उज्जैन। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान
सूर्य की पूजा की जाती है। इसे छठ पूजा, डाला छठ व सूर्य षष्टी व्रत भी
कहते हैं। इस बार यह व्रत 29 अक्टूबर, बुधवार को है।
वैसे तो यह त्योहार संपूर्ण भारत वर्ष में मनाया जाता है, लेकिन बिहार और उत्तरप्रदेश के पूर्वी क्षेत्रों में यह पर्व बड़ी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। लोगों को इस पर्व का बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है। मूलत: यह भगवान सूर्य देव की पूजा-आराधना का पर्व है। सूर्य अर्थात् रोशनी, जीवन एवं ऊष्मा के प्रतीक छठ के रूप में उन्हीं की पूजा की जाती है।
धर्म शास्त्रों में यह पर्व सुख-शांति, समृद्धि का वरदान तथा मनोवांछित फल देने वाला बताया गया है। इस पर्व को मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। बिहार का तो यह सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जबसे सृष्टि बनी, तभी से सूर्य वरदान के रूप में हमारे सामने हैं और तभी से उनका पूजन होता आ रहा है।