दोस्तों कोटा पुलिस महानिरीक्षक डॉक्टर रवि प्रकाश को उनके कार्यभार ग्रहण
करने के बाद मेने कोटा में पिछले कई दिनों से लोगों को डरा धमकाकर अवैध
चौथवसूली करने वालों के खिलाफ उन्हें चिन्हित कर कार्यवाही करने सहित कई
महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे ,,और पुलिस महानिरीक्षक ने इन सभी सुझावों को
पालनार्थ कोटा पुलिस अधीक्षक को भेज दिए थे ,,,अगर मेरे इन सुझावों पर
पुलिस सतर्क होती ,,कार्यवाही करती तो शायद आज रुद्राक्ष ज़िंदा होता और
कोटा की जनता सदमे में हताशा में नहीं होती ,,,,,जी हाँ दोस्तों एक
माह पहले लिखित में दिए गए सुझावों में मेने लिखा था के ,कोटा में पिछले
तीन वर्षों से लोगों को द्वारा धमका कर ,,,जान से मारने अपहरण की धमकी देकर
अवैध चौथवसूली के लिए एक गिरोह सक्रिय है जो डॉक्टर ,,,इंजीनियर
,,,व्यापारियों और अन्य लोगों से अवैध चौथ वसूली कर रहे है लेकिन कई लोग
डरके मारे पुलिस रिपोर्ट नहीं लिखाते है ऐसे लोगों को चिन्हित करे और उनमें
विश्वास जाग्रत कर अपराधियों को पकड कर दंडित करवाये ,,,,,,,,,,,,,,मेने
आगाह किया था के कोटा में प्रॉपर्टी ,,,वाहन फाइनेंस ,,,बी सी प्रणाली
,,कृषि भूमि और प्लॉटिंग ,,अपराध का कारण है ,,, मेने लिखा था वर्तमान में
मोटर साइकल ,,,कार और दूसरे वाहनों के फाइनेंसर अवैध रूप से आपराधिक
कारोबार में लगे है और यह लोग डरा धमका कर वाहन छीनने अवैध वसूली करने का
अपराध करते है ,,, कबाड़े व्यवसाय को नियंत्रित करने ,,बीसी और अवैध फाइनेंस
व्यवसाय को रोकने ,चिन्हित करने सूचीबद्ध करने ,,अवैध वाहनों का संचानलन
रुकवाने ,,वाहनों से काली फिल्म हटवाने ,,,,पुलिस कर्मियों की बीट प्रणाली
,,मुक्खबीर प्रणाली ,,जनता से सहयोग सहभागिता प्रणाली को सही करने ,,,सी
एल जी ,,शांति समिति सदस्यों में अपराधियों और दलालों को हटाकर बहतर लोगों
को नियुक्त करने ,,,विशेष टास्क फ़ोर्स के नाम पर आंकड़े बढ़ाने के लिए फ़र्ज़ी
मुक़दमे दर्ज कर पुलिस की एनर्जी खत्म करने और पुलिस का आम जनता में गिर
रहे विश्वास को आत्मविश्वास में बदलने ,,कोचिंग छात्रों ,,बाहर से आये
मज़दूर ,,बाहर से आये लोगों को नामज़द कर उनका रिकॉर्ड निर्धारित करने
,,,तत्काल फ़क़ीर से अमीरी के माहोल में आये लोगों के व्यवसाय और चाल चलन पर
नज़र रखने ,,,सभी बीटों में पुलिस कर्मियों को सूचनाये एकत्रित करने के लिए
विशेष प्रशिक्षण देने सूचनाये एकत्रित करवाने ,,आम जनता की शिकायतों की
सुनवाई करने उनका नियंत्रण मॉनिटरिंग अपने पास रखने और दोषी पुलिस कर्मियों
को दंडित करने के सुझाव भी इस लिखित पत्र में शामिल थे ,,अपराध नियंत्रण
के मामले में पुलिस प्रणाली को अधिनियम के प्रावधान लागू करने और बीट
मुखबीर प्रणाली को मज़बूत बनाने के सुझाव थे ,,लेकिन कोटा पुलिस
महानिरीक्षक ने इन सुझावों को निरीक्षित कर कोटा पुलिस प्रणाली पर लागू
करने के निर्देश दिए ,,,,और बस यह सुझाव वी आई पी यात्राओं और त्योहारों के
प्रबंधन की भेंट चढ़ गए नतीजा रुद्राक्ष का अपहरण और न्रशंस हत्या सामने है
,,,,अभी भी पुलिस सबक ले जनता पुलिस की आलोचना के साथ साथ उनकी पीठ भी
थपथपाए और अपराध सुचना मामले में पुलिस का सहयोग करे ,,,,तो कोटा अपराध
नियंत्रित होने की तरह एक क़दम बढ़ा सकता है क्योंकि जनता के सहयोग के बगैर
पुलिस अकेली कुछ नहीं कर सकती ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
13 अक्तूबर 2014
कपड़े उतरवाकर करवाई गई थी मेरी जांच : देवयानी खोबरागडे
नई दिल्ली. भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागडे ने पहली बार
पुष्टि की है कि अमेरिका में उनकी स्ट्रिप सर्च हुई थी। सिर्फ हथकड़ी ही
नहीं लगाई, बल्कि कपड़े उतरवाकर जांच भी की गई थी। गंभीर अपराधियों के साथ
भी रखा था। उन्होंने यह भी कहा कि उनके केस में मार्च के बाद से कोई प्रगति
नहीं हुई मगर उन्हें उम्मीद है कि यह मामला जल्दी सुलझेगा।
गिरफ्तारी के 10 महीने बाद देवयानी मीडिया के सामने आई। एक न्यूज चैनल
से बातचीत में देवयानी ने कहा कि 'मैं अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने गई थी।
बाहर डिप्लोमेटिक सिक्योरिटी ब्यूरो के दो लोग इंतजार कर रहे थे। कई
रिक्वेस्ट के बाद उन्होंने मुझे अरेस्ट वारंट दिखाया। मैं उन्हें बताती रही
कि मुझे राजनयिक छूट मिली हुई है। मेरे साथ अपराधी जैसा सख्त बर्ताव नहीं
किया जा सकता। लेकिन वे नहीं माने। वकील तक से बात नहीं करने दी। वे मुझे
यूएस मार्शल के ऑफिस ले गए जहां फेडरल क्रिमिनल्स के मामले देखे जाते हैं। मोबाइल छीने जाने से पहले किसी तरह मैं अपने पति और सिस्टर-इन-लॉ को घटना की जानकारी दे सकी।'
क्या था मामला
गैंगरेप-धर्मान्तरण के आरोपों से पलटी युवती, बोली-बीजेपी नेता ने दिए थे 25 हजार
फोटो: पीड़ित युवती को मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने के लिए ले जाती महिला पुलिस।
मेरठ. यहां एक युवती से गैंगरेप और जबरन धर्म परिवर्तन के
मामले में नया मोड़ आ गया है। पीड़ित लड़की ने कहा है कि उसका न तो
गैंगरेप हुआ और न ही धर्म परिवर्तन कराया गया। लड़की ने यह भी आरोप लगाया
कि उसे अपने ही परिवार से जान का खतरा है। लड़की का कहना है कि नेताओं ने
परिवार वालों को पैसे देने बंद कर दिए, जिस वजह से वे अब उसके साथ
मारपीट कर रहे हैं। पीड़ित युवती ने बीजेपी के नेता विनीत अग्रवाल पर उसके
घरवालों को पैसे देने का आरोप लगाया है। पीड़ित युवती का कहना है कि 7
अगस्त को विनीत अग्रवाल ने 25 हजार रुपए दिए थे और आगे भी हर संभव मदद का
आश्वासन दिया था। पुलिस को दी लिखित शिकायत में युवती ने कहा कि उसके परिजन
उसे लगातार परेशान कर रहे हैं। यदि वह थाने नहीं पहुंचती तो उसे मार
दिया जाता। पुलिस ने युवती को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया, जहां से उसे
नारी निकेतन भेज दिया गया है।
क्या है पूरा मामला
यहां के थाना खरखौदा क्षेत्र के गांव सरावा की एक हिंदू लड़की ने आरोप
लगाया था कि 30 जुलाई को गांव के ही प्रधान और हाफिज नाम के शख्स ने अपने
साथियों के साथ मिलकर हापुड़ से उसका अपहरण कर लिया था। इसके बाद आरोपियों
ने उसके साथ गैंगरेप किया और जबरन धर्म परिवर्तन कराया। युवती ने तीन अगस्त को इस संबंध में अपने परिजनों को आरोपियों के चुंगल से छूटकर आने की बात कहते हुए यह जानकारी दी थी।
नवाज नहीं आए बाज: अमेरिका के सामने उठाया कश्मीर का मुद्दा, सीमा पर तोड़ा सीजफायर
फाइल फोटो: पाकिस्तान सीमा के नजदीक मुस्तैद भारतीय जवान।
नई दिल्ली/जम्मू. पाकिस्तान की नापाक हरकतें जारी हैं। एक तरफ तो वह सीमा पार से भारत के अलग-अलग इलाकों में फायरिंग कर रहा है, वहीं दूसरी ओर कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश से भी पीछे नहीं हट रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सोमवार को अमेरिकी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाया। शरीफ ने सेनेटर टिम केन और एंगस किंग से मुलाकात की। शरीफ ने इन दोनों नेताओं से कहा कि बातचीत ही इस समस्या का हल है। पाकिस्तानी पीएम के दफ्तर की ओर से जारी बयान के मुताबिक, 'नवाज शरीफ ने दो अमेरिकी सेनेटरों से कहा है कि संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव ही कश्मीर की समस्या को हल करने की बुनियाद बन सकता है और ऐसी किसी भी कोशिश में कश्मीर के लोगों को शामिल करना होगा।' इसी बीच, पाकिस्तान ने सीमा पार से पुंछ के अलग-अलग इलाकों में मौजूद भारतीय चौकियों पर फायरिंग कर एक बार फिर सीजफायर तोड़ा है। केरनी, शाहपुर और साब्जियां में रुक-रुक कर फायरिंग का सिलसिला जारी है। फायरिंग में एक महिला घायल हुई है।
सेना की ओर से भी सीजफायर उल्लंघन का जवाब दिया जा रहा है। रविवार
सुबह के बाद से करीब 24 घंटे तक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की ओर से
फायरिंग बंद थी। शनिवार को पाकिस्तानी रेंजर्स ने जम्मू के अरनिया सेक्टर
में फायरिंग की थी, जिसमें एक व्यक्ति घायल हुआ था।
एक अक्टूबर से 8 अक्टूबर के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की
ओर से कई बार भारी फायरिंग की गई है, जिसमें अब तक 8 लोग मारे गए है जबकि
90 लोग घायल हुए हैं। फायरिंग के चलते सीमाई गांवों में रहने वाले करीबन
32000 लोगों को अपना घर छोड़ सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है।
24 घंटे से खामोश थीं सीमा पर बंदूकें
इससे पहले पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर पिछले 24 घंटे से बंदूकें शांत थीं। सेना के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में पाकिस्तान की ओर से संघंर्ष विराम के उल्लंघन की कोई घटना नहीं हुई है। पाकिस्तान सेना ने दो दिन शांत रहने के बाद अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर अरनिया सेक्टर में शनिवार रात 10 बजकर 30 मिनट से रविवार की सुबह आठ बजे तक रूक-रूक कर मोर्टार से गोले बरसाए थे और जबर्दस्त फायरिंग की थी। पाकिस्तान सेना ने शनिवार दोपहर बाद कुछ जिलों में नियंत्रण रेखा पर स्थित किरनी और शाहपुर उप सेक्टर में अग्रिम भारतीय चौकियों और आम नागरिकों पर निशाना बनाकर फायरिंग की थी जिसमें करीब 12 मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे और कुछ मवेशी हताहत हो गए थे। भारतीय जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई करके पाकिस्तान सेना को माकूल जवाब दिया था।
इससे पहले पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर पिछले 24 घंटे से बंदूकें शांत थीं। सेना के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में पाकिस्तान की ओर से संघंर्ष विराम के उल्लंघन की कोई घटना नहीं हुई है। पाकिस्तान सेना ने दो दिन शांत रहने के बाद अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर अरनिया सेक्टर में शनिवार रात 10 बजकर 30 मिनट से रविवार की सुबह आठ बजे तक रूक-रूक कर मोर्टार से गोले बरसाए थे और जबर्दस्त फायरिंग की थी। पाकिस्तान सेना ने शनिवार दोपहर बाद कुछ जिलों में नियंत्रण रेखा पर स्थित किरनी और शाहपुर उप सेक्टर में अग्रिम भारतीय चौकियों और आम नागरिकों पर निशाना बनाकर फायरिंग की थी जिसमें करीब 12 मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे और कुछ मवेशी हताहत हो गए थे। भारतीय जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई करके पाकिस्तान सेना को माकूल जवाब दिया था।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान सेना की ओर से बिना किसी उकसावे के 2 अक्टूबर से संघर्ष विराम का उल्लंघन करके की गई फायरिंग में आठ आम नागरिकों की मौत हो गई जबकि कुछ जवानों समेत 90 लोग घायल हो गए। इसके अलावा सरहदी गांवों के 35 हजार से अधिक लोगों को अपना घर-बार छोड़ कर पलायन करना पड़ा।
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