकिस्तानी फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दे, वहीं कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तीखे वार किए। 
 
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, रविवार शाम हुई बीएसएफ और पाकिस्तानी सेना के सेक्टर कमांडरों की फ्लैग मीटिंग में पाकिस्तानी पक्ष ने सोमवार को वाघा बार्डर पर होने वाले समारोह में भाग लेने से इनकार कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की ओर से कोई कारण नहीं बताया गया, लेकिन माना जा सकता है कि सीमा पर जारी तनाव और दूसरी ओर से लगातार हो रहे सीजफायर उल्लंघन के चलते ऐसा किया गया। 

वाघा के दरवाजे नहीं खुले-
कारगिल युद्ध के बाद पहली बार सोमवार को ईद के मौके पर वाघा बार्डर के दोनों ओर के दरवाजे नहीं खुले और न ही मिठाइयों का आदान-प्रदान हुआ। अभी तक लगातार ऐसा होता रहा है। अभी तक दोनों देशों की ओर से सेना के बड़े अधिकारी वाघा बार्डर पर मिलते थे और परंपरागत ढंग से एक-दूसरे को मिठाइयां देते थे।
 
बीएसएफ को मुंहतोड़ जवाब देने के आदेश
पाकिस्तान की ओर से सीजफायर तोड़ते हुए भारतीय चौकियों और जम्मू-कश्मीर में रिहायशी इलाकों को निशाना बनाए जाने पर भारतीय सेना को मुंहतोड़ जवाब देने के आदेश दे दिए गए हैं। 'टाइम्स नाउ' के मुताबिक, सरकार की ओर से बटालियन कमांडर्स को आदेश दिया गया है कि वे तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान को उसके ही अंदाज में जवाब दें। बीएसएफ के डीजी डीके पाठक ने कहा कि सीजफायर उल्लंघन पर पाक को कड़ा जवाब दिया जा रहा है। इससे पहले रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने भी पाकिस्तान को चेताया था कि वह बेजा फायरिंग बंद करे, क्योंकि इसके शिकार मासूम लोग हो रहे हैं। जेटली में एम्स से डिस्चार्ज होने के तुरंत बाद सेना से सीमा के हालात की जानकारी ली और कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तनाव पैदा करने का प्रयास कर रहा है।  
 

जमाना बदला, पड़ोसी भी समझे हकीकत-
ईद-उल-जुहा से एक रात पहले हुई गोलीबारी के बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेताते हुए कहा है कि भारत में अब जमाना बदल चुका है, लिहाजा पड़ोसी देश को हकीकत को समझना चाहिए और सीजफायर उल्लंघन बंद कर देने चाहिए।
 
कांग्रेस ने कहा- अब तो कुछ कीजिए मोदी सरकार
पाकिस्तान की ओर से हो रही फायरिंग पर कांग्रेस ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा है। पहले कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने निशाना साधते हुए कहा, "पता नहीं अब 56 इंच की छाती कहां है, अब कोई आंख से आंख मिलाकर बात नहीं करता।" इसके बाद कांग्रेस की ओर से टि्वटर पर कहा गया कि 'अब तो कुछ कीजिए मोदी सरकार।'

क़ुरआन का सन्देश

  
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