कोटा में मासूम रुद्राक्ष के अपहरण फिर न्रशंस हत्या का साज़िश करता का पर्दाफ़ाश कोटा पुलिस ने कर दिया है ,,आरोपी अंकुर पहाड़िया और उसके सभी साथी जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे ,,,,,दोस्तों अपहरण और हत्या की यह घटना दिल हिला देने वाली ,,,रोंगटे खड़े कर देने वाली और पुरे इस शहर को चौसर चुल्लू रुला देने वाली है ,,,,,ह्रदय विदारक इस घटना से कोटा की जनता में आक्रोश है और हर कोई क़ातिल को मार देना चाहता है ,,,मेने पहले भी कोटा पुलिस महानिरीक्षक को इस मामले में आगाह किया था के कोटा में जल्दी ही करोड़पति बनने की चाह में कुछ आदतन लोग लूट खसोट अपराध और अवैध चौथवसूली के कारोबार में लग गए है ,,,मेने कहा था के कोटा में प्रॉपर्टी डीलिंग के अवैध कारोबारी ,,,फ़र्ज़ी प्लाट बेचने वाले ,,,कार बाज़ार के नाम पर गैरकानूनी फाइनेंस करने वाले ,,बी सी के नाम पर ब्याज़खोरी का बाज़ार गर्म करने वाले ,,,अवैध कबाड़ी ,,,अवैध कारोबारी ,, रोज़ नईं गाड़ियों को बदलने वाले खर्चीले लोग कोटा शहर में अपराध पनपा रहे है ,,पुलिस बीट प्रणाली से इन सब लोगों पर नज़र रखना ज़रूरी है ,,पुलिस महानिरीक्षक ने तो कोटा पुलिस अधीक्षक को पालनार्थ लिख दिया लेकिन कोटा पुलिस क्या करती सभी सफेद पॉश आपराधिक या तो किसी सियासी पार्टी के मुखर कार्यकर्ता बने है ,,या फिर भाईसाहब के साथी है ,,या फिर किसी अख़बार के बढ़े विज्ञापनदाता बन गए है ,,,इन लोगों पर तो कोटा पुलिस ने निगरानी नहीं रखी ,,इन्हे सूचीबद्ध नहं किया और नतीजा कोटा को एक गंभीर नौसिखिया घटना रुला गयी ,,,खेर क़ानून के हाथ लम्बे होते है ,,कोटा पुलिस और बाहर से आये सभी अधिकारी शाबाशी के पात्र है जिन्होंने इस घटना में आरोपियों की पहचान कर ली है और जल्द ही वोह पुलिस गिरफ्त में होंगे ,,,,,लेकिन जनता के गुस्से का पुलिस को ध्यान में रखना होगा ,,,क़ानून अपना काम करेगा ,,,पुलिस अनुसंधान प्रक्रिया ,,बयान ,,चार्जशीट ,,,फर्द ज़ब्ती ,,इंट्रोगेशन रिपोर्ट ,,,,परिस्थिति जन्य साक्ष्य के गठबंधन को इंतना मज़बूत करे के अपराधी बच कर निकल न सके ,,मामला केस ऑफिसर स्कीम में लेकर अदालत से फास्टट्रेक प्रक्रिया के तहत दिन ब दिन सुनवाई की मांग करे ,,गवाहों को अदालत में जाने के पहले पूर्ण प्रशिक्षण दे ,,,वकीलों की किया जिरह होगी और क्या जवाब देना है इसकी जानकारी दे ,,गवाहों को सुरक्षा दे विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति करवाये ,,,,,,में इस मामले में निशुल्क पैरवी करने का इच्छुक हूँ मुझे यह मामला सरकार की तरफ से दिया जाए ,,,लेकिन दोस्तों जोश में होश खोने से काम नहीं चलेगा ,,अपराधी को सड़कों पर घेरना ,,अदालत में मारना पीटना यह ठीक कार्यवाही नहीं होगी इससे अपराधी को ही फायदा होगा ,,,हमे क़ानून हाथ में नहीं लेना है ,,क़ानून अपना काम करेगा ,,,पुलिस को इस मामले में विशेष सावधानी बरतना होगी के कहीं अभियुक्तों के साथ पुलिस अभिरक्षा में कोई वारदात ना हो जाए और अभियुक्त क़ानून के फांसी के फंदे से बच निकले ,,दोस्तों देश का क़ानून है के देश के संविधान के प्रावधान के तहत किसी भी अपराधी को बिना पसंद के वकील के बचाव के सज़ा नहीं दी जा सकती इस पर सुप्रीमकोर्ट की टिप्पणी भी है और कई खतरनाक अपराधी इस मामले में उन्हें बचाव में मनचाही क़ानूनी सहायता उपलब्ध न्हों होने पर अदालत से बरी भी किया गया है ,,यह मामला अफज़ल गुरु की तरह नहीं है जिसे क़ानूनी सहायता नहीं मिलने पर भी फांसी दी गयी थी ,,इसलिए क़ानूनी रूप से क़ानून के जानकारों को भी पैरवी के बहिष्कार के गैरकानूनी फैसले से बचना होगा ,,,,अब मिडिया इस मामले की रिपोर्टिंग सकारात्मक आक्रामक करे जिसे देश और समाज इस कुख्यात हत्यारे की तस्वीर जनता के सामने पहुंचाए और अदालत इस मामले में गंभीर न्यायिक क़दम उठाते हुए रेयर से रेयरेस्ट केस मानकर सज़ा सुनाये ,,तब कहीं हमारी ,,हमारे कोटा शहर वासियों की इस रुद्राक्ष को सच्ची श्रद्धांजलि होगी ,,,अभी कोटा में नगर निगम चुनाव है ,,कांग्रेस भाजपा दो बढ़ी पार्टियां है कोटा के पैसठ वार्डों में कमसे कम छ सो सक्रिय पार्षद के उम्मीदवार प्रत्याक्षी है जो इस मुद्दे पर सियासत करना चाहेंगे ,,उनके बहकावे में न आये ,,,सोशल मिडिया के ज़रिये अख़बार की रिपोर्टिंग ,,खबरें छुपाने की प्रक्रिया पर नज़र रखे ,,,खबर पता चलते ही वायरल करे लेकिन तस्दीक़ करने के बाद ताकि प्रिंट मिडिया और इलेक्ट्रॉनिक मिडिया के सामने सच बताने के अलावा कोई दूसरा विकल्प ही ना बचे ,,कोई पक्षपात मीडिया रिपोर्टिंग में ना हो सके ,,,सभी जानते है के प्रत्येक अपराधी खुद को निर्दोष कहता है उसके कुछ मित्र कुछ रिश्तेदार मददगार होगे है इससे घबराना नहीं चाहिए ,,उसे क़ानूनी बचाव का हक़ है जो दिया जाना चाहिए और बहतरीन तार्किक पैरवी और सुबूतों के साथ अपराधी को फांसी जी हाँ कमसेकम फांसी की सज़ा से दंडित करना चाहिए ,,कोटा पुलिस भविष्य में ऐसी घटनाये ना हो इस के लिए सजग और सतर्क रहकर सफेदपोश लोगों पर भी निगरानी रखे मेरे सूक्ष्म सुझावों पर कोटा पुलिस महानिरीक्षक ने पालनार्थ जो निर्देश जारी किये है उसे लागू करे ,,हेलमेट और दूसरी चौथवसूली से पुलिस बचे ,,फ़र्ज़ी टास्क के नामा पर मुक़दमों में अपना दिमाग और वक़्त बर्बाद करने की जगह प्रत्येक व्यक्ति पर निगरानी रख सही व्यक्ति को टारगेट करे तो भविष्य में अपराधों पर भी अंकुश लगेगा और दोषियों को सज़ा मिलेगी ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
14 अक्तूबर 2014
"क्या फर्क पड़ता है,
"क्या फर्क पड़ता है,
हमारे पास कितने लाख,
कितने करोड़,
कितने घर,
कितनी गाड़ियां हैं,
हमारे पास कितने लाख,
कितने करोड़,
कितने घर,
कितनी गाड़ियां हैं,
खाना तो बस दो ही रोटी है।
जीना तो बस एक ही ज़िन्दगी है।
फर्क इस बात से पड़ता है,
कितने पल हमने ख़ुशी से बिताये,
कितने लोग हमारी वजह से खुशी से जीए,
कुछ लोग जीते हैं अपने अहंकार के लिए
कुछ लोग जीते हैं अपने ख़्वाबों के लिए,
जबकी ज़िन्दगी भगवान ने दी है
खुशी से जीने के लिए,
और खुशियां बाँटने के लिए..."
जीना तो बस एक ही ज़िन्दगी है।
फर्क इस बात से पड़ता है,
कितने पल हमने ख़ुशी से बिताये,
कितने लोग हमारी वजह से खुशी से जीए,
कुछ लोग जीते हैं अपने अहंकार के लिए
कुछ लोग जीते हैं अपने ख़्वाबों के लिए,
जबकी ज़िन्दगी भगवान ने दी है
खुशी से जीने के लिए,
और खुशियां बाँटने के लिए..."
अंग्रेज़ो भारत छोडो आंदोलन में आग उगलने वाले कोटा के स्वतंत्रता सेनानी मास्टर श्यामनारायण सक्सेना
दोस्तों अंग्रेज़ो भारत छोडो आंदोलन में आग उगलने वाले कोटा के स्वतंत्रता
सेनानी मास्टर श्यामनारायण सक्सेना की आज पुण्यतिथि पर उनके सुपौत्र भाई
प्रशांत सक्सेना ने उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कोटा प्रेस क्लब पर
स्वेच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया है ,,,,,,,मास्टर श्याम नारायण
सक्सेना का जन्म २ अक्टूबर 1908 में हुआ जबकि इनका देहांत 14 अकटूबर 1981
को हुआ ,,, अंग्रेज़ो के खिलाफ आग उगलने वाले आज़ादी के दीवाने यह निर्भीक
सिपाही ,,अंग्रेज़ों की लाठियां भी खाते ,,,उन्हें छकाते और भूख हड़ताल के
हथियार से उन्हें झुकने को भी मजबूर करते थे ,,,,आज़ादी के आंदोलन में
अंग्रेज़ो से कोटा को मुक्त कराकर अंग्रेज़ों को कोटा से भगाया कोटा को आज़ाद
कराया और जब कोटा कोतवाली पर इन्होने क़ब्ज़ा किया तो अंग्रेज़ों की गोली ने
इन्हे घायल कर दिया ,लेकिन फिर यह ना डरे ,,न झुके ,,और आज़ादी का झंडा
,,हमारे देश की आनबान शान तिरंगा हाथ में लहराकर इंक़लाब ज़िंदाबाद का नारा
देकर सभी स्वतंत्रता सेनानियों में जोश पैदा करते रहे ,,,,मास्टर श्यामनारायण सक्सेना जो भ्रस्टाचारियों ,,सामन्तवादियों ,,पूंजीवादियों
,,साम्प्रदायिक ताक़तों के दुश्मन थे वोह आज़ाद भारत में एक आज़ादी की लड़ाई
फिर से लड़ने को मजबूर हुए ,,,उन्होंने आज़ाद भारत को भ्रष्टाचार मुक्त करने
के लिए काले अँगरेज़ यानी भारतीय अधिकारीयों नेताओं से कई संघर्ष किये
,,भूख हड़ताल की ,,नाजायज़ गिरफ्तारिया सही ,,कई भ्रष्ट लोगों को जेल भिजवाया
,,लेकिन यह ना टूटे ,,न झुके ,,न बिखरे बस आंदोलन करते रहे ,,इनकी इस ज़िद
के कारण पूंजीवादियों ,,भ्रष्टाचारियों ने इनका नाम लाल चीन्टा रख दिया
उनका मानना था के इनका काटा पानी भी नहीं मांगता है इसलिए इनका खौफ कोटा के
सभी भ्रष्ट लोगों में छा गया और भ्रष्टाचार काफी हद तक नियंत्रित हुआ
,,,,मास्टर श्यामनारायण सक्सेना लोगों को आज़ाद भारत का पाठ पढ़ते थे ,,एक
आदर्श भारत ,,एक भ्रष्टाचार मुक्त विकसित भारत का पाठ पढ़ाते थे और इसीलिए
इन्हे मास्टर कहा जाने लगा ,,,,,,मास्टर श्यामनारायण सक्सेना एक कुशल
निर्भीक वक्त थे वोह हर हफ्ते कोटा की समस्याओं को लेकर रामपुरा पीपली के
नीचे फिर पुरानी सब्जीमंडी पीपली के नीचे जनता का दरबार लगाते थे ,,,इस
दरबार में कोटा की जनता उनके साथ हुई ज़्यादतियों के क़िस्से बयां करती थी और
फिर मास्टर श्यामनारायण सक्सेना इन लोगों इन लोगों को न्याय दिलवाते थे
और भ्रष्ट अधिकारीयों सियासी लोगों के खिलाफ कार्यवाही करवाते थे ,,,श्याम
नारायण सक्सेना खुद साहित्यकार ,,लेखक भी थे इनकी कविताये ओजस्वी
,,क्रन्तिकारी ,,राष्ट्रभक्ति और भ्रष्टाचार मुक्त भारत के सपने को साकार
करने वाली थी ,,,कोटा में ही नहीं पुरे भारत में आज़ादी की लड़ाई के बाद आज़ाद
भारत का यह पहला सिपाही था जिसने देश में नौकरशाह काले अंग्रेज़ों के खिलाफ
निर्भीक होकर भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना देखा और इसके लिए संघर्ष
किया ,,इन्हे खरीदने की कोशिशे हुई ,,डराने धमकाने की कोशिशें हुई लेकिन सब
बेकार यह लडत्ते रहे संघर्ष करते रहे और इसी दौरान राजस्थान में जागृति
अख़बार प्रकाशित कर सिद्धांतवादी पत्रकारिता की मिसाल बन गए ,,,,आज उनके
पुत्र ओम नारायण सक्सेना ,,प्रेमनारायण सक्सेना ,,,विजयनारायण सक्सेना
,,जयनारायण सक्सेना ,,सूर्यनारायण सक्सेना ,,जयनारायण सक्सेना सभी
पत्रकारिता से जुड़े है ,,दैनिक धरती करे पुकार ,,,दैनिक जनजागृति
,,,,,मज़दूर चेंतना ,,,,जागृति साप्ताहिक समाचार पत्र इनकी धरोहर है जो आज
भी भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने पिता के सपनों को साकार कर रहे है और उनके
अधूरे काम भ्रष्टाचार मुक्त भारत के निर्माण का सपना पूरा करने में लगे है
,,,,मास्टर श्यामनारायण सक्सेना के सुपौत्र भाई प्रशांत सक्सेना जो मास्टर
ब्लड डोनर है जिन्हे चलता फिरता ब्लड बैंक कहा जाता है ,,,,,,जो कायस्थ
महासभा के युवा नेता है ,जो कोटा प्रेस क्लब की कार्यःकारिणीं सदस्य है
उन्होंने आज अपने मित्रो परिवार के साथ मिलकर अपने दादा श्री की पुण्य तिथी
पर कोटा प्रेस क्लब में रक्तदान शिविर का आयोजन किया है
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,स्वतंत्रता सेनानी मास्टर श्याम नारायण सक्सेना को
उनके संघर्ष ,,उनके सिद्धांतों उनकी निर्भीकता के कारन सेल्यूट सलाम
,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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