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27 अक्तूबर 2014

छठ पूजा 29 को: जानिए इस व्रत का महत्व व रोचक कथाएं

उज्जैन। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। इसे छठ पूजा, डाला छठ व सूर्य षष्टी व्रत भी कहते हैं। इस बार यह व्रत 29 अक्टूबर, बुधवार को है।

वैसे तो यह त्योहार संपूर्ण भारत वर्ष में मनाया जाता है, लेकिन बिहार और उत्तरप्रदेश के पूर्वी क्षेत्रों में यह पर्व बड़ी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। लोगों को इस पर्व का बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है। मूलत: यह भगवान सूर्य देव की पूजा-आराधना का पर्व है। सूर्य अर्थात् रोशनी, जीवन एवं ऊष्मा के प्रतीक छठ के रूप में उन्हीं की पूजा की जाती है।

धर्म शास्त्रों में यह पर्व सुख-शांति, समृद्धि का वरदान तथा मनोवांछित फल देने वाला बताया गया है। इस पर्व को मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। बिहार का तो यह सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जबसे सृष्टि बनी, तभी से सूर्य वरदान के रूप में हमारे सामने हैं और तभी से उनका पूजन होता आ रहा है।

ताजमहल में नहीं यहां है मुमताज की कब्र, बच्चे को जन्म देते हुई थी मौत




 
इंदौर। अपनी कई ऐतिहासिक धरोहरों के लिए जाना जाने वाले मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में ही शाहजहां की बेगम मुमताज की असली कब्र है। बुरहानपुर में अपनी चौदहवीं संतान को जन्म देने के दौरान मुमताज की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद उन्हें छह महीने तक यहीं दफनाया गया और बाद में शव को कब्र से निकलवा कर शाहजहां अपने साथ आगरा ले गए, जहां मुमताज के शव को ताजमहल में दफनाया गया। 
 
जैनाबाद में है असली कब्र 
 
सम्राट शाहजहां की बेगम मुमताज की मौत न तो आगरा में हुई और न ही उसे वहां दफनाया गया। असल में मुमताज की मौत मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले की जैनाबाद तहसील में हुई थी। मुमताज की कब्र ताप्ती नदी के पूर्व में आज भी स्थित है। इतिहासकारों के अनुसार लोधी ने जब 1631 में विद्रोह का झंडा उठाया था तब शाहजहां अपनी पत्नी मुमताज महल को लेकर बुरहानपुर आ गया था। उन दिनों मुमताज गर्भवती थी। सात जून 1631 में बच्चे को जन्म देते समय उसकी मौत हो गई। दूसरे दिन गुरुवार की शाम उसे वहीँ आहुखाना के बाग में दफना दिया गया। यह इमारत आज भी खस्ता हाल में है। इतिहासकारों के मुताबिक मुमताज की मौत के बाद शाहजहां का मन हरम में नहीं रम सका। कुछ दिनों के भीतर ही उसके बाल सफ़ेद हो गए। बादशाह जब तक बुरहानपुर में रहे नदी में उतरकर बेगम की कब्र पर हर जुमेरात को वहां गया। जिस जगह मुमताज की लाश रखी गई थी उसकी चारदीवारी में दीये जलाने के लिए आले बने हैं। यहां 40 दिन तक दीये जलाए गए। कब्र के पास एक इबादतगाह भी मौजूद है। एक दिन उसने मुमताज की कब्र पर हाथ रखकर कसम खाई कि तेरी याद में एक ऐसी इमारत बनवाऊंगा, जिसके बराबर की दुनिया में दूसरी नहीं होगी। बताते हैं कि शाहजहां की इच्छा थी कि ताप्ती नदी के तट पर ही मुमताज कि स्मृति में एक भव्य इमारत बने। शाहजहां ने ईरान से शिल्पकारों को जैनाबाद बुलवाया। शिल्पकारों ने ताप्ती नदी के का निरीक्षण कर इस जगह पर कोई इमारत बनाने से मना कर दिया। तब शहंशाह ने आगरा की और रुख किया। जिस स्थान पर आज ताजमहल है उसको लेकर लोगों के अलग-अलग मत है। 
 
लाश लाने खर्च हुए आठ करोड़
 
कहा जाता है कि इसे बनाने के लिए ईरान, तुर्की, फ़्रांस और इटली से शिल्पकारों को बुलया गया। उस समय वेनिस से प्रसिद्ध सुनार व जेरोनियो को बुलवाया गया था. शिराज से उस्ताद ईसा आफंदी भी आए, जिन्होंने ताजमहल कि रूपरेखा तैयार की थी। उसी के अनुरूप कब्र की जगह तय की गई। 22 सालों बाद जब इसका काम पूरा हो गया तो मुमताज के शव को पुनः दफनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। बुरहानपुर के जैनाबाद से मुमताज के जनाजे को एक विशाल जुलूस के साथ आगरा ले जाया गया और ताजमहल के गर्भगृह में दफना दिया गया। जुलूस पर उस समय आठ करोड़ रुपये खर्च हुए थे। 
 
बुरहानपुर में ही असली कब्र
 
बुहरानपुर स्टेशन से लगभग दस किलोमीटर दूर शहर के बीच बहने वाली ताप्ती नदी के उस पर जैनाबाद (फारुकी काल), जो कभी बादशाहों की शिकारगाह (आहुखाना) हुआ करता था। दक्षिण का सूबेदार बनाने के बाद शहजादा दानियाल ने इस जगह को अपने पसंद के अनुरूप महल, हौज, बाग-बगीचे के बीच नहरों का निर्माण करवाया। लेकिन 8 अप्रेल 1605 को मात्र तेईस साल की उम्र मे सूबेदार की मौत हो गई। इसके बाद आहुखाना उजड़ने लगा। जहांगीर के शासन काल में अब्दुल रहीम खानखाना ने ईरान से खिरनी एवं अन्य प्रजातियों के पौधे मंगवाकर आहुखाना को फिर से ईरानी बाग के रूप में विकसित कराया। इस बाग का नाम शाहजहां की पुत्री आलमआरा के नाम पर रखा गया।
 
बादशाहनामा के लेखक अब्दुल हामिद लाहौरी साहब के मुताबिक शाहजहां की प्रेयसी मुमताज महल की जब प्रसव के दौरान मौत हो गई तो उसे यहीं पर स्थाई रूप से दफ़न कर दिया गया था। जिसके लिए आहुखाने के एक बड़े हौज़ को बंद करके तल घर बनाया गया और वहीँ पर मुमताज के जनाजे को छह माह रखने के बाद शाहजहां का बेटा शहजादा शुजा, सुन्नी बेगम और शाह हाकिम वजीर खान, मुमताज के शव को लेकर बुहरानपुर के इतवारागेट-दिल्ली दरवाज़े से होते हुए आगरा ले गए. जहां पर यमुना के तट पर स्थित राजा मान सिंह के पोते राजा जय सिंह के बाग में में बने ताजमहल में सम्राट शाहजहां की प्रेयसी एवं पत्नी मुमताज महल के जनाजे को दोबारा दफना दिया गया।

पंजाब के IG की बेटी से रेप अटेम्प्ट, पूर्व डीजीपी का बेटा फरार


पंजाब के IG की बेटी से रेप अटेम्प्ट, पूर्व डीजीपी का बेटा फरार
(सांकेतिक फोटो)
 
चंडीगढ़। शहर में रहने वाले पंजाब पुलिस के सीनियर आईजी की बेटी को नशा देकर रेप की कोशिश की अर्जुन गिल ने। अर्जुन हिमाचल के पूर्व डीजीपी गुरप्रीत गिल का बेटा है। घटना सेक्टर-33 में गिल के घर पर ही हुई।

पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक रेप की इस साजिश में गुरप्रीत गिल और उनकी पत्नी निक्का गिल भी शामिल थीं। थाना-34 पुलिस ने आईजी की बेटी की शिकायत पर रेप की कोशिश, शारीरिक शोषण, दहेज मांगने की धाराओं में गुरप्रीत गिल, निक्का गिल और उनके बेटे अर्जुन के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस घटना के 18 दिन बीतने पर भी पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है।  शिकायतकर्ता का कहना है कि गिल पुलिस पर दबाव बना रहा है। पुलिस ने आरोपियों के घरों और अर्जुन के दफ्तर में रेड की, लेकिन कोई हाथ नहीं आया। पुलिस ने डीजीपी के घर पर लगा सीसीटीवी कैमरा जब्त नहीं किया है, जिसमें रेप की कोशिश के सबूत कैद हैं।
 
सगाई में 20 लाख की ज्वेलरी दी तो लालच बढ़ता गया- 50 लाख के गहने और मांगे, फिर हुई कार की डिमांड
 
आईजी की बेटी की होटल द ललित में बड़े ओहदे पर तैनात अर्जुन गिल से सगाई हुई थी। सगाई के बाद दोनों की फोन में बातचीत होने लगी। दोनों एक-दूसरे के साथ घूमने भी गए। पुलिस को दी शिकायत में आईजी की बेटी ने कहा कि जब शादी की डेट तय हो गई तो अर्जुन ने दहेज की मांग की। सगाई में ही करीब 20 लाख की ज्वेलरी मिलने के बाद उनका लालच और बढ़ गया। उन्होंने 50 लाख के गहने और मांगे। बेटी की खुशी के लिए आईजी इस मांग को पूरा करने को भी तैयार हो गए। इसके बाद आरोपियों ने 9 अक्टूबर को कार की डिमांड शुरू कर दी।

इस पर आईजी की बेटी ने ही विरोध किया तो उसकी अर्जुन से तकरार हुई। बाद में मनाने का झांसा देकर अर्जुन लड़की को घुमाने के बहाने अपने सेक्टर-33 की कोठी में ले गया। लड़की के मुताबिक जब वह घर पर गई तो उसे लगा कि अर्जुन के अलावा कोई नहीं है। यहां अर्जुन ने जबरन नशा सुंघाकर रेप की कोशिश की, लेकिन वह पूरी तरह बेहोश नहीं हुई थी, इसलिए विरोध करती रही। किसी तरह चिल्लाते हुए कमरे से बाहर निकली तो बाहर गुरप्रीत गिल और निक्का गिल मौजूद थे।
 
लड़की ने यह आशंका भी जताई है कि आरोपियों को डर था कहीं उनकी बार-बार की डिमांड्स के चलते वह शादी से मना न कर दे, इसलिए उसे रोकने की कोशिश की। इसके बाद वह अपने घर पहुंची और बेहोश हो गई। आईजी को बेटी ने सारी बात बताई। अगले दिन थाना-34 में शिकायत दी गई। केस दर्ज होने के बाद से आरोपी फरार चल रहे हैं, जबकि पुलिस अब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। चर्चा है कि पुलिस डीजीपी के प्रेशर के चलते आगे कोई कार्रवाई नहीं कर रही।
 
और अब भेज रहे सॉरी के मैसेज
 
आरोपी लगातार आईजी को सॉरी के मैसेज भेजकर उन पर समझौते का दबाव डाल रहे हैं। वहीं इस सारी घटना के बाद से लड़की की तबीयत खराब चल रही है और उसका इलाज चल रहा है। वहीं आईजी का परिवार खुद चाहता है कि पुलिस जल्द आरोपियों को दबोचकर उनका नार्को टेस्ट करवाए, ताकि सच सामने आ सके।
 
तीनोें फरार, तलाश जारी
 
रिटायर्ड डीजीपी, उसकी बीवी और बेटे पर शारीरिक शोषण, रेप की कोशिश, दहेज मांगने आदि धाराओँ में केस दर्ज किया गया है। तीनों आरोपी फरार हंै, उनकी तलाश हो रही है। - मनिंदर सिंह, एसएचओ-34

केजरीवाल ने लिए 15 बड़े नाम, तीन विदेशी खाताधारकों के नाम बताने पर घिरी सरकार

नई दिल्‍ली. आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने सरकार पर कालाधन मामले में चुन-चुन कर कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए दावा किया है कि मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी, उनकी मां कोकिला बेन, जेट एयरवेज के मालिक नरेश कुमार गोयल और यशवर्धन बिड़ला के भी विदेशी बैंकों में खाते हैं। उन्‍होंने इनके यहां तुरंत छापामारी करने की मांग की। उन्‍होंने कहा कि डाबर कंपनी से जुड़े बर्मन परिवार के तीन भाइयों के भी विदेशी बैंकों में खाते हैं। केजरीवाल ने जिन हस्तियों के नाम लिए हैं, उनमें से किसी की ओर से अपना पक्ष नहीं रखा गया है।
 
केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को सुप्रीम कोर्ट  कालाधन मामले में हलफनामा दिया गया। बताया जाता है कि इसमें तीन लोगों (प्रदीप बर्मन, पंकज लो‍ढ़ि‍या और राधा टिम्‍ब्‍लो) के नाम दिए गए । इसके बाद केजरीवाल ने दिल्‍ली में प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया। कांग्रेस ने भी सरकार पर यह कहते हुए निशाना साधा कि केंद्र सरकार 800 लोगों की सूची में से केवल तीन नाम क्‍यों बता रही है। इस मामले में याचिकाकर्ता और कभी एनडीए सरकार में कानून मंत्री रह चुके राम जेठमलानी ने भी सिर्फ तीन लोगों के नाम बताए जाने पर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्‍होंने सरकार और कालाधन जमा करने वालों के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया।
 
केजरीवाल ने बताए 15 नाम
केजरीवाल ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा कि सरकार ने तीन नाम घोषित किए हैं, जबकि विदेशों में कालाधन रखने वालों की सूची में मुकेश धीरुभाई अंबानी, अनिल धीरुभाई अंबानी, रिलायंस समूह की कंपनी मोटेक सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, संदीप टंडन, अनु टंडन, कोकिला धीरुभाई अंबानी, नरेश कुमार गोयल, बर्मन परिवार के तीन सदस्य और यशवर्धन बिडला भी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने जिन तीन नामों का खुलासा किया है उसमें प्रदीप बर्मन भी हैं। 'आप' की तरफ से पहले जारी सूची में भी इनका नाम था। इससे यह बात पुख्ता होती है कि हमने जो पहले खुलासा किया था वह सही था।
 
परिणीत कौर को नेाटिस
उधर, आयकर विभाग ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी और पूर्व केंद्रीय मंत्री परिणीत कौर को नोटिस दिया है। वह यूपीए सरकार में विदेश राज्य मंत्री थीं। कौर ने आयकर का नोटिस मिलने की बात स्वीकार की है और कहा कि उनका किसी विदेशी बैंक में खाता नहीं है। 
 
कांग्रेस से चार और नाम-
मीडिया में ऐसी रिपोर्टें हैं कि स्विटजरलैंड के बैंकों में अवैध खातों में काला धन जमा कराने वाले जिन भारतीयों की जांच हो रही है, उनमें उत्तर प्रदेश से पूर्व कांग्रेसी सांसद और महाराष्ट्र के एक बड़े राजनीतिक परिवार के दो कांग्रेसी सदस्यों के नाम भी इसमें शमिल हैं।

ऐ चाँद

ऐ चाँद मुझे देखकर
तुम यूँ शर्माओ मत
मेने तुम्हे आज देख लिया
तुम तो बस इतना बता दो
कल में ईद मनाऊँ या फिर दिवाली ,,,,,,

तुम्हारा हुस्न

तुम्हारा हुस्न ,
तुम्हारी मासूमियत
लाजवाब है
में अलफ़ाज़ ढूंढता हूँ
तुम्हारी खूबसूरत
तस्वीर देखकर
यक़ीन करना
मुझे तारीफ़ के लिए
अल्फ़ाज़ नहीं मिलते ,,,,,,,अख्तर

एक बाप ने,,,

एक बाप ने जेल में बंद अपने बेटे
को पत्र लिखा... " बेटा मुझे
खेतो में आलू बोने है लेकिन में
बुड्डा हो गया हूँ इसलिए खेतो में
खुदाई नहीं करपा रहा हूँ..काश
की तू यहाँ होता तो हम मिलकर
आलू बो देते...अब मुझे अकेले
ही पूरा खेत खोदना पड़ेगा.."
बेटे ने वापस पत्र लिखा -बापू तू
पागल हो गया है क्या? तू खेत
मतखोदना वहा मेने हथियार
छुपा रखे हैं...अगर तूने खेत खोद दिए
तो में बर्बाद हो जाऊंगा...
.
.
.
लैटर भेजते ही दुसरे दिन कई पुलिस
वाले उस किसान के खेत पर गए और
हथियार ढूंढ़ने के लिए पूरा खेत
खोद डाला..लेकिन वहा उन्हें
एकभी हथियार नहीं मिला....
.
.
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बेटे ने वापस पत्र लिखा - बापू अब
तू खेत मेंआलू बो देना..मैं जेल से
तेरी इतनी ही मदद
करसकता हूँ..."भाई sewa बाप
की नही करूंगा तो कैसे चलेगा"

मेरे गैर सियासी निष्पक्ष दोस्तों

मेरे गैर सियासी निष्पक्ष दोस्तों ,,कोटा वासियों प्लीज़ कांग्रेस और भाजपा विचारधारा से अलग हठकर चम्बल के तट पर बसे इस कोटा के हक़ की बात है वोह कोटा जो राजस्थान को पानी ,,बिजली ,,पत्थर ,,,इंजिनियर ,,डॉक्टर ,,,सी ऐ ,,,,और भारी भरकम राजस्व देता है ,,उस कोटा को भाजपा ने पहली बार बाबा जी का ठुल्लु हाथ में दिया है ,,,,आप कोटा के निवासी बनकर सियासत और सियासी विचारधारा को ताक़ में रखकर निर्भीक निष्पक्ष होकर अपनी राय दे ,,कांग्रेस के राज में कोटा का जो बदलाव ,,जो विकास जो सौंदर्यकरण हुआ वोह पुरे कोटा वासियों के सामने है ,,कोटा वासियों को यह भी पता है के कांग्रेस कार्यकाल में कोटा से आई आई टी चली गई ,,,,हाईकोर्ट की बेंच नहीं आई ,,रेवेन्यू बोर्ड की डबल बेंच नहीं आई ,,,कोटा कमिश्नरेट पुलिस प्रणाली लागू नहीं हुई ,,कोटा विकास प्राधिकरण नहीं बना ,,,,,,,लेकिन कोटा में राजस्थान सरकार के प्रतिनिधि के रूप में दो केबिनेट मंत्री और एक राजस्थान मदरसा बोर्ड का चेयरमेन मंत्री दर्जा वाला कांग्रेस का पर्तीिनिधित्व था ,,,अब भाजपा का शासन है ,,इस शासन में मंत्रिमंडल में केबिनेट तो दूर स्टेट मिनिस्टर भी कोटा को नहीं दिया दूसरा मंत्री दर्जा तो सवाल ही नहीं उठता ,,एक साल में कोई कार्ययोजना विकास की तैयार नहीं ,,कोटा विकास प्राधिकरण की शुरुआत नहीं ,,,एयरपोर्ट के लिए मुख्यमंत्री का साफ़ इंकार ,,,आई आई टी की नई कोई कार्ययोजना नहीं कांग्रेस के लगाये हुए कलेक्टर कमिश्नर है कमीशन सांसद जैसे निर्वाचित शख्सियत का अपमान कर रहे है ,,,क़ानून व्यवस्था बेहाल है ,,,,कोई जनसुनवाई नहीं ,,पुलिस कमिश्नरेट की कार्ययोजना नहीं ,,वगेरा वगेरा तो भाइयों बहनो भाजपा में कोटा सुरक्षित और विकसित है या फिर कांग्रेस में विकसित था और सरकार का प्रतिनिधित्व था भक्त जन बन कर नहीं प्लीज़ कोटा वासी बनकर दिल से दिल की बात कहना यार ,,,,,,,अख्तर

एक अहसास

एक अहसास
आँखों के रस्ते होता हुआ
धीमे-धीमे उतरा रगे-जां में
घुल गया फिर हर रंग में
दिल ,धड़कन,सांस में
हवा सबा में
घटा ,बारिश में
धूप छांव में
आबशार,नदी,समंदर में
अब ज़र्रे -ज़र्रे में वो
सिर्फ़ वो ही
दिखाई देता है मुझको

आशा पाण्डेय ओझा

क़ुरआन का सन्देश

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