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20 अक्तूबर 2014

धनतेरस

धनतेरस
धनतेरस व्रत
आधिकारिक नाम धनतेरस व्रत
अनुयायी हिन्दू, भारतीय, भारतीय प्रवासी
तिथि कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी
जिस प्रकार देवी लक्ष्मी सागर मंथन से उत्पन्न हुई थी उसी प्रकार भगवान धनवन्तरि भी अमृत कलश के साथ सागर मंथन से उत्पन्न हुए हैं। देवी लक्ष्मी हालांकि की धन देवी हैं परन्तु उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए आपको स्वस्थ्य और लम्बी आयु भी चाहिए यही कारण है दीपावली दो दिन पहले से ही यानी धनतेरस से ही दीपामालाएं सजने लगती हें।
कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही धन्वन्तरि का जन्म हुआ था इसलिए इस तिथि को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। धन्वन्तरी जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था। भगवान धन्वन्तरी चुकि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है। कहीं कहीं लोकमान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि इस दिन धन (वस्तु) खरीदने से उसमें 13 गुणा वृद्धि होती है। इस अवसर पर धनिया के बीज खरीद कर भी लोग घर में रखते हैं। दीपावली के बाद इन बीजों को लोग अपने बाग-बगीचों में या खेतों में बोते हैं।
धनतेरस के दिन चांदी खरीदने की भी प्रथा है। अगर सम्भव न हो तो कोइ बर्तन खरिदे। इसके पीछे यह कारण माना जाता है कि यह चन्द्रमा का प्रतीक है जो शीतलता प्रदान करता है और मन में संतोष रूपी धन का वास होता है। संतोष को सबसे बड़ा धन कहा गया है। जिसके पास संतोष है वह स्वस्थ है सुखी है और वही सबसे धनवान है। भगवान धन्वन्तरी जो चिकित्सा के देवता भी हैं उनसे स्वास्थ्य और सेहत की कामना के लिए संतोष रूपी धन से बड़ा कोई धन नहीं है। लोग इस दिन ही दीपावली की रात लक्ष्मी गणेश की पूजा हेतु मूर्ति भी खरीदते हें। यह दिन व्यापारियोँ
कथा,,,,
धनतेरस की शाम घर के बाहर मुख्य द्वार पर और आंगन में दीप जलाने की प्रथा भी है। इस प्रथा के पीछे एक लोक कथा है, कथा के अनुसार किसी समय में एक राजा थे जिनका नाम हेम था। दैव कृपा से उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। |ज्योंतिषियों ने जब बालक की कुण्डली बनाई तो पता चला कि बालक का विवाह जिस दिन होगा उसके ठीक चार दिन के बाद वह मृत्यु को प्राप्त होगा। राजा इस बात को जानकर बहुत दुखी हुआ और राजकुमार को ऐसी जगह पर भेज दिया जहां किसी स्त्री की परछाई भी न पड़े। दैवयोग से एक दिन एक राजकुमारी उधर से गुजरी और दोनों एक दूसरे को देखकर मोहित हो गये और उन्होंने गन्धर्व विवाह कर लिया।
विवाह के पश्चात विधि का विधान सामने आया और विवाह के चार दिन बाद यमदूत उस राजकुमार के प्राण लेने आ पहुंचे। जब यमदूत राजकुमार प्राण ले जा रहे थे उस वक्त नवविवाहिता उसकी पत्नी का विलाप सुनकर उनका हृदय भी द्रवित हो उठा परंतु विधि के अनुसार उन्हें अपना कार्य करना पड़ा। यमराज को जब यमदूत यह कह रहे थे उसी वक्त उनमें से एक ने यमदेवता से विनती की हे यमराज क्या कोई ऐसा उपाय नहीं है जिससे मनुष्य अकाल मृत्यु के लेख से मुक्त हो जाए। दूत के इस प्रकार अनुरोध करने से यमदेवता बोले हे दूत अकाल मृत्यु तो कर्म की गति है इससे मुक्ति का एक आसान तरीका मैं तुम्हें बताता हूं सो सुनो। कार्तिक कृष्ण पक्ष की रात जो प्राणी मेरे नाम से पूजन करके दीप माला दक्षिण दिशा की ओर भेट करता है उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। यही कारण है कि लोग इस दिन घर से बाहर दक्षिण दिशा की ओर दीप जलाकर रखते हैं।
धन्वंतरि,,,,
धन्वन्तरि देवताओं के वैद्य हैं और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं इसलिए चिकित्सकों के लिए धनतेरस का दिन बहुत ही महत्व पूर्ण होता है। धनतेरस के संदर्भ में एक लोक कथा प्रचलित है कि एक बार यमराज ने यमदूतों से पूछा कि प्राणियों को मृत्यु की गोद में सुलाते समय तुम्हारे मन में कभी दया का भाव नहीं आता क्या। दूतों ने यमदेवता के भय से पहले तो कहा कि वह अपना कर्तव्य निभाते है और उनकी आज्ञा का पालन करते हें परंतु जब यमदेवता ने दूतों के मन का भय दूर कर दिया तो उन्होंने कहा कि एक बार राजा हेमा के ब्रह्मचारी पुत्र का प्राण लेते समय उसकी नवविवाहिता पत्नी का विलाप सुनकर हमारा हृदय भी पसीज गया लेकिन विधि के विधान के अनुसार हम चाह कर भी कुछ न कर सके।
एक दूत ने बातों ही बातों में तब यमराज से प्रश्न किया कि अकाल मृत्यु से बचने का कोई उपाय है क्या। इस प्रश्न का उत्तर देते हुए यम देवता ने कहा कि जो प्राणी धनतेरस की शाम यम के नाम पर दक्षिण दिशा में दीया जलाकर रखता है उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। इस मान्यता के अनुसार धनतेरस की शाम लोग आँगन मे यम देवता के नाम पर दीप जलाकर रखते हैं। इस दिन लोग यम देवता के नाम पर व्रत भी रखते हैं।
धनतेरस के दिन दीप जलाककर भगवान धन्वन्तरि की पूजा करें। भगवान धन्वन्तरी से स्वास्थ और सेहतमंद बनाये रखने हेतु प्रार्थना करें। चांदी का कोई बर्तन या लक्ष्मी गणेश अंकित चांदी का सिक्का खरीदें। नया बर्तन खरीदे जिसमें दीपावली की रात भगवान श्री गणेश व देवी लक्ष्मी के लिए भोग चढ़ाएं।

प्रदोष काल मुहूर्त

प्रदोष काल मुहूर्त
धनतेरस पूजा मुहूर्त = १९:१६ से २०:२२
अवधि = १ घण्टा ६ मिनट
प्रदोष काल = १७:५० से २०:२२
वृषभ काल = १९:१६ से २१:१३
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ = २०/अक्टूबर/२०१४ को २३:२१ बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त = २२/अक्टूबर/२०१४ को ०१:१२ बजे
धनत्रयोदशी के दिन का पञ्चाङ्ग
धनत्रयोदशी के दिन का चौघड़िया मुहूर्त
टिप्पणी - २४ घण्टे की घड़ी स्थानीय समय के साथ और सभी मुहूर्त के समय के लिए DST समायोजित (यदि मान्य है)।
२०१४ धनतेरस पूजा, धनत्रयोदशी पूजा

धनत्रयोदशी या धनतेरस के दौरान लक्ष्मी पूजा को प्रदोष काल के दौरान किया जाना चाहिए जो कि सूर्यास्त के बाद प्रारम्भ होता है और लगभग २ घण्टे २४ मिनट तक रहता है।
धनतेरस पूजा को करने के लिए हम चौघड़िया मुहूर्त को देखने की सलाह नहीं देते हैं क्योंकि वे मुहूर्त यात्रा के लिए उपयुक्त होते हैं। धनतेरस पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रदोष काल के दौरान होता है जब स्थिर लग्न प्रचलित होती है। ऐसा माना जाता है कि अगर स्थिर लग्न के दौरान धनतेरस पूजा की जाये तो लक्ष्मीजी घर में ठहर जाती है। इसीलिए धनतेरस पूजन के लिए यह समय सबसे उपयुक्त होता है। वृषभ लग्न को स्थिर माना गया है और दीवाली के त्यौहार के दौरान यह अधिकतर प्रदोष काल के साथ अधिव्याप्त होता है।
धनतेरस पूजा के लिए हम यथार्थ समय उपलब्ध कराते हैं। हमारे दर्शाये गए मुहूर्त के समय में त्रयोदशी तिथि, प्रदोष काल और स्थिर लग्न सम्मिलित होते हैं। हम स्थान के अनुसार मुहूर्त उपलब्ध कराते हैं इसीलिए आपको धनतेरस पूजा का शुभ समय देखने से पहले अपने शहर का चयन कर लेना चाहिए।
धनतेरस पूजा को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस का दिन धन्वन्तरि त्रयोदशी या धन्वन्तरि जयन्ती, जो कि आयुर्वेद के देवता का जन्म दिवस है, के रूप में भी मनाया जाता है।
इसी दिन परिवार के किसी भी सदस्य की असामयिक मृत्यु से बचने के लिए मृत्यु के देवता यमराज के लिए घर के बाहर दीपक जलाया जाता है जिसे यम दीपम के नाम से जाना जाता है और इस धार्मिक संस्कार को त्रयोदशी तिथि के दिन किया जाता है।
द्रिक पञ्चाङ्ग के सभी सदस्यों की ओर से आपको धनत्रयोदशी की हार्दिक शुभकामनायें।

है दीप तुझ में

है दीप तुझ में
देख में अली मिल गया
अली के मिलते ही
देख तू
दीप से दीपावली बन गयी
कितनी खुशियां है
इस मिलन में
जीत की ख़ुशी है
स्वास्थ की ख़ुशी है
धन की वर्षा है
नईं खरीददारी है
सुकून है
मोहब्बत है
मिठास है
पटाखों की खुशियां
फुलझड़ियों की रौशनी है
खुशहाली है
क्योंकि
यह दीप और अली से मिलकर
मनाई जा रही दीपावली है ,,,,
दीपावली मुबारक हो ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

उँगलियाँ उठाने वालों

मुझ पर
उँगलियाँ उठाने वालों
ज़रा अपने
गिरेहबान में तो झांको
मुझे गुनाहगार बनाने के लिए
तुमने मुझे
कितना उकसाया है
फिर भी में पाकदामन रहा
इसीलिए तो तुम्हे
मुझ पर गुस्सा आया है
इसीलिए तुम्हे आज
मुझे आपस में
रुस्वा कर दिखाया है
अपना गिरेहबान तो देखो
कितने गुनाह
कितनी गंदगी
छुपी है तुम्हारे ख्यालों में ,,,,अख्तर

कितना फ़र्क़ है

कितना फ़र्क़ है एक मासूम का अपहरण फिर उसकी हत्या कोटा उद्धेलित हो गया ,,,,एक महिला मेले में स्वस्थ अपने घूमने परिजनों के साथ गयी पुलिस कर्मियों ने डंडा मारा महिला अस्पताल में मर गयी ,,शहर खामोश हो गया ,,कितना फ़र्क़ है इस शहर के जज़्बात में ,,कितना फ़र्क़ है इस शहर के आंसुओं में ,,कितना फ़र्क़ है इस शहर की सियासत में ,,कितना फ़र्क़ है इस शहर के समाजसेवियों में ,,कितना फ़र्क़ है इस शहर के चिरागों के बुझने के बाद के हालातों में ,,,कितना फ़र्क़ है इस शहर के रणभेरियों में ,,कितना फ़र्क़ है दोनों की मोत में ,,मोत इधर भी हुई ,,मोत उधर भी हुई ,,,फिर यह फ़र्क़ केसा और क्यों है ,,इस शहर की साँसों में यह फ़र्क़ क्यों है मुझे समझ नहीं आया ,,मुझे समझ नहीं आया ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दोस्‍त ने आपत्तिजनक फोटो के बहाने लड़की को बुलाया, बेहोश कर गैंगरेप किया

दोस्‍त ने आपत्तिजनक फोटो के बहाने लड़की को बुलाया, बेहोश कर गैंगरेप किया
इंदौर. मध्‍य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में एक लड़के ने साथ पढ़ने वाली लड़की को उसकी आपत्तिजनक तस्‍वीरें देने की बात कह धोखे से बुलाया और उज्‍जैन ले जाकर अपने दोस्‍तों के साथ उसका गैंगरेप किया। कालानी नगर क्षेत्र में रहने वाली 11वीं की नाबालिग छात्रा को उस युवक ने प्रेमजाल में फंसा रखा था। वह तीन दोस्तों के साथ छात्रा को उज्जैन ले गया। वहां उन्होंने छात्रा को नशे का इंजेक्शन दिया और गैंगरेप किया। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
 
टीआई कन्हैयालाल दांगी ने बताया कि 16 अक्टूबर को एरोड्रम रोड के एक व्यापारी की बेटी घर से बाहर जाने को कहकर निकली और लापता हो गई। उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ था। इस पर पुलिस ने अपहरण का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। व्यापारी ने अपहरण की शंका राजीव आवास विहार में रहने वाले सारिक आलम पर जताई। 
 
पुलिस ने उसे कॉल लगाया तो वह छात्रा के साथ होने से इनकार करता रहा। कॉल डिटेल निकाली गई तो पता चला छात्रा उज्जैन के एक होटल में है। शनिवार रात पुलिस टीम ने दबिश डालकर छात्रा को मुक्त कराया। यहां से सारिक आलम को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पता चला छात्रा के साथ सारिक का बड़ा भाई सैफ, दोस्त सचिन, अवध नारायण और अनिल करण सिंह भी थे। उन्हें भी रविवार को पकड़ लिया गया। उनके खिलाफ ज्यादती के साथ अन्य धाराएं भी लगाई गईं हैं।
 
तीन साल से थी दोस्ती 
 
छात्रा के परिजनों ने बताया सारिक और छात्रा गुजराती स्कूल में आठवीं से साथ पढ़ रहे थे। सारिक छात्रा को परेशान करता था तो उन्होंने उसका स्कूल बदल दिया। बाद में वह बार-बार स्कूल के चक्कर लगाता रहता था। उसे कई बार समझाया, लेकिन वह नहीं माना। छात्रा ने बताया कि सारिक ने कॉल कर कहा था कि उसके पास आपत्तिजनक फोटो हैं, जिन्हें वापस करना है। उज्जैन ले जाते ही उसे इंजेक्शन दे दिया गया। छात्रा इतना डर गई थी कि रिपोर्ट करने को तैयार नहीं हुई।  
 
बड़े व्यापारी के बेटे हैं आरोपी

आरोपी सारिक आलम 11वीं में पढ़ रहा है, जबकि सैफ इंजीनियरिंग कर रहा है। वे मूल रूप से यूपी के रहने वाले हैं। उनके पिता कारपेट व्यापारी हैं। अनिल बीकॉम का छात्र है, जबकि सचिन कार चालक है। आरोपियों ने पुलिस की कहानी को झूठा बताते हुए कहा- लड़की खुद भागकर आ गई थी। हमने कुछ नहीं किया।

बहू के कपड़े उतरवाकर तस्‍वीरें खींचीं और कहा कि मुस्कराती रहो, पति गिरफ्तार

फोटो: पड़ोसी के घर बैठी पीड़िता और उसके माता-पिता।
 
जमशेदपुर. झारखंड के जमशेदपुर में दहेज के लिए एक महिला को प्रताडि़त करने का मामला सामने आया है। आरोप है कि पीडि़ता के ससुराल वालों ने उसे घर में नग्न कर रखा, उसकी अश्‍लील फोटो खींची और पिटाई कर नग्‍न अवस्‍था में ही रात में घर से बाहर निकाल मायके जाने को कहा। पीडि़ता के बयान पर पुलिस ने उसके पति, सास और ननद के खिलाफ केस दर्ज किया और पति को अरेस्‍ट कर लिया।
 
क्‍या है मामला?
घटना छोटा गोविंपुर इलाके की है। जीएच कॉलोनी निवासी मीना देवी, उनके पुत्र ओमप्रकाश वर्मा और बेटी सुचिता पर बहू को प्रताड़ित करने का आरोप है। पीडि़ता का आरोप है कि आरोपियों ने नग्‍न अवस्‍था में उसकी फोटो खींची और उसे मुस्‍कुराते रहने को कहा। कई बार उसकी पिटाई की गई और बीते शुक्रवार रात तीन बजे नग्‍न अवस्‍था में घर से निकल जाने और मायके जाने को कहा गया। पीडि़ता के मुताबिक, जब वह मायके जाने को राजी हुई तभी उसे कपड़े दिए गए। इसके बाद ननद उसे मायके रांची ले गई और घर के पास छोड़कर भाग गई। उधर, पीड़िता के पिता का कहना है कि ससुरालवाले उनकी बेटी को दिल्ली में बेचने की तैयारी में थे।
 
चार महीने पहले हुई थी शादी
ओमप्रकाश से पीड़िता की शादी चार महीने पहले ही हुई थी। शादी के कुछ वक्‍त बाद ही ससुराल वालों ने कथित तौर पर उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। उनकी मांग थी कि पीडि़ता के घरवाले 20 लाख रुपए दें।

आंध्र प्रदेश में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट ने ली 13 लोगों की जान


 
हैदराबाद. दीवाली से पहले आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट ने 13 लोगों की जान ले ली। आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में सोमवार को एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हो गया।
 
पुलिस ने बताया कि फैक्ट्री काकीनाड़ा से 5 किलोमीटर दूर उपाड़ा कोथापल्ली गांव में स्थित है। यहां सोमवार शाम एक भीषण धमाका हुआ। इससे 13 की मौत मौके पर ही हो गई। 8 लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। बताया जा रहा है कि जब विस्फोट हुआ तब फैक्ट्री के भीतर 30 लोग काम कर रहे थे। फिलहाल, विस्फोट के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस और दमकल कर्मी मौके पर पहुंचकर बचाव के काम में जुट गए हैं। मामले की जांच जारी है।

कोल ब्लॉक्स नीलामी: मोदी का बड़ा फैसला, सिर्फ भारतीय कंपनियों को ऑक्शन की इजाजत


 
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किए जा चुके 214 कोयला ब्लॉक्स के आवंटन में सरकारी कंपनियों को प्राथमिकता दी जाएगी। जबकि निजी कंपनियों का पूल बनाया जाएगा। इसके बाद ई-ऑक्शन के जरिए खदानें इन्हें आवंटित होंगी। केंद्र सरकार ने कोयले की उपलब्धता में आए गतिरोध को दूर करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस सिलसिले में  कोयला ब्लॉक्स का आवंटन दोबारा करने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दी है। इसे राष्ट्रपति को भी भेज दिया गया है।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में अध्यादेश पर सहमति बनी। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बताया कि 2005 से यूपीए सरकार ने अव्यवस्था फैलाई थी। इसे नई सरकार ई-ऑक्शन के जरिए तीन से चार महीने में दूर करेगी। अध्यादेश के स्थान पर संसद के अगले सत्र में विधेयक लाएंगे। कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि नीलामी में सिर्फ भारतीय कंपनियों को ही भाग लेने की अनुमति होगी।
 
नीलामी में सरकारी कंपनियों को तवज्जो
 
> सरकारी बिजली कंपनियों जैसे एनटीपीसी और राज्यों के बिजली निगमों को खदानों के आवंटन में प्राथमिकता। 
> सीमेंट, इस्पात और बिजली क्षेत्र की निजी कंपनियों के लिए पूल बनेगा। उन्हें ई-ऑक्शन के जरिए खदानें आवंटित होंगी।
> कोयला ब्लॉक्स का आवंटन वास्तविक उपभोक्ता कंपनियों को किया जाएगा। सरकार की कोई भूमिका नहीं होगी।

क़ुरआन का सन्देश

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